RE: Nangi Sex Kahani अय्याशी का अंजाम
जेम्स दर्द से बिलबिला उठा.. उसकी हालत देख कर रानी घबरा गई।
रानी- हे भगवान.. यह क्या हो गया.. जेम्स तुम ठीक तो हो ना?
जेम्स- ओह्ह.. बड़ा दर्द हो रहा है.. मुझे उठने में मदद कर रानी आह्ह.. बहुत दर्द हो रहा है..
बड़ी मुश्किल से रानी ने जेम्स को उठाया.. वो लंगड़ाते हुए रानी के सहारे कमरे तक गया।
रानी- अरे जेम्स तुझे तो चोट लगी है.. खून भी आ रहा है.. तू पैन्ट निकाल.. मैं कोई कपड़ा बाँध देती हूँ.. नहीं तो कुछ हो जाएगा..
जेम्स- अरे नहीं नहीं.. तू पागल है क्या.. मैं घर जाकर कुछ लगा लूँगा..
रानी- अरे पागल तू है.. ऐसी हालत में घर कैसे जाएगा.. चल ज़िद ना कर.. पैन्ट खोल.. नहीं तो मैं खोल दूँगी..
जेम्स- अरे मान जा रानी.. मैं पैन्ट के अन्दर कुछ नहीं पहना हूँ।
जेम्स की बात सुन कर रानी का चेहरा शर्म से लाल हो गया.. ना चाहते हुए भी उसकी नज़र जेम्स की पैन्ट पर उस जगह टिक गई.. जहाँ उसका लंड था और वो आँखों से मुआयना करने लगी कि जेम्स का लौड़ा कितना बड़ा होगा.. मगर उसकी समझ में कुछ नहीं आया तो वो मुस्कुरा कर बोली- बड़ा बेशर्म है रे तू.. अन्दर कुछ नहीं पहनता.. हवा देता है क्या अपने उसको.. हा हा… हा हा..
जेम्स- क्या अपने उसको..? बोल बोल.. दाँत क्यों निकाल रही है?
रानी- कुछ नहीं.. ऐसा कर तू पैन्ट निकाल… मैं कोई कपड़ा देखती हूँ.. तू खुद पट्टी बाँध लेना।
जेम्स- नहीं.. तूने देख लिया तो?
रानी- तेरी तरह बेशर्म नहीं हूँ मैं.. चल निकाल पैन्ट.. मैं कपड़ा लाती हूँ तेरे लिए..
जेम्स ने पैन्ट का हुक खोला और लेटे हुए पैन्ट निकालने की कोशिश की.. मगर उसको बहुत दर्द हुआ.. उसके मुँह से हल्की चीख निकल गई।
रानी- अरे जेम्स क्या हुआ.. ऐसे क्यों चीखे तुम?
जेम्स- बहुत दर्द हो रहा है रानी.. मुझसे नहीं होगा..
रानी- हे राम.. अब क्या करूँ मैं.. ऐसा करो अपनी आँख बन्द करके पैन्ट निकाल कर पट्टी बाँध देती हूँ।
जेम्स- पागल है क्या.. आँख बन्द करके कैसे होगा ये..?
रानी- अच्छा तो ऐसे ही निकाल देती हूँ.. मगर तू अपनी आँख बन्द रखना।
जेम्स- अरे वाह.. ये क्या बात हुई.. मुझे तू नंगा देखेगी और मैं आँख बन्द रखूं..
रानी- मैं कुछ नहीं देखूँगी.. अब ज़्यादा बहस ना कर.. तुझे मेरी कसम है.. अब अगर तुमने ‘ना’ बोला तो…
जेम्स- अच्छा ठीक है.. मगर तू बस घाव ही देखना.. और कुछ नहीं वरना डर जाएगी.. हा हा हा हा..
रानी- चल चल.. बड़ा आया ऐसा क्या है तेरे पास.. जो मैं डर जाऊँगी..।
जेम्स- अब तुझे क्या बताऊँ.. चल तू पैन्ट निकाल.. जब तू बेईमानी करेगी तो तेरे मु ँह से चीख निकलेगी.. तब पता चल जाएगा.. कि तू डरती है या नहीं..
