RE: Nangi Sex Kahani अय्याशी का अंजाम
निधि को पता था कि जेम्स अब पूरा गर्म हो गया है, अब उसको ज़्यादा तड़पाना ठीक नहीं है.. नहीं तो वो उसको झटके दे दे कर तड़पा देगा, वो चुपचाप घोड़ी बन गई।
जेम्स ने गाण्ड के छेद पर लौड़े को रखा और धीरे से धक्का दिया, उसका सुपारा अन्दर चला गया।
निधि- आह.. धीरे से डालो ना.. दुख़ता है आई..
जेम्स- अबे चुप साली.. कितनी बार तो गाण्ड मरवा चुकी है.. अब काहे का दुख़ता है..
निधि- अरे तेरा लौड़ा कोई छोटा सा है क्या.. जो नहीं दु:खेगा.. जब भी अन्दर जाता है.. दर्द होता है। वैसे भी कितने दिन हो गए तुझे गाण्ड में घुसाए.. अब दु:खेगा ही ना..
जेम्स- अच्छा.. अच्छा.. अब ठीक से सीधी हो जा… एक बार दु:खेगा बाद में नहीं.. अब मैं पूरा घुसा देता हूँ।
जेम्स ने एक जोरदार धक्का मारा.. तो पूरा लौड़ा गाण्ड की गहराई में समाता चला गया।
निधि- आह आह.. जेम्स.. तू तो पूरा घोड़ा है रे.. आह्ह.. कितना लंबा लौड़ा है तेरा.. जान ही निकाल देता है।
जेम्स- अब पूरा घुस गया ना.. चल मजबूती से टिकी रह.. अब तेरी सवारी करता हूँ.. ठका ठक.. ठका ठक..
इतना कहकर जेम्स स्पीड से निधि की गाण्ड मारने लगा, उसकी पॉवर तो आपको पता ही है, निधि को सांस भी नहीं लेने दे रहा था.. घपाघप लौड़ा अन्दर-बाहर कर रहा था।
निधि- आहह आह्ह.. आईईइ.. मर गई रे माँ.. आह्ह.. जल्दी से चोद ले.. आह्ह.. निकाल दे पानी.. आह्ह.. आह्ह.. ऐइ..
लगभग 20 मिनट तक जेम्स गाण्ड को चोदता रहा, निधि बेचारी थक कर चूर हो गई थी, उसके झटके थे भी पॉवरफुल.. वो छोटी सी जान कहाँ सह पाती, आख़िर निधि पेट के बल लेट गई और लौड़ा गाण्ड से निकल गया।
जेम्स- अबे साली पसर क्यों गई.. थोड़ी देर और करने देती.. पानी आने ही वाला था मेरा..
निधि- ना जेम्स.. मेरी कमर दु:खने लगी है.. रात की नींद भी है.. तू मेरे मुँह को चोद ले.. वैसे भी तेरा रस पिए बहुत दिन हो गए हैं..
