non veg story झूठी शादी और सच्ची हवस
02-06-2019, 05:05 PM,
#21
RE: non veg story झूठी शादी और सच्ची हवस
मैं नहीं जानती थी कि बाजी क्या करेंगी और क्या नहीं? लेकिन उस रात के बाद मेरी जिंदगी के उन हादसों ने अहिस्ता-अहिस्ता मेरे तरफ कदम बढ़ना शुरू कर दिया था, जिन्होंने मेरे शब-ओ-रोज का तहस-नहस कर देना था। मैं रात मुतमइन होकर सो गई और दिल में था कि अगर आँख खुली तो चेक करूँगी कि बाजी कहाँ हैं? और भाई रूम के अंदर हैं या बाहर? लेकिन मेरी आँख ही नहीं खुली। सुबह अज़ान के बाद उठी तो बाजी अपने बेड पर सोई हुई नज़र आईं। 

उस रोज कॉलेज में घर महसूस विूहात की बिना पर गुम-सुम सी रही। फ्रेंड ने एक दफा वजह पूछी, लेकिन मैं खुद वजह नहीं जानती थी। शायद आने वाले वक़्त का आगाज़ हो रहा था मुझे, जैसे किसी होने वाले हादसे का पेशगी खौफ। आज पहला दिन था जब कॉलेज से वापसी पर मेरा ध्यान अपने आपके बजाय आस-पास के माहौल पर था। 

आज मैं देख रही थी कि मेरे रास्ते में कुछ मनचलों के साथ-साथ खौफनक चेहरे भी मौजूद हैं, जैसे क्रिमिनल टाइप। मुझे जम के छेड़ा जाता था, आवाज़ें कसी जाती थीं, गंदी-गंदी बातें, पहले मैं उन पर ध्यान नहीं देती थी। 

लेकिन उस रोज वो मुझे बुरी तरह चुभ रही थीं, मैं अपमानित महसूस करने लगी थी और मुझे खुद पर गुस्सा आने लगा कि कैसे ये इलाके के गुं डे रोज नज़रों ही नज़रों और अल्फ़ाज़ के लबादे में मेरे कपड़े उतारते थे और मैं खामोशी से गुजर जाती थी। 

मेरे गुस्से की वजह शायद ये भी थी कि अब वो आवाज़ें मुझे बहुत करीब से आने लगी थीं, जैसे उन लड़कों की हिम्मत बढ़ गई थी। मेरा दिल कह रहा था कि अगर मैंने इन लड़कों को बहुत इग्नोर किया तो कुछ ही दिनों में वो मुझ पर हाथ डाल देंगे। मेरे घर के रास्ते में काफी एरिया ऐसा था जहाँ बहुत कम दुकानें थीं या लोगों का आना-जाना इतना नहीं था। 4 लड़कों का एक ग्रुप मैंने ऐसा नोटीस किया जो ना सिर्फ़ मोटर साइकल्स पर मेरे साथ-साथ चलता, बल्की वो मेरी चुचियाँ, गान्ड, टाँगों और जिश्म के एक-एक उभार और कर्व पर खुली ज़ुबान में तारीफ भी करता। 

एक लड़के ने यहाँ तक कहा कि-“ आजा मेरी टंकी पे टांगें खोलकर बैठ जा, तेरे घर पहुँचने तक 5 मर्तवा छूट जाऊँगा, इतनी गरम है तेरी फुद्दी ओ मेरी गुड़िया…” 

मैं तेज-तेज कदम बढ़ती अपनी गली के महफूज मुकाम तक पहुँची और फिर मैंने जूते उतारकर घर की तरफ दौड़ लगा दी। मैं जानती थी कि बाजी तो घर पर होंगी नहीं और छोटे भाई को बताने का कोई फायदा नहीं क्योंकी वो खुद अभी बच्चा था। मेरे अंदर का खौफ चीख-चीख के किसी तूफान के आने की गवाही दे रहा था, लेकिन मैं उस दस्तक को समझ ना पाई। 