रानी- चल ज़्यादा डींगें ना मार.. अब तू आँखें बन्द कर.. मुझे तेरी पट्टी करनी है।
जेम्स ने अपनी आँखें बन्द कर लीं और रानी धीरे-धीरे उसकी पैन्ट उतारने लगी।
रानी अपनी नजरें नीचे किए हुए थी और उसने घुटनों तक पैन्ट उतार दी.. मगर रानी अब कुँवारी लड़की नहीं बल्कि चुदी-चुदाई हुई थी.. तो लाजमी है कि उसकी जिज्ञासा जेम्स के लंड को देखने की जरूर होगी और हुआ भी वैसा ही.. उसने डरते हुए निगाह ऊपर की तो लौड़े को देख कर उसके दिमाग़ में झनझनाहट पैदा हो गई.. क्योंकि जेम्स का लौड़ा मुरझाया हुआ भी काफ़ी बड़ा और मोटा दिख रहा था और उसकी नजरें वहीं जम गईं।
जेम्स- उफ्फ.. रानी.. जल्दी कर ना दुःखता है.. मैं आँखें खोल लूँ क्या?
रानी जैसे नींद से जागी हो.. उसने जेम्स को मना किया और जल्दी से पास पड़े कपड़े को हाथ में लिया.. उसको दो टुकड़ों में किया.. एक टुकड़े से वो जेम्स की जाँघ पर लगा खून साफ करने लगी।
अब जेम्स कोई बच्चा तो था नहीं.. एक जवान लड़की के हाथ का स्पर्श उसको गर्म करने लगा.. उसके जिस्म में करंट पैदा हो गया.. जिसका सीधा असर उसके लौड़े पर पड़ा और वो धीरे-धीरे अकड़ने लगा।
जेम्स- रानी जल्दी कर ना.. अब मुझसे रहा नहीं जा रहा.. ज़ोर की पेशाब लगी है.. जल्दी कर..
रानी- अरे बस हो गया.. खून को साफ करके ही पट्टी बांधूगी ना.. अब बस थोड़ी देर रूको..
रानी दूसरे टुकड़े को उसकी जाँघ पर बाँधने लगी और उसके नर्म हाथों का स्पर्श लौड़े को बेकाबू करने लगा। वो अकड़ कर अपने पूरे आकर में आ गया जो करीब 9″ लंबा और इतना मोटा था कि हाथ की हथेली में भी ना समा पाए।
जब रानी ने पट्टी बाँध दी तो उसकी नज़र दोबारा ऊपर गई.. तब तक लौड़ा किसी खंबे की तरह खड़ा हो गया था.. जिसे देख कर रानी के मुँह से निकला- हे राम ये क्या है?
जेम्स ने झट से आँखें खोल लीं और अपने हाथों से लौड़े को छुपाने की कोशिश करने लगा। रानी ने चेहरा दूसरी तरफ़ किया हुआ था और वो हँस रही थी।
जेम्स- रानी की बच्ची.. मैंने मना किया था ना.. ऊपर मत देखना तूने क्यों देखा?
रानी- हा हा हा.. अब नज़र पड़ गई तो मैं क्या करूँ और इतना भोला तू भी मत बन.. तेरे मन में जरूर कुछ गंदा होगा.. तभी ये ऐसे बांस के जैसा खड़ा हो गया।
जेम्स- रानी कुछ दिन पहले तक तो तू बहुत भोली-भाली बनती थी.. अब तुझे इतना कैसे पता चल गया रे.. और मेरे मन में ऐसा कुछ नहीं था.. बस तेरे छूने से ये ऐसा हो गया।
रानी- अब वक़्त के साथ बहुत कुछ सीखना पड़ता है.. और मैंने तो बस पट्टी बांधी है.. अब इतने से ये खड़ा हो गया तो मैं क्या करूँ?
जेम्स- अरे तेरे हाथों में बहुत गर्मी है.. ये बेचारा क्या करता.. तुझे सलाम देने लगा.. हा हा हा..
रानी- चल चल.. अब ज़्यादा बन मत.. इसे पैन्ट में बन्द कर.. नहीं तो कोई आ गया ना.. तो सारी हेकड़ी निकल जाएगी।
जेम्स- अरे मुझसे जब पैन्ट निकली नहीं गई तो पहनूँगा कैसे.. अब तू ही पहना दे ना..
