RE: non veg story झूठी शादी और सच्ची हवस
मैं कॉलेज से घर जाते हुए भी सारे रास्ते में इसी गुत्थी को सुलझाने की कोशिश कर रही थी। घर पहुँची तो दरवाजे पर ताला लगा हुआ था। मैं अपनी चाबी से दरवाजा खोलकर अंदर चली गई और बाजी के रूम में जाकर कपड़े उतारकर नंगी ही उनके बेड के अहसास को एंजाय करने लगी। मैंने कुछ इंग्लिश फिल्मों में देखा था कि लड़कियाँ रात को नंगी सोती हैं। इसलिए उस वक़्त मेरा भी मन कर रहा था, इसलिए मैंने हीटर फुल स्पीड पे लगाकर बाजी के बेड पे नंगी ही इधर-उधर करवटें लेती रही।
फिर सोचा कि शावर ले लेती हूँ। मैं बड़ा सा तौलिया फिल्मों की हीरोइन की तरह अपने गिर्द लपेटकर वाशरूम में घुस गई। सोचा था जिश्म पर पानी डालने से बेचैनी कुछ कम होगी, क्योंकी कॉलेज में दोस्तों ने उंगलियों और किसिंग से मेरे जिश्म को छेड़ दिया था। जिसकी वजह से मुझे ओर्गज्म का शौक हो रहा था। इससे पहले मैं कुछ मर्तवा खुद ही अपनी चूत को रगड़कर ट्राई कर चुकी थी। लेकिन मुझे कभी वो मज़ा ना आया जो दोस्तों के साथ आता था।
मैंने जिश्म पर बहुत सारा शावर जेल लगाकर अपनी चूत पर उंगलियाँ फेरते हुए मज़ा लेने की कोशिश की। फिर सोचा कि अगर गान्ड में उंगली भी दे दूँ तो शायद ज्यादा मज़ा आए?
मैंने एक हाथ पीछे लेजाकर अपनी गान्ड में उंगली अंदर की और दूसरे हाथ से चूत को रगड़ने लगी, लेकिन फिर भी मुझे कुछ तसल्ली नहीं हो रही थी। अचानक मेरे जेहन में खयाल आया, और मैंने पुरानी टूथ-ब्रश को खूब धोया और उसका पिछला हिस्सा अपनी गान्ड में आधा घुसा दिया और ब्रश वाली साइड वाशरूम की दीवार से टिकाकर मैं इस अंदाज में टांगें खोलकर और झुकके चूत को रगड़ने लगी, जैसे पीछे से कोई मुझे चोद रहा हो, और चूत में उंगलियाँ दे रहा हो। मैं अपनी गान्ड को दीवार के साथ जोर से मलती रही जिससे टूथ-ब्रश काफी सारा मेरे अंदर चला गया। अब अहिस्ता-अहिस्ता ये कल्पना मेरे जेहन में आने लगी फिर जैसे किसी लड़के का लंड मेरे अंदर जा रहा है और मुझे बहुत मज़ा आ रहा है।
मेरा बहुत दिल था कि चूत के अंदर उंगली दूँ, लेकिन डर था कि कहीं कुछ नुकसान ना हो जाये और फिर मैं डॉक्टर को बता भी ना सकूँ कि मैंने ऐसा क्या किया है? मैं अभी वाशरूम में अपनी उंगलियों के मज़े ले रही थी कि किसी ने जोर-जोर से घर का दरवाजा खटखटाना शुरू कर दिया। मैंने फौरन गान्ड में से टूथ-ब्रश निकालकर उसे सिंक में डाला और पानी खोल दिया।
फिर वाशरूम का दरवाजा खोलकर आवाज़ लगाई-“कौन है?”
मेरे छोटे भाई ने जवाब दिया-“मैं हूँ, दरवाजा खोलो…”
मैंने उसे दो मिनट रुकने को कहा और जिश्म पर पानी डालकर तौलिया लपेटकर दरवाजे पर गई, भाई से कहा-“मैं दरवाजा खोलती हूँ और तुम 10 सेकेंड के बाद अंदर आना…” और मैं दरवाजा खोलकर वाशरूम की तरफ भाग गई और फौरन शावर लेकर चुपके से बाजी के रूम में घुसकर जल्दी से कपड़े पहन लिये।
बाजी दिन में किसी भी वक़्त ओफिस चली जाती थीं और रात को अक्सर लेट आती, जब मैं सो रही होती, लेकिन उस दिन सेक्सी पैंटी और ब्रा के खयालात और फुल ओर्गज्म ना होने की वजह से मैं जाग रही थी और सुबह कॉलेज से भी छुट्टी थी। घर में रात को सब 10:00 बजेतक सो जाते थे, सर्दियों की रातें थीं। लेकिन बाजी किस वक़्त घर आती थीं, ये किसी को पता नहीं चलता था।
उस रोज रात को बाजी के रूम में मेरा मन था कि मेरे पास कोई पॉर्न डीवीडी होती और मैं बड़े टीवी पर लगाकर देखती। मेरा सेक्स देखने को दिल कर रहा था और पॉर्न में जो कुछ होता था वो सब मेरे जेहन में आ रहा था।
तकरीबन 11:00 बजे बाजी घर आईं तो मुझे बैठे हुए देखकर हैरान रह गईं और पूछा-“किसी खुशी में जाग रही हो या परेशानी में?”
मैंने उनकी बात का जवाब दिए बगैर कहा-“बाजी, मैंने फिल्मों में देखा है कि लड़कियाँ रात को नंगी सोती हैं…”
बाजी मेरे इस सवाल पर परेशान हो गईं और पूछा-“कौन सी फिल्मों में और कहाँ देखा?”
मैंने कहा-“केबल पर जो आती हैं उन्हीं में देखा…”
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