RE: Chodan Kahani हवस का नंगा नाच
सॅम मोम की बात सुन कुछ चौंक सा जाता है.." क्या.?.क्या....?क्या... कहा आप ने मोम .....?"
" अरे बाबा ऐसा क्या बॉम्ब फोड़ दिया मैने जो तू इतना चौंक गया है..? सीधी सी बात है हर औरत की तरेह मैं भी शादी करना चाहती हूँ..मैं इस दुनिया की कोई पहली औरत तो नही ...जो शादी करना चाहती है...??"साना ने अपने होंठों पर मुस्कुराहाट लाते हुए कहा..पर सॅम अपनी बौखलाहट में मोम के मुस्कुराते हुए चेहरे को नज़र-अंदाज़ कर देता है ..
यह सुनते ही सम का मुँह उतर जाता है....वो चूप चाप मोम की ओर मुँह लटकाए देखता है...
साना उसकी तरेफ देखती है " अरे बेटा इसमें मुँह लटकाने की क्या बात है ..क्या तुझे मेरी शादी से कोई परेशानी है...?" साना का चेहरा अभी भी हल्की सी मुस्कुराहट लिए था ...जिसे सॅम नही समझ पाता है अपनी हैरानी के कारण ..
" हां सही कहा आप ने मोम , आप पहली और आखरी औरत नही हो इस दुनिया की जो अपने प्यार को बेरहेमी से ठोकर मारते हुए किसी और से शादी करना चाहती हो ..हां मोम ...बहोत अच्छी बात है..देखिए ना मैं कितना खुश हूँ ..कितना खुश ...." और सॅम ठहाका लगाने की नाकाम कोशिश करता है .. उसकी आवाज़ , उसे धोका दे जाती है , ठहाके की जगेह उसका गला भर उठा , गला रुंध जाता है , सीसक उठता है सॅम ...
अब चौंकने की बारी साना की थी ..उस का मुँह ख़ूले का ख़ूला रह गया ...उस ने झट सम का चेहरा अपने सीने से लगा लिया ..उसकी आँखों से आँसू पोंछे , उसके गाल चूमते हुए बोली " अरे बाबा..आइ आम सॉरी , वेरी सॉरी बेटा....मैं नही जानती थी..मेरा मज़ाक तू इतना सीरियस्ली ले लेगा ....सॉरी ..बेटा , मेला राजा बेटा ..देख तो कितना दुखी हो गया मेरी शादी की बात से ..और तू ने यह तो पूछा ही नही वो कौन खुशनसीब है ??" साना ने उसकी तरेफ गौर से देखते हुए कहा..उसकी आँखों में झाँकते हुए कहा ..अब सॅम के दीमाग की घंटी बजी ....
" उफफफफफ्फ़..मोम आप भी ना ....आप नही जानती मोम इतनी ही देर में मैं कितनी मौत मर गया ....उफफफफ्फ़......पर अचानक ऐसे मज़ाक की बात आई कैसे आपके मन में ... " सॅम अपने आप को संभालता हुआ कहा ...
" ..यह सच है कि अब मैं शादी करना चाहती हूँ बेटा , उसी से जिस से मैने अपनी जान से भी ज़्यादा प्यार करती हूँ ....और वो शक्श कौन है तुझे क्या अब तक नही मालूम ..उफफफफफफफ्फ़...सॉरी बेटा मैने तेरा दिल दूखाया ,..मैं मज़ाक कर रही थी ..अरे मैं तो तुझ से ही शादी करने की बात कर रही थी.... !" मोम ने उसकी ओर ताकते हुए बेझिझक अपने दिल की बात कह दी...
सॅम को अब तक मोम की हरकतों से पता तो चल गया था के मोम के मन में क्या था ,,पर उनके खुद के मुँह से यह बात सून उसका मन बल्लियों उछल पड़ा ...और वो भी कुछ मज़ाक के मूड में आ गया ..
" मोम ज़रा फिर से बोलिए ना मैने ठीक से सूना नही ....." वो अंदर ही अंदर खुशी से झूम रहा था , पर अपने आप पर उसे विश्वास नही हो रहा था ...
" अरे बाबा ..ले सून फिर से सून ..." साना अपने बेटे के कान से मुँह लगाती है और जोरों से आवाज़ निकालती हुई कहती है " मैं अपने दिल पे हाथ रखती हूँ..अपने दिल-ओ-जान से भी प्यारे समीर के सर पर हाथ रखती हूँ और कहती हूँ ..मैं समीर से शादी करना चाहती हूँ...मैं समीर की मा हूँ और उसके बच्चे की भी मा बन ना चाहती हूँ..मैं अपनी झोली उसके सामने फैलाए उसके प्यार की भीख मांगती हूँ ..क्या मेरी झोली भरेगा मेरा समीर ..??? सूना तुम ने समीर ..???"
सम बस आँखें फाडे मोम की ओर देखता जा रहा था ... निशब्द ...खुशी की चरम सीमा पर था ....साना को अपनी पत्नी..अपनी व्याहता ..अपने होनेवाले बच्चो की मा के रूप में देखे जा रहा था..उसके इन सभी रूपों की कल्पना अपने में समेटे जा रहा था ...
और यह कह साना उसके सामने खड़ी हो कर उसके सामने अपने टॉप का नीचला हिस्सा अपनी हथेलियों से थामते हुए फैला देती है ...
सॅम से अब और रूका नही गया ..वो अपनी मा को ..उसके बच्चे की मा बन ने की हसरत रखने वाली मा को आगे बढ़ता हुआ अपने गले से लगा लेता है ,,उसे अपनी बाहों से जकड़ता हुआ उठा लेता है साना को अपनी बाहों में झुलाता है ..उसे चूमता है ..
उसे फिर कुर्सी पर बिठा देता है ....उसके सामने घूटनों पर बैठ मोम की ओर सर झुकाता हुआ कहता है ..." मेरी मा ..मेरे होनेवाले बच्चों की मा ....मेरी क्या औकात के मैं आप की बात टाल दूं...आप मेरी मा हो मेरे बच्चे की मा बन ना चाहती हैं ..मैं भला आप की इच्छा कैसे टाल सकता हूँ ....मा की इच्छा पूरी करना तो ,मेरा फ़र्ज़ है ....मैं आप की इच्छा ज़रूर पूरी करूँगा ..." वो और भी नीचे झूकता है ..मा के कदमों को चूमता है ..फिर उठता है ....मा की गोद में अपना सर रख देता है ..और फिर कहता है " लीजिए मैं अपने आप को आप के हवाले करता हूँ ....मेरी जिंदगी अब आप की है ..मैने अपना सब कुछ आप की झोली में डाल दिया मोम ....सब कुछ .." और मा की गोद में पड़ा रहा .
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