RE: Chudai Story अजब प्रेम की गजब कहानी
स्वीटी- जानेमन बाइ-बाइ
स्वीटी अपनी स्कूटी स्टार्ट करके चल देती है और रास्ते भर अवी के बारे मे सोचती रहती है, अवी के मन मे कुछ तो उल्टा
सीधा चल रहा है, उससे मुझे पता तो करना होगा लेकिन कैसे, पर यह तो पक्का है वह नॉर्मल नही लग रहा था और
उसके चेंज होने मे कुछ तो बात है इस तरह अचानक इंसान के इतना चेंज होने के पीछे तो सिर्फ़ एक ही रीज़न होता है
और वह है लव, पर किससे, कही अवी अपनी दीदी, अरे नही-नही ऐसा कैसे हो सकता है, पर कुछ तो है खेर देखा जाएगा,
और फिर स्वीटी अपने घर पहुच जाती है और इधर डिंपल अवी के पास जाकर
डिंपल-क्या बात है अवी और पढ़ाई, देख कर यकीन नही होता
अवी- मुस्कुराता हुआ किताब बंद करके, क्या दीदी तुम भी उस पकाऊ स्वीटी को लेकर आ गई दो घंटे से बोर कर दिया उसने
डिंपल- मुस्कुरा कर क्यो वह तुझे अच्छी नही लगती क्या, पर मेरी तो सबसे खास सहेली है तुझे पता है मुझ पर जान
देती है, मुझसे बहुत प्यार करती है
अवी- डिंपल की आँखो मे देख कर, मुझसे भी ज़्यादा
डिंपल- अपनी नज़रे इधर उधर करती हुई, अब मुझे क्या पता तू अपनी दीदी से कितना प्यार करता है
अवी- तो फिर तुम्हे यह कैसे पता कि स्वीटी तुमसे बहुत प्यार करती है
डिंपल- इसलिए कि वह मेरी हर बात मनती है और मेरे लिए कुछ भी करने को तैयार रहती है
अवी- पर दीदी तुमने अपने भाई को अभी तक आजमाया ही कहाँ है
डिंपल- अच्छा, तो तू क्या कर सकता है मेरे लिए
अवी- एक बार कह कर तो देखो अपनी जान भी दे सकता हू
डिंपल- उसको देखती हुई, बहुत बड़ी-बड़ी बाते करने लगा है, चल किताब खोल कर पढ़ाई कर
अवी- अच्छा दीदी तुम मुझसे कितना प्यार करती हो
डिंपल- कुछ सोच कर अपनी नज़रे इधर उधर मतकाती हुई, पता नही, शायद बहुत
अवी- मुस्कुराते हुए अपने मन मे पर दीदी शायद तुम नही जानती कि मैं तुम्हे कितना चाहने लगा हू, तुम मुझे
बहुत-बहुत अच्छी लगती हो दिल करता है तुम्हे अपनी बाँहो मे भर कर इतना चुमू, इतना चुमू कि तुम मेरे प्यार मे
पागल हो जाओ, फिर अपने मन मे गुस्सा करते हुए, पर पता नही तुम कुछ समझती क्यो नही
डिंपल- अब क्या सोच रहा है अवी चल किताब खोल कर पढ़ाई कर और डिंपल वही बेड पर लेट जाती है और अवी उसको उपर से
नीचे तक देखता है और उसे स्वीटी की बात याद आ जाती है
अवी- दीदी तुम ये रोज-रोज सलवार कमीज़ क्यो पहन लेती हो
डिंपल- उसको देखते हुए, तो और क्या पहनु
अवी- कुछ डिफ़्फरेंट ड्रेस पहना करो ना
डिंपल- जैसे
अवी- अब मैं क्या बटाऊ और इधर उधर देखने लगता है
डिंपल- मुस्कुराते हुए, क्यो मैं तुझे सलवार कमीज़ मे अच्छी नही लगती क्या
अवी- मुस्कुरकर नही दीदी तुम तो हर ड्रेस मे अच्छी लगती हो पर
डिंपल- पर क्या, क्या तू मुझे किसी और ड्रेस मे देखना चाहता है
अवी- दीदी अगर तुम स्कर्ट और टीशर्त या फिर जीन्स और टीशर्त भी पहनॉगी तब भी बहुत अच्छी लगोगी
डिंपल- मुस्कुराते हुए, क्या बात है आज कल तू मुझ पर बहुत ध्यान देने लगा है, और मैने सुना है तूने मेरे लिए
किसी लड़के को मारा था
अवी- तुमसे किसने कहा
डिंपल- किसी ने भी कहा हो पर मारा था ना
अवी- हाँ मारा था
डिंपल- क्यो मारा था,
अवी- वो-वो तुम्हारे बारे मे ग़लत बात कर रहा था
डिंपल- क्या ग़लत बात कर रहा था
अवी- अब जाने भी दो ना दीदी उस बात को बीते काफ़ी समय हो गया है
डिंपल- उसने मेरे बारे मे सिर्फ़ कुछ बात कह दी तो तूने उसे चैन से मारा, कल को कोई मेरा हाथ पकड़ लेगा तो तू तो ना
जाने क्या करेगा
अवी- अपने चेहरे पर गुस्सा लाते हुए मैं उसे जान से मार दूँगा
डिंपल- पर क्यो
अवी- बस ऐसे ही मुझसे बर्दास्त नही होता की कोई तुम्हे हाथ भी लगाए
डिंपल- मुस्कुराते हुए, इतना ख्याल है अपनी दीदी का
अवी- इससे भी ज़्यादा
डिंपल- और अगर कोई लड़का तुझसे यह कहे कि वह मुझसे शादी करना चाहता है तो
अवी- तब भी मैं उसे जान से मार दूँगा
डिंपल- आश्चर्या से क्यो क्या तू नही चाहता कि तेरी दीदी की शादी हो
अवी- नही
डिंपल- चौक्ते हुए, पर क्यो
अवी- मैं नही जानता, और आगे से मुझसे ऐसी फालतू बात करने की ज़रूरत नही है और अवी उठ कर बाहर आ जाता है और
डिंपल उसे आश्चर्या से देखने लगती है
|