RE: Indian Sex Story बदसूरत
सुहानी:- क्या हुआ?? चोरी चोरी क्या देख रहा है...
सोहन:- क...कुछ नही..
सुहानी:- झूट मत बोल...आईने देखा तुझे...चोरी चोरी क्या देख रहा है...जो देखना है खुल के देख...सुहानी आज सच में बहोत मुड़ में थी...वो सोहन को खुला निमंत्रण दे रही थी...
सोहन:- क्या??
सुहानी:- तू बोल क्या देखना है...मैं दिखा दूंगी...
सुहानी उसकी और बहोत ही मादक तरह से देखते हुए अपने होठ को दातो में दबाते हुए कहा....सोहन उसकी ये अदा देखता ही रह गया...उसे यकीं हो गया की सुहानी के मन में आज कुछ अलग ही चल रहा है...
सोहन:- नही..मुझे कुछ नही देखना...
सोहन फिर से घबरा गया...
सोहन:- मैं तो ये देख रहा था की आपने ये साडी पहनी है ये बहोत अछि लग रही है आपपे..
सुहानी:- ओह्ह्ह थैंक यू...मुझे लगा की तू कुछ एयर देखने की कोशिस कर रहा है..और दिखाई नही दे रहा तो मैं दिखा देती हु...
सोहन:- नहीं बस वही देख रहा था...आज आपको ऑफिस का काम नहीं क्या??
सुहानी:-नही...आज ऑफिस नहीं गयी थी...और जो भी था वो दोपहर में कर लिया...और आज पुरे घर की सफाई की...अरे सफाई से याद आया..मैंने न एक मम्मी की साडी देखि...बहोत अच्छी है..लेकिन उसका ब्लाउज थोडा फटा हुआ है...उसे स्टिच करना है..कल।पहनके जाउंगी...मम्मी को फ़ोन करके पूछती हु की स्टिचिंग का सामान कहा रखा है...दिख ही नहीं रहा...
सुहानी ने फ़ोन लिया लेकिन उसकी बैटरी डिस्चार्ज हो चुकी थी...सुहानी ने चार्जर लिया और लगाने लगी...लेकिन थोडा लूज़ कांटेक्ट था...
सुहानी:- सोहन ये देख तो जरा...ये चार्ज नही हो रहा...
सोहन उठ के आया और देखने लगा...
सोहन:- अरे ये तो लूज़ हो गया...
सुहानी ने देखा...
सुहानी:- हा..ये ना बार बार अंदर बाहर होने की वजह से इसका होल बड़ा हो गया और अब चार्जर का पिन ठीक से बैठ नहीं रहा...
सोहन:-हा...
सुहानी:- नया जब रहता है तब टाइट रहता है होल....फिर रोज रोज अंदर...बाहर... करने से। बड़ा हो जाता है...पहली बार तो ठीक से जाता भी नही...और अब देखो कैसे लूज़ हो गया...
सुहानी जिस अंदाज से बोल रही थी सोहन उसे देखता ही रह गया...उसे समझ आ रहा था सुहानी किस बारे में बात कर रही है...
सोहन:- अ..ह..हा..लो ये हो गया..अब हाथ मत लगाना...मेरे मोबाइल से कर लो फ़ोन...
सुहानी:-हा तो दे दो ना तुम्हारा...मोबाइल...
सुहानी की ऐसी अदाएं देख सोहन का लंड खड़ा होने लगा था...
सुहानी सोहन का मोबाइल लिया और उसकी और एक तीखी मादक नजर डाली और नीता के कमरे में चली गयी।
सोहन:-उफ्फ्फ मैं जो समझ रहा हु वही बात कर रही है या सिर्फ मुझे ऐसा लग रहा है...नही वो ऐसेही बाटे कर रही है देखा नहीं कैसे खा जानेवाली सेक्सी नजरो से देख रही थी....बाहर कोई मिला नही तो मुझपे ही...हा यार दीदी का का कोई बॉयफ्रेंड नहीं इसलिए ...उन्हें भी तो लगता ही होगा...की कोई उनसे प्यार करे..उन्हें खुश करे उन्हें चोदे...उफ्फ्फ मैं क्या सोच रहा हु...सच ही तो है...और कल मैंने उन्हें उस हालत में देख लिया तो वो शायद चाहती हो की मैं ही उनकी.....चुदाई करू...ये सोचते ही सोहन का लंड एकदम से खड़ा हो गया...लेकिन तभी सुहानी ने उसे आवाज दी...वो अंदर गया..
सुहानी:- सोहन ये ऊपर से मुझे बॉक्स निकाल दे...मैंने साडी पहनी है तो ...
सोहन:- ठीक है...
सोहन वही बेड के साइड से ऊपर चढ़ा और बॉक्स निकाल के सुहानी को दे दिया...
सुहानी:- आराम से उतर निचे..ले मेरा हाथ पकड़ ले...
सोहन ने सुहानी का हाथ पकड़ा...सुहानी ने उसके हाथ को दबाया...सोहन पहले ही उत्तेजित था...और सुहानी की ये हरकत की वजह से उसका पूरा शरीर में कपकपी दौड़ गयी...
सुहानी:- इतना काँप क्यू रहा है??डरपोक बहन हु तेरी..मैंने ही पकड़ा है तेरा हाथ...सोहन सिर्फ स्माइल किया और धीरे से निचे उत्तर गया...
सुहानी:- देख ऐसे डरपोक लड़के लड़कियो को पसंद नही आते..उन्हें तो वो लड़के पसंद आते है जो खुल के बात करे...लड़की पे हावी हो जाय...समझा??
सोहन:- हा दीदी...समझ गया...
सोहन बाहर आ गया...सुहानी ने सब समेटा और वो ब्लाउज और सुई धागा लेके बाहर आ गयी...
सोहन:- मन में....दीदी सच कहती है पता नहीं मुझे क्या हो जाता है जब कोई लड़की मेरे पास आती है...लेकिन अब नही...
सुहानी:- सोहन ये थोडा अंदर डाल दे तो...जा ही नही रहा...
सोहन अपनी ही सोच में था...वो एकदम से चौका की सुहानी क्या अंदर डालने को कह रही है...
सोहन:- क्या ..क्या डालू?
सुहानी:- ये धागा इस सुई के छेद में...जा ही नहीं रहा मुझसे...
सोहन:- ओह्ह्ह्ह..
सुहानी:- क्यू तुझे क्या लगा??क्या डालने को बोल रही हु?
सोहन:- कुछ नहीं...सोहन सुहानी की और देखा उसके होथो पे बहोत कामिनी हँसी थी...मन में..बहोत हँसी आ रही है अभी रुको बताता हु..
सोहन ने सुहानी से धागा लिया और सुई में डालने लगा...
सुहानी:- हो गया?? चला गया क्या अंदर??
सुहानी को पता नही आज क्या हो गया था वो सोहन को छेड़े जा रही थी...उसे सोहन को छेड़ने में बहोत मजा आ रहा था।
सोहन ने उसे देखा और स्माइल की।
सोहन:- नही..छेद बहोत छोटा है..नही जाएगा अंदर इतने जल्दी...
सोहन से उसे ऐसे जवाब की उम्मीद नही थी...उसकी बात सुनके उसका दिल जोर से धड़का..
सुहानी:-हा छेद छोटा हो तो जल्दी नही जाता ...थोड़ी मेहनत करनी पड़ती है...
सोहन:-हा अब छोटेसे छेद में बड़ा सा धागा डालूँगा तो थोड़ी मेहनत तो लगेगी...लेकिन तुम चिंता मत करो मैं डाल दूंगा अंदर आराम से...
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