RE: Indian Sex Story बदसूरत
सुहानी दरवाजा खोलती है।
सुहानी:- क्या हुआ पापा?? आज भी सर दर्द कर रहा है क्या??
अविनाश अंदर आ जाता है और दरवाजा बंद कर देता है। सुहानी ये देख के शरमा जाती है।
अविनाश:- अरे नहीं बेटा...मैं तो ये कहने आया था की तुम कल छुट्टी जरूर ले लेना...हम सब साथ पहली बार घूमने जायेगे ...मजा आएगा...और मुझे तुमसे कुछ जरुरी बात करनी थी...मैंने नीता से कहा था पर वो। कहने लगी की आप ही करलो...
सुहानी:- ऐसी क्या बात है??
अविनाश:- यहाँ आओ बैठ के बात करते है...
दोनों बेड पे बैठ गए...
अविनाश:- बेटा बात ये है की( सुहानी के हाथो पे हाथ रखते हुए) ...वो मैं ये पूछना चाह रहा था की...वो..बेटा बुरा मत मानना...
सुहानी:- ओह हो पापा बोलो भी...मैं बुरा नही मानूँगी...सुहानी दिल जोर जोर से धड़कने लगता है...पता नही क्या बात है??ये सोच के।
अविनाश:- बेटा मैं ये पूछ रहा था की तुम्हारे लाइफ में कोई है क्या?? मतलब की तुम किसी कोंपसंद करती हो??
सुहानी:- नहीं पापा( सुहानी ने झट से जवाब दिया) कोई नहीं है...
अविनाश:- तो वो कपडे क्यू लेके आई थी तुम??
सुहानी समझ जाती है की अविनाश कोनसे कपड़ो की बात कर रहा था वो थोड़ी शरमा जाती है।
सुहानी:- कोनसे कपडे??
अविनाश को अपनी गलती का अहसास होता है...उसे समझ नहीं आता की अब क्या जवाब दे।
अविनाश:- वो उस दिन तुम नीता को दिखा रही थी...अब लड़की ऐसे कपडे खरीदती है तो कुछ स्पेशल दिखने के लिए और किसी स्पेशल ओ दिखाने के लिए।
सुहानी:- वो तो मैं ऐसेही लेके आ गयी थी ऑफिस में सब अच्छे कपडे पहनते है तो मैं भी लेके आ गयी।
अविनाश:- मुझे लगा की...
सुहानी:- ह्म्म्म नहीं पापा और मुझ जैसी बदसूरत से कोण प्यार करेगा...
अविनाश:- ऐसा मत बोलो बेटी ...जरूर मिलेगा जो तुम्हारे चहरे से नही तुमसे प्यार करेगा...
सुहानी:- ह्म्म्म देखते है...वरना जिंदगीभर यही पड़ी रहूंगी..
अविनाश:- तो क्या हुआ ...रह जाना यहाँ...मैं हु ना...
अविनाश के ऐसे बोलते ही सुहानी चौक के देखा...
अविनाश को समझ आ गया की वो क्या बोल गया...
अविनाश:- मतलब हम सब है ना...तुम चिंता मत करो...
सुहानी:- मुझे कोई चिंता नहीं पापा...मुझे पता है आप सब हो...
अविनाश:- हा बेटी ...तुम्हारी हर जरुरत पूरा खयाल रखूँगा मैं....
सुहानी समझ रही थी अविनाश किस जरुरत की बात कर रहा है।
सुहानी:- वो तो मैं खुद रख सकती हु...आप बस मुझसे ऐसेही प्यार करते रहो...सुहानी ने बात को थोडा घुमा दिया।
तभी अविनाश का ध्यान लैपटॉप पे गया उसने देखा शादी के फ़ोटो है।
अविनाश:- अरे बेटा ये पूनम के शादी के फ़ोटो है क्या मुझे भी दिखाओ जरा...सुहानी ने लैपटॉप उठा के अपने जांघो पे रख लिया...और अविनाश को दिखने लगी। अविनाश उसकी और खिसक गया...अपना चेहरा उसके कंधे के पास ले गया बिलकुल उसके गालो के पास...उसककी साँसे सुहानी को अपने गर्दन पे महसूस हो रही थी...सुहानी उसे एक एक फ़ोटो दिखने लगी...अविनाश पहले तो फ़ोटो देख रहा था पर अब वो ऊपर से उसके टॉप में से दिखाई दे रही चुचिया जादा देख रहा था...उसने धीरे से अपना हाथ सुहानी की कमर पे रखा सुहानी पहले ही उसकी सांसो की गरम हवा जो उसके गर्दन को छु रही थी उससे उत्तेजित हो रही थी और। अब उसने कमर पे हाथ रख दिया था।
अविनाश:- बेटा ये कोण है??