रानी- मैं पहनाऊँगी तो तेरा खंबा मुझे दिखेगा ना..
जेम्स- अब तूने देख तो लिया.. अब एक बार देख या दो बार.. क्या फ़र्क पड़ता है..? चल इधर देख और पहना दे..
रानी पलट गई और जेम्स की पैन्ट पहनाने लगी.. जेम्स ने अभी भी लौड़े को हाथ से छुपाया हुआ था.. जिसे देख कर रानी मुस्कुरा रही थी।
पैन्ट तो रानी ने कमर तक पहना दी मगर उसका हुक कैसे बन्द करे। इतना बड़ा शैतान तो बाहर खड़ा उसको घूर रहा था।
रानी- अब हुक कैसे बन्द होगा.. इसको बैठाओ.. कैसा खड़ा है बदमाश कहीं का..
जेम्स- अब इसको कैसे बैठाऊँ.. ये मेरे बस का नहीं.. तू पकड़ कर अन्दर कर दे ना इसको..
रानी- चल हट बदमाश.. मैं क्यों पकडूँ इसको.. तू उसको पकड़ाना.. जिसको पसन्द करता है और मुझे उसका नाम भी नहीं बताता।
अब कमरे का माहौल थोड़ा गर्म हो गया था और जेम्स की नीयत रानी पर बिगड़ गई थी।
जेम्स- रानी तू पागल है क्या.. मैं क्यों किसे को पसन्द करूँगा.. बचपन से लेकर आज तक बस मेरे दिल में तू ही बसी हुई है..
रानी- हा हा हा.. चल झूठा.. तुम सब लड़के ऐसे ही होते हो.. लड़की को अकेला देखा नहीं.. कि बस प्यार जताने लग जाते हो तुम सब..
जेम्स- अच्छा बहुत लड़कों को जानती है रे तू रानी?
रानी- चल चल.. मैं क्यों किसी को जानूँ.. अब बन मत.. इसको अन्दर कर ले..
जेम्स- अरे मुझसे नहीं होगा.. तू करती है तो कर.. नहीं तो जा.. मुझे मेरे हाल पर छोड़ दे.. समझी..
रानी- तू सच में मुझे पसन्द करता है क्या जेम्स?
जेम्स- हाँ रानी.. तेरी कसम.. मेरे दिल में बस तू ही है।
रानी- अच्छा अच्छा.. तू अपनी आँख बन्द कर.. मैं इसको अन्दर कर देती हूँ और आँख ना खोलना.. नहीं तो ठीक ना होगा.. देख लेना तू..
जेम्स- ठीक है.. चल आ जा अब तू..
जेम्स ने अपने हाथ लौड़े से हटा कर आँखों पर रख लिए और आने वाले पल के बारे में सोच कर वो उत्तेजित होने लगा।
उसकी यह उत्तेजना उसके लंड पर असर करने लगी.. वो झटके खाने लगा।
रानी लौड़े को देखे जा रही थी और उसको अपनी चुदाई का मंज़र याद आने लगा था।
जेम्स- क्या हुआ.. कहा गई तू.. मेरी आँख बन्द है.. कुछ दिख भी नहीं रहा तू कर रही है या नहीं..
रानी- अरे तेरे पास ही बैठी हूँ.. रुक ना.. सोचने दे इस खंबे को कैसे अन्दर करूँ?
जेम्स- अरे कैसे कैसे.. इसको पकड़ और ऊपर की तरफ़ करके हुक बन्द कर दे.. उसके बाद जिप बन्द कर देना।
रानी- अरे ऐसे कैसे अन्दर होगा.. अब तू चुप कर.. नहीं तो मैं चली जाऊँगी।
उसके बाद जेम्स कुछ नहीं बोला और रानी ने लौड़े को जड़ से पकड़ कर अपना हाथ ऊपर की तरफ़ लिया.. जैसे उसको प्यार से सहला रही हो.. वैसे तो लौड़ा उसकी हथेली में नहीं समा पा रहा था.. मगर रानी ने कैसे भी करके उसको पकड़ ही लिया।
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