bahan ki chudai मेरी बहनें मेरी जिंदगी
01-25-2019, 12:58 AM,
RE: bahan ki chudai मेरी बहनें मेरी जिंदगी
अरुण जब घर पहुचा तो काफ़ी देर हो गयी थी. उसने सोनिया को नही देखा लेकिन उसकी कार थी गेराज मे तो पक्का होगी. वो किचन मे गया और अपने लिए सॅंडविच बनाने लगा फिर हॉल मे आकर टीवी देखने लगा. कुछ देर बाद वो टीवी बंद करके उपर गया तो आरोही का दरवाजा खुला हुआ था. अंदर देखा तो आरोही अपने पैर पर शॉर्ट्स चढ़ाने की कोशिश मे लगी हुई थी. मुस्कुराते हुए वो मदद के लिए आगे बढ़ा.

"इधर," अरुण बोला.

उसे ढंग से शॉर्ट्स पहनाने के बाद वो उसी के साथ कुछ देर लेट गया.

काफ़ी देर तक दोनो ऐसे ही लेटे रहे फिर आरोही उसकी ओर मूडी.

"गुस्सा हो?"

"क्यूँ भला.."

"क्यूकी आइ वाज़ आक्टिंग लाइक आ बिच."

"किसने कहा?"

आरोही उसके गले लग गयी. "मुझे खुद विस्वास नही हो रहा है कि मैने वो बातें सोनिया से कही. सॉरी."

अरुण मुस्कुरा दिया."कोई नही, आरू. और अगर सॉरी कहना है तो सोनिया से कहना. और वैसे भी तुम्हारा भी मूड खराब था जस्ट लाइक सोनिया. जितना आक्सिडेंट का गुस्सा था तुमने उस पर उतार दिया. बस अब उसे सॉरी कह देना."

"ओके."

कुछ देर ऐसे ही लेटने के बाद जब आरोही हल्के हल्के सोने लगी तो अरुण उठा और अपने रूम मे जाके सो गया.

*********

अरुण अगली सुबह आँख मलते हुए उठा. वो फ्रेश होने के लिए रूम से बाहर निकला तो सोनिया के रूम का दरवाजा खुला था और वो फिर वहाँ नही थी. उसने एक ठंडी आह भरी और नीचे गया. बाहर देखा तो उसकी कार भी नही थी. कुछ देर बाद आरोही नीचे आई. ब्रेकफास्ट करके वो क्लास के लिए चेंज करने चला गया.

क्लासस से लौटकर आया तब भी सोनिया घर पर नही थी. उसने सुप्रिया से पूछा तो उसने बताया कि वो अपने एक फ्रेंड के घर पर है उसने बात की थी.

वो मन मार कर अपने रूम मे चला गया. टेस्ट थे आगे तो पढ़ते पढ़ते ही डेस्क पर सो गया. वो जगा तो नीचे से काफ़ी तेज आवाज़ें आ रही थी.

"भाग जल्दी और देख अब क्या हुआ. पता चले खून हो जाए किसी का." आवाज़ ने कहा

अरुण जल्दी से नीचे गया तो स्नेहा चेयर पर बैठी और अपना सिर हाथो मे छुपाए हुए थी.

"हाई," स्नेहा ने अरुण को देखकर कहा.

"हाई. अभी भी चालू हैं." आवाज़ ने कहा

वो सिर हिलाने लगी. "अभी जब सुप्रिया दी ने सोनिया से कहा कि इतनी देर तक कहाँ थी, पूरे दिन भी नही थी और आरोही पास मे ही बैठी थी तो फिर शुरू हो गयी."

"तुम्हे छूने की ज़रूरत नही दी," सोनिया की तेज आवाज़ उसके कानो मे पड़ी जब अरुण वहाँ पहुचा.

"गाइस," उसने कहा. "गाइस," अरुण इस बार चिल्ला का बोला. उन लोगो के कान मे जूँ तक नही रेंगी.

"शट दा फक अप!" अरुण गिलास को ज़मीन मे फोड़ कर बोला. 

सभी उसकी तरफ चौंक के देखने लगे.

"तुम दोनो यहाँ बैठो," अरुण ने आरोही और सोनिया को सामने चेयर पर बैठाया. दोनो एक दूसरे की तरफ गुस्से से देखते हुए बैठ गयी.

"ओके, दिस ईज़ ऑल माइ फॉल्ट, ऑल ऑफ इट. ये कुछ नही होता अगर मैने तुम्हे पहले ही बता दिया होता." वो सीधे सोनिया की आँखो मे देखके बोला.

"मैने बेवकूफी करी, आंड आइ अग्री, कि यू डिज़र्व बेटर क्यूकी मैं तुम्हारा बाय्फ्रेंड ही नही भाई भी हूँ."

पूरे घर मे खामोशी थी.

"मेरे सिर मे आवाज़ है," अरुण बोला.