घर पहुँचने के कुछ देर बाद मेरा गुस्सा ठंडा होना शुरू हुआ और वोही कारण मेरे जेहन में आई कि लोफर लफंगों का काम ही यही होता है, ये लड़के तो आवाज़ें कस रहे थे, लेकिन मसरूफ जगहों में तो कोई-कोई आदमी मुझे उंगली करके चलते बनते थे, कोई कभी उनका कुछ नहीं बिगाड़ सका। अगर किसी मर्द के हत्थे चढ़ जाते तो उनकी पिटाई लग जाती, लेकिन दूसरे दिन वोही लोग दोबारा अपने काम पर लग जाते। रोज इन्हीं रास्तों से गुजरना है, अगर कोई फसाद कर दिया तो जिंदगी अजीर्ण हो जायेगी। मैं उस वक़्त लोफरी और जुर्म में फ़र्क नहीं कर पा रही थी। 

बाजी और अली भाई के रीलेशन, मेरे अंदर बढ़ती सेक्स इक्षा और कॉलेज से घर तक के रास्ते में पेश आती घटनाओं की वजह से मैं कुछ जहनी दबाओ में आ चुकी थी। कबाब में हड्डी बनने के रंज की वजह से बाजी के रूम में मेरा सुकून कम होता जा रहा था और अहिस्ता-अहिस्ता उसका असर मेरी नींद पे पड़ना शुरू हो गया। यही वजह थी कि उस दिन जब बाजी देर रात ओफिस से लौटीं तो मैं जाग रही थी। बाजी अक्सर खाना बाहर ही खाकर आती और रूम में आते ही चेंज करके कंप्यूटर पे अपना काम करने लगतीं। उस रोज मुझे जागता देखकर बाजी ने मेरे चेहरे पर परेशानी पढ़ ली थी। 

इसीलिये वो सीधा मेरे बेड पर आकर बैठ गईं और पूछा-“क्या बात है गुड़िया?” 

मैंने बाजी से कहा कि लाइट आफ करके मेरे पास आओ। बाजी ने फौरन लाइट आफ की, मेरे साथ कंबल में घुस गईं और सिरहाने से तकिया लगाकर मेरा सर अपने सीने पे रख दिया और पूछा-“अब बोलो…” 


मैंने कहा-“पहला सवाल… क्या मैं पूरी तरह जवान हो चुकी हूँ? मेरा मतलब है सेक्स के लिये तैयार?” मैं इस सवाल पर बाजी के एक्सप्रेशन्स तो नोट नहीं कर पाई लेकिन बाजी की कुछ देर खामोशी ने उलझन बढ़ा दी। 

फिर वो बोलीं-“हाँ, लेकिन अभी कच्ची हो, थोड़ी बच्ची हो…” 

मैंने इस ना समझ आने वाले जवाब पर अपना सवाल खतम करके दूसरा सवाल पूछा-“ये बताओ कि क्या आप और अली भाई रातों को सेक्स करते थे, और रोज करना चाहते हो?” मैंने इन सवालों में छुपे अपने खौफ को कम करने के लिये लाइट आफ करवाई थी और बाजी को अपने अंदर दबोच लिया था ताकी वो हर सवाल का पूरा जवाब दें। 

बाजी बोली-“हाँ… काफी टाइम से…” 

मैंने पूछा-“अब आप सेक्स नहीं कर पातीं तो क्या आप भी मेरी तरह बेचैनी महसूस करती हो?” ये बात कहते ही मुझे एहसास हो चुका था कि सवाल ग़लत हो गया। 

इसीलिये बाजी ने अचानक ऊपर उठकर मेरे चेहरे को जोर से पकड़ा और अंधेरे में फेस एक्सप्रेशन्स देखने की कोशिश करते हुए गुस्से से पूछा-“क्या तुम सेक्स कर चुकी हो, बताओ, फौरन?” 
Reply


Messages In This Thread
RE: non veg story झूठी शादी और सच्ची हवस - by sexstories - 02-06-2019, 05:05 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,466,602 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 540,577 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,218,251 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 921,142 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,633,500 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,064,581 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,923,383 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,965,660 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,996,552 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 281,610 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 3 Guest(s)