Nangi Sex Kahani अय्याशी का अंजाम
02-06-2019, 05:14 PM,
#19
RE: Nangi Sex Kahani अय्याशी का अंजाम
काजल- मेरी जान.. यह थी मेरी चूत की सील टूटने और चुदाई की कहानी.. उसके बाद रात भर में 3 बार और भाई ने मुझे चोदा.. मुझे इतना मज़ा दिया कि क्या बताऊँ.. उसके बाद तो जब मौका मिलता.. हम दोनों चुदाई का खेल खेलते। उसके बाद लंड का ऐसा चस्का लगा कि भाई के दोस्त से भी चुदाई की मैंने.. और अब मेरा प्रेमी मेरे मज़े ले रहा है। अब बोल तू क्या बोलती है.. मज़ा आया ना..
रश्मि सारी बात बड़े गौर से सुन रही थी, उसे पता भी नहीं चला कि कब काजल ने उसको आवाज़ दी, वो तो बस आँखें गड़ाए काजल को देख रही थी।
काजल- अरे क्या हुआ.. रश्मि कहाँ खो गई? तेरी चूत को भी भाई का लौड़ा चाहिए क्या.. हा हा हा हा बोल ना?
काजल की हँसी को सुनकर रश्मि जैसे नींद से जागी हो और उसका चेहरा शर्म से लाल हो गया.. वो मुस्कुराने लगी..
रश्मि- चल हट.. तू भी ना.. कुछ भी बोल रही है.. तू और तेरा भाई बहुत गंदे हो.. ऐसा काम करते हो मगर में ऐसी नहीं हूँ समझी..
काजल- अरे कभी तो चुदेगी ना.. वैसे आज तो तेरी चूत पूरी गीली हो गई होगी.. मेरी बात सुनकर..
रश्मि- नो वे.. ऐसा कुछ नहीं हुआ.. समझी.. मैंने कहा था ना.. मुझे कोई फ़र्क नहीं पड़ता। अब मैं जा रही हूँ तू बैठी रह यहाँ..
काजल- अरे झूटी कहीं की.. दिखा मुझे अभी पता लग जाएगा कि तेरी चूत गीली हुई या नहीं.. ऐसे कैसे भाग रही है?
रश्मि- अरे हट.. मेरा हाथ छोड़.. देख मैं मार दूँगी.. नहीं नहीं.. प्लीज़ मुझे जाने दे..
काजल ने ज़बरदस्ती रश्मि को पकड़ लिया और उसकी चूत को छूकर देखने लगी.. जो वाकयी में गीली थी।
काजल- अरे वाह झूठी.. इतना पानी गिरा दिया.. कि कपड़े भी गीले हो गए.. यार तू बड़ी जिद्दी है.. अपनी ज़िद में इस निगोड़ी चूत को क्यों सज़ा दे रही है.. बना ले किसी को अपना.. दे दे अपनी चूत को लौड़े का तोहफा.. कर दे सील का अंत..
रश्मि- बस बस.. तू जानती है… ऐसी बात से किसी का भी पानी रिसने लगता है.. मैं कोई अलग दुनिया से नहीं आई हूँ और यार ऐसे किसी को भी ये हक़ नहीं दे सकती.. समझी तू..
काजल- अरे यार किसी और से नहीं तो अपने भाई को ही पटा ले.. घर की बात घर में रहेगी और मज़ा का मज़ा मिलता रहेगा तुम्हें..
रश्मि- काजल ये क्या बकवास कर रही हो.. मैं तुम्हारी तरह नहीं हूँ और ना ही मेरा भाई इतना गंदा है.. जो अपनी बहन पर नज़र रखे.. समझी.. आज तो ऐसी गंदी बात मुझसे की.. पर दोबारा ना करना वरना अच्छा नहीं होगा..
रश्मि गुस्से में जाने लगी.. तभी काजल भी थोड़ा गुस्सा हो गई..
काजल- अरे जा जा.. बहुत सीधी बनती है.. जब चुद जाएगी ना.. तब पता लग जाएगा तेरे को.. समझी.. एक बार बस रात को भाई के पास सोकर देख.. पता लग जाएगा कि कितना सीधा और शरीफ है। वो तेरी चूत को ना चाट ले तो कहना.. मुझे बड़ी आई सती सावित्री।
काजल की बात सुनकर रश्मि को गुस्सा तो आया.. मगर वो वहाँ रुक कर और बहस नहीं करना चाहती थी.. इसलिए वो बाहर चली गई..
लो दोस्तो, इन दोनों के बीच तो लड़ाई हो गई। यह रश्मि भी ना बड़ी जिद्दी है.. अब उसके पीछे जाना है क्या आपको.. नहीं ना..
