RE: Nangi Sex Kahani अय्याशी का अंजाम
रश्मि- सच्ची तू इतना नहीं समझती थी.. ये तो सोचने वाली बात है और 3 साल पहले तेरे मम्मे इतने छोटे थे और अब इतने बढ़ गए.. ये कमाल कैसे?
काजल- अरे कहानी सुनेगी तो सब समझ जाएगी कि ये अमरूद को खरबूज कैसे बनाया जाता है हा हा हा..
कैसे?
‘आगे सुन, मैं बस अपनी पढ़ाई से मतलब रखती थी और यह सेक्स क्या होता है.. मुझे पता नहीं था.. हाँ.. बस इतना पता था कि लड़का और लड़की के बीच कुछ तो खास होता ही होगा। एक बार मॉम-डैड किसी शादी में दूसरे शहर गए.. मेरी स्कूल और भाई का कॉलेज था तो हम रुक गए मगर राजू ज़िद करके उनके साथ चला गया। सुबह से शाम तक सब नॉर्मल रहा.. मगर जब रात हुई.. तो मुझे डर लगने लगा और मैं भाई के कमरे में गई तब वो अपने लैपटॉप पर मूवी देख रहे थे।
मुझे देख कर वो मुस्कुराने लगे और इशारे से मुझे अपने पास बुलाया।
वे बोले- क्या हुआ?
काजल- भाई मुझे डर लग रहा है इसलिए यहाँ आई हूँ।
रेशू- हाँ.. जानता हूँ तेरी शक्ल देख कर पता लग गया मुझे..
उस समय भाई ने बस बरमूडा पहना हुआ था.. वो रात को टी-शर्ट नहीं पहनते थे.. और मैंने भी एक पिंक टी-शर्ट और शॉर्ट बरमूडा पहना हुआ था.. जो मैं रात को अक्सर सोने के समय पहनती हूँ।
काजल- भाई आज मैं आपके कमरे में सो जाऊँ क्या.. मुझे अकेले डर लग रहा है।
रेशू- क्यों.. आज क्या हुआ.. रोज अकेली सोती है ना तू?
काजल- अकेली कहाँ भाई.. राजू भी तो साथ सोता है मेरे..
रेशू- अरे वो बच्चा है.. उसे डर ना लगे इसलिए तेरे साथ सोता है.. पर तुझे किस बात का डर?
काजल- भाई प्लीज़.. मॉम-डैड भी नहीं है मुझे यहाँ सोने दो ना..
रेशू- अच्छा अच्छा ठीक है.. मगर मुझे मूवी देखनी है और तुझे सोना है.. ये दोनों काम एक साथ कैसे हो सकते है?
काजल- भाई मुझे अभी नहीं सोना पहले हम दोनों मूवी देखेंगे.. उसके बाद सो जाएँगे ओके..
रेशू- हाँ.. ये ठीक है.. चल आजा मेरे पास लेट जा.. ऐसे देखने में ज़्यादा मज़ा आता है।
भाई ने लैपटॉप टेबल पर रख दिया और हम दोनों सीधे पैर करके बिस्तर से टेक लगा कर बैठ गए।
रश्मि- वाउ यार.. रात को मूवी देखने का मज़ा ही अलग आता है.. मगर यार तू सेक्स की बात बता रही है या मूवी की..
काजल- तेरी चूत में बड़ी आग लगी है.. चुप करके सुन ना.. ये सब बातें चुदाई से रिलेटेड ही हैं।
रश्मि- ओह.. ऐसा क्या.. चल आगे बोल.. अब मैं चुप रहूंगी..
काजल- भाई को हॉलीवुड मूवी बहुत पसन्द हैं खास कर जेम्स बॉन्ड की.. तो बस आज भी बॉन्ड की ही फिल्म चालू थी.. कोई मिशन था.. दोनों बड़े आराम से देख रहे थे। तभी एक ऐसा सीन आया कि मेरी आँखें बस स्क्रीन पर जम कर रह गईं। एक आदमी एक बहुत ही मस्त लड़की को किस कर रहा था और उसके चूचे दबा रहा था.. तभी भाई जल्दी से लैपटॉप के पास गया और उस सीन को फ़ॉरवर्ड कर दिया।
रश्मि- ओह.. शिट ऐसी गंदी मूवी थी वो.. और तू भाई के साथ देख रही थी और हाँ.. तू तो बड़ी नादान थी ना.. तो किस करना चूचे दबवाना.. ये सब कैसे पता लगा तुझे?
