RE: Indian Sex Story बदसूरत
कैमरामैन:- अह्ह्ह्ह बेहनचोद....क्या चुचिया है मार डाला रे स्स्स्स्स्
उसका साथी बस आँखे फाड़ के देखे जा रहा था।
उस लड़की की गांड और चुचिया देख के दोनों की हालत ख़राब हो चुक्की थी। ये हाल सिर्फ उन दोनों का ही नहीं बल्कि वहा मौजूद सभी लागो का था।
ललेकिन.......
कैमरामैन:-चल थोडा आगे चल के इस के हुस्न को कैमरे में कैद करते है और इसका चेहरा भी तो देखे कैसा है...
दोनों थोडा आगे बढे और उस लड़की को पिछेसे ऊपर से लेके निचे तक शूट करने लगे।
लेकिन जैसे ही वो लड़की थोड़ी मुड़ी और उसका चेहरा उन दोनों ने देखा....वो दोनों एक दूसरे की तरफ देख के हैरान से हो गए.....ये चीज उस लड़की ने भी देखि ककी वो दोनों उसकी तरफ देख के किस तरह भौचक्के से खड़े थे....अगले ही पल वो दोनों संभले और वहा से निकल गए....
वो लड़की भी वहा से नियल गयी।
वो दोनों थोडा कार्नर में गए।
कैमरामैन:- हट्ट साला पीछे से क्या क़यामत धा रही थी और जैसे ही चेहरा देखा दिमाग आउट हो गया...
दूसरा:- हा बॉस...कितनी "बद्सुरत" थी वो....डिलीट कर दो उसका फुटेज...बहनचोद दुबारा देखेंगे तो दो दिन लंड खड़ा नहीं होगा....
कैमरामैन:- हा भाई सच बोला तूने.....चल एक एक पेग लगाते है....लड़की ने तो मूड का सत्यानाश कर दिया....
दूसरा:- सच में बॉस पीछे से देख के तो ऐसा लग रहा था की अभी मेरा लंड पानी छोड़ देगा....पर...चलो मुझे भी एक पेग की जरुरत महसूस हो रही है।
वो दोनों वहा से चले गए....इस बात से अनजान की उनकी ये सारी बाते साइड में खड़ी वो लड़की...."सुहानी" सुन रही थी।
ऐसी बाते सनके उसे रोना सा आ गया....वो वैसेही वहा से मुड़ी और तेज तेज चलते हुए अपने रूम में आ गयी और बाथरूम में घुस गयी और वही निचे बैठ के फुट फुट कर रोने लगी.....उसकी आखो के सामने उसकी 23 साल की जिंदगी किसी फ़िल्म की तरह चलने लगी।
बचपन से ही वो इनसब बातो कको झेलते हुए आ रही थी। उसका रंग थोडा सावला सा था भले उसके चेहरे पे कोई दाग नहीं था लेकिन बनावट थोड़ी अजीब सी थी।
बचपन में स्कूल में उसके कोई दोस्त नहीं था। उससे सब चिढ़ाते रहते...कोई उससे दोस्ती नहीं करना चाहता था। यहाँ तक की उसके पापा भी उससे कुछ ख़ास लगाव नहीं था। माँ के लिए तो सभी बच्चे एक समान होते है। जब उसका भाई पैदा हुआ तो उसे लगा की अब उसे एक दोस्त मिल गया लेकिन ये उसी गलत फैमि थी। उसका भाई उसे बिलकुल भी पसंद नहीं करता था। उसे उसके खेलने में या कही बहार जाने में शरमन्दगी महसूस होती थी।
सुहानी ऐसेही अपने आप रहने लगी। उसका पूरा ध्यान सिर्फ पढाई में रहता। लेकिन दिल में हमेशा इस चीज का मलाल रहता की वो खूबसूरत नहीं है क्यू की उसका कोई दोस्त नहीं था। उसे कोई भी अपने ग्रुप में शामिल नहीं करता। ग्रुप के खेल में भी उसे कोई लेना नहीं चाहता था भले ही वो सबसे अच्छा खेलती थी। लेकिन उसने कभी हार नहीं मानी खेल जो अकेले खेला जाता उसमे उसने हमेशा अव्वल स्थान प्राप्त किया।
हालांकि दिखने में थोड़ी बहुत बदसूरत लडकिया और भी थी पर पता नहीं क्यू लोगो को उसके प्रति ही घृणा क्यू थी? इसका जवाब था उसके चहरे की बनावट। इसमे उसका कोई दोष नहीं था। क्यू की वो सब हुआ था कोई दवाई के साइड इफ़ेक्ट ककी वजह से जो उसकी माँ को दी गयी थी जब वो पेट में थी।
जब वो थोड़ी बड़ी हुई उसे सब समझ आने लगा और उसने सबसे दुरी बनाय राखी और सिर्फ पढाई में ध्यान देने लगी।
लेकिन उसका ध्यान पढाई में रहने के कारन वो हमेशा क्लास में टॉप रहती।*
जब वो कॉलेज गयी तो वहा उसे और भी जादा बेइज्जती सहनी पड़ी। लेकिन उपरवाला अपने बन्दों ओ ऐसेही नहीं छोड़ देता। इंजीनियरिंग कॉलेज में उसकी पहचान पूनम से हुई....पूनम एक बहोत ही आमिर घर की लड़की थी लेकिन वो दिल क8 बहोत अच्छी थी। उसने सुहानी की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाया...और सुहानी के लाइफ का एक नया अध्याय शुरू हुआ जिसमे उसने मस्ती मजाक और वो सारी चीजे की जो वो अबतक कभी नहीं की थी। पूनम उसे एक अलग ही दुनिया में ले गयी। वो दोनों एक दूसरे ककी जान थे।
लेकिन आज उसका वो सहारा भी छूट रहा था आज पूनम की शादी थी। शादी के बाद वो हमेशा के लिए us जाने वाली थी। पूनम के साथ बिताये पलो की याद आते ही सुहानी के चहरे पे एक स्माइल आ गयी। आज वो जितनी उदास थी उससे कही जादा खुश थी क्यू की उसके जान उसके सबसे अच्छे दोस्त की शादी थी। और उसने उसे सिखाया था की ""लोग जो मर्जी आये वो कहे या करे लेकिन तुम उनकी बातो को दिल पे मत लगाना""
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