तो रानी के पास चलो.. अब तक तो उसकी साँसें ठीक चलने लगी होंगी ना.. तो आओ मेरे साथ!
जय और विजय दोनों रानी के दोनों तरफ लेटे हुए उसके जिस्म को सहला रहे थे, विजय का हाथ उसके होंठों पर था और जय का मम्मों पर लगा था।
रानी- उफ़फ्फ़ जय जी.. अब बस भी करो.. दोनों ने मिलकर मेरी चूत की हालत खराब कर दी है। अब क्या है थोड़ा आराम करने दो ना..
विजय- अरे रानी अभी तो एक राउंड हुआ है.. कल से तू लंबी छुट्टी पर जाओगी तो जान आज की पूरी रात तू मज़े ले.. हा हा हा हा..
जय- तेरी चूत को आज ऐसे खोल देंगे कि तू हर वक़्त लौड़ा माँगेगी हा हा हा हा.. मगर जान गाँव में किसी से मत चुदवाना.. वरना तेरी नौकरी गई समझ.. हम झूटा माल नहीं खाते.. हा हा हा हा…
रानी- यह आप कैसी बातें कर रहे हो.. जय जी मैं भला किसी और के पास क्यों जाऊँगी.. अब तो बस आपकी दासी बनकर रहूंगी.. मगर आप शहर से जल्दी आ जाना ठीक है..
विजय उसके निप्पलों को चूसने लगा और चूत को सहलाने लगा, अब शायद विजय का मन चुदाई करने का बन गया था।
रानी- आह्ह.. नहीं.. इसस्स.. दुःखता है आहह.. आप ऐसे काट क्यों रहे हो.. आह्ह.. आराम से चूसो ना..
जय- अरे जानेमन.. दु:खेगा तभी तो तू एक्सपर्ट बनेगी और वैसे भी विजय बहुत कम किसी लड़की के साथ दो बार करता है.. तू इसको भा गई है इसलिए ये इतना प्यासा हो रहा है।
रानी- आह्ह.. मुझे तो आप दोनों भा गए हो.. अब तो बस आपकी दासी बन गई हूँ मैं.. जब तक आपका मन करे मुझे भोगते रहो और अपने लंबे-लंबे लौड़ों से मज़ा देते रहो।
जय- वाह जान अब तू पक्की चुदक्कड़ बन गई है.. तेरी बातें अब मज़ा देने लगी हैं। चल आज तुझे नई-नई स्टाइल सिखाते हैं चल विजय के लंड पर बैठ कर अपने आप चुद.. मज़ा आएगा। तब तक मैं बाथरूम जाकर आता हूँ.. उसके बाद मैं तुम्हें गोदी में लेकर चोदूँगा।
जय के जाने के बाद रानी ने पहले विजय का लौड़ा चूसा और उसके बाद धीरे से उस पर बैठ गई.. पूरा लौड़ा चूत में समा गया।
विजय नीचे से झटके दे रहा था और रानी लौड़े पर कूद रही थी।
लगभग 15 मिनट तक ये खेल चलता रहा.. तब तक जय भी आ गया था।
अब विजय ने रानी को नीचे लिटा कर चोदना शुरू कर दिया था। जय अब उसको लौड़ा चूसने लगा था और 10 मिनट बीते होंगे कि विजय और रानी झड़ गए..
जय का लौड़ा बहुत अकड़ रहा था.. उसने रानी को 2 मिनट का रेस्ट दिया और खुद उस पर सवार हो गया। अब चुदाई का खेल दोबारा शुरू हो गया।
कुछ देर बाद जय भी ठंडा हो गया।
अब रानी में बिल्कुल हिम्मत नहीं थी.. वो थक कर चूर हो गई थी..
दोनों भाई और चोदना चाहते थे.. मगर रानी ने उनको बहुत मुश्किल से समझाया कि उसकी हिम्मत पस्त हो गई है.. तो मजबूरन दोनों मान गए और रानी को सोने का बोल कर खुद भी सोने चले गए।
दोस्तो, रानी की ताबड़तोड़ चुदाई हो गई.. अब इनको सोने दो।
वहाँ काजल अभी भी गुस्से में है या नहीं.. ये तो वहाँ जाकर ही देखते हैं। 
काजल बिस्तर पर लेटी हुई थी.. तभी रश्मि वापस आ गई.. जिसे देख कर काजल ने मुँह घुमा लिया..
रश्मि- सॉरी यार.. मैंने कुछ ज़्यादा ही बोल दिया आई एम रेयली सॉरी..
