RE: non veg story झूठी शादी और सच्ची हवस
मैं भी मस्ती में उसकी उंगली चूसकर आआह्ह… अयाया… उफफ्र्फ… की एक्टिंग करती रही। कुछ सेकेंड के बाद मुझे भी उंगली का टेस्ट बदलता महसूस हुआ और मैं अब उसी अंदाज में चूस रही थी, जिस तरह मूवी में एक लड़की लड़के का लंड चूस रही थी। जब वो अपनी ज़ुबान लंड के टाप पर फेर रही थी तो मैंने भी फ्रेंड की उंगली की टिप पर ज़ुबान फेरना शुरू कर दिया।
मूवी में जब लंड लड़की के मुँह में डिस्चार्ज हुआ तो मेरी दोस्त बोली-“मैं भी उंगली लंड तेरे मुँह में डिस्चार्ज कर दूँ, फिकर ना कर अभी बहुत सारे हैं?”
मैं बोली-“कर दे, आज जो करना है कर दे, जितनी हैं सारे ले आ…”
मेरी दोस्त की बड़ी-बड़ी चुचियाँ और टाइट होते निप्पल्स मुझे कमर और उंगली मुँह में अजीब मज़ा दे रहे थे, और मैं उंगली को ऐसे चाट रही थी जैसे मूवी में लड़की वीर्य भरे मुँह से लंड को ऊपर से नीचे तक चाट रही थी। मूवी में डिस्चार्ज वाला सीन खतम हुआ तो दूसरी लड़की को लड़के के लंड पर बैठा दिखाया गया। मेरी बॉडी खुद-बा-खुद रिएक्ट करना शुरू हो गई थी, खड़े-खड़े मैंने टांगें खोल दी और मेरी दोस्त चुचियों पर से हाथ हटाकर पीछे से मेरी चूत पर उंगलियाँ फेरने लगी।
मैं अपने घुटनों पर हाथ रखकर झुक गई और बोली-“उफफ्र्फ… माइ गॉड… ये लंड इस लड़की को कितना मज़ा दे रहा होगा? काश… ये लंड इस वक़्त मेरे अंदर जा रहा होता। क्या आज कोई मुझे चोद सकता है?”
मेरी दोस्त ने काफी हैरत से पूछा-“यही वाला लंड? तू तो कहती थी कि काफी बड़ा होता है, तेरे अंदर नहीं जा सकता…”
मैंने तेज-तेज साँसों के साथ लंड के मज़े की कल्पना करते हुए कहा-“कमीनी, बातें ना चोद, मुझे चोद … अगर उस लड़की में जा सकता है तो मेरे अंदर भी जा सकता है…”
ये सुनते ही साथ सोफा पर बैठी मेरी दोस्त ने ताली बजाते हुए कहा-“वावूओ… निदा की सेक्स फ़िलासफी में ये बहुत बड़ा बदलाव है। वावूओ…”
मैंने उससे कहा-“हरामज़ादी, यहाँ तू मीसनी बनी बैठी रहती है और बाहर पता नहीं कितने लंडों पर नम्बर लगाती होगी?”
जो फ्रेंड मुझे सेक्स का मज़ा दे रही थी वो बोली-“ये सिर्फ़ करेन्सी के सामने नंगी होती है, पैसे के साथ-साथ इसके कपड़े भी नीचे गिरते हैं, फिर नोटों की जितनी गड्डिया इसके पर्स में फेंको, उतने लंड इसके बॉडी में डालो। ओ इन्नु नोट दिखा, अईडा मूड बने…”
सोफा पर बैठी फ्रेंड ने अपनी फाइल हमारी तरफ दे मारी। लेकिन इस दफा भी उसका निशाना चूक गया। मैं सेक्स के शुरूर और लंड को कल्पना करते-करते डोगी पोज़ीशन में चली गई थी और सोफा से कुर्सी खींचकर अपना चेहरा उसपर इस पोज़ीशन में रख दिया था कि टीवी पर भी मेरी नज़र रहे। मूवी में अब एक लड़की लंड चूस रही थी और दूसरी घोड़ी बनी हुई थी। मेरी आँखों में सेक्स का नशा भर चुका था और मैं बेइख्तयार बोले जा रही थी-“उफफ्र्फ… उफफ्फो चोदो मुझे प्लीज़, मुझे लंड से चोदो प्लीज़…” मेरी चूत डोगी पोज़ीशन में पीछे की तरफ झटके मार रही थी।
और मेरी फ्रेंड मेरी चूत के होंठों खोलकर दो पतली सी उंगलियाँ थोड़ा सा मेरी चूत में डाल चुकी थी। मूवी में क्लोजप सीन था जिसमें लड़के का लंड पूरा लड़की की चूत में अंदर बाहर हो रहा था, ये देखकर मैं फ्रेंड से बोली-“काश… इस वक़्त तेरे पास भी लंड होता, मुझे बहुत शौक हो रहा है। इस वक़्त मैं कुछ भी ले लेती…”
मेरी दोस्त बोली-“मेरे पास इस वक़्त लंड होता तो मैं दुनियाँ का सबसे खुशकिश्मत लड़का होती, जिन्सी बिल्ली तू अपना जिश्म तो देख ज़रा। ऐसा है कि दुनियाँ की सबसे खूबसूरत लड़की भी देखकर जेलस हो जाये। दूध जैसा गोरा जिश्म, रसमलाई जैसी मीठी चूत पर एक भी बाल नहीं, हम तो दिन भर शेव करते रहें तब भी कहीं ना कहीं बाल रह ही जाते हैं, पुस्सी के गुलाबी होंठ, पुस्सी जूस की मधुर खुश्बू और तेरी मोस्ट सेक्सी सुडोल गान्ड के अंदर ये लाइट पिंक सी ग्लोरी होल। ओह माई गॉड… कसम से लंड होता तो तेरे अंदर ही डिस्चार्ज होकर फौरन दोबारा खड़ा हो जाता। मैं लड़का होती तो तुम्हें उठा कर ले जाती, जंगल में झोपड़ी बनाती और दिन रात सिर्फ़ तुम्हें चोदती…”
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