RE: Chudai Story अजब प्रेम की गजब कहानी
अवी- अरे यार रघु भैया तुम्हे उसे ऐसे ही नही छोड़ना चाहिए था
रघु- अरे अवी भैया वह बहुत छीनाल किस्म की औरत है उससे दूर रहने मे ही भलाई है, खेर छोड़ो उस बात को और अब
यह सोचो कि तुम अपनी गर्लफ्रेंड के बारे मे क्या करने वाले हो
अवी- रघु भैया मैं तो उसे सच मुच बहुत चाहता हू और वह मुझसे ज़्यादा दिन तक नाराज़ नही रह पाएगी ऐसा मेरा
विश्वास है, मैं उसे जल्दी ही मना लूँगा, बस मुझे थोड़ी टेन्षन हिटलर की रहती है
रघु- कौन हिट्लर अवी भैया
अवी- मुस्कुराते हुए, अरे कोई नही यार मैं तो उस लड़की के बाप की बात कर रहा था, अच्छा रघु भैया मैं अब चलता हू
तुमसे बाद मैं मिलूँगा
रघु- अवी भैया एक बात कहना थी
अवी- हाँ बोलो ना
रघु- अवी भैया हमारे बीच जो भी बाते होती है वह मैं चाहता हू कि हम दोनो के बीच ही रहे
अवी- अरे यार रघु भाई यह भी कोई कहने की बात है, तुम अवी से विश्वासघात की उम्मीद कभी मत करना
रघु- मुस्कुराते हुए नही अवी भैया, ऐसा नही है मैं तुम पर विश्वास ना करता तो इतनी बड़ी बात कहता ही क्यो
अवी- अच्छा मैं चलता हू फिर मिलेंगे
रघु- अच्छा भैया
अवी टहलता हुआ अपने घर की ओर चल देता है पर उसका दिल बहुत घबरा रहा था और वह अपनी दीदी का सामना करने के
ख्याल से काफ़ी नेरवास महसूस कर रहा था, जब वह घर पहुचता है तो उसके घर के बाहर पोलीस की गाड़ी खड़ी रहती है
और वह समझ जाता है कि हिट्लर घर मे ही है और उसका दिल और भी घबराने लगता है, और उसके कदम वही रुक जाते है
और वह खड़ा होकर सोचने लगता है कि कही पापा ने दीदी को रोते हुए देख लिया होगा तो कारण भी पूंच्छा होगा और कही
दीदी ने कुछ बता दिया होगा तो आज हिटलर उसकी चमड़ी उधेड़ कर रख देगा,
फिर अवी अपने मन मे सोचता है, नही-नही दीदी कभी ऐसा नही करेगी वह मुझसे इतना प्यार जो करती है, पर मैने भी
तो आज उसके साथ बहुत बड़ी हरकत की है, हो सकता है उसके गुस्से मे दीदी ने हिट्लर को बता दिया हो, फिर कुछ सोच कर
चलो चलते है जो होगा देखा जाएगा और फिर अवी अपने घर की ओर चल देता है,
अवी जैसे ही घर के अंदर घुसता है सामने उसका बाप और दो पोलीस वाले और बैठे-बैठे चाइ पी रहे थे और
अवी- नमस्ते अंकल
पोलीस्मॅन- नमस्ते अवी, कहो क्या हाल है
अवी- सब ठीक है अंकल
अनिल- अवी जा डिंपल से कह दे मेरा खाना ना बनाए मैं रात को देर से आउन्गा
अवी- अच्छा पापा
अवी चुपचाप पहले किचन मे जाता है जब डिंपल वहाँ नज़र नही आती है तो वह अपने रूम की ओर जाता है और डिंपल
बेड पर लेटी हुई कोई बुक पढ़ रही थी अवी गेट पर खड़ा होकर ही
अवी-दीदी पापा का खाना मत बनाना वह कह रहे है वह रात को देर से आएगे और अवी वापस बाहर आ जाता है
कुछ देर बाद अनिल उन पोलीस वालो के साथ वापस चला जाता है और अवी बैठ कर सोचने लगता है कि दीदी से कैसे बात करू,
लेकिन उसकी हिम्मत नही होती है और वह अपने पापा के रूम मे जाकर लेट जाता है,
शाम को डिंपल खाना बनाती रहती है और अवी किचन मे जाकर
अवी- दीदी नाराज़ हो मुझसे
डिंपल- उसकी बात का कोई जवाब नही देती है और अपने काम मे बिज़ी रहती है लेकिन उसका चेहरा बहुत गंभीर नज़र आता
है,
अवी- दीदी आइ आम सॉरी
डिंपल- उसकी ओर कोई ध्यान नही देती है और अवी वापस बाहर जाकर बैठ जाता है, अवी का मन किसी काम मे नही लगता है
और वह बार-बार टीवी के चॅनेल बदलता रहता है, तभी डिंपल उसके लिए खाना लेकर आती है और खाना रख कर सीधे
अपने कमरे मे चली जाती है,
अवी- वहाँ से उठ कर डिंपल के कमरे मे जाता है, डिंपल बेड पर उल्टी लेटी रहती है और अवी उसके पास खड़ा होकर
दीदी- तुम भी खाना खा लो ना
डिंपल- उसकी बात का कोई जवाब नही देती है
अवी- अब माफ़ भी कर दो कब तक ऐसे ही नाराज़ रहोगी
डिंपल जब कोई रिप्लाइ नही देती है तो
अवी- ठीक है तुम नही खओगि तो मैं भी नही खाउन्गा और फिर से बाहर आकर अपने पापा के रूम मे जाकर लेट जाता है
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