काजल कुछ नहीं बोली और बस वैसे ही पड़ी रही.. उसको बहुत गुस्सा आ रहा था मगर वो रश्मि से बात नहीं करना चाहती थी।
रश्मि भी कहाँ मानने वाली थी.. वो काजल के पास आकर बैठ गई और उसके बालों को सहलाने लगी।
काजल- यह क्या बदतमीज़ी है.. सोने दो मुझे.. जाओ अपने बिस्तर पर..
रश्मि- सॉरी यार मुझे तुमसे बहुत जरूरी बात करनी है।
काजल- मुझे तुमसे कोई बात नहीं करनी.. सो जाओ चुपचाप..
रश्मि- प्लीज़ प्लीज़ यार.. सुनो ना.. अच्छा बाबा कान पकड़ कर सॉरी बोलती हूँ.. बस..
रश्मि की मासूमियत के आगे काजल पिघल गई, रश्मि के उदास चेहरे को देख कर उसको हँसी आ गई।
काजल- हा हा हा.. अरे मुँह देख अपना कितना बकवास लग रहा है.. तू मुस्कुराती ही अच्छी लगती है ऐसे उदास तो बिल्कुल नहीं..
रश्मि- थैंक गॉड.. तुम मान तो गई यार.. मुझे अच्छा नहीं लगा मैंने बहुत ज़्यादा बोल दिया तुम्हें..
काजल- नहीं यार ग़लती मेरी भी है.. मुझे भी तुमसे ऐसी बात नहीं करनी चाहिए थी.. चल बैठ मेरे पास और वादा कर दोबारा नाराज़ नहीं होगी तू..
रश्मि- अच्छा बाबा नहीं होऊँगी मैं.. बस खुश.. चलो आज हम दोनों एक ही बिस्तर पर सोएंगे ठीक है..
काजल- क्यों कहा घूम कर आई हो और क्या इरादा है.. कहीं तुम्हारी भी चूत फड़फड़ा तो नहीं रही है?
रश्मि- अरे यार तुम दोबारा शुरू हो गई ना.. जाओ नहीं सोती मैं..
काजल- अरे मजाक कर रही हूँ यार.. चल आ जा.. सो जाते हैं वैसे भी कल हम घर चले जाएँगे..
काजल और रश्मि पास में लेट गई और बातें करने लगीं और बस यही बातों का दौर चलता रहा। कब दोनों की आँखें बन्द हो गईं.. उनको पता भी नहीं चला।
दोस्तो, सुबह का सूरज निकले.. उसके पहले एक बात बता देती हूँ।
साजन और उसके दोस्त खाना खाने के बाद ऐसे ही बैठे हुए थे.. तभी साजन को भाई का फ़ोन आया और उसने उसे फ़ौरन कहीं बुलाया। कोई 20 मिनट बाद साजन उस जगह पहुँच गया.. जहाँ भाई पहले से ही खड़ा हुआ था।
साजन- क्या हुआ भाई.. ऐसे अचानक अपने मेरे को यहाँ क्यों बुलाया?
भाई- प्लान थोड़ा चेंज हो गया है.. मैंने कहा था ना कल वो दोनों भाई यहाँ अपनी बहन के साथ होंगे.. तब तू आराम से देख लेना। मगर वो लोग ज़्यादा चालाक हैं शायद यहाँ ना आएं.. तो तू एक काम करना.. कुछ लड़के जो आवारा टाइप के हों.. उनको कल यहाँ बुलाना और उसको छेड़ने के लिए कहना..
साजन- भाई ये बहुत उलझन वाली बात अपने बोल दी.. पहले तो मुझे पूरी बात समझाओ.. बाद में मेरे को कोई ऑर्डर देना।
भाई- अरे बेवकूफ़.. कल दोपहर 12 बजे उन लड़कों को यहाँ खड़ा करना और अपने आवारा लड़कों से उसको छेड़ने को कहना.. जब वो लोग शुरू हो जाएं.. तब पीछे से आकर तुम झगड़ा शुरू कर देना.. बस…
साजन- ये बात तो मैं समझ गया.. जो आपने कहा.. हो जाएगा.. मगर इससे होगा क्या और वो रंडी को मैं पहचानूँगा कैसे.. असली बात वो है?
भाई- पूरी बात सुने बिना बोलता है… कल 12 बजे वो यहाँ से गुज़रेगी.. मैं तुम्हें कॉल करके इशारा दूँगा.. तू लड़कों को इशारा दे देना.. वो लड़के उसको छेड़ रहे होंगे.. तब वो उनसे झगड़ेगी.. तू उनको फटकार लगा कर भगाएगा.. वो कुछ ना कुछ जरूर बोलेगी.. बस किसी तरह उससे बात कर लेना.. उसका नाम पूछ लेना..
