RE: non veg story झूठी शादी और सच्ची हवस
थोड़ी देर बाद जब निदा की सांसें उखड़ने लगीं तो उसने फ्रेंड को फौरन खुद से अलग कर लिया और अपनी टांगें जोर से आपस में बंद करके बैठ गई। पॉर्न मूवी पर जब नज़र पड़ी तो उस वक़्त एक लड़की के साथ दो लड़के सेक्स कर रहे थे। एक लड़के का लंड उस लड़की की चूत में था लेकिन जब दूसरा लड़का लड़की की पिछली साइड पर गया तो मैं अलर्ट हो गई कि ये क्या होने वाला है, और जब लड़के ने अपना लंड लड़की की गान्ड की सुराख में अंदर करने की कोशिश की तो निदा की आँखें हैरत से फट गईं। उसने सोचा था कि लड़की अभी चीखने लगेगी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। बल्की लड़की के चेहरे पर तो खुशी बहुत बढ़ गई।
निशा मूवी में कुछ ज्यादा हो खोई हुई थी और इसी कैफियत में वो अपने रूम में गई और हाथबैग उठाकर लाई जिसमें से उसने हेयर ब्रश निकाला और उसके हॅंडल पर पहले से सर्कल में कटे हुए प्लास्टिक की डाटेड पॅकिंग शीट चढ़ाकर और उसपर कॉन्डम चढ़ाकर सोफे पर बैठे-बैठे ब्रश का हॅंडल अपनी चूत में अंदर कर दिया। अभी हॅंडल अंदर गये हुए 30-35 सेकेंड ही हुए होंगे कि वो एक झटके से कालीन पर आ गई और अपनी टांगें मोड़ते हुए साइड पर लेटकर जोर-जोर से हिलने लगी, ब्रश उसकी चूत से बाहर आ चुका था। वो कुछ देर इसी तरह पड़ी रही और फिर उठकर फौरन वाशरूम की तरफ भाग गई।
निदा ने खामोशी से कपड़े पहन लिये और उसको देखते हुए उसकी बाकी दोस्तों ने भी अपने ड्रेसेस चढ़ा लिये। निशा वाशरूम से खामोशी के साथ अपने रूम में गई और दूसरा ड्रेस पहनकर वापिस आ गई। निदा के दोस्तों ने कोल्ड-ड्रिंक और पानी जमकर पिया ताकी जो थोड़ा बहुत नशे का असर है वो उतर जाये। कुछ देर माहौल में खामोशी रही। लेकिन फिर दोबारा से दोस्तों का आपस का चंचलपन लौट आया और वो ऐसे घुलमिलकर बातें करने लगीं जैसे कुछ हुआ ही नहीं था आज वहाँ।
निदा के जिश्म में कुछ अजीब से एहसास चल रहे थे लेकिन वो दिल ही दिल में खुश थी कि वो भी ऊँची सोसाइटी में बैठ रही है और अमीर लड़कियों के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने के काबिल हो रही है। 5:00 बजे तक वहीं रहने के बाद निदा को सोबिया का फोन आया और वो टैक्सी में घर की तरफ चल पड़ी।
निदा ने आज मन की एक नई दुनियाँ दररयाफ़्त की थी। उसके खयाल में यही असल जिंदगी का मज़ा था जो उसने आज पॉर्न में देखा और दोस्तों के साथ मस्ती ही मस्ती में डिसकवर किया था। घर में कदम रखते ही वो थोड़ी ठिठक सी गई, क्योंकी उसकी बहन सोबिया 3 आदमियों के साथ घर के सहन में खड़ी थी और उन्हें बता रही थी कि घर में कौन-कौन सी जगह मरम्मत करनी है।
निदा को लगा कि बाजी तो घर का पूरा रंग रूप ही बदलने वाली हैं। अम्मी खामोशी से किचन में खड़ी ये सब सुनती रही और निदा इस ताक में थी कि कब मोका मिले और वो बाजी से अपने रूम के बारे में भी बात करे।
हादसे कभी बता कर नहीं हुआ करते। निदा दिन भर कॉलेज में दोस्तों के साथ मौज-मस्ती में रहती और दूसरी तरफ सोबिया घर का पूरा नक़्शा बदल रही थी। घर की दीवारों के तमाम उखड़े हुए प्लास्टर नये हो चुके थे, पेंट ने चूने की जगह ले ली थी, कमरों के नये दरवाजे, बॅकयार्ड में दोनों तरफ से खुलने वाला नया दरवाजा और फर्श पर टाइल्स, बाजी के रूम का डबलबेड ऊपर के रूम में जा चुका था और बाजी के रूम में सारा नया फनीचर आ चुका था।
अब बाजी के रूम में एक लग्ज़ीरियस डबलबेड और कोने में एक सिंगल बेड लग चुका था। उनकी अलमारी में दराज का साइज़ काफी बड़ा था और ताले भी मजबूत वाले थे, इतने मजबूत कि अब उनको डबल ताले की ज़रूरत ही नहीं थी। गेस्टरूम का भी नक़्शा बदल चुका था और कुर्सियों की जगह सोफों ने ले ली थी। सोबिया ने अपनी ढेर सारी इश्तेमाल शुदा चीज़ें निदा को दे दीं, जिनमें नकली ज्वेलरी, हाथबेग्जस और मेकप का सामान था, एक कलाई घड़ी भी थी।
सोबिया के कमरे में सब कुछ बिल्कुल नया आ चुका था। निदा की फरमाइश पर उसके कमरे में कालीन डलवा दिया गया, लेकिन सोबिया के रूम से संबंधित निदा की जिज्ञासा अहिस्ता-अहिस्ता बढ़ती जा रही थी। वो सेक्स की दुनियाँ में अपनी हद तक तो आशना हो चुकी थी। लेकिन सेक्स हकीकत में क्या रंग दिखाता है, इस बात की अभी उसके फरिश्तों को भी खबर नहीं थी।
केबल के साथ-साथ सोबिया के रूम में कंप्यूटर भी आ चुका था और निदा के रूम में म्यूजिक सिस्टम ने उसकी डांस की ख्वाहिश को पूरा कर दिया था। गरीबी से अमीरी के निचले से दर्जे में कदम रखने में उनको ज्यादा टाइम नहीं लगा था। अब घर में पैसे की कोई कमी नहीं थी।
निदा अक्सर कहती थी कि चूंकी उन्होंने कभी किसी का दिल नहीं दुखाया, इसीलिये ऊपर वाला अचानक उन पर मेहरबान हो गया। निदा को यकीन था कि उसी की कोई अच्छाई काम आई होगी, लेकिन अच्छाई के इस गुमान ने बहुत जल्दी उसे अपना असली रूप दिखा दिया और वो दिन आ गया जब निदा को कुछ दिन के लिये सोबिया के रूम में उसके साथ रहना पड़ा और उन चंद रातों ने उसकी जिंदगी को अंधेरों और अज़ाब में ढकेल दिया।
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