RE: bahan ki chudai मेरी बहनें मेरी जिंदगी
थियेटर पहुचने पर उन लोगो ने पीछे की सीट ली. उनके पीछे एक आदमी था और आगे की ओर 7 8 कपल्स और थे.
अरुण आरोही के साइड मे बैठ गया. मूवी स्टार्ट होने पर लाइट्स ऑफ कर दी गयी. अरुण ने कनखियो से देखा तो आरोही उसी को देखकर अपनी साँसें उपर नीचे कर रही है. आरोही ने अपना हाथ अरुण की जाँघ पर रख दिया तो अरुण ने भी अपना हाथ उसके हाथ पर रख दिया और सहलाने लगा. कुछ देर यूही जाँघ सहलाने के बाद आरोही की मुस्कान और कुटिल होती गयी. वो आगे की ओर बढ़ी और झुककर अरुण की जिप खोलने लगी, अरुण ने ध्यान से पीछे देखा तो पीछे बैठे आदमी की नज़रे स्क्रीन पर ही थी. तब तक आरोही ने उसके लंड को चूसना शुरू कर दिया था. पब्लिक मे ये सब करने की उततेज़ना उन दोनो के मज़े को और बढ़ा रही थी. अरुण अपनी सीट मे हल्के हल्के हिल रहा था.
अरुण की नज़र नीचे की लाइन मे हल्की सी हलचल पर पड़ी. उस लाइन मे भी एक ही कपल था और उसे देखकर अचंभा हुआ कि वहाँ भी यही खेल चल रहा था. कुछ देर तक यूही चूसने के बाद आरोही सीट पर वापस आ गयी और दोनो एक दूसरे की जाँघो को सहलाते हुए मूवी देखने लगी, क्यूकी मूवी थोड़े इंट्रेस्टिंग पॉइंट पर पहुच गयी थी. एक सीन आने पर काफ़ी तेज रोशनी हुई तो आरोही की नज़र भी आगे वाले आदमी पर पड़ी जिसकी गोद मे कोई हल्के हल्के कूद रहा था. जब उसने उसकी शकल देखी तो आरोही की आँखे फटी की फटी रह गयी. उसने तुरंत ही अरुण का हाथ खिचकर सामने इशारा किया तो अरुण भी चौंक गया.
उसके बाद मूवी एंड हुई तो दोनो बाहर निकले. कार तक पहुचने तक दोनो को रोहित कहीं नही दिखा. घर जाते हुए आरोही ने ये बात छेड़ी तो अरुण ने कह दिया,"उससे इंतजार नही हुआ होगा, तो अपनी डेट को घर लेकर गया होगा, छोड़ो उसे अब."
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रोहित बार बार अपना सिर हिला रहा था. "मैं बता रहा हूँ, उन लोगो ने हम लोगो को नही देखा. अब जल्दी यहाँ आओ और काम पूरा करो. आइ वान्ट टू फील दोज़ लिप्स अगेन," उसने अपने लंड की ओर इशारा करते हुए कहा.
निशा ने अपनी आँखें तरेरि और उसके कंधे पर तेज़ी से मारा. "सुन, रोहित, तू एक बार पहले ही झड चुका है और तूने प्रॉमिस किया था कि इसके बाद मेरी बारी है. अगर तू नही चाहता कि मैं किसी और को ढूँढ लूँ तो चुपचाप अपना काम करो," निशा हंसते हुए बोली.
"ओके ओके, लेकिन काफ़ी मुश्किल होगी कार चलाते हुए चूत मे उंगली करना," रोहित ने कहा तो निशा गुस्से से देखने लगी.
कुछ सेकेंड्स बाद रोहित ने उसे देखकर अपने लंड की ओर दोबारा इशारा कर दिया. निशा ने भी गुस्सा छोड़कर स्माइल कर दी. "फाइन, लेकिन इसके बदले मे काफ़ी मेहनत करनी पड़ेगी," वो आगे झुकते हुए उसकी पॅंट खोलने लगी. उसके होंठ लंड से जुड़ते ही उसके सिर पर हाथ आ गया और वो उसे दबाने लगा.