"शट अप." आवाज़ ने कहा

"ये कोई सबकॉन्षियस माइंड की तरह नही है. बल्कि ऐसे जैसे कि कोई अलग इंसान मेरे सिर मे रहता है जिसके साथ मे बहस कर सकता हूँ. तो यही मुझे आइडिया देता है कि सेक्स करो, ब्लोवजोब के लिए कहो वग़ैरह वग़ैरह. एक दिन मैं सुबह शवर मे मास्टरबेट कर रहा था और इसी आवाज़ की वजह से मेरे मूह से "सोनिया" निकल गया." वो आरोही की ओर देख कर बोला.

"माना कि मैं सोच रहा था तुम्हारे बारे मे लेकिन इस आवाज़ की वजह से तुम्हारा नाम मेरी ज़ुबान पर आया. उसी दिन मैं तुम सबको पूल के किनारे देख रहा था, मुझसे रहा नही गया तो मैं अंदर जाने लगा दोबारा मास्टरबेट करने के लिए. वही दी ने मुझे कपड़े उतारने के लिए कहा तो उसी के चक्कर मे मेरा वो उनके चेहरे पर टकरा गया. बाइ आक्सिडेंट."

सुप्रिया पीछे हंस दी. अरुण ने अपनी बात जारी रखी. "उसके बाद इन्होने मुझे मास्टरबेट करते हुए पकड़ लिया और एक चीज़ से दूसरी चीज़ होती चली गयी और फिर ये सब शुरू हो गया.."

"मैने सुना कि अभी आप कह रही थी कि आप ये सब नही चाहती थी पहले. ये कुछ भी नही हुआ होता अगर मेरे मन मे ये आवाज़ नही होती, मेबी इट्स आ गुड थिंग ऑर बॅड थिंग आइ डोंट नो."

"मेरे कहने का कुछ ग़लत मतलब नही है लेकिन अगर मम्मी पापा का आक्सिडेंट नही हुआ होता तो ये आवाज़ कभी मेरे मन मे नही आती. मैं कभी तुम लोगो के साथ सेक्षुयली इन्वॉल्व नही हुआ होता. आंड आइ लव यू ऑल."

"कोई बाहर वाला मुझे कह सकता है कि मैं कितना बड़ा ठर्की हूँ कि चार चार गर्लफ्रेंड रखता हूँ लेकिन मैं अब तुम लोगो के बिना अपनी लाइफ इमॅजिन भी नही कर सकता. तुम सब एक जैसी होते हुए भी अलग अलग हो."

"सोनिया, मेरा और तुम्हारा अलग कनेक्षन है. मैं जानता हूँ, चाहे जो कुछ भी हो जाए, हम कभी दूर नही हो सकते. जब मैं तुम्हारे साथ प्यार करता हूँ मेरी सारी दुनिया तुम्हारे अंदर समा जाती है. लेकिन इसका मतलब ये नही है कि मुझे बाकी सब के साथ कुछ महसूस ही नही होता. मुझे सबके साथ अपनी दुनिया पूरी होती नज़र आती है. और मुझे मेरे फ्यूचर के बारे मे भी चिंता नही है क्यूकी जब तक मेरी लाइफ मे मेरी बहनें और मेरी गर्लफ्रेंड साथ मे हैं मेरी दुनिया खुशियों से भरी रहेगी."

अरुण ने सोनिया के हाथ पकड़ लिए. "आइ'म सो, सो सॉरी दट आइ हर्ट यू. मुझे तुम्हे पहले ही बता देना चाहिए था. मैं बस सबके साथ कुछ वक़्त अकेले मे बिताना चाहता था. सबके साथ खुल के टाइम स्पेंड करना चाहता था. आइ लव यू ऑल, सो मच. आइ कॅन नेवेर थिंक ऑफ हरटिंग एनी ऑफ यू."

चारो लोग उसे ऐसे देख रहे थे जैसे वो चॉक्लेट का बन हो गया. उसने सोनिया के हाथ छोड़े और बिना एक भी शब्द बोले उपर चला गया.

नीचे चारो बहनें एक दूसरे की तरफ खामोशी से देखने लगी.
"आइ रियली होप कि वो स्पीच ने काम करा हो." आवाज़ ने कहा

अरुण बिना कुछ सोचे सीधे बिस्तर पर गिर पड़ा और सोने की कोशिश करने लगा. जल्दी ही उसे नींद आने लगी.

वो जगा और प्यास लगी तो नीचे गया. नीचे स्नेहा के कमरे से आवाज़ें आ रही थी. वो गया और अंदर देखा तो सुप्रिया और स्नेहा लगी हुई थी एक दूसरे को मज़ा देने मे. उसने मुस्कुराते हुए दरवाजा चुपके से बंद किया और किचिन मे गया तो सोनिया और आरोही बातें कर रही थी.

अरुण दोनो को देख मुस्कुरा दिया.

"हाई," आरोही बोली.

"हाई," अरुण ने दोनो के सिर को चूमते हुए कहा. "तो?"

सोनिया ने आरोही का हाथ पकड़ लिया. "वी'आर गुड."

"मैने माफी माँग ली जो कुछ मैने कहा था उसके लिए," आरोही बोली.

