RE: Chudai Story अजब प्रेम की गजब कहानी
सभी लोगो के लिए रामू काका खाने पीने का बंदोबस्त करता है और फिर
नरेन्द्रा भाई दोपहर हो गई है अब हम लोग आराम करते है शाम को हम लोग अपने खेतो की ओर घूमने चलेगे ओके
फिर नरेन्द्र और शालिनी एक रूम मे चले जाते है और
स्वीटी- डिंपल को देख कर मुस्कुराते हुए क्यो जानेमन कैसा लगा हमारा गाँव
डिंपल- थोड़ा मुस्कुरकर अच्छा है
स्वीटी- अवी तुम्हे कैसा लगा
अवी- अच्छा है स्वीटी
स्वीटी- भाई मैं भी जाकर सोउंगी और तुम लोगो का रूम वह है, मैं जानती थी कि तुम लोग साथ ही रहना पसंद करोगे
इसलिए मैने तुम्हारे लिए एक ही रूम साफ करवाया था, इसमे कोई प्राब्लम तो नही है ना
अवी- एक दम से मुस्कुराते हुए नही स्वीटी, इसमे कोई प्राब्लम नही है और डिंपल उसकी बात सुन कर उसकी ओर देखने लगती
है,
डिंपल- स्वीटी मैं भी तेरे ही रूम मे आ जाती हू ना
स्वीटी- डिंपल की ओर देखते हुए, जैसी तेरी मर्ज़ी और फिर स्वीटी उठ जाती है और डिंपल भी अवी की ओर बिना देखे
स्वीटी के पीछे-पीछे चल देती है और अवी का दिमाग़ खराब हो जाता है, अवी जैसे तैसे उस रूम मे अपनी दोपहर गुज़ारता
है और बार-बार रूम के बाहर आकर देखता है कि कही डिंपल नज़र आ जाए लेकिन जब उसे कोई नज़र नही आता है तो वह
भी चुपचाप जाकर लेट जाता है, शाम को सभी लोग घर के बाहर चारपाई पर बैठे होते है अतभी गाँव के दो तीन लोग
नरेन्द्र से मिलने आते है और फिर
नरेन्द्रा- अरे शालिनी मैं थोडा अपने दोस्तो के साथ गाँव की चोपाल तक जा रहा हू तुम लोग ऐसा करो चारो जाकर खेत की
और घूम आओ, ठीक है ना
स्वीटी- हाँ ठीक है भैया, अब मैं जानती हू तुम रात को 10 बजे से पहले आने वाले नही हो पर 10 तक आ ही जाना नही तो
भाभी खाना नही खाएगी और आपका इंतजार करती रहेगी
नरेन्द्रा- शालिनी की ओर मुस्कुरकर देखते हुए, अरे बिल्कुल आ जाउन्गा, भला मैं तुम्हारी भाभी को भूखा कैसे रख
सकता हू
नरेन्द्र के जाने के बाद शालिनी जो की सलवार शूट मे थी और स्वीटी और डिंपल जीन्स और टीशर्ट पहने हुई थी के साथ अवी
चल देता है और सभी लोग बाते करते हुए गाँव की टेडी मेडी पगडंडी से होते हुए खेतो की ओर जाने लगते है थोड़ा
आगे चलने के बाद उन लोगो मे ग्रूप बन जाता है आगे-आगे डिंपल और स्वीटी बाते करती हुई जा रही थी और पीछे-पीछे
अवी और शालिनी बाते करते हुए जा रहे थे
अवी की निगाहे डिंपल और स्वीटी के मोटे-मोटे चूतादो पर जमी हुई थी जो कि जीन्स मे कसे हुए थे और बहुत ही मादक
अंदाज मे थिरक रहे थे, अवी ने यह महसूस किया था कि डिंपल के भारी चूतादो का साइज़ स्वीटी के चूतादो से कुछ
ज़्यादा था और डिंपल की मोटी-मोटी जंघे भी बहुत गुदाज और कसी हुई नज़र आ रही थी, अवी ने पहले कभी डिंपल को इस
तरह कसी हुई जीन्स मे नही देखा था और उसका लंड अपनी जवान गदराई बहन की मस्त मोटी गंद देख कर चलते-चलते
भी खड़ा हो चुका था, और वह अपने मन मे सोच रहा था दीदी वाकई तुम बहुत सेक्सी हो तुम मुझसे कितना ही नाराज़ क्यो
ना हो जाओ तुम्हे अवी अपनी बाँहो मे पूरी नंगी करके ज़रूर भरेगा,
शालिनी- क्या बात है अवी बहुत चुप-चुप चल रहे हो, क्या मेरा साथ तुम्हे अच्छा नही लग रहा है
अवी- नही भाभी ऐसी कोई बात नही है,
शालिनी- तो फिर कुछ बात करो ना
अवी- आप ही कुछ बोलिए ना भाभी
शालिनी- अवी मैं तो चलते-चलते थक गई हू चलो किसी आम के पेड़ की छाँव मे बैठते है
अवी- ठीक है भाभी उस सामने वाले पेड़ की छाव के नीचे बैठते है पर स्वीटी और दीदी को भी आवाज़ देकर रोक लेता हू
शालिनी- अरे नही उन्हे घूमने दो हम थोड़ा रुक कर फिर चलते है ना
अवी- अच्छा ठीक है और फिर एक पेड़ के नीचे शालिनी और अवी बैठ जाते है शालिनी अपने पेर लंबे करके पेड़ के तने से टिक
जाती है और अवी उसके सामने पालती मार कर बैठ जाता है
अवी शालिनी का भरा हुआ गदराया बदन एक नज़र मे देख लेता है और शालिनी उसकी निगाहो को पढ़ लेती है और मुस्कुराते
हुए अपनी आँखे बंद करके
शालिनी- हे अवी कितनी ठंडक है यहाँ लगता है बैठते ही नींद आ जाएगी
अवी- मुस्कुराता हुआ हाँ वह तो है
शालिनी- अवी को देखती हुई, मैने सुना है इस साल से तुम कॉलेज जाने वाले हो
अवी- हाँ भाभी
शालिनी- अपने सीने से दुपट्टा हटा कर अपनी गोद मे रखते हुए अपने गदराए हुए दूध को गहरी सांस लेकर उठाते
हुए, फिर तो तुम्हारे मज़े हो जाएगे, खूब नई-नई लड़कियो से दोस्ती करने को मिलेगी
अवी- शालिनी के कसे हुए मोटे-मोटे दूध को ललचाई नज़रो से देखता हुआ, मुस्कुरकर अरे भाभी लड़कियो से दोस्ती के लिए
ज़रूरी नही की कॉलेज ही जाना हो
शालिनी- उसको अपनी नशीली आँखो से देखती हुई, मुस्कुरकर अच्छा बाते तो ऐसी कर रहे हो जैसे कई लड़किया फसा रखी
हो तुमने
अवी- शालिनी के रसीले होंठो को देखता हुआ, अरे भाभी अवी को लड़किया फसाने की ज़रूरत नही पड़ती है, लड़किया अवी के पास
खुद ही फस्ने को चली आती है
क्रमशः........
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