RE: Indian Sex Story बदसूरत
सुहानी ने स्कार्फ खोला और आके पूनम के पास बैठ गयी। उसने *एक पैर के ऊपर दूसरा पैर रखा था...साइड से उसकी जांघे और गांड को देख वह बैठे सब के लंड में हलचल होने लगी थी।
उसके चाचा तो लंड मसलने लगे थे।और जब उनकी नजर कुर्ती में से दिखाने वाली सुहानी की चुचियो पे पड़ी तो उनका लंड तन के खड़ा हो गया।
पूनम और सुहानी अपनी बातो में लगे हुए थे।
सुहानी:- चल तेरे रूम में चलते है।
पूनम की मम्मी:- हा तुम ऊपर ही कहले जाओ...और आराम करो...थोड़ी देर में पूजा सुरु हो जायेगी।
दोनों उठ के ऊपर जाने लगी। पूनम के चाचा और पापा सुहानी की मटकती गांड को देखने लगे। हवा से उसकी कुर्ती थोड़ी ऊपर हुई तो उसकी मांसल गांड को वो दोनों आवाक होके देखने लगे।
पूनम और सुहानी रूम में...
सुहानी:- ओह हो...आज तो तू चमक रही है....
पूनम:- वो तो चमकुंगी ही...पर तुझे क्या हुआ है...जो तू भी ऐसे लग रही है जैसे की तेरी भी सुहागरात हुई है कल...
सुहानी:- कुछ भी...वो तो तेरी सुहागरात के बारे में सोच कर...
पूनम:- झूठ मत बोल...तुझे पता है ...म7झसे तू झूठ नहीं बिल पाती ...बता क्या हुआ?
सुहानी ने समझ लिया ई पूनम ने पहचान लिया है...उसने उसे चैटिंग के बारे में सब बात बता दी शिवाय इसके की उसने भी उसे नंगे पिक्स भेजे और वेबकेम पे एकदूसरे को नंगा देख के मजे किये।
पूनम:- देख सुहानी ये ऑनलाइन रिश्ते सब बकवास होते है...तू संभल के रहना...जब तक सब पक्का विस्वास न हो तब तक नहीं मिलना...
सुहानी:- हा रे मैं संभल के रहूंगी...उसने ऐसा बिल तो दिया मगर उसके मन में उसकी बात बैठ गयी की भरोसा नहीं करना चाहिए।
फिर वो दोनों ऐसेही हँसी मजाक चलता रहा। थोड़ी देर में फिर पूजा शुरू हुई ...पूनम और उसका हस्बैंड विनीत पूजा में बैठे थे। बाजु में पूनम के ममी पापा...बाकि लोग साइड में बैठ के देख रहे थे।
पूनम के चाचा सुहानी को ही घूरे जा रहे थे। जब भी सुहानी पूनम के घर जाती तो अक्सर उससे कोई जादा बात नहीं करता। उसके चाचा भी उन्ही में से एक थे। लेकिन वो बहोत ही रंगीन किस्म के इंसान थे। अपने ऑफिस में बहोत सी लड़कियो को वो अपने बिस्तर तक ले गए थे। लेकिन घर पे बहोत शरीफ बनते थे। उन्हें लडकिया फ़साने का काफी अनुभव था।
पूनम की मम्मी ने जब उसकी चाची को प्रसाद बनाने के लिए भेजा तो उन्हें मौका मिल गया सुहानी से बात करने का...वो सुहानी के पास आके खड़े हो गए। सुहानी ने उनके तरफ देखा और स्माइल किया...और फिर से पूजा देखने लगी।
चाचाजी फिरसे थोडा सुहानी की तरफ खिसके...वो लगबघ सुहानी से चिपक ही गए थे।*
सुहानी ने उनकी तरफ देखा तो वो स्माइल ककरन लगे।
चाचा:- और सुहानी बेटा...कैसा चल रहा है तुम्हारा काम??
सुहानी हैरान थी की उसके चाचा उससे बात ककर रहे है जो कभी उसकी तरफ थिक् से देखते तक नहीं थे।
सुहानी:- सब ठीक है अंकल...
चाचा:-अब तो पूनम चली जायेगी...और तुम भी यहाँ आना बंद कर दोगी...
सुहानी:- नहीं अंकल...मैं आउंगी ना कभी कभार आंटी से मिलने...पूनम ने मुझसे प्रॉमिस लिया है की जब भी टाइम मिले मम्मी से मिलने जानेका...
चाचा:- ह्ह्ह्म्म्म अच्छा है उसी बहाने हमसे मुलाकात हो जायेगी....ऐसा बोल के वो और सुहानी के नजदीक सरक गए...उनका कन्धा सुहानी के कंधे से टच हो रहा था। और हाथ निचे जांघो से। सुहानी ने इग्नोर किया...
चाचा:- तुम सॉफ्टवेयर में कम करती हो ना?
सुहानी:- जी...
चाचा:- ओह्ह अगर तुम सिविल में होती तो तुम्हे अपनी कंपनी में जॉब पे रख लेता...वैसे आजकल तुमारे जैसे इंटिलेजेंट बच्चे कहा मिलते है...
और ऐसे बोल के उसके चाचा ने सुहानी के जांघो को हलके से छुआ...सुहानी को लगा की अनजाने में गुआ होगा...उसने फिर से इग्नोर किया।
सुहानी:-ऐसी बात नहीं है अंकल...
चाचा:- अरे ऐसेही बात है...आजकल की लडकिया सिर्फ अपनी खूबसूरती के भरोसे जॉब हासिल करना चाहती है...तुम समझ रही हो ना...
ऐसा बोल के हलके से सुहानी की जांघो को सहलाया...
सुहानी को अब की बार एक झटका सा लगा....उसने पीछे मुद के देखा पीछे कोई नहीं था...फिर चाचा क्किबतर्फ देखा वो सामने की और देख रहे थे।
सुहानी:-ज..जी अंकल...
सुहानी को समझ नहीं आ रहा था की क्या करे...एक तो पहली। बार उसे ऐसे कोई छु रहा था।
चाचा:-वो लडकिया कुछ भी करने को तैयार रहती है....वो दो उंगलिया से जांघो को सहलाने लगे।
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