RE: bahan ki chudai मेरी बहनें मेरी जिंदगी
नाश्ते के बाद सभी कॉलेज चले गये. कॉलेज से लौट कर आए तो अरुण ने उससे स्विम्मिंग के लिए पूछा.
"नंगे होने के लिए कहना." आवाज़ ने अरुण से कहा
"क्या स्विमस्यूट पहनु?" आरोही ने एक नॉटी स्माइल के साथ पूछा.
तब तक बाथरूम से स्नेहा निकली, उसने सिर्फ़ बातरोब पहना था क्यूकी उसका क्लीवेज सॉफ सॉफ दिख रहा था. उसने दोनो को ही बोला और अपने रूम मे चली गयी.
अरुण का जवाब पाकर आरोही भी अपने रूम मे चेंज करने के लिए चली गयी. अरुण भी अपने रूम से चेंज करके नीचे आया और सीधे पूल मे कूद पड़ा. जब वो पानी से उपर आया तो आरोही दरवाजे से निकल रही थी और उसने बहुत ही सेक्सी बिकिनी पहेन रखी थी. अरुण उसे लगातार देख रहा था.
"आराम से, स्नेहा दी किचन मे ही हैं, पता चले आज ही भंडा फुट जाए." आरोही पास आके बोली और पानी मे कूद पड़ी.
कुछ देर स्विम्मिंग करने के बाद दोनो साथ मे कुर्सियों पर आकर बैठ गये. अरुण उसे देखता रहा.
"यू रियली आर सेक्सी."
"बटरिंग हां," आरोही आइब्राउस उपर करके बोली.
"तो तुम्हे वो उंगली पसंद आई?" अरुण ने एक मुस्कान के साथ कहा.
"आइ गेस," आरोही ने जवाब दिया.
"तुमने कहा था.." अरुण ने अपना बचाव करते हुए कहा.
"अरे मेरे कहने का मतलब है कि उंगली की जगह तुम्हार लंड होता तो और मज़ा आता," आरोही आगे झुककर उसके कान के पास बोली. तो अरुण तेज़ी से हंस पड़ा.
"मैं पता करना चाहती थी कैसा लगता है, तो मैने सोचा छोटी चीज़ से शुरुआत करूँ, बड़ी चीज़ आज़माने से पहले."
"तो मज़ा आया?"
"फक यस,"
अरुण कुछ देर उन दोनो के बीच के साइलेन्स को एंजाय करता रहा. आरोही पेट के बल लेट गयी.
"तो कल मज़ा आया?" अरुण ने पूछा.
"विच पार्ट?"
"सब कुछ,"
"हां, थियेटर मे लंड चूसना वाज़ अवेसम, और दी के साथ थ्रीसम इट वाज़ ग्रेट. पता नही कब दोबारा मौका मिलेगा."
अरुण हंस दिया. तब तक सुप्रिया वहाँ अपने स्विमस्यूट मे आ गयी. "क्या बातें हो रही हैं?"
"कुछ खांस नही, बस सेक्स." आरोही बोली.
"माइ फॅवुरेट," सुप्रिया ताली पीटते हुए बोली और पास मे बैठ गयी.
"दी, अपने कभी अनल के बारे मे सोचा है?" आरोही बोली.
सुप्रिया सोचने लगी. "नही, लेकिन श्रुति ने ट्राइ किया है और वो बता रही थी कि काफ़ी मज़ा आया. एक सेकेंड तुम दोनो ने अनल कर लिया क्या?"
"नही दी, बस आज सुबह जब अरुण मुझे शवर मे मज़े दे रहा था तो मैने उंगली डालने को कही, आंड टू टेल यू ट्रूथ, इट वाज़ गुड. तो मैं सोच रही हूँ."
अरुण ने अपने शॉर्ट्स मे से लंड को ठीक किया.
"कोई दिक्कत, स्वीतू?"
"नही कुछ नही. बस मेरी दोनो बहने अनल सेक्स के बारे मे बातें कर रही हैं वो भी इतने सेक्सी स्विमस्यूट पहने हुए."
"सीरियस्ली? मुझे तो हवस चढ़ि हुई है."
"तुझे सार्कॅज़म समझ नही आता ना?"
