RE: Indian Sex Story बदसूरत
अगले दिन सुबह जब माधवी की आँख खुली तो उसने खुद को नंगा पाया...वो एकदम से घबरा गयी...लेकिन जब उसने देखा की उसकी पॅंटी नहीं उतरि तो उसे थोडा अच्छा लगा...लेकिन वो सोचने लगी की उसके। कपडे किसने और कैसे निकाले...उसका सर बहोत भारी हो रखा था...वो सर पकड़कर बैठ गयी....
सुहानी:- उफ्फ्फ्फ़ मेरा सर तो दर्द से फटा जा रहा है....बेवजह ही कल पार्टी में चली गयी और शराब पि...लेकिन मेरे कपडे??? लगता है नशे में मैंने ही उतार फेके होंगे...उसने दरवाजे की और देखा वो बंद था...उसने इधर उधर नजर घुमाई...उसका ड्रेस वही जमीन पे पड़ा था...
सुहानी:- हा मैंने ही निकाला होगा...चलो ऑफिस भी तो जाना है...उसने घडी देखि....उफ्फ्फ 10 बज रहे है...कितना लेट हो गया...
सुहानी जल्दी से उठी और कपडे पहने और बाहर गयी...सोहन चला गया था...उसने देखा सोहन ने उसके लिए एक नोट छोड़ रखा था..." मैं कॉलेज जा रहा हु वही पे कुछ खा लूंगा..."
सुहानी:- चलो अच्छा हुआ...वरना मुझे और लेट हो जाता.....लेकिन मैं आज ऑफिस नहीं जाउंगी...हा यही ठीक रहेगा...
उसने फ़ोन करके ऑफिस में बता दिया की वो नहीं आने वाली...
सुहानी ने खुद के लिए कॉफ़ी बनायी और पिने लगी। थोड़ी देर। बाद सुहानी का दिमाग अपनी जगह पे आने लगा...उसे धीरे धीरे रात की बाते याद आने लगी...उसे याद आया की वो कैसे शराब पि के टुन्न हो गयी थी...उसे सोहन घर लेके आया...और फिर वो बाथरूम में गयी जहा उसने नहाने के लिए शावर शुरू कर दिया और वो वही बैठ गयी...उसके बाद उसे कुछ याद नहीं आ रहा था...दिमाग पे जोर डालने के बाद उसे बस इतना याद आया की सोहन उसे उठा के ज़मीन पे लेटा दिया था...
सुहानी:- उफ्फ्फ मतलब मेरे कपडे सोहन ने निकाले...मुझे तो कुछ भी याद नहीं आ रहा...अगर सोहन ने मेरे कपडे निकाले तो उसने मेरे साथ कुछ किया होगा...उफ्फ्फ मुझे कुछ याद क्यू नहीं आ रहा...
सुहानी परेशान थी की उसे कुछ याद नहीं है....और खुश भी थी अनजाने में सही उसका काम हो रहा था...
सोहन:- हा जरूर कुछ किया होगा...वरना ऐसे मेरे उठने से पहले गायब नहीं हो जाता...मुझसे नजरे मिलाने से डर रहा होगा..आने दो उसे तब पपता चलेगा...
सुहानी अब अपने काम लग गयी...उसने खाना बनाया और खाने ककए बाद फिर से थोडा आराम किया।
शाम को सुहानी पुरे घर की साफ़ सफाई में लग गयी..उसने सोहन का खुद का क्कमरा साफ कर दिया..फिर किचन हॉल और आखिर में मम्मी पापा का कमरा साफ़ करने लगी...जब उसने नीता की अलमारी खोली तो उसने देखा की उसमे नीता की कुछ साड़ी पड़ी हुई थी...उसमे एक ब्लैक कलर की साडी उसे बहोत अच्छी लगी...उसने वो निकाली...
सुहानी:- ह्म्म्म्म कितनी सुन्दर साडी है...चलो आज मैं साडी पहनती हु...बहोत दिन हो गए...
सुहानी ने वो साडी बाहर निकाल के रख दी।
सब साफ़ सफाई होने के बाद सुहानी नहाने चली गयी और फिर साडी पहन ली। उसने देखा सोहन अभी तक नहीं आया था...7 बज चुके थे।
इधर सोहन की फटी पड़ी थी की सुहानी को गर कुछ याद आ गया तो उसकी कखयर नहीं....वो डरते डरते घर आया...उसने देखा की सुहानी की कार पार्किंग में खड़ी थी...उसका दिल जोर जोर से धडक् रहा था...वो अंदर आया....सुहानी किचन में काम कर रही थी...उसने देखा की सुहानी किचन में है लेकिन उसे लगा की नीता है...वो और घबरा गया...उसे लगा की हो गया उसका काम तमाम सुहानी के साथ रात को उसने किया था वो सुहानी को पता चल गया और उसने अविनाश और नीता को बुला लिया...लेकिन उसने हिम्मत बटोरी...
