RE: non veg story झूठी शादी और सच्ची हवस
मेरी दोस्त बोली-“मेरे पास इस वक़्त लंड होता तो मैं दुनियाँ का सबसे खुशकिश्मत लड़का होती, जिन्सी बिल्ली तू अपना जिश्म तो देख ज़रा। ऐसा है कि दुनियाँ की सबसे खूबसूरत लड़की भी देखकर जेलस हो जाये। दूध जैसा गोरा जिश्म, रसमलाई जैसी मीठी चूत पर एक भी बाल नहीं, हम तो दिन भर शेव करते रहें तब भी कहीं ना कहीं बाल रह ही जाते हैं, पुस्सी के गुलाबी होंठ, पुस्सी जूस की मधुर खुश्बू और तेरी मोस्ट सेक्सी सुडोल गान्ड के अंदर ये लाइट पिंक सी ग्लोरी होल। ओह माई गॉड… कसम से लंड होता तो तेरे अंदर ही डिस्चार्ज होकर फौरन दोबारा खड़ा हो जाता। मैं लड़का होती तो तुम्हें उठा कर ले जाती, जंगल में झोपड़ी बनाती और दिन रात सिर्फ़ तुम्हें चोदती…”
ये सब सुनकर मेरी गरमी बढ़ती जा रही थी, चूत काफी पानी छोड़ चुकी थी। लेकिन मूवी में नान स्टाप सेक्स देखकर मेरी इक्षा में कमी नहीं हुई, जब लड़के ने लड़की की चूत में ज़ुबान दी तो मैं फ्रेंड से बोली-“यार निशी के बैग में हेयर ब्रश होगा, वो निकाल ले…”
ये सुनते है सोफा पर बैठी दोस्त बोली-“पागल हो गई है क्या? तेरी और निशी की बॉडी में ज़मीन आसमान का फ़र्क है…” ये कहकर उसने अपने पर्स से लाल कलर का बड़ा मार्कर निकाला और उसे मेरी दोस्त की तरफ फेंकते हुए कहा-“ये ले, इस जिन्नसी बिल्ली को फिनिश करके कपड़े पहना वरना ये लंड लंड करती रहेगी और तू अगले ही रोज अपनी जीन्स बदलने करने पहुँच जायेगी…”
फिर उसने बैग से वैसेलीन की छोटी डब्बी भी निकालकर मेरी फ्रेंड की तरफ फेंकी और बोली-“तू इसकी बॉडी ज़रूरत जानती है, वैसेलीन लगाकर मार्कर पीछे डाल और इसकी गर्मी कम कर…”
सेक्स का नशा मेरे सर चढ़कर बोल रहा था और मैं पॉर्न में होने वाले हर आक्ट को खुद के साथ होता महसूस कर रही थी, आँखें लाल हो गई थीं और लंड की कल्पना करने की वजह से मैं नॉर्मल से ज्यादा ओर्गज्म्स ले रही थी, वरना इससे पहले मेरे लिये इतना ही काफी होता था। मेरी फ्रेंड ने मार्कर पर थोड़ी सी वैसेलीन लगाई, उसके बाद वैसेलीन से मेरी गान्ड के सुराख पर धीरे-धीरे मसाज करने लगी और फिर अहिस्ता से उंगली अंदर डाल दी।
मैं उस दिन हर चीज़ को लंड समझकर महसूस कर रही थी और मेरे मुँह से पॉर्न लड़की जैसी आवाज़ें निकल रही थीं। मुझे अपनी गान्ड के सुराख पर कुछ हार्ड सी चीज़ महसूस हुई। मेरी दोस्त ने दो उंगलियाँ थोड़ी सी मेरी चूत में डालकर उन्हें ऊपर की तरफ हल्का सा पुल किया और मार्कर धीरे-धीरे मेरी गान्ड में घुसाने लगी। नॉर्मल एहसास में शायद मैं इतना मोटा मार्कर ना ले पाती, लेकिन उस दिन मेरी बॉडी बड़ा साइज़ को रेस्पान्स दे रही थी। मेरी नज़र पॉर्न में होने वाली डबल पेनेट्रेशन पर थी और मेरे जिश्म में भी वेसी है फीलिंग्स चल रही थीं। कुछ सेकेंड में ही आधा से ज्यादा मार्कर मेरे अंदर जा चुका था। ज्यादा वैसेलीन की वजह से मेरी दोस्त जैसे ही मार्कर छोड़कर चूत को रगड़ती, मार्कर उछलकर गान्ड की सुराख से बाहर निकल जाता। वो दोबारा डालती तो मुझे इस फन का बहुत मज़ा आ रहा था।
मैं पॉर्न की ज़ुबान में बोली-“वावूओ… वाट आ फक बेबी…”
मेरी दोस्त चूत में उंगली घुमाते हुए बोली-“क्या तुम अब असल में लड़का और लड़की वाला सेक्स करना चाहती हो?
