RE: Indian Sex Story बदसूरत
सुहानी:- आपको बोला था ना...
अविनाश:- अरे ठीक हु मैं...
सुहानी:-अच्छा चलिए अब सो जाइए...11.30 बज गए है....
सुहानी ऐसा बोल के जाने लगी...लेकिन अविनाश ने उसका हाथ पकड़ा और अपनी तरफ खीचा...जिसके वजह से सुहानि का बैलेंस बिगड़ा और वो सीधा अविनाश के गोद में जा बैठी....अविनाश की तरफ उसकी पीठ थी...
अविनाश:-रुको तो बेटा...अभी तुम्हे बाहो में उठाया....अब जरा गोद में बिठा के थोडा प्यार करने की हसरत भी पूरी कर लू...
सुहानी को यकीं नहीं हो रहा था की अविनाश ने ऐसा किया...सुहानी ही क्या...अविनाश को खुद पे यकीं नहीं हो रहा था ककी उसने सुहानी को अपने गोद में बिठा लिया है....सुहानी जब बैठी उसकी पीठ अविनाश के तरफ थी...अविनाश के हाथ उसकी कमर के इर्द गिर्द थे....अविनाश को जैसे ही उसकी मांसल गांड का स्पर्श अपने लंड पे हुआ उसका लंड हरकत करने लगा...सुहानी को भी अविनाश के खड़े लंड का स्पर्श अपनी गांड पे साफ़ साफ़ महसूस होने लगा....सुहानी अब थोडा साइड से टर्न हुई...जिसकी वजह से उसकी चुचिया अविनाश के चहरे के पास आ गयी...वो भलीभांति जानती थी की अविनाश बस उसके जिस्म को छूने के बहाने ढूंढ रहा है पर वो ऐसा कुछ करेगा इसपे सुहानी को यकीं नहीं होब्रह् था।सुहानी नेने उठने की कोशिश की तो अविनाश ने अपना एक हाथ उसकी जांघ पे रख दिया...जब सुहानी उठने की कोशिस कर रही थी तब उसकी नरम गांड दो तिन बार अविनाश के टाइट लंड से रगड़ गयी...जिससे अविनाश का लंड और भी जोश में आ गया....सुहानी को ये सब अच्छा तो लग रहा था पर बहोत अजीब फील हो रहा था....
सुहानी:- प्लीज़ छोड़िये मुझे...ये क्या कर रहे हो आप??
अविनाश ने उसकी जांघ पे हाथ का दबाव बनाया ...
अविनाश:- कुछ नहीं बेटा...बचपन में तुम्हे मुश्किल से 5 6 बार गोद में लिया होगा...बड़ा बेकदरा इंसान हु मैं....माफ़ कर देना मुझे...
सुहानी उसको ऐसे एमोतीनल होते हुए देख शांत हो गयी....उसने अपना एक हाथ उसके गले में डाला और दूसरे हाथ को अविनाश के चहरे पे रखा....
सुहानी:- प्लीज़ पापा...भूल जाइए अब...मैंने कहा ना...मैंने माफ़ कर दिया आपको...
अविनाश:- तुमने माफ़ कर दिया ...पर मेरे मन से ये बाते नहीं जा रही...
सुहानी ने महसूस किया की उसका लंड छोटा हो रहा है...इसका मतलब वो सच में गिल्टी फील कर रहा था...अविनाश का एक हाथ उसकी पीठ पे था और एक हाथ उसकी जांघ पर...
सुहानी और अविनाश ने एक दूसरे को देखा और सुहानी उस मूमेंट में बह गयी...और उसी हालात में वो अविनाश को गले लगा लिया...सुहानी गोद में बैठी हुई थी जिसके वजह से उसका चेहरा सीधा चुचियो के ऊपरी हिस्से पे दब गया...सुहानी ने क्या किया इसका अहसास उसे तब हुआ जब उसे अपनी गांड पे फिरसे अविनाश का लंड खड़ा होते हुए महसूस हुआ...अविनाश ने इस मौके का भरपूर फायदा उठाया और सुहानी को कस के गले लगा लिया...और थोडा सुहानी को पकड़ के खुद भी अड्जस्ट हो गया...उसने अपने गाल सुहानी की चुचियो पे एक दो बार दबा लिए....और निचे से अपना लंड उचका के सुहानी की गांड पप रगड़ रहा था।
सुहानी की हालत फिर से खराब होने लगी....उसकी पहले से ही गीली चूत और भी गीली होने लगी....अविनाश के लंड का स्पर्श उसे अपनी चूत के आस पास हो रहा था...अगर वो स्कर्ट और पैंटी ना होती...लंड सीधा उसकी चूत पे रगड़ रहा होता....उसकी धड़कन बढ़ने लगी थी....उसकी सांसे तेज हो रही थी....जिसकी वजह से उसकी चुचिया जिसपे अविनाश का चेहरा था...वो तेजी से ऊपर निचे होने लगी... सुहानी के टॉप के बटन खुल गए थे शायद जब अविनाश ने उसे उठाया था तब खीचा तानी में निकल गए होंगे। अविनाश अपना गाल उसकी चुचिया जो लगबघ नंगी हो चुकी थी उसको सहला रहा था। वो अविनाश से दूर होना चाहती थी पर...उसे वो सब अच्छा लगने लगा था...उसे बहोत मजा आ रहा था...अविनाश धीरे धीरे उसकी ऊपर निचे होती चुचियो पे अपने गाल दबा रहा था...और निचे से थोडा अपनी गांड को उठाया और लंड को सुहानी की गांड पे रगड़ा...सुहानी को एक झटका सा लगा और वो अविनाश को अपने से अलग किया...अविनाश को लगा की इसने बेवजह ही ऐसा किया क्यू की उसके पास और मजे करने का मौका था लेकिन वो भी क्या करता...जब लंड खड़ा हो जाता है तो उसे रगड़ना मज़बूरी हो जाती है...सुहानी और अविनाश ने एक दूसरे को देखा...