सोहन:- मम्मी पापा ऐसेही आ गयी होंगे..अगर ऐसा कुछ होता तो इसे फ़ोन करके जल्दी से बुला लिया होता...चलो मम्मी को जरा मस्का लगाता हु...अगर कुछ होगा तो कम से कम मम्मी तो साथ देंगी...सोहन आगे हुआ...सुहानी काम में मगन थी...सोहन ने जाके सुहानी को पीछे से हग किया...
सोहन:- ओह्ह मम्मी आप कब आये?? मैंने कितना मिस किया आपको...
सुहानी एकदम से ऐसे पिछेसे सोहन ने पकड़ लेने की वजह से थोडा शॉक हो गयी लेकिन अगले पल संभल गयी...उसने पीछे देखा...
सुहानी:- ओय पागल मैं मम्मी नहीं हु...
सोहन ने झट से उसे छोड़ दिया...
सोहन:- दीदी आप?? और ये क्या ??
सुहानी:- क्या क्या?? मैं तुझे मम्मी जैसी लग रही हु क्या??
सोहन:- अरे वो आप कभी साडी नही पहनती हो ना...
सुहानी:- ऐसा क्या?? और मैंने तो तुझे कभी नहीं देखा ऐसे मम्मी से प्यार करते...
सोहन:- वो मम्मी की बहोत याद आ रही है...एयर ऐसे आपको देखा तो...
सुहानी:- अच्छा...ये बात है तो मैं फिर से ऐसे खड़ी हो जाती हु...तू मुझे मम्मी समझ के प्यार ले...
सोहन:- क्या दीदी आप भी ना...
सुहानी:- अरे क्या हुआ??तेरे लिए मैं मम्मी बनने को तैयार हु...
सुहानी आज मुड़ में थी...सोहन को समझा नहीं...लेकिन उसे कुछ तो अजीब लगा...
सोहन:- क्या??
सुहानी:-हा अगर तू चाहता है तो तू मुझे मम्मी बना सकता है...ख़ुशी ख़ुशी मम्मी बन जाउंगी मैं...
ये बात सोहन को समझ आ गयी...लेकिन वो कैसे रियेक्ट करे कुछ समझ नहीं आया...
सोहन:- नहीं..वो..मैं..क्या..
सुहानी उसको ऐसे हकलाते देख हँसने लगी।
सुहानी:- क्या हुआ???ऐसे क्यू हकला रहा है।
सोहन सुहानी कों देखने लगा ...वो सोच रहा था की सुहानी कल रात के बारे में बात करेगी...लेकिन यहाँ तो सुहानी का मुड़ कुछ और ही था।
सोहन:- कुछ...कुछ नहीं...
सुहानी:- तो बता बनाएगा क्या मुझे मम्मी??
सोहन:- आजकल आप मेरी मम्मी तो हो...मेरा कितना ख्याल रखती हो..
सुहानी:- हा वो तो है...लेकिन मैं तो कुछ और ही बात कर रही थी...
सोहन:- क्या??
सुहानी:- कुछ नहीं...तुझे तो कुछ समझ नहीं आता...जा फ्रेश हो जा...
सोहन चला गया...वो सोच में डूब था...
सोहन:- दीदी मम्मी बनाने की क्या बात कर रही थी?? ओह्ह क्या वो मेरे साथ सेक्स करके मम्मी बनने की बात कर रही थी?? नहीं नहीं..लेकिन वो तो बोली तुझे कुछ समझ नहीं आता...और कल रात की तो कुछ बात भी नहीं की....चलो जाने दो अगर उसे कुछ याद नहीं तो अच्छा ही है...
सोहन फ्रेश हो कर हॉल में आया...उसने देखा सुहानी किचन में ही थी...सुहानी ने साडी बहोत टाइट पहनी हुई थी...सोहन उसे पिछेसे दखने लगा...
सोहन:- ह्म्म्म कितनी मस्त लग रही है दीदी साड़ी में...पिछेसे गांड तो गजब लग रही है...और पतली कमर उम्म्म्म्म...पागल फिर से वही सोचने लगा...चुप हो जा ...क्या करू आजकल दीदी को दलह के लंड खड़ा हो जाता है....
