RE: Chudai Story अजब प्रेम की गजब कहानी
अवी उन दोनो की बतो को सुन कर अंदर ही अंदर खुश हो जाता है और उसका विश्वास और भी पक्का हो जाता है
कुछ दिन बाद अवी की एग्ज़ॅम शुरू हो जाती है और उसकी एग्ज़ॅम के जस्ट बाद डिंपल की भी एग्ज़ॅम शुरू हो जाती है और फिर एक दिन
जब डिंपल और अवी शाम को 4 बजे करीब चाइ की चुस्किया ले रहे थे तभी स्वीटी वहाँ आ जाती है और
स्वीटी- क्या बात है अकेले-अकेले चाइ पी जा रही है
डिंपल- मुस्कुराते हुए आ जा तुझे भी पिलाती हू और डिंपल वापस अंदर चली जाती है और
स्वीटी- और क्या अवी क्या हाल है तुम्हारे एग्ज़ॅम तो अच्छी रही ना
अवी- बस सब ठीक है और एग्ज़ॅम भी अच्छी थी
अवी अपने मन मे फिर आ गई पकाने, अच्छा भला मैं दीदी को देख रहा था और अब इनकी सुनो, फिर अपने मन मे कुछ
सोचते हुए क्यो ना आज दीदी को जलाया जाए, वैसे भी वह मुझे आगे बढ़ने ही नही दे रही है तो कुछ दूसरा ही रास्ता
अपनाया जाए और फिर जैसे ही डिंपल आती है अवी स्वीटी के कसे हुए दूध को घूर कर देखने लगता है और डिंपल अवी
की नज़रो को स्वीटी के मोटे-मोटे तने हुए दूध पर पड़ते देखती है तो मन ही मन अवी को बुरा भला कहते हुए बैठ
जाती है, स्वीटी डिंपल से बात करने लगती है और अवी स्वीटी को घूर-घूर कर देखने लगता है और फिर
स्वीटी- यार मैं यह कहने आई थी कि अब हमारी एग्ज़ॅम तो ख़तम हो गई है क्यो ना हम लोग कही घूमने चले
डिंपल- कहाँ जाएगे
स्वीटी- अरे हमारा गाँव है तू कहे तो वहाँ चलते है चार पाँच दिन वही रहेगे वाहा हमारा पुस्तैनि घर भी बना
हुआ है, बोल क्या बोलती है
डिंपल- नही यार पापा नही जाने देंगे
स्वीटी- यार अपने पापा को बोल ना कि मेरे भैया भाभी भी हमारे साथ जा रहे है वह मान जाएगे और फिर एक हफ्ते की
ही तो बात है, तभी उनके घर के बाहर जीप आकर रुकती है और
अवी- लगता है हिट्लर मेरा मतलब है पापा आ गये
डिंपल- अवी की ओर घूर कर देखती है और स्वीटी दोनो को देख कर मुस्कुराते हुए चलो बिल्कुल सही समय पर आए है
अंकल अब मैं खुद ही उनसे बात कर लेती हू
डिंपल- अरे नही स्वीटी
स्वीटी- अरे चुप कर, आने दे उन्हे मैं अभी पूछ लेती हू
अनिल- अरे क्या बात है आज तो स्वीटी हमारे घर आई हुई है, क्या हाल है बेटा
स्वीटी- बस सब अच्छा है अंकल
अनिल- और तुम्हारे घर पर सब कैसे है
स्वीटी- सब अच्छे है अंकल
अनिल- ओके कॅरी ऑन मैं तो अपनी एक फाइल लेकर वापस जा रहा हू और अनिल अंदर की ओर जाने लगता है
स्वीटी- अंकल एक बात पूछना थी आपसे
अनिल- रुकते हुए हाँ बेटे बोलो क्या बात है
स्वीटी- अंकल बात ये है कि मैं और मेरे भैया भाभी 5-6 दिन के लिए अपने गाँव घूमने जा रहे है अगर आप इजाज़त दे
तो मैं अवी और डिंपल को भी अपने साथ ले जाउ, हमारी खुद की गाड़ी से जा रहे है,
अनिल- मुस्कुराता हुआ, अरे क्यो नही बेटे ज़रूर ले जाओ वैसे भी मेरे दोनो बच्चे घर मे रह-रह कर बोर हो जाते होंगे
यह तो बहुत अच्छा आइडिया है जाओ और एंजाय करो, मेरा क्या है मैं तो वैसे भी अपनी डूटी मे ही बिज़ी रहता हू इसलिए इन
दोनो को कही घुमाने भी नही ले जा सकता, कब जाना है
स्वीटी- कल सुबह अंकल
अनिल- डिंपल की ओर देखते हुए बेटे जाओ कुछ दिन घूम फिर कर अपना मूड फ्रेश कर आओ और अवी अपनी दीदी का ख्याल
रखना बेटे और कभी कोई प्राब्लम हो तो कॉल करना, ओके स्वीटी हॅपी
स्वीटी- मुस्कुराते हुए, ओह थॅंक यू वेरी मच अंकल और फिर अनिल अपनी फाइल लेकर निकल जाता है और
डिंपल- मुस्कुराते हुए मुझे यकीन नही था कि पापा इतनी जल्दी हाँ कह देंगे और जैसे ही अवी की ओर देखती है अवी अपनी
नज़रो से स्वीटी की उठी हुई चुचियो को पिए जा रहा था और डिंपल उसको देख कर एक दम से जल जाती है,
स्वीटी- अच्छा डिंपल मैं चलती हू कल सुबह 9 बजे हम अपनी गाड़ी से तुम्हे लेने यहा आ जाएगे ओके
डिंपल-ठीक है स्वीटी बाइ
|