RE: non veg story झूठी शादी और सच्ची हवस
***** *****अध्याय 01- सेक्स का पहला नशा
निदा 16 साल की उमर में ही भरपूर शबाब का पैमाना बनकर अपने जिश्मानी हुश्न, खूबसूरत आँखों, लंबे क़द और सीधे बालों की वजह से देखने वाले हर लड़के को बिस्तर का माल ही नज़र आती थी। लेकिन जिंदगी की कुछ हकीकतें अक्सर देखने वालों की नज़रों से ओझल ही रहती हैं। ये कहानी निदा की जिंदगी के उन पहलुओं को उजागर करेगी जो उसके बहुत करीबी लोगों से भी हमेशा छुपे रहे।
16 साल से लेकर आज 23 साल की उम्र तक पहुँचते-पहुँचते निदा ने जिंदगी में सेक्स, हवस, दरिंदगी और नाजायज़ रिश्तों समेत मर्द के बिस्तर की ज़ीनत बनने का हर वो मज़ा चख लिया है। जिसकी इंसान आसानी से कल्पना भी नहीं कर सकता।
निदा के पिता एक अदालत में स्टाम्प-नवीस थे। माँ बिल्कुल अनपढ़ थीं। 3 बहन भाई थे। उसकी बड़ी बहन सोबिया उमर में 3 साल बड़ी थी निदा से और भाई रेहान दो साल छोटा था। पाकिस्तान के खराब होते हालात की वजह से घर में उतना पैसा नहीं आ पाता था, जितनी ज़रूरत थी। निदा ने अभी मेट्रिक ही किया था कि घर में पैसों की ज्यादा तंगी हो गई, जिसकी वजह से उसकी बड़ी बहन सोबिया ने जॉब शुरू कर दी।
निदा के एस॰एस॰सी॰ में मार्क्स काफी अच्छे थे इसलिए सोबिया ने उसका एडमिशन शहर के अच्छे कॉलेज में करवा दिया और उसकी फीस देने का भी वादा कर लिया। छोटा भाई अभी गवर्नमेंट स्कूल में ही था कि इस स्टेज पर उसका स्कूल चेंज नहीं किया जा सकता था।
निदा के छोटे से घर में 4 कमरे थे, नीचे सामने एक कमरा गेस्टरूम के तौर पर इश्तेमाल होता था, पीछे एक बड़ा रूम सोबिया के पास था, जबकि ऊपर की मंजिल पर एक कमरे में निदा के माता-पिता और एक में निदा और उसका छोटा भाई होते थे। गली के कोने में घर होने की वजह से सोबिया के रूम के साथ एक छोटा सा बॅकयार्ड भी था। सोबिया के रूम का एक दरवाजा अंदर को और एक बॅकयार्ड को खुलता था, जबकि मकान के सामने से भी एक रास्ता बॅकयार्ड को जाता था।
निदा ने बहुत कोशिश की कि वो अपनी बहन के साथ रूम शेयर करे लेकिन बहन ने कभी उसे अपने रूम में घुसने नहीं दिया। जॉब के तीसरे महीने में ही सोबिया के पास अच्छा खासा पैसा आने लगा और उसने गैर महसूस तरीके से घर के खचों में अम्मी की काफी हेल्प शुरू कर दी और निदा को भी खामोशी से अच्छा खासा जेब खर्च देने लगी।
सोबिया इलाके की मोस्ट डिज़ायर्ड लड़की थी। लेकिन जवानी में कदम रखते ही निदा ने जो कद-काठी और रंग रूप निकाला था, उसने खानदान और इलाके के कई लड़कों की रातों की नींद हराम कर दी थी। जॉब ने बहुत जल्दी सोबिया की लाइफ बदल दी, घर में एक टीवी पहले से था, लेकिन सोबिया अपने रूम के लिये भी एक बड़ा टीवी लेकर आई, जिसके कलर काफी अच्छे थे। वो रेडीमेड ड्रेसेस इश्तेमाल करने लगी और अक्सर जब वो दिन के वक़्त जॉब पर होती तो निदा उसके रूम में जाकर उसकी अलमारी से चीज़ें निकाल-निकालकर पहनती रहती।
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