RE: Chodan Kahani हवस का नंगा नाच
साना कुछ देर चूप रहती है ..फिर कहती है ..
" पापा ..भरोसा रखिए..अपने बच्चे के लिए मैं कुछ भी कर सकती हूँ...मैं अपने आप को पूरी तरेह बदल दूँगी ..अब मेरी जिंदगी में आप के सिवा और कोई कभी नही आएगा ..बस सिर्फ़ आप और आप का यह हथिय्यार ..." और यह कहते हुए साना पापा के मुरझाए लौडे को जाकड़ लेती है ...
" उफफफ्फ़..समझ गया बाबा समझ गया ...चल अब अपने प्यारे हाथियार को छोड़ ...उठ और तैय्यार हो जा..म्र्स. डी'सूज़ा कभी भी आ सकती है डिन्नर की खबर लिए .." हरदयाल यह कहता हुआ उठ ता है ..कपड़े पहनता है और अपने रूम की ओर निकल जाता है...
दूसरे दिन हरदयाल ऑफीस पहूंचते ही अपने सेक्रेटरी को बूलाता है और उसे कहता है...
" आप एक काम करें ..हमारे यहाँ जितने भी नये और यंग ऑफिसर्स पीछले एक साल के अंदर जाय्न किए हैं ..उनकी फाइल्स ले कर आयें ..मुझे एक पी.ए. की सख़्त ज़रूरत है जो हमेशा मेरे साथ रहे ...काम बहोत बढ़ गया है ....आइ नीड सम्वन टू हेल्प मी ...जो मेरे साथ रहे.."
और फिर फाइल्स आ जाती है और उनमें से एक लड़के की फाइल उसे जॅंच गयी .लड़का मिड्ल क्लास फॅमिली का था ..उसकी तीन बहनें भी थी ..जिनकी उसे शादी करनी थी ...बाप रिटाइर्ड था ...कमानेवाला सिर्फ़ वो लड़का ...जाहिर है उसे पैसों की सख़्त ज़रूरत थी ..
उसे बुलवाता है और सारी बात उसे समझा देता है अच्छी तरेह .लड़का समझदार था ..उस ने और कुछ भी ना पूछा ..उसकी तो बस मानो जिंदगी भर की सारी मुसीबत ही ख़त्म हो गयी थी ...सिर्फ़ शादी का नाटक भर उसे करना था और वो भी सिर्फ़ एक साल ..फिर हमेशा की आज़ादी ..वो भी किसी फॉरिन कंट्री में....उसकी तो किस्मेत ही खूल गयी ..बहनों की शादी भी कितने आराम से हो सकती थी....
और उस ने बिना और कुछ पूछे हामी भर दी ..
उस लड़के ने जाय्न कर ली ..और कुछ दिनों बाद साना और उस लड़के की शादी बड़ी धूम धाम से हो गयी और सब कुछ प्लान के मुताबिक चलता गया ...साना की कोख में हरदयाल का बच्चा था ...साना खुशी से झूम उठी ..और फिर जैसा तय था उन दोनों का तलाक़ हो गया ...वो लड़का अपने पूरे परिवार सहित यूएसए चला गया .
और इधर साना और हरदयाल पति-पत्नी की तरेह जिंदगी गुज़ारने लगे .... घर के अंदर पति-पत्नी और बाहर बाप -बेटी ....
यह दोहरा रूप बड़े आराम और खुशी से दोनों निभाते रहे ...
म्र्स डी' सूज़ा को अब तक सारी बात मालूम हो गयी थी ...उस ने अपना मुँह बंद रखा था ..उसकी खुशी तो उस परिवार की खुशी में ही थी ....
सही समय आते ही साना की कोख से हरदयाल का बेटा पैदा हुआ ..बड़ा ही खूबसूरत स्वस्थ और बिल्कुल अपने बाप ( नाना) की शकल लिए ...
हरदयाल तो खुशी के मारे पागल हो उठा ..साना की जिंदगी का एक बड़ा ही सुंदर और खूबसूरत सपना साकार हो गया ...वो खुशी से फूली नही समाती ....
और फिर भाग्य कहें किस्मत कहें यह नियती कहें ...उस ने भी साना की जिंदगी में अपना खेल दीखाया ......
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