सुहानी:- अब मुझे उठाने दीजिये...
अविनाश के पास अब कोई बहाना नहीं था उसे रोकने का...सुहानी बैठे बैठे ही दूसरी साइड सरक गयी...उसने देखा की अविनाश का लंड पुरीबतरह से तना हुआ है...अविनाश को पता था सुहानी जैसे *ही उठेगी उसे वो दिखाई देने लगेगा...वो तैयारी में था...इसने झट से एक सोफे पे रखा हुआ तकिया उठाया और लंड को कवर कर लिया।
दोनों बहोत गरम हो चुके थे। और चुप थे। क्या बात करे किसीको समझ नहीं आ रहा था...
सुहानी:- पापा अब चलिए सो जाइए...
सुहानी ने उस ख़ामोशी को तोडा...
अविनाश:-हा चलो...
दोनों ने एक दूसरे को गुड नाईट कहा और अपने कमरे में चले गए...सुहानी जैसेही अपने रूम में गयी उसने लाइट बंद किया और बेड पे लेट गयी...और अपना स्कर्ट ऊपर किया और अपनी चूत को छुवा...
सुहानी:- स्स्स्स उफ्फ्फ्फ़ कितनी गीली हो गयी है....और आज तो पापा ने हद ही कर दी...कैसे कैसे बहाने बना रहे थे...मेरी चुचियो को तो खूब दबाया आज स्सस्सस्स (सुहानी अपनी चुचिया अपने हाथो से दबाते हुए) उम्म्म्म्म्म मस्त अपने गाल रगड़ लिए मेरी चुचियो से और टॉप के बटन भी तो खुल गए थे...सीधा मेरी चुचियो पे स्पर्श कर लिया उम्म्म्म्म्म और उनका लंड उफ्फ्फ्फ्फ्फ स्स्स्स्स् कैसे उचका उचका के मेरी गांड से रगड़ रहे थे अह्ह्ह्ह्ह मेरी चूत ने इतना पानी कभी नही छोड़ा अह्ह्ह्ह
सुहानी ने पैंटी को सरकाया और उसके दाने को सहलाने लगी । फिर धीरे से अपनी एक ऊँगली अंदर डाल दी और तेजी से अंदर बाहर करने लगी....वो एक हाथ से अपनी चुचिया दबा रही थी और निचे चूत में ऊँगली कर रही थी....
सुहानी:- अह्ह्ह्ह स्सस्सस्स उम्म्म्म्म बहोत मजा आ रहा है आज उम्म्म्म्म उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़् मर गयी उम्म्मम्मम्मम्मम्मम्म
सुहानी अब झड़ने के करीब थी....वो अपनी गांड को ऊपर ऊपर उठा रही थी और तेजी से ऊँगली अंदर बाहर कर रही थी। अगले ही पल सुहानी ने अपनी कमर ऊपर उठाई और धड़ाम से बेड पे पटक दी...वो झड़ने लगी थी...उसकी चूत से ढेर सारा पानी निकल रहा था ...उसका स्कर्ट पूरा गिला हो गया था...वो जोर जोर से साँसे लेते हुए वैसेही पड़ी रही।
इधर अविनाश भी बाथरूम में पुरे जोश में था...एक एक पल कोयाद करते हुए वो अपना लंड हिला रहा था...
अविनाश:- अह्ह्ह्ह स्सस्सस्स आज तो मजा आ गया उम्म्म्म्म्म आज जी भर के सुहानी के जिस्म को छुआ अह्ह्ह्ह स्सस्सस्सस उफ्फ्फ्फ्फ्फ क्या चुचिया है उम्म्म्म क्या गांड है उसकी उफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ़*
अविनाश सुहानी की चुचिया और गांड कोयाद करते हुए झड़ने लगा....
बड़ा ही अजीब खेल चल रहा था दोनों के बिच...सुहानी ने गुस्से में आके ये सब शुरू किया था पर समीर की बात सच हो रही थी...सुहानी का जिस्म देख के अविनाश पागल होने लगा था...जो इंसान बाप् होते हुए भी अपनी बेटी को कभी प्यार नही दिया आज वाही इंसान उसकी बद्सुरती को भूल के सर और सिर्फ अपनी हवस पूरी करने के लिए उसके जिस्म से खेलने लगा था...और ऐसा करने के लिए उसने उन्ही चीजो का सहारा लिया जो उसे जब सुहानी छोटी थी तब करनी चाहिए थी।
|