तभी सुहानी पलटी...उसने देखा सोहन उसे ही घूर रहा था...उसने उसे स्माइल दी...सोहन ने भी उसे स्माइल दी और टीवी देखने लगा...
थोड़ी देर बाद सुहानी ने उसे आवाज दी और उसे खाना खाने के लिए बुलाने लगी...उसने देखा सुहानी अपने दोनों हाथो में कुछ सामान लेके सामने से आ रही थी...सुहानी। ने साड़ी नाभि के बहोत निचे बाँध राखी थी...और पल्लू एक साइड से कमर में दबाया हुआ था...और दोनों चुचियो के बिच से कंधे पे जा रहा था...उसकी बड़ी बड़ी चुचिया ब्लाउज में कमाल लग रही थी...उसकी नाभि को देख के सोहन का बुरा हाल था...सुहानी ने वो सामान डाइनिंग टेबल पे रखा और फिर से वापस किचन में जाने लगी...सोहन उसे देखने लगा...टाइट साड़ी में उसकी बड़ी सी गांड जो सुहानी कुछ जादा ही मटकाते चल रही थी....उसकी मटकती गांड कोंदेख के सोहन अपना लंड मसल रहा था।
सोहन *सुहानी के जलवे देख अब पुरीबतरहबसे उसककी जवानी का दीवाना बन चूका था...लेकिन सुहानी को इसकी खबर नहीं थी....
दोनों खाना। खाने लगे...
सुहानी:- सोहन एक बात बता...कल रात को मैंने कुछ तमाशा तो नही किया ना?? मुझे कुछ याद नही है...मैंने कुछ जादा ही पि ली थी...
सोहन:- नहीं दीदी कुछ भी नहीं...मुझे समझ आ गया था इसलिए आपको घर ले आया....
सुहानी:- और घर पे कुछ हुआ तो नहीं ना??
सोहन:- न..नही...क..कु..कुछ भी नहीं...
सुहानी सोहन को ऐसे घबराते देख समझ गयी की रात को जरूर कुछ हुआ है...शायद उसके कपडे उसीने निकाले हो...ये ख्याल आते ही सुहानी रोमांचित हों उठी...उसे लगा ककी शायद उसका काम हो रहा है...लेकिन अभी वो इस बात को आगे नहीं बढ़ाना चाहती थी...
सुहानी:- पक्का ना?? मुझे तो कुछ भी याद नहीं...
सोहन:- हा दीदी कुछ भी नहीं किया मैंने...
सोहन मुह से निकल गया...सुहानी ने चोंक के उसे देखा...
सोहन:- मतलब...कुछ नही हुआ...अच्छा दीदी वो मुझे आज बहोत पढाई करनी है...आप प्लीज़ मुझे वो चैप्टर समझा दीजिये...सोहन ने बात बदलने की कोशिस की।
सुहान:- ठीक है...सुहानी ने सोचा इसे थोडा रिलैक्स होने देती हु..
सुहानी चुप हो के खाना खाने लगी लेकिन उसके दिमाग में कुछ और ही चल रहा था।
खाना खाने के बाद दोनों बैठ के टीवी देखने लगे...थोड़ी देर बाद सोहन किताबे लेके आ गया। उसने देखा सुहानी कुछ सोच रही थी...
सोहन:- दीदी...दीदी...क्या सोच रही हो?? आज पढाई नहीं करनी क्या??
सुहानी:- ह..हा...बोल क्या डिफ्फिकल्टी है??
सोहन:- कहा खो गयी थी??
सुहानी:-कुछ नही कल रात के बारे में सोच रही थी....
सोहन थोडा घबरा गया...वो कुछ नही बोला...
सुहानी:- अक्चुअली मैं ये सोच रही थी की मेरे कपडे कैसे भीगे और मेरे कपडे मैंने कब उतारे??
सोहन:- मुझे क्या पता?? आप को यद् नहीं??
सुहानी:- कुछ कुछ याद है...सच बता तू म7झे बातरूम से बाहर लाया था ना..मुझे यद् आ रहा है...
अब सोहन फंस गया था...अगर वो बोलता की नहीं तो सुहानी को शक हो जायेगा...और अगर हा बोलता है तो एयर बहोत जवाब देने पड़ेगें...और हो सकता है की सुहानी ग़ुस्सा हो जाय...
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