RE: Chudai Story अजब प्रेम की गजब कहानी
अवी डिंपल के हाथो को अपने एक हाथ से थामे हुए दूसरे हाथ से उसके सर को थाम कर उसके रसीले होंठो को
अपने मूह मे भर कर चूस्ता है और फिर छ्चोड़ता है और उसकी आँखो मे देख कर फिर चूस्ता है और फिर उसके
होंठो को छ्चोड़ता है इस तरह अवी कम से कम 10 बार उसके होंठो को कभी अपने मूह मे भर कर चूस्ता है कभी
छ्चोड़ कर फिर से उन्हे अपने हाथो से दबोच लेता है और कभी फिर से चूसने लगता है, उसके इस तरह से चूसने से
वाकई डिंपल सिहर जाती है और उसकी साँसे बहुत तेज हो जाती है, लेकिन यह सब इतनी तेज़ी से होता है कि जैसे ही अवी उसको
छ्चोड़ता है वह सांस लेती हुई अवी को ज़ोर से धक्का देती है और अपना मूह अपने दोनो हाथो से च्छूपा कर वही ज़मीन
पर बैठ कर फफक-फफक कर ज़ोर-ज़ोर से रोने लगती है और अवी उसकी इस हरकत को देख कर एक दम से बहुत दुखी हो जाता है
और अपना हाथ बढ़ा कर डिंपल को छूना चाहता है पर पता नही क्या सोच कर वह अपने हाथ को वापस अपनी ओर खींच
लेता है और रूम के बाहर चला जाता है,
रघु- अरे आओ अवी भैया, आओ
अवी- रघु भाई लाओ एक सिगरेट पिलाओ
रघु- अरे क्या बात है तुम तो सिगरेट पीते नही फिर आज ये अचानक सिगरेट पीने का मूड कैसे बन गया
अवी- बस यार आज कुछ मूड ठीक नही है
रघु- कुछ प्राब्लम वाली बात है का
अवी- हा यार ये ही समझ लो
रघु- अरे तो हमे भी कुछ बताओ शायद हम तुम्हारी समस्या का समाधान कर दे
अवी- नही रघु भैया तुम वह समस्या नही सुलझा पाओगे उसके लिए तो मुझे ही कोशिश करना पड़ेगी
रघु- अरे अब पहेलिया ही बुझाते रहोगे या कुछ बताओगे भी, ये ना सोचो को रघु ज़्यादा पढ़ा लिखा नही है तो कुछ
कर नही सकता, कई बार गवार ही ज़्यादा होशियार साबित हो जाते है
अवी- यार रघु भैया मैने तुम्हे एक लड़की के बारे मे बताया था ना
रघु- हाँ तो
अवी- यार आज मैने उसके साथ ज़बरदस्ती चूमा चाती कर दी और वह मुझसे नाराज़ हो गई
रघु- अरे थोड़ा खुल कर बताओ आख़िर हुआ क्या था
अवी रघु को सारी बात बता देता है और फिर रघु हस्ते हुए
रघु- अरे अवी भैया इसमे तो तुम्हे खुश होना चाहिए, लड़की अगर दुबारा तुम्हारे चूमने पर कुछ नही कहती और
रोने लगती है इसका मतलब यही है कि उसके दिल मे कही ना कही तुम्हारे लिए प्यार है नही तो वह रोती नही और तुम्हे
दूसरा थप्पड़ मार कर तुम्हारा मूह भी नोच सकती थी, या तो लड़की बहुत शरीफ है या फिर उसके दिल मे तुम्हारे लिए भी
कुछ है,
अवी- खुश होते हुए हाँ बात तो तुम कुछ-कुछ ठीक कह रहे हो
रघु- अरे अवी भैया कुछ-कुछ नही हम बिल्कुल सही कह रहे है अब मैं तुम्हे अपना ही उदाहरण बता देता हू, मेरी
चाची सो रही थी और मैने उसे सोया जान कर उसके मोटे-मोटे दूध दबा दिए तो वह एक दम से जाग गई और उसने मुझे
एक तमाचा खींच कर मार दिया और मैं मूह बना कर वहाँ से चला आया और अगले दिन से पूरी कोशिश करता था कि चाची
को नज़र ना आऊ लेकिन जो हुआ उसका मुझे यकीन नही था उनके यहाँ शादी थी और बहुत मेहमान कुल मिला कर बराती
घराती सभी की लंबी चौड़ी भीड़ थी और जब रात को 1 बज गये तो मैं इधर उधर सोने के लिए जगह ढूँढ रहा था
लेकिन मुझे कही कोई जगह नज़र नही आ रही थी उस समय मैं 18 के लगभग था तभी मैं सीढ़ियो से उपर वाले रूम
मे गया तो वहाँ भी औरते ही औरते सोई हुई थी तभी मेरी नज़र चाची पर पड़ी और उन्होने एक दम से मुझे देखते हुए
अरे रघु सोना है क्या, तब मैने हाँ मे गर्दन हिला दी तो उन्होने अपने पास ही थोड़ी जगह बना कर मुझे अपने पास
लेटने को कहा और मैं चुपचाप लेट गया तो उन्होने कहा लाइट बंद कर दे और फिर जब मैं लेट गया तो चाची ने मेरे
उपर हाथ रख लिया और अपनी साडी थोड़ी चढ़ा कर अपनी नंगी टाँगे मेरे पेर पर लड़ा कर धीरे-धीरे अपनी गोरी-गोरी
पिंदलियो से मेरे पेर को सहलाने लगी, मैं डर भी रहा था और मज़ा भी आ रहा था,
अवी- फिर क्या हुआ रघु भाई
रघु- अरे फिर होना क्या था कुछ देर चाची ऐसे ही करती रही फिर उसने खुद ही मेरा हाथ पकड़ कर अपने मोटे-मोटे
दूध के उपर रख दिया और अपने हाथो को मेरे हाथो पर रख कर दबाने लगी, क्या बताऊ इतना मज़ा आ रहा था की
मेरा तो लंड खड़ा हो गया,
अवी- फिर क्या हुआ रघु भाई
रघु- बस फिर क्या था कुछ देर मे चाची एक दम से मेरे सीने से कस कर चिपक गई और मेरे गले होंठो को चूमने
लगी, पूरे कमरे मे अंधेरा था लेकिन और भी औरते वहाँ सोई हुई थी और मुझे बहुत डर लग रहा था, जबकि चाची
बिंदास मुझे अपने दूध से दबाते हुए कस-कस कर मेरे होंठ चूमने लगी मुझसे भी रहा नही गया और मैने भी
उसके पीछे हाथ ले जाकर उसके भारी-भारी गुदाज चुतडो को कस-कस कर दबाने लगा, मेरे ऐसा करते ही चाची एक दम से
पागल हो गई और झट से मेरे लंड को पेंट के उपर से ही दबोच लिया
अवी- फिर
रघु- फिर अवी भैया मेरी चाची धीरे से मेरे कान मे कहती है, रघु मुझे चोदेगा
क्रमशः........
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