“मैंने कहा-“हाँ… तेरी माँ की कसम, अगर झूठ बोलूं तो सारा इलाका मिलकर तेरी माँ को चोदे…”
मेरी दोस्त तो हँस पड़ी लेकिन सोफा पे बैठी फ्रेंड गुस्से से चीख के बोली-“निदा पागल मत बन, मज़ाक नहीं होता ये सब? ऐसा कुछ तेरे साथ भी हो सकता है। और जिस इलाके में तू रहती है ना, तेरी मोम लगता है ये सब भुगतती रही है। अंजुमन-ए-कुमरबाजन एंड मानशीयात-फरोशान के हेड ओफिस वहीं पर हैं। ऐय्याश मदों का ठिकाना है, कभी अकेली किसी के हत्थे चढ़ गई ना तो सारे मिलकर अपने हाथ और लंड तुम पे साफ कर देंगे…”
ये बात सुनते ही मेरा सेक्स का नशा भक्क से उड़ गया, सुखद आँखों में आँसू तैरने लगे, मैं खुद को समेटते हुए टाँगों में सर देकर खामोशी से बैठ गई। रूम में सन्नाटा छा चुका था। हम दोस्त तो आपस में मज़ाक करते थे, सब एक दूसरे के साथ। लेकिन इस दफा मुझे गाली दी गई थी, बात ने मेरे दिल पे चोट किया था, मैं अपमानित महसूस कर रही थी।
दोस्त ने फौरन टीवी आफ किया, मैंने जल्दी-जल्दी कपड़े पहनना शुरू कर दिया। इस दौरान दूसरी दोस्त ने कोई टेक्स्ट मेसेज भेजा और 15 सेकेंड में ही निशी और तीसरी फ्रेंड दौड़ते हुए नीचे से ऊपर आ गये। निशी ने दरवाजा झटके से खोलते हुये मुझे अपने साथ बिठाते हुए पूछा-“क्या हुआ है यहाँ?”
जिस दोस्त ने ये बात की थी, उसके चेहरे पर हवाइयां उड़ रही थीं।
मैंने अपने आँसू साफ करते हुए कहा-“कुछ नहीं हुआ, आई नीड लिफ्ट। मुझे अपने गंदे इलाके में फौरन वापस जाना है…”
निशी को सिचुयेशन का कुछ पता नहीं था। मैं ये कहकर अपना बैग उठाकर नीचे उतरने लगी तो मेरी दोस्त ने दौड़ते हुए आकर सीढ़ियों पर ही मुझे पीछे से पकड़ लिया और मेरे पैरों में बैठकर रोने लगी। मैं फौरन उसके साथ ही सीढ़ियों पर बैठ गई और उसे बाजुओं के घेरे में ले लिया क्योंकी मैं जब रोती थी तो सोबिया मेरे साथ ऐसा ही करती थी।
मेरी दोस्त रोते हुए बोली-“निदा, आई आम सारी प्लीज़…” मैंने जो कहा बिला वजह के गुस्से में कहा, झूठ कहा। तुम चाहो तो मुझे थप्पड़ मार दो, मेरे मुँह पे थूक दो, लेकिन खफा ना हो, माफ कर दो…”
मैंने उसके गाल पर किस करते हुए कहा-“हम यहाँ जो करते हैं एक चारदीवारी में दोस्तों की आपस की मस्तियाँ होती हैं और फिर इस चारदीवारी के अंदर भी हर किसी की अपनी-अपनी चारदीवारी है। हमने आज तक नीचे के रूम में झाँक के देखने की कोशिश नहीं की, जहाँ निशी और जूबी होती हैं। कमरे में उनके साथ कौन होता है कौन नहीं? ना हमने कभी झाँका, ना कभी उन्होंने हमारे रूम में झाँका। सबकी अपनी-अपनी चारदीवारी है। मैंने सेक्स के नशे में जो कहा था वो बिल्कुल सच कहा था। अपनी असली फीलिंग्स बताई थी। सच बोलना कभी गुनाह नहीं होता। मैं तो गुनाह को ज्यादा जानती ही नहीं क्योंकी अपनी नज़र में आज तक मैंने कभी कोई गुनाह नहीं किया। औरों की नज़र में शायद मैं दुनियाँ की सबसे गुनहगार लड़की हूँ। अपनी-अपनी सोच और देखने का नज़रिया होता है। मेरे अंदर जो इक्षा जनम ले रही है वो सच्ची है और उसका इज़हार भी सच्चा है। तुम्हारी बात ने मेरे कानों में यकीनन जहर घोला है लेकिन उसी जहर ने शीशा बनकर मेरी आँखों के सामने से एक पर्दा हटा दिया है। इस चारदीवारी के अंदर जो है वो तो हम दोस्तों का अपना है और हम हमेशा दोस्त रहेंगी। इसी तरह रहेंगी, मस्तियाँ करेंगी। लेकिन आज तुम्हारी एक बात से मैं इस चारदीवारी से बाहर होने वाले एक जुर्म की दस्तक पहचान गई हूँ। वो जुर्म कब से मेरे दरवाजे पे दस्तक दे रहा था, लेकिन मैं समझ ना पाई। आज समझ गई हूँ इसलिए मुझे फौरन घर जाना है और अपनी बहन से हेल्प माँगनी है। हम सब अलग-अलग लड़कियाँ हैं इसलिए बात करने का अंदाज भी अलग-अलग है। अगले हफ्ते फिर मिलेंगे और इसी तरह मिलेंगे। नो माफी, जस्ट झप्पी एंड पप्पी…” ये कहते हुये मैंने उसके होंठों को अपने होंठों में लेकर किस किया और निचले होंठ को हल्का सा काटा।
|