अरुण की बात सुनके दोनो हंस पड़ी. तब तक दोबारा गेट खुला और स्नेहा और सोनिया अपने अपने स्विमस्यूट मे सेक्सी बन के आई. अरुण अपनी चेयर से उठा और दोनो के पास जाके साथ मे गले लगा लिया.
"हाई," सोनिया बोली.
स्नेहा ने अरुण की शातिर मुस्कान देखी तो पीछे हटने लगी. "नही.."
"यप," अरुण ने तेज़ी से कहा और दोनो को कमर से पकड़ा और पानी मे कूद पड़ा. सुप्रिया और आरोही हंसते हुए उनको अरुण पर चिल्लाते हुए देखने लगे.
"अब तो तुम गये, भाई." सोनिया गुस्से से बोली. अरुण पूल की दूसरी साइड तेज़ी से तैरते हुए गया, पीछे से वो दोनो भी आ गयी, अरुण बस उपर चढ़ने ही वाला था कि स्नेहा ने उसकी कमर पकड़ ली, और उसके दूध हिलने के कारण अपनी क़ैद से आज़ाद होकर उसकी पीठ पर धँसने लगे. सोनिया तब तक पहुचि और अरुण के गुदगुदी करने लगी. अरुण तुरंत ही हंसते हुए नीचे गिर पड़ा और सोनिया एक दम से पीछे हट गयी. अरुण पानी से उपर होके सोनिया के पीछे गया और उसको पकड़कर गुदगुदी करने लगा. स्नेहा थोड़े साइड मे खड़े होकर हंस रही थी. अरुण ने तब तक सोनिया को नही छोड़ा जब तक उसकी साँस नही टूटने लगी. फिर वो स्नेहा की ओर पलटा, और उसके निपल को इग्नोर करते उसके पीछे गया, भागने की कोशिश मे अरुण के हाथ सीधे उसके निपल पर पड़े लेकिन फिर पेट पर पहुच उसे गुदगुदी करने लगे.
जब अरुण ने कुछ देर बाद उसे छोड़ा तो स्नेहा ने अरुण की नज़रो का पीछा किया और उसकी नज़रो को अपने निपल पर पाया जो बिकिनी टॉप से बाहर आ गया था. उसने मुस्कुराते हुए टॉप को ठीक कर लिया. उसके कुछ देर बाद ही सुप्रिया और आरोही भी आ गये और वो लोग काफ़ी देर तक यूही मस्ती मे डूबे रहे.
"मैं तो थक गया हूँ, मैं चला नहाने," अरुण बोला.
"मैं खाना बनाने," सुप्रिया बोली.
आरोही स्नेहा के पास पहुचि और उसके कान मे बोलने लगी. "दी, कुछ ज़्यादा ही नही मस्ती सूझ रही है इसे. चलो खाने के वक़्त इसकी अच्छी खबर लेंगे."
स्नेहा हंस दी. "ओके. प्लान क्या है."
आरोही स्नेहा की कमर मे हाथ डाले साथ मे अंदर चलने लगी. "पहले, आज ब्रा मत पहनना. और.."
अरुण नहा कर अपने रूम मे चेंज करने चला गया और फिर नीचे आकर टीवी देख रहा था. कुछ देर बाद स्नेहा उसके पास आई और बताने लगी कि खाना तय्यार है. अरुण ने उसे देखा तो उसका मूह खुला का खुला रह गया. स्नेहा ने बहुत ही ढीला सफेद टॉप पहना था जिसमे से एक तो उसका आधे से ज़्यादा क्लीवेज दिख रहा था और उपर से ब्रा नही पहनी थी तो उसके निपल लगभग उसे दिख ही रहे थे. नीचे उसने डेनिम शॉर्ट्स पहने थे जो कुछ ज़्यादा ही शॉर्ट्स थे और उसमे से उसकी चिकनी सुडौल जंघे अपनी रंगत दिखा रही थी.
स्नेहा ने कुछ कहा लेकिन अरुण को सुनाई नही पड़ा. उसने कंधे पर हल्के से मारा तो अरुण एक दम से सपने से बाहर आया और उसे देखने लगा.
"अरुण, खाना, चले.." वो अपनी हँसी छिपाते हुए बोली.
