RE: Nangi Sex Kahani अय्याशी का अंजाम
उधर रंगीला ने पहले ही काका को फ़ोन पर बता दिया था कि आज जूस में गोली मत मिलाना.. अब उसकी कोई जरूरत नहीं है.. जो होना था हो गया।
रश्मि जब नहाकर बाहर आई तो उसने बस तौलिया लपेट रखा था, उसके बाल भीगे हुए थे.. जिनसे पानी टपक कर उसकी गर्दन पर आ रहा था, वो एक हुस्न की मलिका लग रही थी।
तभी जय भी नाश्ता लेकर आ गया।
रश्मि- अरे इतनी जल्दी क्यों ले आए मुझे कपड़े तो पहनने देते।
जय- नहीं, ये स्पेशल नाश्ता बिना कपड़ों के ही किया जाता है।
रश्मि- ओह्ह.. अच्छा ये बात है.. तो भाई आपने कपड़े क्यों पहन रखे हैं? आपको नाश्ता नहीं करना क्या?
जय- अरे करना क्यों नहीं.. अब मैं भी तो नंगा होने वाला हूँ ना.. पहले दरवाजा तो बंद कर दूँ.. कहीं कोई आ गया तो सारा मामला बिगड़ जाएगा।
रश्मि- भाई आप सच में नंगे हो रहे हो? मैं समझी मुझसे मजाक कर रहे थे।
जय- अरे मजाक क्यों.. सच में आज स्पेशल तरीके से नाश्ता करेंगे और घर में विजय भी नहीं है.. वो कहीं बाहर चला गया। अब किसी के आने का ख़तरा भी नहीं है।
इतना कहकर जय अपने कपड़े निकालने लग गया.. उसको नंगा होता देख रश्मि ने भी तौलिया निकाल दिया और अपने बाल पोंछने लगी।
अब दोनों नंगे आमने-सामने बैठ गए बीच में नाश्ते की ट्रे रखी हुई थी जिसमें चीज़ ब्रेड और जूस.. कुछ फ्रूट्स थे.. जिसे रश्मि गौर से देख रही थी।
रश्मि- इसमें क्या स्पेशल है.. रोज तो यही होता है नाश्ते में?
जय- मेरी भोली रश्मि नाश्ता वही है.. इसको स्पेशल मैं बनाऊँगा.. उसके बाद एक खास तरीके से खाएँगे.. तब अपने आप समझ जाओगी।
रश्मि- अच्छा ये बात है.. तो जल्दी करो.. क्या करोगे इस नाश्ते के साथ?
जय अपने लौड़े को सहलाता हुआ मुस्कुराने लग गया।
रश्मि- भाई प्लीज़ अब चुदाई का मत कह देना.. रात को बहुत कर चुके आप.. अभी सोचना भी मत..
जय- अरे तू इतना डरती क्यों है.. नहीं चोदूँगा.. बस ये तो नाश्ते की तैयारी कर रहा हूँ।
रश्मि- मैं कुछ समझी नहीं भाई.. आप कैसी तैयारी कर रहे हो?
जय- अगर मुझ पर ट्रस्ट है.. तो तू बस चुपचाप मेरी बात मानती जा.. मज़ा ना आए तो कहना..
रश्मि- भाई मेरा सब कुछ आपको दे दिया.. अब आप ट्रस्ट की बात करते हो.. लो कर लो.. जो करना है.. मैं आपके सामने हाजिर हूँ।
जय- ये हुई ना बात.. अब देख पहले तेरे साथ थोड़ी मस्ती करूँगा.. उसके बाद तुझे स्पेशल नाश्ता कराऊँगा.. तू भी क्या याद करेगी..
रश्मि- ठीक है भाई.. आ जाओ आपकी बहन आपके सामने नंगी बैठी है.. जो करना है कर लो..
जय ने रश्मि को बिस्तर पर लेटा दिया और उसको किस करने लग गया, रश्मि भी उसका साथ देने लगी.. कुछ देर बाद जय उसके मम्मों को चूसने लग गया तो रश्मि सिसकारियाँ लेने लग गई।
रश्मि- आह्ह.. उफ़फ्फ़.. भाई सस्स.. रात को मन पूरा नहीं भरा क्या.. जो सुबह सुबह शुरू हो गए.. आह्ह.. नाश्ता तो करने देते.. पहले ही शुरू हो गए.. आह्ह.. उफ़फ्फ़.. आह.. काटो मत ना..
जय पर कोई असर नहीं हुआ वो बस अपनी मस्ती में लगा रहा। जय धीरे-धीरे रश्मि को गर्म करता रहा और उसके मम्मों से सीधा उसकी चूत पर पहुँच गया.. जो अब टपकना शुरू हो गई थी, उस में से चूतरस बाहर आने लगा था।
रश्मि- आह्ह.. भाई.. मेरी चूत में बड़ी हलचल हो रही है.. आह्ह.. प्लीज़ चाट लो ना.. आह्ह.. ससस्स प्लीज़..
