bahan ki chudai मेरी बहनें मेरी जिंदगी
01-25-2019, 12:56 AM,
RE: bahan ki chudai मेरी बहनें मेरी जिंदगी
अरुण चुप चाप अपने रूम की ओर चला जा रहा था.

"सॅटिफाइड?" उसने आवाज़ से पूछा.

"कभी नही, लेकिन अभी के लिए चलेगा." आवाज़ ने कहा

अरुण ने अपना सिर हिला दिया और बिस्तर पर पड़ के बिना दरवाजा बंद किए सो गया.

अगली सुबह अलार्म बजने से उसकी आँख खुली. उसने गुस्से से उसे बंद किया. लेकिन उसके बाद नींद तो आई नही तो आँखें मल्ता हुआ बिस्तर से उठ खड़ा हुआ. 

नीचे गया तो किचन से काफ़ी अच्छी स्मेल आ रही थी. "एम्म्म," उसने कहा. बाथरूम जाके वो फ्रेश हुआ और रूम से कपड़े चेंज करके नीचे आया तो स्नेहा काफ़ी चीज़े बना रही थी.

सुप्रिया आराम से टेबल पर बैठी उसे देख रही थी. अरुण गया और पहले स्नेहा के फिर सुप्रिया के गाल पर किस कर दिया, फिर सुप्रिया के पास ही बैठ गया.

"तो रात मे कुछ ज़्यादा ही मज़े उड़ाए तभी तो सुबह से इतनी उछल रही है हमारी स्नेहा." सुप्रिया बोली.

अरुण हंस पड़ा. "हां अच्छी नींद आई होगी." और आँख मार दी.

स्नेहा हंस दी. तब तक पीछे से सोनिया और आरोही रन्निंग करके आए. खुसबू को अपने अंदर समेट के सोनिया देखने लगी. 

"क्या बात है आज तो बड़ी अच्छी डिशस बनी हैं.." सोनिया बोली.

सभी हँसने लगे. अरुण ने जब सोनिया पर ध्यान दिया तो वो उसे ही देखने लगा. रन्निंग के कारण सोनिया पूरे तरीके से पसीने से भीगी थी जिसकी वजह से उसके टॉप से निपल सॉफ दिख रहे थे. सोनिया को यू ताड़ते देखा तो आरोही ने हल्के से खांस दिया. अरुण तुरंत ही दूसरी तरफ देखने लगा.

आख़िरकार कुछ देर बाद स्नेहा ने गॅस ऑफ की और सबके लिए डिशस टेबल पर लगा दी.

अरुण तो तुरंत ही खाने पर टूट पड़ी और उसके साथ बाकी लोग भी.

कार मे बैठते वक़्त अरुण ने आरोही की ओर देखा.

"तो तुम्हारी रात कैसी बीती?" उसने पूछा.

"यम्मी," वो आँख मार कर बोली. "सोनिया काफ़ी टेस्टी है."

अरुण हंस पड़ा. "यप, आइ नो."

वो लोग रास्ते मे ही थे कि आरोही के मोबाइल पर मेसेज आया. मेसेज पढ़ते ही आरोही एक दम से अपने मूह पर हाथ रख के हँसने लगी. 

"ओह माइ गॉड..." वो बोली.

"क्या हुआ?"

आरोही पहले तो काफ़ी देर हँसती रही. फिर जब उसकी हँसी थमी तब वो बोली.

"रिया का मेसेज था. वो लोग अपनी मोम के हाथो पकड़ते पकड़ते बचे."

अरुण भी हंस पड़ा.

"वो लोग बेड्सम ट्राइ कर रहे थे. रिया बेड से बँधी हुई थी और रोहन शवर ले रहा था. उसने सोचा कि नहा कर खोल देगा लेकिन तब तक उनकी मोम जल्दी आ गयी. रोहन जैसे तैसे रिया को ही उठाकर अपने साथ शवर मे ले गया रस्सी सहित."

"ओह माइ गॉड!"

"ये तो अच्छा है कि उनकी मोम ने ज़्यादा कुछ शक नही किया.

"दे आर ईडियट्स, रियली."

तब तक वो लोग कॉलेज पहुच गये.

***********

रात के वक़्त आरोही रिया के घर से आ रही थी. उसने रेडियो ऑन किया और अपना फॅवुरेट स्टेशन लगाकर ठंडी हवा के साथ गानो का मज़ा लेने लगी. उसने फ़्यूल गेज की ओर देखा तो पता चला कि अगले स्टेशन पर ही फ़्यूल की ज़रूरत पड़ेगी. उसने अगले स्टॉप पर कार रोकी और फ़्यूल डलवाने लगी. उसने सोचा रुकी ही है तो बाथरूम यूज़ कर ले. बाथरूम से वापस आकर उसने पे किया और कार मे बैठ गयी. इन सब मे उसने ये नही देखा कि वही एक कार मे बैठा एक लड़का उसे देख रहा है. 