सुहानी:- कोण पापा??
अविनाश:- ये जो पिछली पिछ में था...अविनाश ने अपना हाथ आगे बढ़ाया और सुहानी के हाथो के ऊपर से न ले जाके उसकी कमर और हाथ के बिच जो गैप थी उसमे से ले जा के लैपटॉप के सेंसर पे रख दिया और क्लिक करके पीछे ले गया...सुहानी ने दोनों हाथो से लैपटॉप पकड़ रखा था..
अविनाश:- ये बेटा...अविनाश ने पूनम के चाचा की फ़ोटो दिखाते हुए पूछा...
सुहानी:- ये पूनम के अंकल है...सुहानी को वो सब बाते किसी फस्फोरवर्ड की तरह उसके आँखों के सामने से निकल गयी...उसकी उत्तेजना और भी बढ़ गयी...क्यू की अविनाश का हाथ लैपटॉप के सेंसर पे था और वो बिलकुल उसकी दोनों जांघो के बिच था और अविनाश उसप्प सिर्फ उंगलिया चला रहा था और उसका हाथ सुहानी की चूत से बस कुछ इंच की दुरी पे था...अविनाश जानबुज के अपना हाथ पीछे के और ले रहा था....सुहानी की साँसे तेज होने लगी थी अविनाश को समझ आ रहा था क्यू की उसकी हर सांस के साथ उसकी चुचिया उप्पर हो जाती...सुहानी ने आज भी ब्रा पॅंटी नही पहनी थी शायद उसे कही कोने में यकीं था की आज भी अविनाश उसके कमरे में आएगा...सुहानी चाह रही थी की लैपटॉप उठा के अविनाश को दे दे लेकिन उसे इन सब में मजा आ रहा था...
सुहानी:- स्स्स्स अह्ह्ह्ह्ह ....अचानक सुहानी के मुह से आह निकल गयी...क्यू की हुआ ही कुछ ऐसा था...अविनाश ने अपना हाथ लैपटॉप के सेंसर से फिसला कर निचे सुहानी के चूत के पास रख दिया था...अगर थोडा 5 cm और पीछे आ जाता तो सीधा सुहानी की चूत को छु लेता....लेकिन अविनाश को ये अहसास जरूर हो गया था की सुहानी ककी चूत गीली होने लगी थी...
अविनाश:-क्या हुआ बेटा??
सुहानी ने शरमाते हुए उसकी तरफ देख के सिर्फ ना में गर्दन हिलाई...अविनाश भी उसकी आह को जादा अहमियत न देते हुए अपने काम में।लग गया....केकुछ देर बाद उसने एकबार फिर वही हरकत की...सुहानी को अब बर्दास्त नहीं हो रहा था...उसका मन कर रहा था की हाथ पकड़ के सीधा चूत पप रख दे लेकिन वो ये नहीं ककर सकती थी...लेकिन अविनाश का इसतरह से छूना भी अब उसके बर्दास्त के बाहर हो रहा था। लेकिन तभी पिक्स खत्म हो गए...सुहानी ने राहत की सांस ली...लेकिन अविनाश अपने हाथ से ये मौका नही जाने देने वाला था...
सुहानी:- पापा खत्म हो गए...सुहानी ने कैसे तो भी हिम्मत जुटा के कहा...अविनाश ने अपना हाथ पीछे लिया लेकिन इस बार उसने अपना हाथ पहले सुहानी की जांघो पे रखा और धीरे से पीछे की खीचते हुए सुहानी की गीली चूत को बिच वाली ऊँगली से छु ही लिया।
सुहानी को एकदम जोर का झटका लगा।
सुहानी:- उफ्फ्फ्फ्फ्फ ये क्या स्सस्सस्स अह्ह्ह्ह पापा ने मेरी चूत को टच किया अह्ह्ह्ह्ह स्स्स्स मर गयी अह्ह्ह्ह्ह
अविनाश:- उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्ह मजा आ गया उम्म्म्म्म इसकी चूत तो बहोत। गीली हो रही है स्सस्सस्सस अह्ह्ह्ह कितनी गरम है स्सस्सस्सस अंदर से बाफ निकल रही है स्सस्सस्स काश थोड़ी देर और ऐसेही रह पाता उम्म्म्म
सुहानी अब संभल गयी थी उसने देखा अविनाश संभल के बैठ गया था और अपने खड़े लंड को छुपाने की नाकाम कोशिस कर रहा है।
अविनाश:- ह्म्म्म बहोत बढ़िया शादी थी...मुझे आना चाहिए था...