जय चूत के आस-पास उंगली फिराता हुआ हँसकर बोला- मेरी जान.. तुम क्या समझी मैं तुम्हें चोदना चाहता हूँ और वो स्पेशल नाश्ता.. बस एक बहाना था।
रश्मि- आह्ह.. अब जो भी हो.. आपने मेरे अन्दर आग लगा दी है.. अब चोद ही दो तो अच्छा रहेगा।
जय- ना मेरी जान.. ये सब तो नाश्ते को स्पेशल बनाने के लिए किया मैंने.. अब देखो आज तक तुम्हारी चूत का रस मैंने ही पिया है.. उसका टेस्ट आज मैं तुम्हें भी कराऊँगा.. इस अंगूर के साथ हा हा हा हा..
इतना कहकर जय ने ट्रे से कुछ अंगूर उठा लिए और रश्मि की चूत पर उनको रगड़ने लगा.. चूत का रस अंगूरों पर लग गया.. तब जय ने एक अंगूर खुद खा लिया.. तो दूसरा रश्मि के मुँह में दे दिया।
रश्मि- छी: भाई आप कितने गंदे हो.. मेरी चूत का पानी मुझे चखा रहे हो।
जय- अरे दिमाग़ से नहीं दिल से कर.. मज़ा आएगा.. आज का नाश्ता तू कभी नहीं भूलेगी.. बता कैसा है टेस्ट तेरी चूत के पानी का?
रश्मि- टेस्ट तो अच्छा है.. थोड़ा नमकीन थोड़ा खट्टा.. आपके पानी से कुछ अलग ही टेस्ट है।
जय- हा हा हा आज तू बस नाश्ता करती जा.. तेरी चूत और मेरे लण्ड का माल आज नाश्ते को खास बना देंगे।
रश्मि- अच्छा ये बात है.. तो आप भी अपना रस चख के देखो.. मज़ा आता है या नहीं आपको?
जय- हाँ मेरी जान.. मैं भी करूँगा.. पहले तेरी चूत का मज़ा तो ले लूँ.. उसके बाद तू मेरे लण्ड के साथ खेल लेना।
जय कभी सेब तो कभी अंगूर रश्मि की चूत में डालता और उसके बस रस से सराबोर करके दोनों मज़े से उसको खा लेते.. आखिर में एक केला छील कर रश्मि की चूत में थोड़ा घुसा दिया और उसके बाद रश्मि और जय ने उसको खा लिया।
अब रश्मि को भी इस खेल में मज़ा आने लगा था- आह्ह.. भाई.. सच्ची मज़ा आ रहा है ऐसा नाश्ता तो शायद ही किसी ने किया होगा।
जय- अभी पूरा नाश्ता कहाँ हुआ है.. चल अब तू मेरा लौड़ा चूस इसमें से भी मलाई निकाल.. फिर उसको ब्रेड पर लगा के खाएँगे।
रश्मि- वाउ भाई.. मज़ा आएगा चीज़ के साथ लण्ड रस को मिलकर एक अलग ही टेस्ट आएगा।
जय आराम से बैठ गया.. उसका लौड़ा लोहे जैसा सख़्त हो रहा था, रश्मि पेट के बल लेट गई और लौड़े को प्यार से चूसने लग गई।
जय- आह्ह.. रश्मि चूस.. आह्ह.. चूस जल्दी से इसका रस निकाल दे.. आह्ह.. आज मैं भी तो देखूँ.. मेरे लौड़े का रस कैसा है आह्ह.. चूस जानेमन चूस..
जय के लौड़े को अच्छी तरह चूसने के बाद रश्मि ने उसको हाथ से हिलाने लग गई, लौड़े पर पानी की कुछ बूंदें बाहर आ गईं..
रश्मि- भाई आपका रस आना शुरू हो गया है.. लो थोड़ा तो आपको टेस्ट करा देती हूँ।
इतना कहकर रश्मि ने अपनी जीभ की नोक से बूँद को उठाया और जय के मुँह में अपनी जीभ घुसेड़ दी.. तो जय झट से उसकी जीभ को चूसने लगा।
जय- वाह्ह.. मेरी जान क्या आइडिया लगाया है तूने.. मेरे रस का टेस्ट मुझे चखाने का.. अब जल्दी कर असली माल निकाल.. जल्दी से.. ताकि नाश्ता पूरा हो जाए और हमें भी सुकून मिले..