जेम्स- अच्छा ये बात है.. तो ले मेरी रानी.. सीधी लेट जा.. आज तेरे मुँह को ही चोद कर पूरा मज़ा लूँगा।
निधि सीधी लेट गई और जेम्स उस पर सवार हो गया, उसके मुँह को चोदने लगा, बीच-बीच में वो रुक जाता.. तो निधि उसके सुपारे को होंठ दबा कर चूसती.. उसकी गोटियों पर जीभ घुमाती।
ऐसे ही 15 मिनट और निकल गए। अब जेम्स की नसें फूलने लगी थीं.. वो स्पीड से निधि के मुँह को चोदने लगा और आख़िरकार उसने अपना सारा रस उसके मुँह में भर दिया।
निधि ने सारा माल पी लिया.. अपनी जीभ से लंड को साफ किया।
जेम्स- आह.. अब मज़ा आया.. रात की सारी थकान उतर गई.. अब आएगी सुकून की नींद.. चल कपड़े पहन ले.. नहीं तो तेरी जवानी को देख कर मेरा लौड़ा फिर से खड़ा हो जाएगा।
निधि- बस बस.. पहली बार में ही तू जान निकाल देता है.. दूसरी बार तो तेरा पानी निकलने का नाम ही नहीं लेता। तू भी कपड़े पहन ले और मुझसे दूर होकर सोना.. नहीं तो तेरा क्या भरोसा.. फिर से तेरे जी में आ गया.. तो.. मेरी चूत का कबाड़ा हो जाएगा।
जेम्स- हा हा हा.. साली मज़ा भी लेती है और डरती भी है.. चल अब नहीं करूँगा.. सो जा.. नहीं तो तेरी भाभी आ जाएगी और उसकी भी चुदाई मुझे करनी पड़ेगी।
दोनों अब सुकून की नींद सो गए थे।
अब यहाँ से वापस रश्मि के पास चलते हैं, अब तक वो रेडी हो गई होगी।
जय और विजय रेडी होकर रश्मि के कमरे के बाहर खड़े नॉक कर रहे थे.. मगर अन्दर से कोई जबाव नहीं आ रहा था।
विजय- अरे यार ये रश्मि को अब क्या हो गया.. लगता है सो गई है..
जय- अरे नहीं रे.. ये लड़कियों के हमेशा नखरे होते हैं रेडी होने में कुछ ज्यादा ही वक्त लगाती हैं।
विजय- ओ मेरी प्यारी बहना.. अब आ भी जा.. कितना वक्त लगावगी यार..
रश्मि ने दरवाजा खोला.. तो दोनों उसको देखते ही रह गए।
रश्मि ने ब्लैक शॉर्ट्स पहना हुआ था जिसमें से उसकी मोटी जांघें खुली हुई थीं.. उस पर स्लीवलैस लाल टी-शर्ट.. ऊपर से ब्लैक जैकेट.. वो भी स्लीबलैस ही था, उसमें रश्मि कयामत लग रही थी।
जय- वाउ यार.. रश्मि तुम बहुत अच्छी लग रही हो..
विजय- सच में रश्मि.. तुम बहुत अच्छी लग रही हो। अब बोलो तुम्हें कहाँ जाना है।
रश्मि- कहीं भी भाई.. बस घूमने का मज़ा आना चाहिए।
विजय- ठीक है.. आज हम ऐसी जगह जाएँगे.. जहाँ खूब मस्ती करेंगे.. एयरलिफ्ट में आसमान की सैर करेंगे।
रश्मि- ओह.. वाउ.. आप फनपार्क की बात कर रहे हो.. वहाँ तो बहुत मज़ा आएगा।
तीनों घर से निकल गए और फनपार्क में चले गए। वहाँ बहुत से लड़कों की नज़र रश्मि पर टिकी हुई थीं.. हर कोई उसकी गाण्ड को देख कर अपना लौड़ा सहला रहा था। मगर ये कोई मामूली लड़की तो थी नहीं.. जो कोई इसको छू कर मज़ा ले लेता। इसके साथ इसके दोनों भाई जो मौजूद थे। हाँ ये अलग बात है कि जय खुद मस्ती मजाक में उसको छू कर मज़ा ले रहा था।
अब यहा इनको मज़ा करने दो। यहाँ कुछ खास है भी नहीं.. आपको सीधे शाम का सीन दिखा देती हूँ।
दोपहर को जेम्स और निधि सुकून की नींद में थे। उनको भाभी ने उठाया और तीनों फ्रेश होकर बाहर लंच करने गए, उसके बाद हॉस्पिटल में चले गए और शाम तक वहीं रहे।
नर्स- चलो अब यहाँ मत रहो.. आप लोगों को समझ क्यों नहीं आता.. आपका मरीज आईसीसीयू में है.. उससे आप मिल तो सकते नहीं.. तो यहाँ बैठने से क्या फायदा.. हम हैं ना देखभाल के लिए.. अब आप सब जाओ सुबह कोई एक आ जाना.. डॉक्टर से मिल लेना। अब जाओ समझे..