सुहानी:- पूनम चाहती थी मगर आपसे कह नहीं नहीं पायी...चलो जाने दीजिये बहोत देर हो गयी चलिए सो जाते है...
अविनाश :- हा चलो सरको उधर...सो जाते है...
अविनाश ने हस्ते हुए कहा।
स7हानि:- यहाँ?? कुछ भी क्या पापा...आप जाइए अपने कमरे में...
अविनाश:- तुमने ही तो कहा....
सुहानी:- हा हा हा वैरी फनी...सुहानी ने हस्ते हुए कहा।
अविनाश भी हँसने लगा और उठ के जाने लगा....सुहानी भी पीछे पीछे दरवाजा लगाने के लिए उठी....लेकिन एक कदम आगे बढ़ के अविनाश पलटा...वो जैसे ही पलटा वो पीछे से उठती हुई सुहानी से टकराया ...जिससे सुहानी का बैलेंस बिघड़ गया और बेड पे गिराने लगी उसने सहारे के लिए अविनाश को पकड़ा अविनाश भी उसे पकड़ने के लिए अपना हाथ बढ़ाया लेकिन उसका भी बैलेंस बिघाड गया और और भी सुहानी के ऊपर गिर गया....अविनाश थोडा आगे होने के कारण जब वो गिरा उसका चेहरा सुहानी के चुचियो पे दब गया सुहानी ने गिरते वक़्त अपना हाथ आगे बढ़ाया था हाथ पकड़ने के लिए लेकिन उसके हाथ में गिरते हुए अविनाश का। सर आ गया...जब गिरे तब अविनाश का सर बिलकुल चुचियो पे था और सुहानी का हाथ उसके सर पे....और निचे सुहानी के चूत पे अविनाश का लंड था...जैसे ही सुहानी को अहसास हुआ उसके पैर अपने आप खुल गए...अविनाश की जैसे सारी इच्छाये पूरी हो गयी थी। उसने होठ सुहानी की चुचियो ककए ऊपर रख दिए और उसे धीरे से ऊपर की और ले गया....सुहानी उसकी ये हरकत समझ गयी थी लेकिन वो उसके निचे दबी। हुई थी....अविनाश थोडा ऊपर की और सरका और उसका लंड बिलकुल निशाने पे था...सुहानी की चूत को अविनाश के टाइट लंड का अहसास अपनी चूत पे हो रहा था....उसे भी अब नशा चढ़ने लगा था.....वू भी थोडा एडजस्ट हो के अपनी चूत को अविनाश के लंड पे दबा रही थी। दोनों ऐसा दिखावा कर रहे थे की सब अनजाने में हो रहा है....अविनाश बिना उठे सिर्फ अपना चेहरा ऊपर उठाया और कोहनी के बल थोडा ऊपर उठा...
अविनाश:- ठीक हो सुहानी?? चोट तो नहींलगी?
सुहानी:- नही...मैं ठीक हु...अपने गिरा दिया मुझे...
सुहानी को कोई जल्दी नही थी ...अविनाश तो ऐसेही उसके साथ घंटो पड़ा रह सकता था...अविनाश का चेहरा सुहानी के चहरे के बिलकुल सामने था...निचे चूत और लंड एक दूसरे का। स्पर्श पा कर आंनद से। *उड़ने लगे थे।*
अविनाश:- मैंने नही गिराया....वो तो मैं तुमसे ये कहने के लिए पलटा था की कल छुट्टी ले लेना कोई भी हालत में...और उसने अपना दूसरा हाथ आगे करके सुहानी के बाल उसके चहरे से हटाये और अपना हाथ वैसेही रखा...उसका आर्म के निचे सुहानी की चुचिया डाब रही थी अविनाश धीरे धीरे उन्हें दबा रहा था....सुहानी को मजा आ रहा था....उसको यकीं नहीं हो रहा था की उए सब उसके साथ हो रहा है....उसकी चूत बहोत पानी छोड़ रही थी....अविनाश का लंड भी काफी टाइट हो चूका था....
सुहानी:- उठिये अब...अह्ह्ह्ह्ह
अविनाश चाहता तो साइड में होक उठ सकता था पर *उसने अलग ही तरीका अपनाया ...पहले वो अ0ने पंजो के बाल खड़ा हुआ और आखरी बार सुहानी की चूत पे अपना लंड रगड़ा....और खड़ा हो गया...सुहानी भी पीछे सरक के बैठ गयी....
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