साजन- भाई बुरा ना मानना.. यह बहुत घुमा कर आप नहीं बता रहे मुझे.. इससे अच्छा तो एक काम है.. आप उसको पहचानते हो.. कल यहाँ मेरे साथ आ जाना.. बस एक इशारा कर देना.. मैं समझ जाऊँगा यह वही है..
भाई- जितनी तेरी सोच.. उतना ही बोलेगा साले.. उसकी पिक मेरे पास है चाहूँ तो वो दिखा कर भी बता सकता हूँ.. मगर तू नहीं समझेगा.. तुझे उसका नाम तो याद है ना?
साजन- अरे हाँ.. भाई याद है.. मगर उसका नाम पूछ कर उससे बात करके क्या हासिल होगा हमें? हम ऐसे भी जान सकते हैं उसको?
भाई- तू पागल है एकदम.. अब सुन उसका नाम जानकर उससे बातें कर.. उसके भाई के बारे में.. घर के बारे में.. सब कुछ पता कर… हाँ.. चुप पता है तू यही कहेगा न.. मैं सब जानता हूँ.. मगर उसको यह अहसास मत दिला। जब वो अपने भाई का नाम ले.. तब तू कहना.. वो तो मेरा दोस्त है और बस किसी बहाने उसके घर तक जा। मैं उस कुत्ते की आँखों में डर देखना चाहता हूँ और वो डर तब पैदा होगा.. जब तू उसकी बहन के साथ उसके घर तक चला जाएगा। उसका प्लान धरा का धरा रह जाएगा.. हा हा हा..
साजन- वाह भाई असली बात तो अब बताई आपने.. मगर अब भी एक सवाल है.. आप कल वहाँ होंगे तो कॉल करने की क्या जरूरत है.. साथ में रहकर बता देना।
भाई- नहीं जैसा मैंने कहा.. वैसा कर.. बस तेरा उसके साथ उनके घर तक जाना जरूरी है। मैं साथ रहूँ.. यह जरूरी नहीं.. समझा..
साजन- क्या जरूरी है और क्या नहीं.. मेरी समझ के बाहर है भाई.. मुझे तो आप जाने दो।
भाई- हाँ.. एक बात सुन.. कल बाइक नहीं.. कार लेकर जाना.. समझे..
साजन- अब ये क्या पंगा है?
भाई- यह बात तुझे कल अपने आप पता लग जाएगी.. तू मेरे दिमाग़ को नहीं जानता.. जहाँ सारी दुनिया सोचना बन्द करती है.. मैं वहाँ से सोचना शुरू करता हूँ.. समझा अब जा..
साजन- भाई आपका दिमाग़ तो दोधारी तलवार है.. दोनों तरफ़ से चलता है.. ओके कल आपका काम हो जाएगा।
भाई- सुन.. पहले वाला प्लान भी याद रखना.. शायद वो आ भी जाए। हर हाल में तुझे कल ये कम करना ही है.. समझा ना तू?
साजन- हाँ.. पता है.. अगर वो आए तो उनके सामने पहुँच जाऊँगा और बातों में फँसा कर उनके मुँह से उगलवा लूँगा कि यह हमारी बहन है.. नहीं तो ये दूसरा प्लान तो है ही ना..
भाई- गुड अब की ना तूने समझदारी वाली बात.. चल अब जा..
साजन- भाई एक बात है.. कल वो लड़के लाऊँगा.. तो थोड़ा रोकड़ा दे देते..
भाई- अरे इतनी जल्दी पैसे माँगने लगा.. वो जो दिए थे उनका क्या हुआ?
साजन- व्व..वो तो भाई ख़त्म हो गए.. अब आपने इतने काम बता दिए.. गेस्ट हाउस बुक किया.. कोमल को दिए.. उन दोनों को दिए.. फार्म पर आया.. अब आप बताओ इतने सब काम तो कर दिए..
भाई हँसने लगा और अपना पर्स निकाला उसमें से हजार के कुछ नोट साजन को दिए और कहा- अभी इनसे काम चलाओ बाद में और दे दूँगा..
जब भाई पर्स से पैसे निकाल रहा था.. तब साजन की नज़र उसके पर्स पर थी और उसमें एक तस्वीर देख कर वो चौंक गया.. क्योंकि वो तस्वीर जिसकी थी उसको साजन अच्छी तरह से जानता था। मगर उस वक़्त उसने चुप रहना ठीक समझा और भाई से पैसे लेकर वहाँ से निकल गया।
Reply


Messages In This Thread
RE: Nangi Sex Kahani अय्याशी का अंजाम - by sexstories - 02-06-2019, 05:14 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,488,322 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 542,988 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,226,731 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 927,785 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,646,576 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,074,332 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,940,389 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,022,350 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,018,913 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 283,667 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 2 Guest(s)