जेम्स- ठीक है.. हम वो सामने की बिल्डिंग में ही हैं.. अगर कोई बात हो तो बता देना.. हम आ जाएँगे।
नर्स- अच्छा अच्छा.. अब जाओ यहाँ से..
वो तीनों वापस फ्लैट में आ गए।
निधि बाथरूम चली गई..
तब भाभी ने जेम्स से कहा- वो आदमी आएगा तो निधि यहीं रहेगी उसके सामने.. कैसे कुछ हो पाएगा..
जेम्स- तुम उसकी फिकर मत करो.. मैं उसको समझा दूँगा, वो दूसरे कमरे में सो जाएगी।
भाभी- अच्छा ठीक है.. मगर तुमको पक्का पता है कि वो आदमी मेरे साथ चुदाई के लिए ही आएगा।
जेम्स- अरे कितनी बार बताऊँ उसका इशारा यही था। अब आप बार-बार एक ही बात मत पूछो।
भाभी कुछ कहतीं.. तभी वहाँ बिहारी आ गया, उसको देख कर दोनों एकदम से चुप हो गए।
बिहारी- का हाल है… कोना जरूरी बतिया हो रही थी का?
जेम्स- अरे नहीं नहीं बिहारी जी.. आइए ना.. हम तो बस ऐसे ही बात कर रहे थे कि आप बहुत अच्छे इंसान हो..
बिहारी- अच्छा बोल कर हमको गाली ना दो.. हम कोई अच्छा नहीं हूँ.. तुमको काम याद है ना.. कुछ देर बाद जाना है हमार आदमी के साथ..
जेम्स- अरे हाँ.. बिहारी जी.. याद है और मैंने भाभी को भी समझा दिया है। आप यहीं रहना इनके साथ.. इनको संभाल लेना..
बिहारी होंठों पर जीभ घुमाने लगा, वो कुछ कहना चाहता था.. तभी निधि वहाँ आ गई।
बिहारी- ई कौन वा.. सुबह तो नहीं देखा हम इसको?
भाभी- यह मेरी ननद है.. सुबह अपने भाई के पास थी अस्पताल में..
बिहारी सवालिया नजरों से जेम्स की तरफ़ देखता है कि अब क्या होगा?
जेम्स- बिहारी जी आपसे एक बात करनी है.. आप मेरे साथ बाहर आएँगे..
बिहारी बाहर चला जाता है। उसके पीछे जेम्स भी चला जाता है।
जेम्स- देखिए बिहारी जी.. मैं जानता हूँ अपने हमें ये जगह क्यों दी है। मैं निधि को समझा दूँगा.. वो दूसरे कमरे में सो जाएगी। आप आराम से अपना काम कर लेना।
बिहारी- तोहार को देख कर ही हम समझ गया था.. तू बड़ा समझदार है। ये छोकरी बीच में तो नहीं आएगी ना.. अच्छी तरह समझा देना..
जेम्स ने बिहारी को भरोसा दिलाया कि निधि नहीं आएगी और उसको कुछ पता भी नहीं लगेगा- आप आराम से अपना काम कर लेना।
बिहारी- ये हुई ना बात.. अभी हम चलता हूँ.. एक घंटा बाद हमार आदमी तोहार को लेने आएगा.. उसके साथ चले जाना पीछे से मैं तोहार भाभी का अच्छे से ख्याल रख लूँगा।
बिहारी के जाने के बाद जेम्स वापस अन्दर गया.. तब तक भाभी निधि को बता चुकी थीं कि इस भले आदमी ने ही हमको यहाँ रहने दिया है।
जेम्स- निधि तुम उस कमरे में जाओ मुझे भाभी से कुछ जरूरी बात करनी है।
निधि- अरे मेरे सामने कह दो ना..
जेम्स- तुम्हें भी बता दूँगा.. अब जाओ भी यहाँ से..
निधि मुँह फुला कर दूसरे कमरे में चली गई।
जेम्स- भाभी अभी बिहारी से मेरी बात हो गई है.. उसको खुश कर देना बस और निधि को मैं समझा दूँगा। वो कमरे में रहेगी! ठीक है ना?
