RE: Chodan Kahani हवस का नंगा नाच
साना भी अपने चूतड़ आगे पीछे करती हुई उसका साथ देती है..
दोनों एक दूसरे के बदन की गर्मी महसूस करते हैं ...मस्ती के एक अजीब ही आलम में खोए खोए ..
हरदयाल के लंड से प्री कम रिसता हुआ साना की गान्ड को गीला करता जा रहा है .. और लॉडा गान्ड की दरार में घिसता घीसता और भी कड़क होता जाता है ....
हरदयाल साना के गाल, गर्दन , पीठ चूमता जा रहा है ...चाट ता जा रहा है ...साना की चूचियाँ भी मसल रहा है.....साना कराह रही है..बेचैन है...तड़प रही है एक अजीब ही मस्ती छाई है ...
अपनी भर्राई आवाज़ में साना बोलती है .."पापा ..इस के पहले कि मैं मस्ती में मर जाऊं.....प्लेआआअसए ..अब लॉडा डाल दो ना ....और सहन नही हो रहा है ....अयाया .....प्लीज़ डालो ना ..."
हरदयाल का हाल भी कुछ ऐसा ही था ....वो उठ ता है ....अपने मुँह से थूक निकालता हुआ अपनी हथेली में लेता है ..और उसकी गान्ड के सूराख पर , जो उसके लौडे की प्री कम से काफ़ी गीला था ...डाल देता है ..और अपने लौडे पर भी लगाता है ....
" बेटी ..अब मैं डाल ने जा रहा हूँ तेरी गान्ड के अंदर अपना लंड ..तू तैय्यार है ना ...बेटी..?? देख ज़रा भी दर्द हो , बता देना ..बेटी ..मैं रुक जाऊँगा .."
" कोई दर्द नही होगा पापा ..बस देर ना करो डाल भी दो ना ..." साना बेचैन है अंदर लेने को.
हरदयाल उसकी गान्ड को और भी फैलाता है और उसकी खूली गान्ड की सूराख पर अपने लंड का सुपाडा रखता है , साना अपनी गान्ड उपर कर देती है , हरदयाल उसकी कमर को जकड़ते हुए हल्के से लॉडा दबाता है....सूराख इतनी गीली हो गयी ही ...उसका सुपाडा बिना किसी रूकावट के अंदर चला जाता है ...
उफ्फ कितनी गर्मी थी अंदर ... कितनी टाइट पर फिर भी आराम था अंदर ...साना कांप उठ ती है .. ...
साना अपनी गान्ड थोड़ा और उपर उठाती है और उसी के साथ हरदयाल भी एक और झटका देता है उसका लॉडा गान्ड को चीरता हुआ आधा अंदर चला जाता है ...
साना के चूतड़ कांप उठ ते हैं ...एक मस्ती भरी हल्की सी दर्द की लहर साना के पूरे बदन में छा जाती है ....
" आआआआः ...हां ....पापा देखा ना कोई दर्द नही है अब पूरा डाल दो ..पूरे का पूरा ..ज़रा भी बाहर नही ..मुझे पूरा गिफ्ट चाहिए ..प्लीज़ "
हरदयाल अब साना की जाँघ नीचे जकड़ता हुआ साना की गान्ड उपर की ओर करता है और एक धक्का फिर से लगाता है....इस बार पूरा लॉडा जड़ तक साना की गान्ड में चला जाता है ....
हरदयाल को ऐसा महसूस हुआ जैसे किसी बड़े ही मुलायम , गुदाज़ हथेलियों ने उसके लौडे को बूरी तरेह जाकड़ लिया हो ...
उसका पूरा बदन गन्गना उठता है ...
वो लॉडा अंदर किए ही साना की पीठ से चीपक जाता है ..उसकी जंघें साना की गुदाज़ , मुलायम और भारी भारी चूतड़ो से चिपकी हैं ...
साना भी उसके लौडे को अपनी गान्ड में महसूस करती है ..उसे ऐसा लगता है जैसे कुन कुना सा गर्म पानी उसकी गान्ड में किसी ने डाला हो...बड़ा आराम सा महसूस हो रहा था ....दर्द का नामो निशान नही था ..जो थोड़ा बहोत दर्द था भी..वो पापा के उसकी चूचियाँ मसल्ने .उसे चूमने से जाता रहा था ..
" बस अब धक्के लगाओ पापा ..देखा ना आप की बेटी की गान्ड कितना मस्त है ..आप का पूरा लॉडा मेरे अंदर है ...आआआः ...बस मारते जाओ अपनी बेटी की गान्ड ..मारो ना पापा ..मारो ..मारो जी भर के मारो..." ''
साना अपनी गान्ड उपर करती है और हरदयाल अपना लंड सुपाडे तक बाहर निकालता है और अंदर डालता है ..और बिना रुके गान्ड की चुदाई करता जाता है ....साथ में अपनी हथेली साना की जांघों के बीच डालता हुआ उसकी चूत भी घीसता जाता है...उफ़फ्फ़ उसकी चूत से तो गंगा बह रही थी..लगातार पानी छूट रहा था ..
गान्ड में लंड और चूत में उसकी उंगलियाँ ...लगातार अंदर बाहर हो रहे थे ...
ठप ..ठप ठप आवाज़ आ रही थी ..साना अपनी गान्ड में पापा के लंड के अंदर बाहर होने से निहाल थी ...उसका पूरा बदन सन सनी से भर उठा था ...उसकी ज़ुबान सूख गयी थी.....इतनी मस्ती में थी उसकी आँखें बंद थी ...सीहर रही थी ..कराह रही थी साना ....
हरदयाल भी धक्के पर धक्का लगाता जा रहा था ..उसे लगा अब उसके बदन का सारा खून उसके लौडे की टिप पर आ गया है .....
साना के गान्ड की पकड़ उसके लौडे पर टाइट सी थी ...उसकी चूत लगातार पानी छोड़ रही थी ..साना का भी बूरा हाल था ...
साना को ऐसा महसूस हुआ उसका सारा बदन अकड़ गया हो ..सारे बदन में एक अजीब सी झूरजूरी सी हुई ...उसकी चूत टाइट हो गयी ..हरदयाल की उंगलियाँ चूत के होंठों से जाकड़ गयी ....
साना का बदन ढीला हो गया और एक मोटी , गाढ़ी सफेद रस की धार उसकी चूत से फव्वारे की तरेह निकली ... हरदयाल की पूरी हथेली इस रस से सराबोर हो गयी , इतना गर्म और गीला सा महसूस हुआ उसके हथेली पर..
इसका सीधा असर उसके लौडे पर हुआ और उसके लौडे ने भी अपनी बेटी की गान्ड में पीचकारी छोड़ दी...
हरदयाल अपना लॉडा बेटी की गान्ड में धंसाए धंसाए ही उसकी पीठ से चीपक गया ..साना की गान्ड अपने पापा के गाढ़े वीर्य से भरती जा रही थी ...लबालब ...
हरदयाल साना केए पीठ पर अपना सर रखे रखे पड़ा रहा ..हान्फता हुआ ...
साना उसके नीचे सूस्त सी.बहोत ही हल्का पन महसूस लिए ..होंठों पर एक शूकून और मस्ती भरी मुस्कान लिए पड़ी थी....
दोनों एक दम शांत थे ....बेसूध थे ....
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