काजल- ओ सती सावित्री.. तू भी तो बड़ी शरीफ़ बनी घूमती है.. क्या तुझे कुछ नहीं पता.. मैंने बताया था ना.. मैं सेक्स के बारे में ज़्यादा नहीं जानती थी.. मगर ऐसे सीन को देख कर पता ना लगे कि क्या हो रहा है.. मैं इतनी भी नादान नहीं थी।
रश्मि- ओके ओके.. आगे बता.. वैसे तेरा भाई है अच्छा लड़का.. ऐसे सीन को बढ़ा दिया उसने..
काजल- अरे यार वो तो अच्छा है ही.. लेकिन जब उसने सीन को बढ़ाया.. पता नहीं कैसे.. मेरे मुँह से ये निकल गया- अरे भाई आने देते ना.. आगे देखते क्या होता है..
इतना बोलने के बाद मुझे अपनी बात पर पछतावा हुआ कि ये मैंने क्या बोल दिया और मैं जल्दी से बात को पलटने के लिए बोली- मुझे तो नींद आ रही है आप ही देखो.. अपनी मूवी..
भाई को कुछ समझ नहीं आया कि ये अचानक मैंने क्या से क्या कह दिया वो बस दुविधा में मुझे देखता रहा और मैं जल्दी से करवट लेकर सो गई ताकि भाई की नज़रों से बच सकूँ कि मैंने ऐसी बात जो कही थी..
रेशू- तुझे नींद आ रही है तो तू सो जा मैं बाद में सो जाऊँगा ओके..
मैंने ‘हाँ’ कहा और सोने की कोशिश करने लगी और कुछ देर तो मूवी की आवाज़ आती रही.. उसके बाद कब मुझे नींद आ गई.. पता भी नहीं चला..
रश्मि- अरे यार ये क्या.. तू सो गई.. मूवी तो देखी होती और तू यह क्या कहानी सुना रही है.. इसमें सेक्स कब आएगा यार?
काजल- चुप कर तू.. सेक्स सेक्स.. लगा रखी है.. ऐसे नहीं होती चुदाई.. बहुत पापड़ बेलने पड़ते हैं उसके लिए.. अब आगे सुन.. मैं मज़े से सोई हुई थी.. पता नहीं कितना समय हुआ होगा। मुझे प्यास लगी तो मेरी आँख खुल गई। मेरे कानों में अजीब सी आवाज़ आई जैसे कोई कराह रहा हो। मैंने आँखें पूरी तरह खोलीं और मेरी नज़र सीधी लैपटॉप पर गई। जो मैंने देखा तो बस आँखें फट कर बाहर निकलने को हो गईं।
रश्मि- क्यों ऐसा क्या देख लिया तूने.. यार कोई भूत वूत की पिक थी क्या?
काजल- अरे पगली भूत की नहीं.. चूत की पिक थी.. सामने मूवी में एक लड़का नंगा खड़ा था और उसके पास एक लड़की बैठ कर उसके लौड़े को चूस रही थी मज़े से..
रश्मि- ओ माय गॉड तेरा भाई ब्लू-फिल्म देख रहा था और तू पास में सो रही थी..
काजल- हाँ.. यार वो सब देख कर मेरी तो जान निकल गई और मेरा पसीना निकलने लगा। मैंने दोबारा आँख बन्द कर लीं.. मगर फिर लगा जरा देखूँ तो.. क्या आ रहा है। मैंने थोड़ी आँख खोल ली और देखने लगी.. भाई बार-बार मेरी तरफ़ देख रहा था कहीं मैं जाग ना जाऊँ.. मगर उसको क्या पता.. मैं सब आराम से देख रही थी।
कुछ देर बाद भाई ने अपने बरमूडे को नीचे किया और अपना लंबा लौड़ा बाहर निकाल लिया। जिसे देख कर मेरी और ज़्यादा हालत खराब हो गई..
