RE: Indian Sex Story बदसूरत
सुहानी:- कब डालोगे??कितनी देर से कोशिस कर रहे हो...
सोहन:- अब धागा बड़ा है तो मैं क्या करू...एक काम करो..अपने थूक से थोडा गिला कर दो इसे...फिर देखो कैसे आराम से अंदर चला जाता है....
सुहानी:-गिला करने से अंदर चला जाता है??
सोहन:- हा...बाहर से गिला रहा तो छेद में आराम से चला जाएगा...कोई तकलीफ नहीं होगी...
वो दोनों एकदूसरे को देखते हुए बड़ी ही मादकता से बात कर रहे थे...
सुहानी:- तुम्हे एक्सपपेरेंस है क्या??
सोहन:-नहीं...लेकिन देखा है मैंने..और तुम्हे??
सुहानी:- नहीं...इसीलिए तो तुमसे कह रही हु...की डाल दो..कबसे कोशिस कर रही थी पर..
सोहन:- ठीक है अभी डाल देता हु...देखो इस धागे को मुह में लो...उसे गिला करो और फिर उंगली से थोडा सीधा करो ..उसे मसलो...और फिर से मुह में लेके गिला करो और मुझे दो...फिर देखो मैं कितने आसानी से धीरे से अंदर डाल दूंगा...कोई तकलीफ नही होगी...
सुहानी उसकी ऐसी डिटेल बाते सुन के उत्तेजित महसूस कर रही थी...उसने धागा लिया सोहन की आखो में देखते हुए उसे मुह में लिया और लंड चूसते है वैसे ही थोडा चूसा...सोहन उसे ऐसे करते देख रहा था...उसका लंड खड़ा होने लगा था...फिर सुहानी ने उसे उंगीली में मसला और फिर से थोडा मुह में लेके गिला किया...
सुहानी:- ये लो...अब चला जाएगा ना?
सोहन:- हा बिलकुल...आराम से...ये देखो ऐसे इसे छेद के पास लेके जाना और धीरे धीरे इसे अंदर डालना...देखा..चला गया ना...हो गया तुम्हारा काम..
सुहानी:- अभी तो सिर्फ अंदर गया है...काम तो अभी बाकी है...
सोहन:- अब अंदर चला गया है तो..काम भी हो ही जाएगा...लेकिन ध्यान से बाहर मत निकलने देना...नही तो तुम्हारा काम होते होते रह जाएगा...
सुहानी:- कोई बात नही..अब तुम हो ना...फिर से अंदर डाल देना..
सोहन:- लेकिन तुम्हे फिर से उसे मुह में लेके गिला करना पड़ेगा...
सुहानी:- तुम जितने बार बोलोगे उतनी बार गिला कर दूंगी..मुह में लेके...बस मेरा काम होना चाहिए...
सोहन:- अगर तुम उसे गिला करके सीधा करती रहोगी मुह में लेके...तो तुम जितनी बार बोलोगी उतनी बार अंदर डाल दूंगा...
सुहानी:- सच??
सोहन:-बिलकुल...
सुहानी को लग रहा था जैसे वो लंड को चूत में डालने की बात डिस्कस कर रहे थे....सुहानी बहोत उत्तेजित हो गयी थी....सोहन का भी वही हाल था...उसका लंड पूरा टाइट हो चूका था और प्रीकम छोड़ने लगा था....दोनों एक दूसरे को देखते हुए बाते कर रहे थे....सुहानी समझ गयी थी की सोहन फंस गया है...
सुहानी:- ह्म्म्म थैंक यू...
सोहन:- किस लिये??
सुहानी:- ये इसक्के लिए...अब मेरा काम हो जाएगा...
सोहन:-ह्म्म्म ककोई बात नही...छोटीसी बात है...इसके लिए क्या थैंक यू...
सुहानी ब्लाउज स्टिच करने लगी। सोहन अपनी जगह जाकर बैठ गया...वो अपना लंड एडजस्ट कर रहा था.. जो सुहानी ने देख लिया।
सुहानी:- क्या हुआ?? ऐसे क्यू बैठ है??