भाभी- अब तुम कहते हो तो ठीक है, मगर निधि को क्या कहोगे?
जेम्स- वो सब तुम मेरे पर छोड़ दो.. मैं उसको समझा दूँगा।
भाभी को समझा कर जेम्स निधि के पास गया.. वो गुस्से में थी।
जेम्स- अरे मेरी बुलबुल.. ऐसे गुस्सा क्यों हो गई.. मैं बताता हूँ ना…
निधि- नहीं मुझे पता है.. अब कुछ और ही बात बताओगे.. अगर बतानी होती तो वहीं बता देते।
जेम्स- अरे मेरी जान तुम कुछ नहीं समझती.. तेरी भाभी से तेरे सामने ये बात नहीं कर सकता था।
निधि- ऐसी क्या बात है बताओ मुझे..
जेम्स ने उसको बिहारी की पूरी बात बताई और ये भी समझा दिया.. उसकी भाभी नहीं चाहती कि उसको ये पता लगे इसलिए उनकी चुदाई के वक्त तू यहीं रहना.. बाहर मत जाना.. नहीं वो काला सांड तेरी भी ठुकाई कर देगा। अभी तो उसकी नज़र में तू छोटी बच्ची है.. मगर उसने तेरे पर गौर कर लिया ना.. तो देख लेना.. फिर तुझे उसका काला लौड़ा चूसना पड़ सकता है।
निधि- छी:.. ना बाबा मैं ना चुसूंगी उसका लौड़ा..
जेम्स- हाँ तो बस.. जब तक मैं आकर आवाज़ ना दूँ.. तू यहाँ से बाहर ना जाना.. समझी ना..
निधि- हाँ समझ गई.. मगर मुझे भाभी की चुदाई देखनी है।
जेम्स- अरे पागल हो गई क्या.. कैसे देखेगी.. अगर बिहारी की नज़र पड़ गई तेरे पर.. तो जानती है.. क्या होगा?
निधि- वो चिंता तू ना कर.. मैं ये दरवाजे की चाभी का छेद है ना.. इसमें से देख लूँगी..
जेम्स- अच्छा देख लेना.. और ज़्यादा गर्म हो जाओ.. तो उंगली ना करना.. मैं रात को बड़े प्यार से तेरी चूत की गर्मी निकाल दूँगा।
निधि- ओये होये.. मेरा जेम्स कैसे निकालेगा.. भाभी भी तो यही होगीं..
जेम्स- भाभी के सोने के बाद तेरी चुदाई करूँगा मेरी बुलबुल.. और वैसे भी वो काला सांड आज भाभी को चोदकर थका देगा.. जल्दी सो जाएगी वो.. समझी..
जेम्स बाहर आया और भाभी को समझा दिया कि निधि बाहर नहीं आएगी, अब तुम खुलकर बिहारी के साथ चुदाई करना। उसको खुश कर देना ताकि जब तक यहाँ रहे.. वो हमें कुछ ना कहे।
भाभी- जेम्स तुम कहते हो तो ठीक है.. मगर यह तो बता सुबह तूने निधि की चुदाई की है क्या?
जेम्स- हाँ की है ना.. उसकी गाण्ड मारी है.. क्यों क्या हुआ?
भाभी- तुम दोनों को उस कमरे में सोया देख कर मैं समझ गई थी। तू पक्का हरामी है.. चोदे बिना थोड़े ही माना होगा। बेचारी थकी हुई थी और थका दिया उसको..
जेम्स- अभी कहाँ थकाया है.. रात को देखना.. मैं उसकी चूत का भुर्ता कैसे बनाता हूँ।
भाभी- उसको ही चोदता रहेगा क्या.. मुझे भी तो तेरे लौड़े की आदत है.. मेरे बारे में ज़रा भी नहीं सोचा..
