RE: Chudai Story अजब प्रेम की गजब कहानी
दोनो एक दूसरे के बिल्कुल करीब खड़े हुए एक दूसरे की आँखो मे देखते है तभी
अवी- उसके गोरे गालो पर अपना हाथ फेर कर सहलाता हुआ, दीदी जब तुम मुझे अपनी ऐसी निगाहो से देखती हो तो मेरा दिल करता
है कि मैं तुम्हे, और फिर अवी कहते हुए एक दम से रुक जाता है और पलट कर रूम से वापस आने लगता है और डिंपल
एक बुत की तरह उसे देखती रहती है और अपने मन मे खुद ही कुछ सवाल करने लगती है और अपने आप को ही धोखा देते
हुए यह सोचती है कि पता नही अवी ऐसी बाते क्यो कर रहा है जबकि उसका दिल सच्चाई के काफ़ी करीब होता है और वह अवी
की हर्कतो को समझने लग जाता है, अवी की बातो पर डिंपल को कभी गुस्सा आता है और कभी उसे उसकी हरकते अच्छी भी
लगने लग जाती है, डिपेंड करता है कि उसका मन कैसा है,
डिंपल जैसे ही बाहर आती है अवी उसको देख कर सन्न रह जाता है क्यो की वह डिंपल को पहले बहुत कम टीशर्ट और जीन्स
मे देख पाया था, उनका टाइमिंग ही ऐसा था कि अवी सुबह से शाम तक गायब रहता था और डिंपल कभी जीन्स टीशर्ट कॉलेज पहन कर जाती भी तो शाम को आने के बाद उतार देती थी,
डिंपल का भरा हुआ बदन और खूबसूरती देख कर अवी एक दम से पागल हो जाता है और जब उसकी नज़रे डिंपल के कसे
हुए मोटे-मोटे दूध जो टशहिर्त से साफ नज़र आ रहे थे को देख कर एक दम से उसके मोटे-मोटे दूध को घूर्ने लगता
है और डिंपल बड़े आश्चर्या से उसकी नज़रो को अपने दूध पर गढ़ाए देख कर मन ही मन बहुत गुस्सा होती है पर
पता नही अवी को कुछ कह क्यो नही पाती है, अवी इसी वजह से बिना डरे जब तक उसका मन करता है डिंपल के दूध को
निहारता रहता है और फिर आख़िर मे डिंपल को ही मजबूरन उसे कहना पड़ता है, अवी क्या देख रहा है अब चल भी
अवी- उसकी आँखो मे खुश होता हुआ देख कर, दीदी तुम नही जानती तुम कितनी खूबसूरत हो
डिंपल- उसके मूह से अपनी तारीफ सुन कर पता नही अंदर ही अंदर कुछ खुश हो जाती है और चल अब ज़्यादा झूठी तारीफ मत
कर मेरी और यह ले लॉक दरवाजे पर लगा दे
अवी उसके हाथ से लॉक ले लेता है और डिंपल उसके साइड से घर के बाहर जाने लगती है और अवी जब अपनी दीदी के गदराए हुए
मोटे-मोटे चूतादो को जो जीन्स मे पूरी तरह कसे हुए एक अलग ही अंदाज मे थिरक रहे थे को देखता ही रह जाता है
और डिंपल थोड़ा आयेज जाकर उसकी ओर पलट के देखती है तो अवी को अपने चूतादो को देखता पाकर अपने चेहरे पर गुस्सा
लाते हुए अपने मन मे अवी तू कितना गंदा है अपनी सग़ी बहन को ही इस तरीके से देख रहा है पता नही दूसरी लड़कियो के साथ क्या करता होगा,
अवी- डोर को लॉक करके डिंपल के पास आकर उसके गले मे हाथ डाल कर चलो दीदी
डिंपल- उसका हाथ हटाते हुए, उसको घूर कर देखती हुई बाहर तो कम से कम तमीज़ से चलो
अवी- मुस्कुराता हुआ, तुम तो ऐसी बात कर रही हो दीदी जैसे मैं घर मे तुम्हारे साथ बदतमीज़ी करता हू
डिंपल- अपने मन मे, तो कौन सा मुझे तमीज़ की नज़र से देखता है, तेरी हरकते मैं बराबर दो दिन से देख रही हू
अपने आप को ज़्यादा ही स्मार्ट समझने लगा है,
डिंपल- अरे अवी कोई रिक्शा तो लेकर आ
अवी- अरे दीदी चलो पाँव-पाँव ही चलते है घूमना फिरना भी हो जाएगा
