RE: Nangi Sex Kahani अय्याशी का अंजाम
जय- हैलो.. वॉट आर यू डूयिंग सर.. ये कैसी तलाशी है.. आपको शर्म नहीं आती.. एक लड़की के साथ ऐसा करते हुए.. हाँ?
बदल सिंग- ओये भैन के टके.. ज़्यादा होशियारी ना कर.. नहीं इस छैलछबीली को यही नंगी करके तलाशी लूँगा मैं..
रश्मि- भाई प्लीज़ आप चुप रहो..
जय- मगर रश्मि ये तुमको कैसे गंदी तरह से टच कर रहा है।
रश्मि- भाई प्लीज़ कीप क्वाइट.. आपको नहीं पता ये बात पापा तक गई तो क्या हो जाएगा.. इनको अपना काम करने दो एंड प्लीज़ आप बीच में ना बोलो।
बदल सिंग- ये छोरी तो घनी स्यानी सै.. रतन सिंग तू ऐसा करियो.. इस छोरे का ध्यान रखियो.. मैं वहाँ जीप के पास इस छोरी की अच्छे से लेता हूँ.. यहाँ तो ये छोरा ठीक से लेने नहीं देगा इसकी..
रतन सिंग- के साब जी.. के लेन नहीं देगा ये छोरा आपको?
बदल सिंग- रे बावले तलाशी लूँगा.. तू और के लेवे था.. अब धर ले इस छोरे नै.. मैं आऊँ तलाशी लेकर..
जय का गुस्सा सातवें आसामान पर चला गया था.. अगर रश्मि साथ ना होती तो वो उस पुलिस वाले को पीट ही देता.. मगर उसको पता था अगर उसने ये किया तो ये बात उसके पापा तक चली जाएगी और रश्मि की ऐसी हालत का उनको पता लग जाएगा। इसलिए वो खून का घूँट पीकर वहीं खड़ा रहा और रश्मि को जाने को कह दिया।
बदल सिंग रश्मि को जीप के पास ले गया और दोबारा से उसके मम्मों को दबा कर देखने लगा।
रश्मि- उफ़.. आराम से चैक करो ना.. आप मुझे दुखता है न..
बदल सिंग- देखन तो दे.. तूने अन्दर के छुपाया हुआ है.. चल ऐसा कर तू जीप के भीतर चल.. वहाँ ये निकाल के मुझे दिखा अन्दर के है?
रश्मि- सर प्लीज़.. ये बहुत ज़्यादती है आप ऐसा नहीं कर सकते।
बदल सिंग- अरे बावली करने को तो मैं घनो कुछ कर सकूँ हूँ.. देख म्हारो उठ चुक्यो है.. सबर अब तू चुपचाप अपनी दे दे म्हारे को.. तलाशी.. नहीं तो दोनों को थाणे ले जाकर नंगे कर दूँगा।
रश्मि- सर प्लीज़ हम अच्छे घर से है.. आप ऐसा मत करो।
बदल सिंग- रे अगर तू शरीफ होती.. तो ऐसे अधनंगी अपने भाई के साथ ना घूमती और वो ससुरा जेब में कन्डोम लेकर ना घूमता.. मन्ने तो लागे है वो ससुरा बहनचोद है.. जो अपनी बहन को चोदे है..
रश्मि- ये क्या बकवास कर रहे हो?
बदल सिंग- ओ छोरी घणी ऊँची आवाज़ में ना बोल.. नहीं साली को अभी अस्पताल लेकर जाऊँगा और चूत का टेस्ट करवा दूँगा.. तब पता लग जा गा कि तू चुदी के.. ना चुदी.. उससे..