रश्मि- भाई ऐसे तो वक्त लगेगा और मेरी चूत भी फड़फड़ा रही है.. आप ऐसा करो.. जल्दी से लौड़ा चूत में पेल दो ताकि मेरा पानी भी निकल आए और आपका भी निकलने के करीब आ जाए।
जय- हाँ ये सही रहेगा चल तू जल्दी से घोड़ी बन जा.. ताकि मेरा पानी निकलने को हो तो जल्दी से सारा माल ट्रे में गिरा दूँ और हमारा प्लान कामयाब हो जाए।
रश्मि पैर फैला कर घोड़ी बन गई और जय ने अपना लौड़ा उसकी चूत में घुसा दिया और स्पीड से उसको चोदने लगा।
रश्मि- आह्ह.. आइ.. फक मी ब्रो.. आह्ह.. फास्ट उई.. मज़ा आ रहा है आह्ह..
जय- ले मेरी जान आह्ह.. ले.. आज तेरी चूत और मेरे लौड़े का रस मिलकर आह्ह.. तुझे आउहह.. स्पेशल नास्ता आ कराऊँगा आह्ह.. ले ले..
रश्मि के कूल्हे पकड़ कर जय स्पीड से उसको चोदने लग गया.. दस मिनट बाद रश्मि झड़ने को रेडी हो गई।
रश्मि- आ आह्ह.. भाई और तेज.. आह्ह.. मैं गई… आह्ह..
जय ने लौड़ा चूत से बाहर निकाल लिया और रश्मि की चूत को फैला कर उसके दाने को उंगली से हिलाने लगा।
रश्मि- आ आह्ह.. गई आ गई आह्ह..
जय ने दूसरे हाथ में एक चम्मच ले ली और जैसे ही रश्मि का चूतरस बाहर आया.. जय ने चम्मच से सारा रस ट्रे में निकाल लिया.. उसके बाद दोबारा लौड़ा चूत में घुसा कर स्पीड से चोदने लगा। थोड़ी ही देर में उसके लौड़े की नसें फूल गईं.. तो झट से लौड़ा बाहर निकाला और सारा वीर्य ट्रे में गिरा दिया।
जय- आह्ह.. आह.. उफ़फ्फ़.. मज़ा आ गया.. रश्मि देख.. कितना रस जमा हो गया है.. आआह्ह..
रश्मि- भाई अब जल्दी से ब्रेड पर मस्का और रस लगाओ ताकि नास्ता पूरा हो जाए हमारा..
जय ने उंगली से दोनों रस को मिलाया और उसके बाद ब्रेड पर लगा कर साथ में मस्का लगा लिया.. दोनों मज़े से खाने लगे। उसके बाद जय ने जूस का गिलास उठाया उसमे लौड़ा डुबो कर रश्मि को दे दिया।
रश्मि- भाई बहुत अजीब सा टेस्ट आ रहा है और ये लौड़ा गिलास में क्यों डाला आपने?
जय- अरे कुछ बूंदें बाकी थीं.. तो तेरे जूस में मिला दिया मैंने।
रश्मि झट से पूरा जूस पी गई।
रश्मि- भाई सच ही कहा है किसी ने.. दूसरों की नज़र में ये कितना गंदा होगा ना.. मगर सेक्स एक ऐसी हवस है जिसमें जितना गंदा तरीका अपनाओ उतना ही मज़ा आता है।
जय- ओए होए.. मेरी बहना तो बहुत बड़ी-बड़ी बातें करने लगी है.. चल अब रेडी हो ज़ा.. रात की पार्टी के लिए मुझे कुछ शॉपिंग करनी है.. तू भी कुछ ले लेना अपने लिए।
रश्मि- ठीक है भाई.. आप ये ट्रे ले जाओ.. मैं रेडी होकर आती हूँ।
जय ने कपड़े पहने और वहाँ से निकल गया। उसके कुछ देर बाद रश्मि भी नीचे आ गई। उसने रेड कॉटन पैन्ट और वाइट शर्ट पहना हुआ था। उसका फिगर पैन्ट में बहुत सेक्सी दिख रहा था। जय भी उसको देख कर मन ही मन सोचने लगा कि रश्मि को देख कर पता नहीं रास्ते में कितने लौड़े खड़े होंगे।
दोनों घर से कार में निकल गए और एक मॉल में जाकर शॉपिंग करने लगे।
दोस्तो, इनको शॉपिंग करने दो.. तब तक हम थोड़ा पीछे चलते हैं।
जेम्स और निधि नाश्ता करके आ रहे थे.. तभी रंगीला और बिहारी उसको सामने से आते दिखाई दिए तो जेम्स ने निधि को हॉस्पिटल भेज दिया और खुद वहीं रुक गया।
जब निधि जा रही थी बिहारी बड़े गौर से उसकी गाण्ड को घूर रहा था।
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