रोड पर दोबारा कार चलने लगी तो एक और कार पीछे से उसके पीछे हो ली. उसने सोचा लंबा रास्ता ले लेती हूँ क्यूकी उस लंबे वाले पर ट्रॅफिक नही होता तो जल्दी पहुच जाएगी. वो उस रास्ते पर पहुचि तो वहाँ ज़्यादा ट्रॅफिक नही था. कुछ एक ट्रक थे और 2 3 कार्स साथ मे चल रही थी.

वो सोचने लगी कि आज जाकर अरुण के साथ अच्छे से सोएगी. अरुण ने प्रॉमिस भी किया था कि अगर हो सका तो अनल ट्राइ करेंगे और हो सका तो स्नेहा दी को भी साथ मे बुला लेंगे.
ये बातें सोचकर उसके पेट मे गुदगुदी होने लगी.

उसके पीछे जो कार चल रही थी वो कुछ ज़्यादा ही पास आती जा रही थी, तो आरोही ने भी स्पीड थोड़ी बढ़ा दी.

वो आगे के पलों को सोचकर मुस्काये जा रही थी.

पीछे वाली कार फाइनली पास से गुज़र रही थी, लेकिन आगे जाने की बजाए वो कार उसके साथ मे ही चलने लगी. आरोही को अजीब लगा कि कोई कार उसके साथ साथ क्यू चलेगी. उसने साइड मे देखा तो उसके हाथ पैर वही ठंडे होने लगे.

**************

इनस्पेक्टर कामेश ने एक कार को दूसरी कार के पीछे पीछे चलते देखा तो कुछ नही सोचा. लेकिन उसने ध्यान दिया तो वही कार फिर आगे बढ़के साथ मे हो गयी थी और दूसरी कार से आगे निकलने का नाम नही ले रही थी.

उसने तुरंत ही अपनी गाड़ी उसके पीछे लगा दी.

उसकी आँखो के सामने ही साइड वाली कार ने पास वाली कार मे धक्का मारा जिससे वो कार साइड मे बॅरियर से टकरा गयी और थोड़ी दूर रगड़ते हुए जाके रुकी. जबकि दूसरी कार तेज़ी से आगे निकल गयी.

उसने देखा कि कार का आगे का हिस्सा काफ़ी बुरे तरीके से टूट गया है तो वो मन मे दुआ करते हुए कि उसका ड्राइवर सही हो वहाँ पहुचा.

************

अरुण अपने बेड पर ही लेटा था. बाहर दरवाजे पर एक तेज नॉक हुई. अरुण तुरंत ही सीधा बेड पर बैठ गया. काफ़ी रात हो गयी थी. उसे अच्छा भी नही लग रहा था शाम से. और अब इतनी रात को इतनी तेज़ी से दरवाजे पर नॉक.

उसने सुना सुप्रिया को दरवाजे का लॉक खोलते हुए. उसने जल्दी से अपने रूम का दरवाजा खोला और नीचे देखा तो सुप्रिया उसी की ओर देख रही थी.

उसने उसके पास देखा तो उसका दिल बैठने लगा. कुछ पोलीस वाले खड़े हुए थे.

"आरोही," उसने सोचा क्यूकी सिर्फ़ वही घर पर नही थी.

"आप ही आरोही मेहता की गार्जियन हैं?" पोलीस वाले ने सुप्रिया से पूछा.

अरुण के पैरो के नीचे से ज़मीन निकलने लगी थी.
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"माना कि मैं काफ़ी बकवास करता हूँ, लेकिन थोड़ा ध्यान से! तू पागलो की तरह गाड़ी चला रहा है! मुझे भी उसकी चिंता है."

अरुण एक क्रॉसिंग से निकला तो ब्रेक पर तो उसके पैर गये ही नही.

"अगर उसे कुछ भी हो गया तो..." वो उस सेंटेन्स को पूरा करने की सोच भी नही सकता था.

"भाई, टेन्षन मत ले. ठीक होगी वो."

"यॅ, सही होगी. हे भगवान प्लीज़..प्लीज़." वो सोच रहा था.

"तुझे क्या लगता है क्या हुआ होगा? वैसे भी तू रुका कहाँ कि पोलीस की बात सुनता."

अरुण ने एक मोड़ पर गाड़ी धीमे करी और फिरसे फुल स्पीड पकड़ ली.

"मैं सोचना भी नही चाहता," अरुण ने सोचा. पोलीस ने सिर्फ़ इतना कहा कि आरोही का आक्सिडेंट हुआ है और वो लोग उसे हॉस्पिटल ले गये हैं. अरुण ने और देर नही करी और तुरंत ही अपनी कार मे बैठा और हॉस्पिटल की तरफ जाने लगा."

"मैं सबको लेकर आती हूँ," पीछे से सुप्रिया की आवाज़ आई थी.

उसका फोन वाइब्रट हुआ तो उसने उठा कर देखा. मेसेज था सुप्रिया का: अरुण ध्यान से जाना. ड्राइव सेफ, लव यू." उसने फोन को साइड मे डाल दिया.