जेम्स- अरे भाभी.. मेरी जान.. आज तो बिहारी तेरी ठुकाई करेगा। फिर कहाँ तुम्हारे अन्दर मेरे लंबे लौड़े से चुदवाने की ताक़त रहेगी।
भाभी- उसको देख कर लगता तो नहीं.. कि वो मेरी प्यास बुझा पाएगा और पता नहीं उसका कितना बड़ा होगा.. कहीं लुल्ली निकली.. तो मुझे कहाँ मज़ा आएगा।
जेम्स- अरे नहीं.. उसका जिस्म देख कर लगता है हथियार भी भारी होगा।
भाभी- देख जेम्स.. अगर उसने मुझे संतुष्ट ना किया.. तो रात को तू मेरे साथ ही सोएगा, निधि को चुपचाप सोने को बोल देना।
जेम्स- अरे उसको क्यों सोने को बोलूँ? मेरे लौड़े में इतना पॉवर है कि दोनों की ठुकाई एक साथ कर सकता हूँ।
भाभी- नहीं नहीं जेम्स.. तू जानता है मैं निधि के सामने चुदाई नहीं कर सकती।
जेम्स- तुम दोनों की अजीब बात है.. दोनों को पता है कि मैं दोनों की चुदाई करता हूँ.. फिर भी सामने चुदवाने से ना कहती हो.. वो भी यही कहती है..
भाभी- देख जेम्स हमारे बीच ये परदा जो है.. इसको रहने दे.. यही हम सब के लिए सही होगा।
जेम्स ने ज़्यादा ज़िद नहीं की और भाभी से बातें करता रहा।
करीब 40 मिनट बाद बिहारी का एक आदमी आ गया और जेम्स उसके साथ वहाँ से चला गया। जाने से पहले वो दोबारा निधि के पास गया और उसको बता गया कि अब थोड़ी देर बाद खेल शुरू होगा, वो बाहर बिल्कुल ना निकले।
जेम्स के जाने के बाद भाभी बाथरूम में चली गई। उसको पता था बिहारी कभी भी आ सकता है.. इसलिए जो करना है अभी कर ले। उसके बाद तो चुदाई का खेल शुरू हो जाएगा, उसको कहाँ वो काला सांड कहीं जाने देगा।
जेम्स के जाने के 20 मिनट बाद बिहारी वहाँ आ गया और बिस्तर पर बैठ गया, उसके हाथ में दारू की बोतल थी।
भाभी- आइए मालिक.. बोलिए मैं आपकी क्या सेवा करूँ?
बिहारी- अरे सेवा तो हम करूँगा तोहार, तनिक दो गिलास तो लाओ जानेमन.. पहले कुछ गला गीला कर लें..
भाभी- यहाँ कहाँ गिलास हैं.. पूरा घर खाली पड़ा है?
बिहारी- अरे रसोई में जाओ.. वो दराज में हम रखा हूँ गिलास.. वो प्लास्टिक वाला है न.. वही ले आओ..
भाभी कुछ नहीं बोली और रसोई में चली गई। वहाँ प्लास्टिक के कुछ गिलास रखे हुए थे.. वो एक ले आई।
बिहारी- अरे मेरी जान.. एक काहे ले आई तुम नहीं पिओगी का?
भाभी- नहीं में नहीं पीती.. आप पी लो..
बिहारी ने भाभी को खींच कर अपने पास बैठा लिया और कहा- तुम अपने हाथों से पिलाओ मुझे..
काफ़ी देर तक भाभी उसको शराब पिलाती रही.. और वो शराब के साथ साथ भाभी के मम्मों को दबाता रहा। उसकी चूत को सहलाता रहा। भाभी भी कहाँ पीछे रहने वाली थी। वो भी उसके लौड़े को टटोल कर देखने लगी कि कितना बड़ा है। इसी तरह शराब का दौर ख़त्म हो गया और बिहारी ने भाभी को नंगा करना शुरू कर दिया।
भाभी पहले तो थोड़ी शरमाई.. मगर नंगी होने के बाद खुलकर बिहारी का साथ देने लगी।
उधर निधि आराम से सारा खेल देख रही थी।
भाभी- मुझे तो नंगा कर दिया। अब अपने भी कपड़े निकालो.. मुझे भी तो अपना लंड दिखाओ.. कैसा है?