डिंपल- उसे घूर कर देखती है और अवी मुझे पाँव-पाँव नही जाना है तू जल्दी से कोई रिक्शा ले कर आ
अवी- अच्छा बाबा गुस्सा क्यो करती हो कहो तो तुम्हे अपनी गोद मे उठा कर ले चलु
डिंपल- ज़्यादा स्मार्ट मत बन और कोई रिक्शे को हाथ दे और अवी एक रिक्शे को रोकता है और फिर दोनो उसमे सवार हो जाते है
अवी आगे की ओर झुक कर डिंपल के खूबसूरत मुखड़े को घूर्ने लगता है और डिंपल बिल्कुल करीना केपर की स्टाइल मे उसे गुस्से से घूर कर देखने लगती है
तभी अवी की नज़रे अपनी दीदी के मोटे-मोटे टीशर्ट मे कसे हुए दूध पर चली जाती है और डिंपल उसे अपने दूध को
घूरते हुए देख लेती है और अपने हाथ आगे लेजा कर दोनो हाथो को अपने मोटे-मोटे दूध पर बाँध लेती है और
सामने देखने लगती है, अवी उसके गुस्से से लाल चेहरे को देखता रहता है और अपने मन मे सोचता है दीदी तुम नही जानती
तुम्हारे इस गुस्से से लाल चेहरे को चूमने के लिए मैं कितना तड़प रहा हू, लगता है मैं तुम्हारी मोहब्बत मे पागल हो
जाउन्गा,
डिंपल- अवी को लगातार अपनी और घूरते देख कर, धीरे से कहती है, अवी कम से कम यहाँ तो मुझे इस तरह मत घूर
अवी- क्यो घर मे, मैं तुम्हे घूरता हू क्या
डिंपल- उसको आँखे दिखाती हुई ज़्यादा स्मार्ट मत बन
अवी- मुस्कुरकर दीदी कही ऐसा होता कि यह रिक्शा जिंदगी भर ऐसे ही चलता रहता और मैं तुम्हे ऐसे ही बैठे-बैठे
देखता रहता,
डिंपल- उसकी बात सुन कर अपनी मुस्कान रोक नही पाती है और, अवी तू कितनी ही कोशिश कर ले तेरी कोई भी इच्छा कभी पूरी
होने वाली नही है,
अवी- दीदी मेरी जिंदगी मे चाहे कोई भी इच्छा पूरी ना हो, पर बस एक इच्छा मैं चाहता हू की ज़रूर पूरी हो जाए
डिंपल- उसको देखती हुई कौन सी इच्छा
अवी- अपने चेहरे पर सीरीयस भाव लाता हुआ डिंपल की आँखो मे देखने लगता है और डिंपल कुछ देर तक उसकी आँखो
को देखती है और अवी जैसे ही अपनी नज़रे एक बार अपनी दीदी के मोटे-मोटे दूध पर डाल कर वापस डिंपल की आँखो मे
देखता है, डिंपल कुछ झेप्ते हुए अपनी नज़रे दूसरी ओर करके बाहर देखने लगती है,
अवी अपने शर्ट की जेब से पेन निकालता है और अपनी नज़रे नीचे करके अपनी हथेली को खोलता है और डिंपल उसकी और देख कर
उसकी हथेली को देखने लगती है, अवी पेन से अपनी हथेली पर एक खड़ी लाइन खिचता है और फिर पेन से खड़ी लाइन के उपर
के हिस्से से उल्टा सी बनाता हुआ उसे उस लाइन के नीचे के हिस्से से मिला कर डी बना देता है और धीरे से अपनी मुट्ठी बंद
करके जैसे ही डिंपल की ओर देखता है डिंपल एक दम से अपना मूह दूसरी ओर घुमा लेती है और उसका दिल ज़ोर-ज़ोर से
धड़कने लगता है, अवी डिंपल से वापस अपनी नज़रे हटा कर अपनी मुट्ठी की ओर देखता है और डिंपल उसको अपना मूह
सामने किए हुए उसकी हथेली की ओर तिर्छि नज़रो से देखती है और अवी उस डी को अपने पेन से गहरा करता हुआ उसके आगे आइ
लव यू लिख कर वापस अपनी मुट्ठी को बंद करके जैसे ही डिंपल की ओर देखता है डिंपल की साँसे एक दम से चढ़ जाती है
और वह अपने मूह को दूसरी ओर घुमा कर अपनी आँखे बंद कर लेती है,
क्रमशः........
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