"उम्म्म," निशा उसके हाथ को महसूस करते हुए बोली.
घर पहूचकर दोनो ने देखा कि सुप्रिया नंगी ही किचन से अपने रूम जा रही थी. उन दोनो को देखकर वो हंस पड़ी और वो दोनो भी हंस पड़े.
"तो कैसी गयी रात?" अरुण ने आँख मार पूछा.
"तुम्हे उसे जल्दी ही बताना पड़ेगा. वो दिन ब दिन अग्रेसिव ही होती जा रही है." सुप्रिया उससे चिपक के बोली. तभी चटाक़ से उसके चूतड़ पर एक हाथ पड़ा.
"वाउ, दी क्या मस्त चूतड़ है आपके," आरोही मारने के बाद सहलाते हुए बोली.
"ओके, वैसे भी अब स्नेहा दी की ही बारी है. गुड नाइट," अरुण ने उसके दूध को हाथ से दबाकर और किस करके कहा. आरोही ने भी उसकी चूत को एक बार छुआ और किस करके अरुण के साथ चली गयी.
सुप्रिया अपने रूम मे गयी और स्नेहा के पास लेट गयी, जो आराम से सो रही थी. स्नेहा ने अपने हाथ उसके दूध के साइड मे रखे और आराम से सोती रही.
अरुण आरोही भी एक दूसरे के जिस्मो से खेलते हुए सोते चले गये.
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आरोही जब अरुण के होंठो के हमले से जागी तो उसे पता चला कि अरुण के साथ जागने मे इतना मज़ा क्यूँ है. काफ़ी किस्सिंग, और हाथ पैर बॉडी पर घुमाने के बाद अरुण बाथरूम चला गया और आरोही अपने रूम मे कपड़े लेकर.
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शहेर के दूसरे हिस्से मे, रिया रस्सी से बँधी हल्की हल्की चुलबुला रही है और उसका भाई रस्सियों की नाट को चेक कर रहा है.
"आर यू श्योर यू'ल्ल बी ओके?" उसने सौवि बार उससे पूछा.
रिया ने पलटकर उसकी ओर देखा. "मैं आख़िरी बारबता रही हूँ, हां. अब जल्दी से यहाँ आओ और मेरे मूह मे गॅग बांधो और फिर चोदो मुझे."
"तुझे पक्का पता है ना कि मोम जल्दी नही आने वाली?"
"रोहन, अगर तूने अभी जल्दी ही अपना लंड मेरी चूत मे नही डाला तो मैं सबको चिल्ला चिल्ला कर बता दूँगी कि तू मुझे चोदता है."
हंसते हुए रोहन आगे बढ़ा और उसके मूह मार गॅग बाँध दिया और कस के टाइट कर दिया. उसने आँखो पर भी पट्टी बाँध दी और नीच बढ़कर उसकी चिकनी गान्ड को चूम लिया और चूमते चूमते चूत की ओर बढ़ने लगा. उसने उसकी ओर देखा तो उसकी साँसें तेज हो रही थी, उसके बाल एक पोनीटेल मे बँधे हुए थे. उसकी जीभ चूत पर पड़ते ही वो गॅग मूह मे रखे ही चीखी.
फिर उसने खड़े होकर दोबारा सब कुछ चेक किया और अपने शॉर्ट्स उतार कर उसके पीछे आ गया.
पीछे से उसने उसकी गान्ड पर कस के एक मारा तो रिया ने अपनी कमर पीछे कर.
"ओह, तो मेरी चुदासी बहेन को इसमे मज़ा आता है?"
उसने दोबारा मारा तो फिर उसकी दबी आवाज़ आई. रोहन ने उसके बाल पकड़कर पीछे खिचा और अपने लंड को चूत से लेकर गान्ड तक रगड़ा और गान्ड पर रख के अंदर डाल दिया. एक इंच अंदर जाते ही रिया सिसक पड़ी और कराहने लगी. एक इंच और अंदर गया तो फिर गान्ड अपने आप ही जगह बनाते हुए लंड को अंदर आने का न्योता देने लगी. वो कराहते हुए मस्ती मे सिसकी ले रही थी. रोहन के दो ही तीन झटकों के बाद वो झाड़ गयी.