बिहारी- कपड़े के ऊपर से अंदाज़ा नहीं ना लगाया तुमने.. तो ले खोल के दिखा देता हूँ तेरे को..
बिहारी नंगा हो गया उसका 8″ का काला लंड देख कर भाभी के मुँह में पानी आ गया.. क्योंकि वो काफ़ी मोटा था और भाभी जानती थी कि ये चूत में जाएगा तो मज़ा खूब आएगा।
बिहारी- ये लो रानी देख लो ये है हमार लौड़ा.. अब तनिक तोहार चूचियां हमको चूसने दो.. बड़ा मान बेचैन है हमार..
भाभी बिस्तर पर लेट गई और इशारे से बिहारी को अपने पास बुलाया। बिहारी ने भाभी को बाँहों में ले लिया और उसके निप्पल चूसने लगा।
काफ़ी देर तक बिहारी कभी होंठ चूसता.. कभी उसके मम्मों का मज़ा लेता.. वो एकदम गर्म हो गया और भाभी की चूत भी फुदकने लगी थी, अब कहाँ बर्दाश्त होने वाला था, बिहारी ने अपना मोटा लंड चूत पर रखा और जोरदार झटका मारा, एक ही बार में 8″ का लौड़ा चूत में घुसा दिया।
भाभी- आईई.. मर गई रे.. आराम से डालते.. आह्ह.. आपका लौड़ा बहुत मोटा है आह्ह.. मेरी जान निकाल दी..
बिहारी- हमार तरीका ऐसन ही है.. एक ही बार में पूरा लौड़ा ठोक कर घुसेड़ देते हैं। अब तोहार को काहे का दर्द हो रहा है.. तुम तो हमका बहुत लौड़े खाई हुई लगती हो..
भाभी कुछ नहीं बोली और बस मुस्कुरा दी। बिहारी के मुँह से शराब की बदबू आ रही थी.. मगर भाभी को इसकी आदत थी। उसका पति भी तो शराबी ही था।
अब चुदाई का खेल शुरू हो गया, बिहारी कस-कस के शॉट लगा रहा था और भाभी गाण्ड उठा-उठा कर उसका साथ दे रही थीं।
अन्दर निधि ये सब देख कर गर्म हो रही थी। उसकी चूत में पानी आने लगा था वो अपने हाथ से चूत को दबा कर बैठी थी।
भाभी की चूत को ठंडा करने के बाद बिहारी ने अपना लौड़ा बाहर निकाल लिया और उसको घोड़ी बना कर फिर से चोदने लगा।
भाभी- आह्ह.. छोड़ो.. आह्ह.. तुम्हारा इतना मोटा लंड लेने में मज़ा आ रहा है.. आह्ह.. ज़ोर से करो आह्ह…
भाभी की ‘आहें’ बिहारी को और जोश दिलाने लगीं, वो उसकी कमर को पकड़ कर स्पीड से चोदने लगा।
भाभी दोबारा उत्तेजित हो गई थीं.. वो भी गाण्ड को पीछे करके झटके देने लगी।
करीब 20 मिनट बाद दोनों एक साथ झड़ गए, बिहारी का पूरा माल भाभी की चूत में भर गया, अब दोनों शान्त होकर लेट गए थे।
बिहारी- बहुत मजेदार चूत है तोहार.. मज़ा आ गया… हम तुमको घोड़ी बनाया ओ वक्त गाण्ड पर गौर किया.. तोहार गाण्ड भी गजब है.. इसको ठोकने में भी दुगुना मज़ा आएगा.. साली इस बार हम गाण्ड ही मारूँगा।
भाभी- उफ.. तुम्हारे जैसा हट्टा-कट्टा मर्द बोले.. तो ना कहने का सवाल ही नहीं होता। मेरी चूत की आग तो मिट गई है अबकी बार गाण्ड की खुजली भी मिटा देना।
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