RE: Desi Sex Kahani अनदेखे जीवन का सफ़र
फिर सभी निकलते है..घूमने..
वीर..हाँ तो फ्रेंड्स .कहाँ जाना है ..मुझे यहाँ के बारे मे ज़्यादा पता नही है..
संजू..जान मैं तो कहती हूँ क्यू ना पहले मूवी देखने चले..फिर शॉपिंग करेगे...
वीर..हाँ ये ठीक रहेगा....
सभी मूवी देख ने पहुँच जाते है मूवी रोमॅंटिक थी
सिनेमा होल पहुँच ..पाँचो मूवी देखते है..मूवी मे एक साइड वीर के संजू बैठी थी ऑर दूसरी साइड.प्रीत.
संजू तो वीर का हाथ पकड़ बैठी थी...कोई भी रोमॅंटिक सीन होता तो प्रीत ऑर संजू वीर को देखने लगती जैसे कह रही हो ऑर कितना इंतजार कराओ गे
वियर हल्के से प्रीत के कान मे..
वीर...मूवी कैसी है
प्रीत : बहुत अच्छी है
वीर..क्या मैं या मूवी
वीर की बात सुन प्रीत शरमाने लगती है ऑर वीर के बाजू से चिपक जाती है
वीर : ऐसे ना चिपक मेरा पप्पू खड़ा हो रहा है
प्रीत : क्या मतलब पप्पू
वीर प्रीत का हाथ पकड़ अपने लंड पे रख देता है *
प्रीत का डिल जोरो से धड़क जाता है शरम से गढ़ी जा रही थी
पहले तो लंड को काँपते हाथो से पकड़ रखा था
पर ज़्यादा देर ना पकड़ पाई ऑर छोड़ दिया ऑर
मंद मंद मुस्कराने लगती है.
वीर अपनी पागल पन्ति पर खुद को गाली देने लगता है..
उधर..संजू अपना हाथ वीर के लंड से थोड़ा दूर रख देती है..
इस से वीर की हालत और खराब हो जाती है..
कुछ टाइम मे मूवी ख़तम हो जाती है..ऑर लाइट हो जाती है.
दोनो लड़किया वीर के बने तंबू को देख लेती है..
दोनो शॉक थी इतने बड़े बने तंबू को देख ..
..ऑर दोनो के अंदर आग लग जाती है.... फिर जैसे तैसे वीर खुद को ठीक करता है ऑर सब बाहर आ जाते है..
वीर ऑर प्रीत दोनो एक दूसरे से आँख नही मिला पा रहे थे...
वीर...हाँ तो अब बोलो शॉपिंग कहाँ करे
संजू..एक माल सिटी के बाहर बना हुआ है..नया खुला है वहाँ चलते है..
फिर सभी उस रास्ते हो लेते है..
संजू इस कशमकश मे थी वीर उसका भाई है क्या ऐसी फीलिंग सही.है...
पर प्यार तो प्यार ही है ना.
कुछ भी हो जाए मैं अपने भाई को ही अपना जीवन साथी बनाउन्गी...
प्रीत तो बस वीर को ही निहार रही थी जब भी वीर से आँख मिलती अपने नज़रे झुका लेती
सब मस्ती करते हुए जा रहे थे कि *तभी
8 10 गाड़ियाँ आती है..ऑर वीर की गाड़ी के आगे लगा खड़े हो जाते है...
उनमे से एक गाड़ी अजय ऑर उसके दोस्तों की भी थी....
वीर....दोनो गाड़ी मे बैठे रहो..
वीर उतर कर सामने जा खड़ा हो जाता है..
सब के सब हॉकी स्टिक बॅस बॉल एट्सेटरा उठा लेते है .
आदमी....आज तुझे हम सब से कोई नही बचा पाएगा...
वीर..तुझे ऐसा लगता है ..पर मुझे तो नही .आजमा के देख लेते है..
एक एक करके आओगे या सभी साथ..मे..
आदमी.तेरे जैसे बच्चे के लिए तो मेरा ये कालिया काफ़ी है *
तभी कालिया तेज़ी से वीर की तरफ आता है .ऑर जैसे ही वो हॉकी वीर की तरफ घुमाता है तो वीर हॉकी पकड़ लेता है
ऑर उसे अपनी तरफ खीच तेज़ी से दोनो हाथो से उसका सर घुमा देता है...ऑर वो अल्ला को प्यारा हो जाता है
ये इतनी जल्दी हुआ कि सभी शॉक रह गये..
तभी एक साथ 3 वीर की तरफ भागते है ....
जैसे ही वो वीर की तरफ़ आने वाले थे.. कि
वीर तेज़ी से स्पिन होते हुए एक के मुँह पर किक जड़ देता है..जिस से तीनो दूर जा गिरते है ऑर बेहोश हो जाते है..
तभी
बिस्वा..भाई आप आराम से बैठ जाइए..इनसे हम निपट लेंगे..
वीर गाड़ी के पास खड़ा हो जाता है..ऑर तभी उधर से सभी आशीष ऑर बिस्वा की तरफ भागते है..
ऑर उन पर हमला कर देते है...
पर दो मिनिट मे बिस्वा ऑर आशीष सबको तडी पार कर देते है...
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