"मुझे अब भी याद है कि वो किस तरीके से हमें देखकर मुस्कुराती थी. किस तरीके से उसके होठ कर्ल होते थे."

"यू'आर नोट हेल्पिंग."

"सॉरी," आवाज़ बोली.

"शांत रहो बस."

अरुण अगले मोड़ पर गाड़ी घुमाने लगा तो सामने ही हॉस्पिटल नज़र आ गया. अरुण जल्दी से गाड़ी पार्क करके एमर्जेन्सी रूम की ओर चल पड़ा.

"जल्दी, जल्दी, जल्दी..." आवाज़ कहे जा रही थी.

अरुण लगभग दरवाजो से टकराते टकराते ही बचा. जल्दी से रिसेप्षन पर पहूचकर उसने पीछे बैठी लड़की से पूछा. "आरोही मेहता," वो लड़की फोन पर थी और कंप्यूटर पर टाइप कर रही थी लेकिन उसने फिर वही से कुछ देख के अरुण को रूम नंबर बता दिया.

अरुण जल्दी से वहाँ पहुचा तो वहाँ कॉमपार्ट्मेंट्स बने हुए थे जो कर्टन्स से बंद थे. और इधर उधर कुछ डॉक्टर और नर्सस बात कर रहे थे. एक नर्स ने उसे देखा. "मे आइ हेल्प यू?" उसने पुछा.

अरुण ने उसकी तरफ बढ़ते हुए सिर हिला दिया. तभी एक अलार्म बजा और वो डॉक्टर और नर्स एक दम से हरकत मे आ गये. "शी'स कोडिंग!" उसने आवाज़ सुनी. सभी एक कॉमपार्टमेंट की ओर चलने लगे.

"व्हाट!? फक!"

अरुण का दिल जोरो से धड़क रहा था, आँसू बस कगार पर आए हुए थे. उसके पैर जैसे सेमेंट मे जम गये थे. लेकिन उसने मुश्किल से अपना पैर आगे किया. उसका वही डर जो मम्मी पापा के आक्सिडेंट के वक़्त था वो वापस आने लगा. उसके कानो मे सुप्रिया की आवाज़ आने लगी जब वो उनको बता रही थी उनके मोम डॅड के साथ क्या हुआ था. और अगले ही पल उसने सुना कि स्नेहा उसे बता रही थी कि आरोही अब नही रही.

"नही..नही..नही.." आवाज़ एक दम से बोली.

अरुण ने अगला कदम उठाया. अरुण को लग रहा था कि अगले ही पल वो गिर पड़ेगा. उसने अगला कदम उठाया तो अपने घुटनो के बल हो गया और आँखे बंद कर ली. "नो," उसने मूह से निकला.

उसकी आँखे आँसुओ से भर गयी. उसने अपने दोनो हाथो को देखा तो उनमे आँसू टपक रहे थे. "नो," उसने तेज़ी से कहा. उसकी पूरी दुनिया उसकी आँखो के सामने ख़त्म होने लगी.
तभी दूर से एक आवाज़ उसके कानो मे पड़ी.

"अरुण?"

वो कन्फ्यूज़ होने लगा. "वेट, मैं जानता हूँ इस आवाज़ को."

वो खड़े होकर तुरंत ही पलटा, आँसू के कारण उसे सब कुछ धुँधला दिख रहा था. उसने आँसू पोछे तो सामने कोने मे एक कर्टन साइड मे था और उसमे से उसने देखा. सामने एक बेड पर लेटी थी आरोही जिसके प्यारे से गाल पर एक बॅंडेज थी. एक पैर पर प्लास्टर था और काफ़ी कुछ जिंदा ही लग रही थी.

"हुह...येस्स्स...वोहूऊओ!"

अरुण के पैर दोबारा काँपने लगे जब उसने आगे बढ़ने की कोशिश की. वो फिर से ज़मीन पर गिर पड़ा और अपने हाथो से अपने चेहरे को छुपाने लगा. "थॅंक यू भगवान.." उसने तेज़ी से कहा और आँसू के पीछे उसके चेहरे पर एक मुस्कान उभर आई. अपनी ताक़त दोबारा पाकर वो आगे बढ़ा और पर्दे हटा दिए.

"टेल मी यू'आर ओके!" वो बोला.

आरोही ने आँखो मे आँसू भरे हुए उसी तरफ हाथ बढ़ाया तो अरुण ने उसके हाथ को पकड़ लिया. "आइ'म ओके," आरोही बोली.

अरुण ने तुरंत ही आगे बढ़कर उसे अपनी बाहों मे भर लिया. वो कस के उसे गले लगाए रहा. "आइ लव यू सो मच," उसने कहा.

अरुण अपनी आवाज़ को संभालने की कोशिश मे था. "आइ लव यू टू," अरुण ने उसे खुद से अलग किया फिर उसके पैर को देखने लगा.

वो हल्के से मुस्कुरा दी. "छोटा सा फ्रॅक्चर है."

अरुण हल्के से हंस दिया.

"क्या हम लोग इसे अब चोद नही सकते? अनल का क्या?" आवाज़ ने कहा
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