RE: Desi Sex Kahani अनदेखे जीवन का सफ़र
जिन्न लोक...
जिन्न...बहुत खुशी की बात है हमारे मालिक अपनी शक्ति पहचान गये है..
ऑर वो ही हमे उस पिशाच से बचाएँगे....
ऑर थोड़े दीनो मे वो यहाँ भी आने वाले है....
डिन्नर कर सभी सिट्टिंग रूम मे बैठ जाते है..
डॅड...बेटा इतना पैसा ये सब कैसे
फिर वीर पिता जी को भी वोही सब बता देता है जो मोम को बताया था.
मोम..चलो काफ़ी देर हो गयी सोने चलो..
वीर अपनी मोम को गले लगाता है ऑर उनके गाल पर किस कर करता है..ऑर बाकी सब को गुड नाइट विश करता है..
तभी बिस्वा वीर को अपने रूम मे बुलवाता है .
बिस्वा...भाई..सब कुछ सेट कर दिया है....
कॉलेज के बाद आप अपनी कंपनी मे विज़िट कर सकते है..
ऑर आपके आकाउंट मे इतने पैसे आ चुके है कि आप सोच भी नही सकते..
न्ड भाई आपको कुछ दिनो मे जिन्न लोक चलना है वहाँ आपकी ताजपोशी होगी.आपको हम सब का बादशाह घोसित किया जाएगा.
वीर...ठीक है ज़रूर चलेंगे...
वीर वहाँ से अपने रूम मे आता है..
ऑर तभी बाथरूम. का गेट खुलता है.ऑर नाइट सूट मे संजना बाहर आती है..जिसे देख वीर की बोलती बंद हो जाती है..क्या लग रही थी..
संजना..ऐसा क्या देख रहे हो वीर..
वीर ..हड़बड़ा कर..कुछ नही .बस यही कि मेरी संजू कितनी खूबसूरत है..
संजू..चलो सोते है
वीर ...ऑर हाँ हम कॉलेज मे 2 चार दिन ऐसे ही रहेंगे नॉर्मल कपड़ों मे.
जब तक मेरा यहाँ बिजनेस खड़ा नही हो जाता ऑर मैं कुछ ही दिनो मे सब सेट कर दूँगा...
संजू..ठीक है जान...चलो सोते है..
वीर..संजू के फॉरहेड पर किस कर उसे गुड नाइट बोल लेट जाता है..ऑर संजू भी वीर के गाल पर किस कर लेट जाती है..
संजू वीर की तरफ देखती देखती सो जाती है..
दोनो नींद के आगोश मे चले जाते है...
मॉर्निंग..जब वीर उठता है तो क्या देखता है संजू वीर के उपर लेटी हुई है ओर वीर उसे हग किए हिए है..
वीर के उठने से संजू भी उठ जाती है..
ऑर खुद को वीर के उपर लेट शर्मा जाती है.ऑर वैसे ही वीए को फिरसे हग कर लेती है.
संजू..गुड मॉर्निंग वीर..
तुम्हारी बाहों मे बहुत सकून मिलता है..
वीर...मुझे भी संजू..चलो उठो मुझे बाहर जाना है..
संजू वीर के गाल पर किस कर साइड हो जाती है....वीर भी संजू को किस करता है..ऑर फ्रेश ही ..गार्डन मे चला जाता है ...यहाँ वो योग साधना मे लीन हो जाता है...
दिन भर दिन वीर को अपने अंदर असीम शक्ति महसौस होती है..ऑर उसकी बॉडी ऑर भी मजबूत हो रही थी... वीर वहाँ से उठ तैयार हो बाहर आता है..सभी उठ चुके थे..
वीर सब को गुड मॉर्निंग विश करता है..ऑर अपनी माँ को हग कर मिलता है..फिर डॅड ऑर दादा जी को...
डॅड आफ्टरनून आपको आपके ऑफीस लेकर चलूँगा
पिताजी. कौन्से ऑफीस मे बेटा..मेरा कौनसा ऑफीस है..
वीर...डॅड जो मेरा है वो आपका है..
पहले आप सब मुझे अपना समझते है..
माँ...कैसी बात कर रहा है बेटा तू तो मेरी जान है...
वीर..तो फिर यहाँ सब कुछ आपका है.जिस चीज़ की भी ज़रूरत हो बिना संकोच मुझे बोल देना
.
ओर ये आपको मेरी कसम आप सब को
आज वीर नॉर्मल तैयार हुया था..
संजू..चल वीर मैं तैयार हूँ. फिर चारो टेक्सी से निकलते है कॉलेज...
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