RE: Chodan Kahani हवस का नंगा नाच
"पापा ,,मैं जानती हूँ ना ...अच्छे से जानती हूँ आप का प्यार और दुलार ..पर आप मुझे नही जानते पापा..अब मैं कोई बच्ची नही हूँ ना..आप जानते हो कितने लंड मैने अपनी चूत और गान्ड में अब तक लिए हैं ..... पर फिर भी आप के लंड के लिए तरसती हूँ...आज आप ने मेरी चूत तो ठंडी कर दी ..पर देखिए ना गान्ड अभी भी तड़प रही है आप के लिए ..इसे भी गिफ्ट चाहिए ना पापा.....दे दीजिए ना....मुझे कोई तकलीफ़ नही होगी ...."
और ऐसा कहते हुए साना घूमती हुई अपने पेट के बल लेट जाती है ..उसकी पीठ और गान्ड उपर है...अपने दोनों हाथ पीछे करते हुए अपनी चूतड़ फैला देती है ..गान्ड की सूराख खोल देती है और पापा से कहती है .
" पापा देखो ना ..प्लीज़ देखो ना मेरी गान्ड ...कितनी खूली है ...सूराख अब इतना टाइट नही ...आप का लंड आराम आराम से जाएगा ....आओ ना मेरे उपर पापा ..देखो ना..प्लीज़ पापा ..मैने कितनी तैयारी भी की है ..देखो ना .."
साना के लहज़े में इतना इसरार , प्यार और कशिश थी ..हरदयाल अपने को रोक नही सका और उसके टाँगों के बीच आ जाता है , घूटनों के बल बैठ कर साना के हाथ उसकी गान्ड से हटा ता है और अपनी हथेलियों से उसकी मुलायम , भारी भारी सुडौल चूतड़ो को जकड़ता हुआ फैलाता है और उसकी गान्ड पर अपनी आँखें लगाता है ....
हरदयाल बस देखता ही रहता है अपनी बेटी के गान्ड की खूबसूरती ...उफफफफ्फ़..क्या नज़ारा था.. भारी भारी गोल गोल उभरे हुए गोरे गोरे चूतड ..जिन्हें अपनी हथेलियों से बड़े ही हल्के से दबाता हुआ अलग करता है ...दरार चौड़ी हो जाती है ..दरार के बीच थोड़ी सी डार्कनेस लिए गान्ड के होल की चारों ओर का गोश्त ... गांद की सूराख थोड़ी सी खूली हुई ... पर चारों ओर का गोश्त एक दम टाइट ...खुला सूराख इस बात की गवाही दे रहा था कि गान्ड में लॉडा अंदर दाखील हो चूका है... और पूरी दरार चीकनी और चमकती हुई ... उस ने अपने अंगूठे से गान्ड की दरार को हल्के से दबाया ....अंगूठा उसकी चीकनी गान्ड में फिसलता हुआ उपर की ओर बढ़ता गया ..उफ़फ्फ़ इतनी चीकनी गान्ड हरदयाल ने आज तक नही देखी ही ....
साना अपने पापा की हरकतों से मस्त थी..मुस्कुरा रही थी..और अंगूठे के दबाव से सीहर उठी ...उस ने अपनी गान्ड थोड़ी सी उपर उठाते हुए कहा ..
" हां ..हां पापा अच्छे से छू लो , दबा लो देख लो ... तुम्हारे लौडे के लिए सही है ना..? "
" बेटी... बहोत शानदार , जानदार और मालदार है तेरी गान्ड ..उफफफफ्फ़..सही में तुम ने काफ़ी मेहनत की है ....ज़रा चाट लूँ बेटी ? "
यह बात सुन कर साना और भी मस्ती में आ जाती है ..और अपनी गान्ड और भी उपर उठाते हुए पापा के मुँह पर रखती है ...
" पापा ..पूछते क्यूँ हो....आप की बेटी है ..आप की प्यारी बेटी का गान्ड है..जो जी चाहे करो ना ..चाटो..चूसो खा जाओ ना ....पर लॉडा अंदर ज़रूर करना ..."
और अपने पापा के मुँह से गान्ड और भी लगा देती है ..
हरदयाल उसकी गान्ड नीचे पलंग पर कर देता है , दरार को फिर से अलग करता हुआ अपनी जीभ उसके सूराख पर लगाता है और पूरी दरार की लंबाई चाट जाता है..जीभ को अच्छे से दबाता हुआ .... उफफफफ्फ़ उसकी गान्ड की मदमस्त महक और एक अजीब ही सोंधा सोंधा सा टेस्ट था ...
दो चार बार दरार में जीभ फिराता है ..जीभ के छूने से और जीभ की लार के ठंडे ठंडे टच से साना सीहर उठ ती है ...और फिर हरदयाल उसकी गान्ड के गोश्त को अपने होंठों से जाकड़ लेता है और बूरी तरेह चूस्टा है...मानो गान्ड के अंदर का पूरा माल अपने मुँह में लेने को तड़प रहा हो....
साना मज़े में चीख उठ ती है " आआआआः....पापा ....उईईई..देखा ना मेरी गान्ड कितनी मस्त है .? अब देर ना करो ..बस दळ दो ना अंदर ..प्लेआआाआआआसए ..."
और साना अपनी हथेली पीछे करती हुई कड़क लौडे को जकड़ते हुए अपनी गान्ड की तरफ खींचती है ....
हरदयाल भी अपने लौडे को उसकी गान्ड की दरार में रखे रखे उस के उपर लेट जाता है ..
हरदयाल की जंघें साना के गुदाज़ , नर्म और भारी भारी चूतड़ पर धँसी हैं ..उफफफफफ्फ़ क्या मुलायम सा महसूस था ..मानो स्पंज का गद्दा हो....उसका लॉडा दरार के अंदर लंबाई से दबा होता है ..सुपाड़ा चूत की तरफ और टटटे गान्ड के उपर की तरफ जहाँ पीठ और गान्ड का मिलाप होता है ..और इसी पोज़िशन में साना की पीठ से चीपक जाता है हरदयाल..उसके हाथ नीचे जाते हुए साना की चूचियाँ थाम लेते है और दबाते है और साथ में अपने कमर आगे पीछे करता हुआ अपने लंड को गान्ड की दारर में घिसता है ...
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