RE: non veg story झूठी शादी और सच्ची हवस
रात में बाजी ओफिस से देर से आतीं और मेरी जल्दी सोने की आदत नहीं जाती थी। एक दिन हिम्मत करके मैंने कॉलेज के हाफ टाइम में बाजी को फोन किया और उन्हें कहा कि मैं कॉलेज से जल्दी निकल आई और आपके ओफिस के एरिया में हूँ इसलिए क्या मैं आपके ओफिस आ जाऊँ?
बाजी ने मुझे बुला लिया।
मैं काफी डर-डर के उनके ओफिस में घुसी, क्योंकी मुझे ओफिसर से हमेशा बहुत डर सा लगता था जैसे कि मैंने ड्रामों में देखा था कि उनके आते ही पूरा स्टाफ अलर्ट हो जाता है और वो हर किसी को डाँटते रहते हैं। मैं इसी तरह के कई डर अपने अंदर लिये बाजी के ओफिस में घुसी तो मुझे कोई नज़र ना आया। अंदर एक ग्लास-रूम में मुझे बाजी कंप्यूटर से कुछ प्रिंट लेते हुए नज़र आईं। मैं उनके केबिन में घुस गई और इधर-उधर किसी ओफिसर जैसी शख्सियत को तलाश करने लगी।
बाजी बिल्कुल ईज़ी थीं, कुछ देर बाद एक आदमी दूसरे केबिन में बैठकर फोन पे बातें करने लग। बाजी ने मेरे लिये कोल्ड-ड्रिंक और बर्गर मँगवाया तो मैंने खोफ्र्फ से निकलने की कोशिश में तेज़ी से बाजी से कहा कि मुझे कुछ चीज़ें चाहिए।
बाजी सारा काम छोड़कर चेयर खींचकर मेरे करीब बैठ गईं और प्यार से पूछा-“क्या चाहिए?”
मैंने कहा-“आप ब्रा और पैंटीस कहाँ से लेती हैं? और आपकी अलमारी में वो पीछे से पतली सी लाइन वाली जो पहनते है वो कहाँ मिलती है? और क्या वो किसी स्पेशल काम के लिये होती है? वो तो मुझे बाजार में नज़र नहीं आती…”
बाजी हँस पड़ी और बोली-निदा तुम्हें वो वाली चाहिए?
मैंने कहा-“हाँ…”
बाजी ने पूछा-और क्या-क्या चाहिए?
जिस पर मैंने कहा-“मुझे उनके नाम नहीं आते लेकिन रात को आपकी अलमारी में से बता दूँगी आपको। लेकिन आप जल्दी घर आयें मेरे सोने से पहले…”
बाजी मुश्कुरा दीं, उन्होंने अपना बैग उठाया और मुझसे कहा-“चलो, अभी घर चलते हैं, में आज की जॉब फिनिश कर देती हूँ…”
हम फौरन वहाँ से निकले तो ओफिस के गेट पर एक आदमी घुसता हुआ नज़र आया। बाजी ने उसे कोई ज्यादा लिफ्ट नहीं कराई और कहा कि वो जा रही हैं, इसलिए वो मेटीअसली की लिस्ट खुद ही उनके ऊपर वाली दराज से ले लें।
उस आदमी ने मुझसे हेलो हाई किया, लेकिन मैंने भी ज्यादा लिफ्ट नहीं कराई। जब हम ओफिस से निकले तो बाजी ने कहा-“ये जो आदमी अभी अंदर गया है, ये कंपनी का मालिक है…”
ये सुनकर मेरे तो जैसे तोते उड़ गये कि कुछ देर पहले मैं इतने बड़े ओफिसर से मिलकर आई और मुझे पता तक ना चला, कितना बुरा प्रभाव पड़ा होगा मेरा? मुझे बाजी के कोन्फीडन्स पर हैरत हुई कि वो तो किसी ओफिसर को भी जूते की नोक पे नहीं रहती थीं और बगैर किसी से पर्मीशन लिये घर को चल पड़ीं।
मैं काफी उत्तेजित थी। घर में घुसते ही मैं बाजी को सीधा उनके रूम में ले गई और उनकी वो पैंटी, ब्रा और लिंगरीस, जो मुझे पसंद थीं निकालकर बेड पे फैला दी और कहा-“मुझे ऐसी वाली चाहिए…”
बाजी ने कहा- “तुम अपनी पैंटी और ब्रा मुझे ला दो, ताकी मैं साइज़ नोट कर लूँ…”
मैंने बाजी से कहा-“मैं आपको आपकी वाली पहनकर दिखाती हूँ, इनमें से जो मुझ पे अच्छी लगे वो वाली बहुत सारी ले आना…” मैंने झट से कमीज़ और शलवार उतार दी और ब्रा भी उतारकर बाजी के सामने बिल्कुल नंगी खड़ी हो गई और ये सोच रही थी कि अब बाजी भी खुलकर मेरे जिश्म की तारीफ करेंगी।
जब बाजी अपना बैग खोलने में लग गईं और मेरे जिश्म को कोई तारीफ नहीं करी तो मैं बोली-“बाजी, मैं कैसी लग रही हूँ?”
मेरी ये बात सुनकर बाजी के चेहरे पर कुछ अजीब सा रंग आया और चला गया। बाजी खुद को संभालकर बोली-“बहुत प्यारी हो, सुपर मॉडल बॉडी है तुम्हारी…”
मैं जब बाजी की पैंटीस ट्राई करने लगीं तो बाजी ने अचानक पूछा-“निदा, तुम्हारा शादी करने को तो दिल नहीं चाह रहा?”
मैं इस सवाल का मतलब ना समझ सकी और बोली-“नहीं तो…”
बाजी के रूम का दरवाजा खुला हुआ था और मैं नंग-धड़ंग रूम में घूम रही थी, क्योंकी अब मुझे नंगा रहने या घूमने में शरम नहीं आती थी। मैं बाजी की उलझन को समझ ना सकी।
बाजी ने फौरन जाकर अपने रूम का दरवाजे लाक किया और मेरे साथ आकर बेड पे बैठ गई। वो मुझसे अंडरगारमेंट्स का पूछने लगीं, लेकिन उनकी नज़र मेरी चुचियों, गर्दन, और टाँगों पर थी। मैं खुश हुई कि सिर्फ़ दोस्तों को ही नहीं, बल्की मेरी बॉडी बाजी को भी आकर्षित कर रही है। जिसका मतलब है कि मुझमें कोई ऐसी बात है। मैं नहीं समझ पाई कि बाजी तरीके-तरीके से मेरे जिश्म का जायज़ा ले रही हैं क्योंकी कहीं कोई लव बाइटस तो नहीं हैं।
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