रेशू ने अपने लौड़े पर हाथ फेरना शुरू कर दिया और आहें.. भरने लगा। उस समय पता नहीं मुझे क्या हुआ मेरी चूत गीली होने लगी और जिस्म का तापमान बढ़ने लगा।
मुझसे रहा नहीं गया तो मैं झटके से पलटी और मैंने करवट ले ले ली.. जिससे भाई चौंक गया और मेरी तरफ़ देखने लगा..
रश्मि- यार बुरा मत मानना.. तेरा भाई बड़ा गंदा है.. बहन पास में होते हुए भी ऐसा काम किया उसने..
काजल- अरे चुप.. तुझे क्या पता सब लड़के ब्लू-फिल्म देखते हुए ऐसे ही करते हैं तेरा भाई नहीं देखता क्या?
रश्मि- देखता होगा.. लेकिन मेरे सामने कभी ऐसा नहीं किया समझी..
काजल- अरे अब तू कभी उसके साथ सोती तो देखती ना.. आगे सुन.. मैंने करवट ली तो मेरा मुँह भाई की तरफ़ हो गया था.. यानि उसके लंड से मेरा मुँह कुछ इंच की दूरी पर था। बड़ी अजीब सी बू आ रही थी मुझे..
मेरा भाई बस मुझे देखे जा रहा था और बड़बड़ा रहा था.. रेशू बोल रहा था कि ओह.. काजल तू क्यों आज यहाँ सो गई.. मेरा मज़ा खराब कर दिया तूने.. देख तेरे अचानक पलटने से बेचारा लौड़ा डर कर मुरझा गया।
भाई की बात सुनकर मैं घबरा गई कि कहीं इनको पता तो नहीं लग गया कि मैं जाग रही हूँ।
मैं बस सोच ही रही थी कि सामने सीन बदल गया। एक छोटी लड़की कमरे में बैठी अपनी पैन्टी के ऊपर से चूत को रगड़ रही थी.. तभी एक लड़का कमरे में आया और उसे देख कर लड़की चौंक गई और हाथ हटा लिया.. तब उस लड़के ने कहा- वॉट आर यू डूइंग माय स्वीट सिस्टर..
‘क्या.. वो भाई बहन वाली मूवी थी..?’
‘हाँ यार वो भाई बहन वाली मूवी थी.. मैं तुमको आगे बताती हूँ।’
रश्मि- मुझे मालूम है.. बता तू आराम से बता..
काजल- इसको हिन्दी में बताने में ज़्यादा मज़ा आएगा.. अब तू यूँ समझ ले कि वो ब्लू-फिल्म लाइव चल रही है इससे तुझे और ज्यादा मजा आएगा।
‘ठीक है सुना..’
उस लड़के ने कहा- क्या कर रही थी.. मेरी प्यारी बहना?
लड़की ने कहा- कुछ नहीं भाई.. बस खुजा रही थी..
तो लड़का उसके पास आया और बोला- मेरी प्यारी बहना यहाँ की खुजली हाथ से नहीं मिटेगी.. इसके लिए तुम्हें मेरे लौड़े की जरूरत पड़ेगी।
इतना कह कर वो उसके पास गया और लौड़ा निकाल कर सामने खोल दिया.. वो लड़की मुस्कुराई और लौड़े पर हाथ फेरने लगी.. उसको चूसने लगी..
रश्मि- छी: छी: अपने भाई के साथ ऐसा किया.. ये अंग्रेज भी ना जानवर हो गए हैं कोई शर्म लिहाज नहीं..
काजल- अरे तू क्या बोल रही है विदेशों में तो ये आम बात है.. माँ-बेटा बाप-बेटी और भाई-बहन सब आपस में सेक्स करते हैं।
रश्मि- हाँ.. पता है पता है.. मैंने कभी ऐसी फिल्म देखी नहीं.. मगर पता सब है.. तू आगे बता.. उसके बाद क्या हुआ?
काजल- अरे होना क्या था.. मैंने ऐसा कभी नहीं देखा था.. उस समय मेरे लिए वो बहुत बड़ी बात थी। एक भाई अपनी बहन के साथ ऐसा कैसे कर सकता है..
बस सीन शुरू हो गया वही चूसना-चाटना और मेरा भाई उनको बड़े गौर से देखता हुआ बड़बड़ाने लगा- उफ्फ.. क्या जालिम जवानी है यार.. ये विदेशियों का अच्छा रिवाज है.. घर में ही मज़ा मिल जाता है.. काश..