सोहन:- कुछ नहीं...थोडा एडजस्ट करने की कोशिस कर रहा हु...सोहन अब पीछे नही हटने वाला था।
सुहानी भी कम नहीं थी।
सुहानी:- क्या एडजस्ट कर रहा है??
सोहन:- ये रॉड....सोहन ने सोफे का रॉड दिखाते हुए कहा..बहोत परेशान कर रहा है आज...सुहानी समझ गयी की वो कोनसे रॉड की बात कर रहा है।
सुहानी:-रोज नहीं करता??
सोहन:- करता है पर आज जादा कर रहा है..
सुहानी:- तो उसका कुछ इलाज ढूंढ ले...
सोहन:- मेरे पास तो नहीं है...तुम्हारे पास है तो कर दो कुछ इसका इलाज..
सुहानी:-मेरे पास तो बहोत सारे इलाज है उसके लिए...
सोहन:- तो कर दो...
ये दोनों के बिच का सम्भाषण कुछ जादा ही उत्तेजित होते जा रहा था....
सुहानी आगे कुछ बोल पाती तभी उसके ऊँगली में सुई घुस गयी...उसका पूरा ध्यान सोहन की तरफ था।
सुहानी:- आह्ह्ह..
सोहन:-क्या हुआ??
सुहानी:- कुछ नहीं ये सुई घुस गयी ऊँगली में...
सोहन उठा और सुहानी की ऊँगली देखने लगा...उसमे से खून निकल रहा था...उसने वो पोछा और उसकी ऊँगली मुह में लेके चूसने लगा...
सुहानी:- ये क्या कर रहा है...??
सोहन:- अरे ऐसे चूसने से खून बंद हो जाएगा...
सुहानी:- अच्छा...लेकिन मैंने तो सुना है की चूसने से और निकलता है...सुहानी उसकी आँखों में देखते हुए धीरे से बोली।
सोहन:-सही सुना है...चूसने से और निकलता है लेकिन ब्लड नहीं...ब्लड रुक् जाता है...ये देखो रुक गया।
सुहानी:- अरे हा...ये तो बंद हो गया...
सोहन:- हो गया तुम्हारा स्टिच कर के...??? ये आज अचानक साडी पहनने का क्या सुझा?
सुहानी:- ऐसेही...क्यू पूछ रहा है??
सोहन:-मैं भी ऐसेही पूछ रहा हु...अक्सर जब लडकिया शादी... सुहागरात के लिए उतावली हो जाती है तभी उन्हें साडी का शौक लग जाता है...सोहन ने जानबुज के सुहागरात का जिक्र किया।
सुहानी:- ऐसा कुछ नही है....आजकल लडकिया सुहागरात के लिए शादी का वेट थोड़े करती है...बिना शादी के ही सुहागरात मना लेती है...
सोहन:- ह्म्म्म काश मुझे ऐसी लड़की मिल जाय...जो बिना शादी सुहागरात मना ले...
सुहानी:- मिल जायेगी...
सोहन:- कहा??
सुहानी:- देख अपने आस पास..क्या पता आस पास ही हो...
सोहन:- मेरे आस पास तो फिलहाल तुम हो...
सोहन ने सीधा हमला किया...
सुहानी:-मैंने तेरे कॉलेज की बात की...तू तो घर में ही ढूंढ़ने लगा...पहली बार सुहानी ने बैक्स्टेप लिया।
सोहन:-तुमने ही कहा अपने आस पास देख...
सुहानी:- चुप कर बदमाश कही का...सुहानी शरमा गयी।
दोनों ही आज पीक पे थे। और दोनों ही डबल मीनिंग में ही सही लेकिन खुल के बात कर रहे थे।
रात तो अभी शुरू हुई थी...और दोनों जानते थे की ये रात इतने जल्दी खत्म नहीं हिने वाली थी...ये रात तो बहोत लंबी होने वाली थी।
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