"और मैने भी. और ये सही कह रही थी मैं थोड़ी सेल्फिश बन रही थी. लेकिन हम लोग उस पर काम कर सकते हैं."

अरुण सिर हिला देता है हां मे. "आइ अग्री."

"ग्रेट, अब चोदना चालू कर." आवाज़ ने कहा

"तो आप मेरा नाम लेकर मास्टरबेट कर रहे थे?"

"यॅ यॅ..अब भूल जाओ."

दोनो हँसने लगी लेकिन फिर शांत भी हो गयी.

वो लोग कुछ देर ऐसे ही बातें करते रहे फिर साथ मे टीवी देखने लगे. कुछ देर मे स्नेहा और सुप्रिया भी आकर उन लोगो के साथ टीवी देखने लगे.

"तो प्लास्टर रहते हुए सेक्स कैसे होगा?" स्नेहा ने पूछा.

"पता नही, अभी ट्राइ नही किया," आरोही हंसते हुए बोली और बाकी सब भी हँसने लगे.

फिर काफ़ी देर बाद सब अपने अपने रूम मे चले गये. अरुण इस बार आरोही और सोनिया दोनो के साथ सो गया. सुबह उठा तो उसके पास सिर्फ़ आरोही थी. वो उठा और नीचे गया तो सोनिया किचेन से कुछ उठा रही थी.

अरुण उसके पीछे गया और प्यार से उसकी गर्दन चूमने लगा.

"उम, गुड मॉर्निंग भाई.."

"गुड मॉर्निंग..पुच.." अरुण उसके कंधे को चूमते हुए बोला.

अरुण को तभी कुछ सूझा और वो अपने हाथ आगे करके उसके दूध मसल्ने लगा.

"उम्म्म, भाई क्या कर रहे हो, सभी आने वाले हैं.."

अरुण ने उसकी एक ना सुनी और उसे पलटकर किस करते हुए टेबल पर ले गया और उसे टेबल पर बिठाकर उसका टॉप उतार दिया और एक हाथ से दूध को पकड़ लिया और दूसरे पर अपना मूह लगा दिया. वो उसकी ताक़त के आगे हार मानकर आहें भरने लगी. अरुण का हाथ उसकी पैंटी मे पहुच कर चूत को सहलाने लगा.

चूत पर उंगली पड़ते ही सोनिया सिसकने लगी. अरुण ने उसे पीछे करके एक ही झटके मे पैंटी फाड़ दी. और एक उंगली चूत मे डाल दी. सोनिया की चीखे घर मे गूंजने लगी. तभी सोनिया और स्नेहा भी वहाँ आ गये और हंस कर उसे देखने लगी. अरुण निपल को चूस्ते हुए चूत मे उंगली अंदर बाहर कर रहा था. स्नेहा ने हंसते हुए अपने लिए मिल्कशेक बनाया और सोनिया को दिखाकर पूछने लगी. "मिल्कशेक?" तो सुप्रिया हँसने लगी. तब तक आरोही भी आ गयी और सामने चेयर पर बैठकर उसकी मस्ती देखने लगी. 

अरुण को निपल चूस्ते हुए एक आइडिया आया. उसने सोनिया की टाँगो को अपनी कमर पर लपेटा और उठाते हुए सुप्रिया के रूम की ओर चलने लगा. उसने दरवाजे पर पहुच पर पीछे देखा. और आँख मार कर सब को अंदर बुलाने लगा. स्नेहा तो तुरंत ही कूदते हुए खड़ी हुई और अंदर आने लगी. पीछे से सुप्रिया आरोही के साथ धीरे धीरे अंदर जाने लगी.

अरुण ने अंदर पहूचकर उसे बिस्तर पर डाला और तुरंत ही उसकी चूत को सूंघने लगा. पीछे से स्नेहा आई तो अरुण ने उसे देखा.

"दी, कपड़े उतारो अभी."

उसकी जीभ तुरंत ही काम पर लग गयी और सोनिया को मज़ा देने लगी. स्नेहा ने जल्दी से अपने कपड़े निकाल डाले, पीछे से सुप्रिया और आरोही आई तो उनसे भी अरुण ने कपड़े निकालने को कहा. स्नेहा कपड़े निकालकर उन दोनो के पास आ गयी. सोनिया और स्नेहा ने एक दूसरे को देखा और स्नेहा तुरंत ही उसके होंठो पर टूट पड़ी. सोनिया भी मस्त होकर उसके होंठो को चूसने लगी. सोनिया अपना हाथ अपने दूध पर ले गयी तो किसी ने उसके हाथ हटा दिए उसने देखा कि सुप्रिया ने उसके हाथ हटाकर खुद का मूह उसके निपल पर रख दिया. सोनिया के शरीर पर चीटियाँ रेगञे लगी. इतनी मस्ती उसे कभी नही चढ़ि थी. एक तरफ एक बहेन उसे किस कर रही थी, दूसरी बहेन उसके दूध को चूस रही थी और भाई चूत चाट रहा था. उन तीनो के हमले से उसका शरीर कुलबुलाने लगा था.
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