इतना बोलकर वो चुप हो गया और मेरी तरफ़ देखने लगा।
मैंने जल्दी से आँखें बन्द कर लीं..
अब वो मेरे बालों में हाथ घुमाने लगा और बोलने लगा- काजल तुझ पे मेरी बहुत पहले से नज़र है.. तू दिन पर दिन कयामत बनती जा रही है.. तेरे ये कोमल होंठ चूसने का दिल करता है.. मगर ये रिश्ता मुझे रोक देता है। प्लीज़ आज मौका मिला है.. मुझे माफ़ करना.. आज तो तेरी जवानी का मज़ा लूट कर ही दम लूँगा.. चाहे कुछ भी हो जाए..
उसकी बात सुनकर मेरा जिस्म काँपने लगा कि भाई ये क्या बोल रहा है.. कहीं वो कुछ कर ना दे..?!!
वो धीरे-धीरे मेरे होंठों पर उंगली घुमाने लगा।
रश्मि- ओ माय गॉड.. तेरा भाई ऐसा कैसे कर सकता है.. छी: छी: छी: उसको ज़रा भी शर्म नहीं आई?
काजल- मेरी जान, यह जवानी होती ही ऐसी है.. जब लौड़ा खड़ा होता है.. तो उसको बस चूत ही चूत और चुदाई ही चुदाई दिखाई देती है। वो किसी रिश्ते को नहीं मानता.. समझी.. अब चुपचाप आगे सुन कि उस रात मेरी जिंदगी में क्या क्या बदलाव हुआ।
रश्मि- मुझे नहीं सुनना ऐसी गंदी बात.. जिसमें भाई ही अपनी बहन के साथ इतना गंदा काम कर रहा हो..
काजल- अरे सुन तो ले.. बहुत मजेदार बात है.. तू खुद समझ जाएगी ये सब एक जुनून था बस..
रश्मि ने कुछ सोचा और उसके बाद ‘हाँ’ में सर हिला दिया और काजल दोबारा शुरू हो गई- यार मेरी हालत खराब हो गई.. भाई तो धीरे-धीरे मेरे गले से होते हुए टी-शर्ट के अन्दर हाथ डालने लगा था।
अब मेरी साँसें तेज हो गई थीं.. भाई का हाथ मेरे मम्मों पर आ गया और वो उनको छूने लगा। मुझसे रहा नहीं गया और में झटके से बैठ गई- भाई ये क्या कर रहे हो आप?
रेशू घबरा गया.. जल्दी से उसने अपना लौड़ा अन्दर किया और लैपटॉप को भी बन्द कर दिया।
रेशू- ववव..वो एमेम.. मैं कुछ नहीं.. तू सो जा.. मुझे नींद नहीं आ रही..
काजल- आप झूट बोल रहे हो.. मैंने देखा आप क्या देख रहे थे और मेरे यहाँ हाथ लगा रहे थे..
रेशू- क्या देख रहा था? मैंने कहाँ हाथ लगाया.. वो तो बस में देख रहा था कि तेरी टी-शर्ट ऊपर थी.. मैंने ठीक की बस..
काजल- भाई आप झूट मत बोलो.. मैंने सब देख लिया है। मैं कब से जाग रही हूँ और वो मूवी भी देख रही हूँ.. समझे..!
रेशू- ओह.. तो यह बात है.. तू भी भाई बहन की चुदाई को देख मज़ा ले रही थी और मैं तुझसे ऐसे ही डर रहा था।
काजल- भाई ऐसा कुछ नहीं है.. मैं बस ये देख रही थी कि आप किस हद तक जाते हो.. छी: अपनी बहन के साथ आपने ऐसा करने की सोची कैसे?
रेशू- बस बस.. मुझे और जलील मत करो.. मैं वासना के भंवर में फँस गया था और मैं क्या कोई भी ऐसे मौके पर बहक सकता है।
काजल- नहीं ये झूट है.. मैं तो नहीं बहकी भाई.. मैंने भी सब देखा है!
रेशू- ऐसे नहीं मेरे साथ बैठ और फिर देख क्या होता है?
काजल- ठीक है चालू करो दोबारा से..
|