RE: Desi Sex Kahani अनदेखे जीवन का सफ़र
बिस्वा वीर के माइंड मे
बिस्वा..भाई हमे जल्दी निकलना होगा..
वीर..हाँ ठीक है..
उधर सारे रिश्तेदार.माँ डॅड के साथ बात कर रहे थे..
वीर..माँ मुझे जाना होगा .आज मेरी इंपोर्टेड मीटिंग है. लंडन मे.
माँ..ये अचानक मीटिंग चल ठीक है..
वीर...माँ मेरे साथ संजू ऑर प्रीत भी जा रही है. हम कल रात को वापिस आएगे.......
इतना बोल वीर माँ को ज़ोर से हग करता है..फिर डॅड ऑर दादा जी को भी.
फिर सभी रिश्तेदार से मिल कर निकलते है
वीर...हाँ तो बिस्वा बोलो कैसे जाना है हमे...
बिस्वा..चलिए मेरे साथ...फिर बिस्वा सभी को गायब कर एक सुनसान इलाक़े मे ले जाता है..
वहाँ दूर दूर तक कोई नही था...
फिर बिस्वा आँख बंद कर कुछ बोलता है..
ओर तभी कोई आता है..
कौन आया ....यह देखने के लिए साथ बने रहे
तभी आसमान मे एक शाही सवारी आती है..जिसे तीनों देखते ही रह जाते है..
बिस्वा..भाई आपकी सवारी आ गयी..
पूरी सवारी से सुनहरे कलर की रोशनी निकल रही थी उसका डिजाइन एक गोल्डन ईगल के जैसा बना हुया था
सवारी धरती पर लॅंड करती है..
संजू..भाई ये तो बहुत सुंदर है..प्ल्ज़्ज़ जल्दी चलो इसके अंदर ..कंट्रोल नही होता
तभी उस ईगल की आँखो से रोशनी निकल ज़मीन पर पड़ती है ये एक सीडी थी..उपर चढ़ने की..
वीर ..चलो हसीनाओ..
फिर वीर दोनो लड़कियों को अपने साथ हाथ पकड़ सीडी चढ़ने लगता है...
उसमे जाकर देखते है..कि बाहर से दिखने मे छोटी पर अंदर एक पूरी सिटी समा जाए..
बिस्वा...भाई आप सामने बने तख्त पर बैठ जाइए..
.वीर वहाँ बने एक तख्त पर बैठ जाता है ऑर साथ मे दोनो हसीनाए भी..
तभी सवारी एक जंप लेती है..उड़ जाती है अपनी मंज़िल की ओर.
प्रीत..जान मुझे यकीन नही हो रहा हम हवा मे उड़ रहे है .बहुत शानदार नज़ारा है...मैं बहुत खुश हूँ कि मैं इन हसीन पल का हिस्सा बनी...
ऑर फिर प्रीत वीर को गले लगा लेती है ..ऑर साथ मे संजू भी..
पालक झपकते हे सवारी जिन्न लोक पहुँच जाती है..
सामने जिन्न लोक का बॉर्डर नज़र आता है. वीर सवारी को बॉर्डर पर रोक लेता है ऑर नीचे उतर जाता है...
आशिस..भाई क्या हुआ आप यहाँ क्यूँ उतर गये...
वीर...हम यहाँ से पैदल जाएगे...
सब वीर की बात से सहमत हो जाते है...
वीर आगे आगे चलने लगता है..जैसे ही बॉर्डर क्रॉस करने वाले थे कि तभी वहाँ एक रोशनी की दीवार आ जाती है.
ऑर उसमे से एक जिन्न बाहर निकल ता है..बहुत ही अद्भुत नज़ारा था
.
जिन्न..कौन है आप ऑर यहाँ कैसे आए..
तभी बिस्वा.ऑर आशीष
बिस्वा...ये हमारे बादशाह है..
जैसे ही जिन्न को वीर के बारे मे पता चलता है. वो जिन्न वीर से माफी मागता है ऑर उन्हे सलाम करता है..फिर वो रोशनी गायब हो जाती है..वीर ऑर बाकी सब वहाँ से अंदर चलने लगते है...
जैसे ही अंदर का नज़ारा देखते है तो उनकी आखे बड़ी हो जाती है जिन्न लोक सारा सोने का बना हुआ था
रोड के किनारे जिन्नो के छोटे छोटे बच्चे खेल रहे थे. ..
दोनो बॉल को हवा मे एक दूसरे की तरफ फेक रहे थे. लेकिन मॅजिक से.
थोड़ा आगे चलने के बाद एक मार्केट नज़र आती है.....
वीर .ये क्या आशीष..यहाँ पर कोई काम नही कर रहा. ये सब अपने आप यहाँ कैसे हऱ समान बन रहा है..
आशीष...भाई बात ये है कि यहाँ सब मॅजिक से बनता है..हर काम मॅजिक से होता है..
संजू..वाह बरीलियांट. काश मुझे भी मॅजिक आता..
फिर सब आगे आगे चले जा रहे अजीबो ग़रीब नज़ारे देख रहे थे..थोड़ी देर चलने के बाद इन्हे एक
महल दिखाई देता है. जो कि पूरे सोने का बना हुआ था ऑर उसकी छत हीरे की बनी हुई थी....ऑर उसके आस पास फूल लगे हुए थे.
ऑर आस पास परिया उड़ रही थी
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