RE: non veg story झूठी शादी और सच्ची हवस
बाजी मेरा चेहरा पढ़ने की कोशिश करते हुए बोली-“हाँ, सोती हैं, इसमें कोई बुराई नहीं…”
मैंने पूछा-आप भी सोती हैं?
बाजी बोलीं-“सोती हूँ कभी कभार, जब अकेले रूम में होती हूँ लेकिन अब तो तुम होती हो साथ…”
मैंने कंबल हटाकर बाजी को बताया-“देखो मैंने तो अपने वाला नाइट ड्रेस पहना हुआ है…”
बाजी ये सुनकर मेरे करीब आईं और मेरे बालों में हल्की सी उंगलियाँ फेरकर बोलीं-“सो जाओ बेटा…”
मैं सोने की कोशिश में लग गई लेकिन दिमाग में सेक्स के दृश्य चल रहे थे। कुछ देर बाद जब बाजी ने लाइट आफ की तो मैंने कंबल के अंदर ही खामोशी से अपनी नाइट ड्रेस उतार दिया और नंगी सो गई। रात के तकरीबन दो बजे सूसू की वजह से मेरी आँख खुली और मैं अंधेरे में ही कपड़े पहनकर वाशरूम की तरफ चली गई। वापसी पर मुझे लगा जैसे बाजी का बेड खाली है।
मैंने नींद के खुमार में बाजी का बेड टटोला, बाहर जाकर भी देखा, लेकिन बाजी का कोई नाम-ओ-निशान नहीं था। मैं वापिस जाकर अपने बेड पर लेट गई। लेकिन कुछ देर बाद गौर करने पर मुझे कुछ सरगोशियाँ सुनाई दीं। ये सरगोशियाँ बॅकयार्ड की तरफ से आ रही थीं। मैं खामोशी से उठी और बाजी के रूम से बॅकयार्ड की तरफ खुलने वाले दरवाजे पर कान लगाकर कुछ सुनने की कोशिश की, लेकिन नाकाम रही। मेरी हमेशा से किश्मत खराब रही है, जब भी मैं किसी की आहट लेने की कोशिश करती हूँ, मुझे सुनाई देना बंद हो जाता है।
मुझे रात को बॅकयार्ड में जाने से हमेशा डर लगता था। मेरे जेहन में ये होता था कि हमेशा वहाँ कोई मेरे इंतजार में बैठा होगा और मेरा गला दबा देगा। लेकिन इस मर्तवा बाजी की आवाज़ से मेरी हिम्मत बँधी और मैंने रूम का दरवाजा खोल दिया। बाहर मुझे दो साए नज़र आए। एक बाजी का था और वो सर्दी की वजह से अपनी शाल लपेटे मेरी तरफ देख रही थीं, जब बाजी मेरी तरफ बढ़ीं तो उनके पीछे खड़े शख्स को देखकर मेरे होश उड़ गये और मैं अंधेरे में एक झटके के साथ पीछे की तरफ गिर गई।
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