"ओह...माइ..गॉड.." आवाज़ ने ललचाते हुए कहा
"सही कहा."
"मुझे नही पता आज ही इसे चोद, मुझे बस ये चाहिए है." आवाज़ ने अरुण की मनुहार की
अरुण ने उसे इग्नोर करते हुए अपने प्लान को मन मे दोहराया और साथ मे चल दिया. आरोही भी टेबल पर आई और इशारे से स्नेहा की ओर देखने लगी. अरुण ने आरोही की आँखो को चिढ़ते हुए देखा तो अपना सिर हिलाने लगा.
"मैं बता रहा हूँ, इसी ने कुछ किया है..पक्का."
स्नेहा को देखकर सोनिया हंसते हंसते रुकी ओर पीछे से आकर बैठ गयी. अरुण बस एक टक अपनी प्लेट पर देखने की भरपूर कोशिश करने मे लगा हुआ था लेकिन उसकी नज़रे बार बार स्नेहा के क्लीवेज पर जा रही थी जिसमे से उसके निपल सॉफ दिख रहे थे जब वो झुक कर सर्व कर रही थी. सुप्रिया भी आकर पास मे बैठ गयी. आख़िरकार स्नेहा भी बैठ गया और सभी खाना खाने लगे.
"अरुण, चिकन?" स्नेहा ने पूछा.
अरुण ने हां मे सिर हिला दिया.
"ब्रेस्ट ऑर थाइ?" उसने वही मासूम सी शक्ल बना कर पूछा.
आरोही से कंट्रोल नही हुआ और वो ठहाके मार कर हँसने लगी.
अरुण भी तुरंत ही खांसने लगा और पानी पीने लगा.
"सॉरी, मुझे बूब...ब्रेस्ट्स.." उसने खाँसते हुए कहा.
सुप्रिया और सोनिया अपने मूह पर हाथ रख के हंस रहे थे.
स्नेहा ने लेकिन अपनी मासूम छवि बनाए रखे हुए चिकन ब्रेस्ट्स उसकी प्लेट पर रख दिया.
उसके कुछ देर बाद तक सिर्फ़ सबके खाने की ही आवाज़ आती रही. अरुण के मन मे बस एक ही अलाप चल रहा था. "चोद डाल उसे,"
अरुण बस बार बार चुपके से उसके बूब्स को निहारता और फिर खाने की तरफ ध्यान लगा देता. स्नेहा वही पुरानी मासूम सी स्नेहा की तरह इग्नोरेंट बन कर खाना खाने मे लगी हुई थी.
आख़िर अरुण भी उसके दूधो मे खो कर बस उन्ही को निहारने लगा और खाना बहुत ही धीरे धीरे उसके मूह मे जा रहा था.
"संभाल कर,"
अरुण ने जब ध्यान दिया कि वो लगभग 2 मिनिट से लगातार उसके क्लीवेज को ताड़ रहा है तो उसका ध्यान बाकी सब की तरफ गया. सब उसे ही घूर रहे थे और स्नेहा को छोड़ कर सबके चेहरे पर एक मुस्कान थी. अरुण का चेहरा लाल हो गया और उसने बिना कुछ कहे सीधे नज़रे प्लेट मे की और खाना ख़त्म करने लगा.
आरोही अपनी जगह से ग्लास लेकर उठी और आगे बढ़ी तो शायद उसका पैर मूड गया और उसके हाथ से ग्लास छुटकर नीचे गिरा लेकिन पानी सारा स्नेहा के उपर गिर पड़ा था. आरोही ने तुरंत ही संभलकर अपने हाथ अपने मूह पर रख दिए.
"आइ'म सो सॉरी दी." वो बोली.
अरुण ने उस तरफ देखा तो बस उसकी सिट्टी पिटी गुम. स्नेहा के दूध सॉफ सॉफ उस पतले सफेद टॉप से दिख रहे थे भीगने के कारण. टॉप भीगने के कारण वो दूधो से चिपक गया था और उसके दोनो निपल दूधों से सॉफ सॉफ नज़र आ रहे थे.
"मुझे नही पता, अब तो तुझे चोदना ही पड़ेगा..." आवाज़ ने जैसे अरुण को ऑर्डर दिया
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