रश्मि को अब पक्का यकीन हो गया कि आज ये बदल सिंग उसको चोदे बिना नहीं मानेगा। वो उसके आगे बहुत गिड़गिड़ाई.. मगर वो एक ना माना और मजबूरन रश्मि को जीप के अन्दर उसके साथ तलाशी देने जाना पड़ा।
अन्दर जाकर बदल सिंग ने रश्मि को अपनी गोद में बैठा लिया और उसके गाउन के अन्दर हाथ डालकर उसके मम्मों को दबाने लगा।
उसका खड़ा लौड़ा रश्मि अपनी गाण्ड पर साफ महसूस कर रही थी।
बदल सिंग- छोरी तेरा जिस्म बाहर से तो चमकता सोना है.. ज़रा ये परदा हटा कर भीतर का भी नजारा दिखा दे मन्ने..।
रश्मि कुछ कहती उसके पहले ही उसको रंगीला और साजन की आवाज़ सुनाई दी.. जो हवलदार से ज़ोर-ज़ोर से बातें कर रहे थे और जय भी उनके साथ बोल रहा था।
रश्मि ने जब उनकी आवाज़ सुनी वो झट से उसकी गोद से उठी और उनकी तरफ़ भाग गई। पीछे से बदल सिंग भी उनकी तरफ़ हो लिया।
रंगीला- रश्मि तुम ठीक तो हो ना उसने कोई बदतमीज़ी तो नहीं की ना?
साजन- मैंने रश्मि को बस टच किया तो तेरे को बड़ा गुस्सा आया था.. अब जा जय उसको मार दे.. उसने तेरी बहन के साथ पता नहीं क्या-क्या किया होगा।
रंगीला- साजन तू चुप हो ज़ा.. ये वक़्त लड़ने का नहीं है।
बदल सिंग- ओये के तमाशा सै यो.. रतन सिंग धर ले सब ससुरा ने..
रंगीला- लुक इंस्पेक्टर हम कोई गली के गुंडे नहीं हैं. जो आप ऐसे ही हमें ले जाओगे.. आपकी सारी हरकत मुझे पता है.. अब देखो मैं क्या करता हूँ.. अभी एसीपी साहब आते ही होंगे.. उनको बताता हूँ और तुम्हारा भांडा फोड़ता हूँ कि तुम तलाशी के नाम पर क्या गुल खिलाते हो।
बदल सिंग कुछ बोलता उसके पहले ही जेम्स बाइक पर वहाँ आ गया.. उसके तो ठाठ-बाठ ही अलग थे.. ब्लू जींस और वाइट टी-शर्ट में वो बहुत अच्छा दिख रहा था।
जेम्स- क्या बात है रंगीला.. क्या हो गया तुम यहाँ क्यों खड़े हो?
जेम्स को देख कर बदल सिंग की सिट्टी-पिटी गुम हो गई।
बदल सिंग- नहीं साब जी.. बस रूटीन चैकिंग चाल री सै..
रंगीला- अरे जेम्स आओ यार.. अच्छे मौके पर आए.. ये तुम्हारा इंस्पेक्टर कुछ ज़्यादा ही हवा में उड़ रहा है.. अब आप ही इसे समझाओ।
जेम्स- बदल सिंग अभी के अभी इन सब से माफी माँगो और यहाँ से दफा हो जाओ।
बदल सिंग ने बहस करना ठीक नहीं समझा और सब से माफी माँग कर वहाँ से चला गया।
रश्मि को उस ड्रेस में देख कर जेम्स का लौड़ा ‘धिन.. का.. चिका.. धिन.. का चीका..’ करने लगा.. मगर इस वक़्त वो कोई ऐसी हरकत नहीं करना चाहता था.. जिससे प्लान पर कोई असर पड़े।
अब आपको यह भी समझाना पड़ेगा क्या.. ये सब रंगीला का किया धरा है.. ये नकली पुलिस.. ये जेम्स.. सब एक नाटक का हिस्सा है।
ओके.. अब आगे देखो..
रंगीला ने जेम्स से सब का परिचय करवाया और जेम्स को रंगीला ने एसीपी बताया.. ताकि जय पर अपनी धौंस जमा सके और उसको नीचा दिखा सके।
जय- तुम लोग यहाँ कैसे आए?
