RE: Chudai Story अजब प्रेम की गजब कहानी
स्वीटी- यार मैं टीवी से बोर हो रही हू क्या मैं तेरे बेडरूम मे लेट जाउ,
डिंपल- तेरा घर है जो मर्ज़ी हो कर
डिंपल अपने बाल सवारने लग जाती है और स्वीटी उसके बेड पर जाकर आराम से लेट जाती है तभी उसे सामने टेबल पर अवी की
तस्वीर नज़र आती है और वह उस तस्वीर को उठा कर देखने लगती है और तभी डिंपल भी वहाँ आकर अपनी जीन्स और
टीशर्त पहन कर उसके पास बैठ कर बाल संवारती हुई
डिंपल- कैसे घूर कर मेरे भाई को देख रही है खा जाएगी क्या
स्वीटी- एक बात काहु डिंपल तेरा भाई जितना सीधा दिखता है उतना होगा नही, इसकी आँखे देख ऐसा लगता है जैसे कितना
सब चीज़ो के बारे मे जानता हो यह बहुत चालू लगता है
डिंपल- बड़ी आई फेस रीडर, अब तू इतनी होशियार तो नही है कि किसी की आँखे देख कर उसके बारे मे जो चाहे कह दे
स्वीटी- नही मैं तो बस अंदाज़ा लगा रही थी, वैसे इसकी बॉडी और फेस दोनो ही खूबसूरत है पता नही किस खुशनसीब को
अपनी बाँहो मे भर कर उसका रस पिएगा
डिंपल- उसके हाथ से तस्वीर छुड़ा कर, कही तू मेरे भाई को देख कर अपना रस मत छ्चोड़ देना
स्वीटी- क्यो तू अपने भाई को देख कर रस छ्चोड़ने लगती है क्या
डिंपल- चुप कर स्वीटी तू तो बहुत ही बदमाश है
स्वीटी- अच्छा तुम दोनो इसी बेड पर सोते हो ना
डिंपल- हाँ क्यो
स्वीटी- फिर तो रात को वह तुझसे पूरा चिपक कर सोता होगा ना
डिंपल- स्वीटी वह मेरा भाई है
स्वीटी- अब नींद मे उसे कहा याद रहता होगा कि तू उसकी बहन है, अच्छा सच-सच बता कभी तेरी नींद खुलती है
तो क्या वह तुझसे चिपका रहता है
डिंपल- हाँ कभी -कभी वह नींद मे मुझसे चिपक जाता है लेकिन मैं उसे फिर से ठीक से सरका कर सुला देती हू
स्वीटी- अरे तू तो पागल है उससे कस कर चिपक क्यो नही जाया करती है
डिंपल- उसका हाथ पकड़ कर उठती हुई चल मैं उससे चिपकू या कुछ भी करू तुझे उससे क्या
स्वीटी उठ कर उसके साथ बाहर आ जाती है और फिर दोनो स्कूटी मे सवार होकर कॉलेज पहुच जाते है,
करीब 3:30 पर उनका पेरिौड ख़त्म हो जाता है और वो दोनो वापस घर की ओर चल देते है
डिंपल- यार स्वीटी आज तो तेरे घर पर कोई नही होगा फिर तू कैसे अकेली रहेगी
स्वीटी- अरे इसमे प्राब्लम क्या है मुझे तो आदत है,
डिंपल- अगर तेरी इच्छा हो तो चल मेरे घर पर शाम तक रुक जा
स्वीटी- आइडिया बुरा नही है वैसे भी मेरा मन तेरे भाई को देखने का कर रहा है बहुत दिनो से उसे देखा नही है
डिंपल- तो फिर तू तो देख चुकी उसे, वह कही घूम फिर रहा होगा वह कौन सा रात के पहले घर वापस आने वाला है
दोनो बाते करते हुए घर पहुच जाते है और डिंपल घर का लॉक खुला देख कर
डिंपल- अरे स्वीटी तेरी किस्मत तो बहुत अच्छी है लगता है अवी घर पर ही है
दोनो घर के अंदर पहुच जाते है और सामने सोफे पर अवी बैठा हुआ दिखाई देता है
डिंपल- अरे आज तो तू घर पर ही मौजूद है क्या बात है कल से तुझमे बड़ा चेंज आ गया है
स्वीटी- और अवी कैसे हो
अवी- आओ स्वीटी बस अच्छा हू
स्वीटी- मैने सोचा आज अवी से मिल लिया जाए इसलिए मैं भी डिंपल के साथ यहा आ गई
अवी- मुस्कुराते हुए अच्छा किया ना और बताओ भैया और भाभी कैसे है
स्वीटी- सब मज़े मे है, अवी बाते तो स्वीटी से कर रहा था लेकिन बार-बार उसकी नज़रे डिंपल की ओर चली जाती थी
डिंपल- तुम दोनो बाते करो मैं चाइ लेकर आती हू और डिंपल किचन की ओर जाने लगती है और अवी अपनी नज़रे नीचे करके
बैठ जाता है
स्वीटी- अवी तुम्हारी स्टडी कैसी चल रही है
अवी- अच्छी चल रही है
स्वीटी-चलो अच्छा है अगले साल से तुम भी हमारे कॉलेज मे आ जाओगे
अवी- हाँ वह तो है
स्वीटी- अपने मन मे अवी को देखती हुई चिकने एक बार हमारे कॉलेज मे तो आ फिर देखना कितनी लड़किया तुझे पूरा
नंगा सोच-सोच कर मूठ मारेगी,
अवी- बैठा-बैठा अपने मन मे साली पता नही कहाँ से पकाने आ गई,
तभी अवी के दिमाग़ मे एक आइडिया आता है और वह सोचता है कि मैं इससे थोड़ा चिपकने की कोशिश करता हू देखता हू दीदी का क्या रिक्षन होता है
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