RE: Chudai Story अजब प्रेम की गजब कहानी
अजब प्रेम की गजब कहानी --7
गतान्क से आगे......
स्वीटी- अरे तुझे मालूम नही एक दिन मैं सो रही थी लेकिन मुझे नींद नही आ रही थी और भाभी भी मेरे पास घोड़े
बेच कर सो रही थी तभी रूम के अंदर भैया आए और पहले तो उन्होने धीरे से भाभी के दूध को उनके ब्लौज के उपर
से धीरे से सहलाया शायद वह भाभी को उठा कर अपने साथ उनके रूम मे ले जाना चाहते थे लेकिन जब भाभी ने कोई
हरकत नही की तो मेरी ओर देखने लगे और मैं सोने का नाटक करने लगी तो उन्होने धीरे से मेरी मोटी गंद को दबा कर
अपना हाथ बड़े प्यार से कुछ देर तक फेरा और फिर अपने लंड को मसल्ते हुए मेरी मोटी-मोटी जाँघो का जयजा लेने लगे
और जब उन्हे मेरी गुदाज जाँघो का एहसास मिला तो मेरे ख्याल से उनका मोटा लंड झटके मारने लगा और उन्होने एक बार
मेरी जाँघो को अपने दोनो हाथो से कस कर दबोचते हुए सहलाया और फिर धीरे से अपना हाथ मेरी गदराई गंद पर
दबा-दबा कर फेरते हुए एक बार मेरी गुदा को सहलाते हुए जल्दी से बाहर निकल गये,
डिंपल- क्या बात कर रही है, तेरे भैया को शर्म नही आई अपनी बहन के जिस्म पर इस तरह हाथ फेरते हुए
स्वीटी- अरे मैं तो उस दिन से कई बार मौके की तलाश मे रहती हू पर भाभी के होने की वजह से मौका ही नही मिलता और
भैया अक्सर मेरे मोटे-मोटे दूध और गदराई गंद को बड़ी हसरत भरी नज़रो से देखते है,
डिंपल- तुम दोनो बही बहन एक जैसे ही हो
स्वीटी- अच्छा, मुझे तो लगता है अवी भी तुझे चोदना चाहता है
डिंपल- उसे गुस्से से देखती हुई बंद कर अपनी बकवास
स्वीटी- मुस्कुराते हुए अच्छा बाबा सॉरी नाराज़ क्यो होती है, पर एक बात है और उसके मोटे-मोटे दूध को पकड़ कर
दबाती हुई अगर मैं तेरा भाई होती तो तेरी इन कसी हुई चुचियो का रस पिए बिना नही रह पाती कितने मोटे और कसे हुए
दूध है तेरे
डिंपल- स्वीटी मार खाएगी तू मुझसे
स्वीटी- अच्छा बता क्या तेरी चूत से कभी पानी नही आता है
डिंपल- मुस्कुराते हुए आता है तो
स्वीटी- क्या कभी तेरा मन चुदने का नही होता है
डिंपल- होता है तो क्या नंगी हो जाउ
स्वीटी- अगर अवी तुझे एक बार नंगी देख ले तो वह तुझे चोदे बिना नही रह पाएगा
डिंपल- अवी ऐसा नही है
स्वीटी- तुझे क्या पता कि जब तू रात को सो जाती हो तो अवी तुझे अपनी बाँहो मे भर कर चूमता हो
डिंपल- वह इतना गंदा नही है कि अपनी बहन के साथ ऐसा करेगा
स्वीटी- अच्छा डिंपल एक बात सच-सच बता तुझे मेरी कसम है, अवी भी तेरे दूध को घूरता है ना
डिंपल- एक दम से सकपकाते हुए, अपनी नज़रे इधर उधर करके मुझे नही पता
स्वीटी- देख मेरी कसम दी है मैने तू मुझसे झूठ नही बोल सकती है और फिर मैं तेरी सबसे खास दोस्त हू, मैने
अपने जिंदगी के हर राज को तुझसे शेर किया है तो क्या तुझे मुझ पर ऐतबार नही
डिंपल- मुझे तुझ पर खुद से ज़्यादा ऐतबार है
स्वीटी- तो फिर सच-सच बता क्या अवी तेरे दूध की ओर देखता है ना
डिंपल- अपनी नज़रे नीचे झुकाए हुए, हाँ
स्वीटी- तो तुझे बुरा नही लगता है
डिंपल- लगता है
स्वीटी- पर कभी-कभी अच्छा भी लगता होगा ना
डिंपल- उसकी बात सुन कर एक दम से उसे देखने लगती है
स्वीटी- देख झूठ मत बोलना, मैं तेरे दिल के हर हाल को जानती हू, बोल अच्छा लगता है ना
डिंपल- यार प्लीज़ ऐसे सवाल मत पूछ, मुझे अच्छा नही लग रहा है
स्वीटी- अच्छा नही पूछूंगी और वैसे भी मैं तेरा जवाब जान चुकी हू
डिंपल- उसको आश्चर्या से देखते हुए क्या जान चुकी है
स्वीटी- मुस्कुराते हुए, यही कि अगर अवी तुझे अपने सीने से लगा लेता है तो तू भी उससे कस कर लिपट जाएगी क्यो कि तू भी
उसकी बाँहो मे जाने के लिए तड़प रही है
डिंपल- मुस्कुराते हुए, ऐसा कुछ नही है मेडम अपनी सोच को अपने पास ही रखो
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