साजन- मेरी वजह से आए.. समझे तू तो मेरे से लफड़ा करके निकल गया था ना.. ये तो अच्छा हुआ विक्की भी तुम लोगों के साथ ही वहाँ से निकला और उसने तुम्हें रास्ते में खड़ा देख लिया। बस उसने मुझे खबर की और मैंने रंगीला को बताया.. तो इसने अपने दोस्त एसीपी साहब को यहाँ बुला लिया.. नहीं आज तो तेरी बहन गेम के पहले ही.. हा हा हा तू समझ गया ना..
साजन ने जय को जलील करने के लिए ये सब कहा.. मगर जय इस वक़्त उसके मुँह लगना नहीं चाहता था।
जय- बस बस.. अपना मुँह बन्द रख.. कल फार्म पर देखूँगा.. तू हँसता है या रोता है..
जेम्स- अरे रंगीला तूने तो कहा था उस गेम में अबकी बार मुझे भी शामिल करोगे.. मगर तुम लोग तो अकेले ही जा रहे हो।
जेम्स की बात सुनकर सब ठंडे पड़ गए कि ये क्या हुआ.. इसको कैसे पता फार्म पर क्या होने वाला है।
रंगीला- अरे यार, सब इतना अचानक हुआ मैं बताना भूल गया। अब तो जय ही आपको बताएगा क्योंकि वो फार्म भी उसका है और गेम भी उसी का है।
जय- अरे मैं क्या बोलूँ यार.. त..त..तू ही बता दे.. तू भी तो सब जानता है।
रंगीला- अरे ये एसीपी बाद में है.. पहले मेरा यार है.. इसको सब पता है वहाँ क्या होगा.. अब तू कहे तो ये भी आ जाए यार!
जय- तेरा यार तो मेरा यार.. इसमें पूछना क्या.. आप भी कल शाम को आ जाना.. एड्रेस आपको सुबह रंगीला बता देगा ओके..
जेम्स- थैंक्स यार.. जो तुमने ‘हाँ’ कही.. ओके अब मैं चलता हूँ.. उस बदल सिंग की भी मुझे थाने जाकर क्लास लेनी है।
जेम्स के जाने के बाद जय ने गुस्से में साजन को देखा।
साजन- ये गर्मी संभाल के रख.. कल काम आएगी.. ओके अपुन अब चलता है।
जय को एक और ताना देकर साजन भी वहाँ से निकल गया।
जय- रश्मि तुम गाड़ी में बैठो.. मैं आता हूँ।
रश्मि के जाने के बाद जय ने रंगीला से कहा- ये अचानक एसीपी तेरा दोस्त कैसे बन गया और वहाँ इसको क्यों बुलाया.. इसका वहाँ क्या काम?
रंगीला- यार अब यह लंबी कहानी है.. फिर कभी बताऊँगा.. फिलहाल तू इतना समझ ले.. ये भी हमारी तरह चूत का भूत है.. अब साजन की बहन को हमारे साथ ये भी चोदेगा।
जय- चल अब आ रहा है तो आने दे.. उस रंडी को तो जितना चोदें.. उतना कम है.. तू इसको कल सब बता देना ओके.. मैं अब निकलता हूँ.. साला आज तो मूड पूरा खराब हो गया.. पता नहीं मेरी जेब में ये ड्रग्स और कन्डोम वगैरह किसने डाले होंगे।
रंगीला- ये सब बाद में सोचना.. रश्मि बहुत डिस्टर्ब लग रही है.. तू उसको लेकर घर जा..
जय- अरे विजय कहाँ है.. वो तेरे साथ आने वाला था ना?
रंगीला- उसको इस सबके बारे में कुछ पता नहीं है.. वो तो एक लड़की के साथ लगा हुआ था.. तो मैंने उसको डिस्टर्ब नहीं किया।
जय- अच्छा अब उसको इस बारे में बताना भी मत.. आज का दिन ही मनहूस है साला.. जलील होके रह गया मैं..
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