रोहन बाहर निकालकर लंड को दोबारा गान्ड के अंदर डालने लगा. एक ऑर्गॅज़म के तुरंत बाद ही रिया दोबारा झड़ने लगी. रोहन तब तक गान्ड के अंदर ये खेल खेलता रहा जब तक उसकी गान्ड पूरे तरीके से उसके स्पर्म से भर नही गयी फिर उसने गॅग और पट्टी को निकाल दिया.
"मैं चला नहाने," उसने उसके हाथ खोलते हुए कहा. "रूको, लौट के खोलता हूँ." उसने आँख मार कर बीच मे ही रस्सी छोड़ते हुए कहा.
रिया ने हंसकर अनुमति दे दी.
रोहन बस पानी के नीचे खड़ा ही हुआ था कि मेन दरवाजे पर चाबियो की आवाज़ सुनी.
"फक, रोहन!" रिया तेज़ी से चिल्लाई.
"क्या?" उसने बाथरूम से ही आवाज़ दी.
"मोम!"
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अरुण बाथरूम के अंदर घुसा और खुद को शीशे मे निहारने लगा. अभी भी जगह जगह चोट के हल्के निशान थे. तभी दरवाजे पर नॉक हुआ और स्नेहा का सिर अंदर आया.
"यू ओके?"
अरुण ने सिर हिला दिया.
"यॅ, बस अपनी चोट देख रहा था."
वो अंदर घुसी और दरवाजे को बंद कर दिया. उसने अभी तक बाल नही बनाए थे जिसकी वजह से वो और सेक्सी लग रही थी. वो एक पतला सा टॉप पहने थी जिसमे से निपल्स सॉफ दिख रहे थे.
"हुह, सही है, हम क्यूँ उसके निपल्स चूसना चाहेंगे."
स्नेहा ने उसे ना देखने की कोशिश करते हुए देख लिया. "कमऑन अरुण, तुमने तो जैसे कभी किसी लड़की को देखा ही नही है जैसे," और सामने बैठकर ब्रश करने लगी. अरुण ने सिर हिलाकर शवर ऑन किया और अंदर जाकर शवर के नीचे खड़ा हो गया.
उसके मन मे एक आइडिया आया तो उसने तुरंत ही अपने बॉक्सर्स नीचे कर दिया और उसका लंड आधी खड़ी हालत मे आज़ाद हो गया. अरुण तभी शवर से निकलकर टवल उठाने लगा तो स्नेहा बस उसके पेट के नीचे हिस्से को ही देखे जा रही थी. जैसे ही अरुण टवल को पकड़कर शवर की ओर मुड़ा स्नेहा बाहर चली गयी.
कुछ ही पल बाद आरोही अंदर आई.
"अगर तुमने उन्हे जल्दी नही बताया तो पक्का तुम्हारा या घर मे किसी और का रेप हो जाएगा."
"आइ लव युवर फॅमिली, मॅन."
अरुण मुस्कुरा दिया. "उनकी बारी आ रही है. मैं बस अपनी जुड़वा बहेन के साथ थोड़ा टाइम स्पेंड करना चाहता हूँ."
आरोही ने हंसकर सिर हिला दिया और उसके साथ ही शवर के नीचे खड़ी हो गयी. अरुण उसके पीछे गया और अपने लंड को रगड़ने लगा और हाथ से उसके निपल को मरोड़ने लगा. उसका दूसरा हाथ नीचे जाते हुए चूत पर चला गया और तुरंत ही एक उंगली भी उसके अंदर जाने लगी.
अरुण फिर तुरंत ही नीचे बैठ गया और अपना मूह सीधे उसकी चूत पर रख दिया, और अपनी गर्म जीभ पानी से भीगी चूत पर रख दी.
"ओह, फफफुकक,," उसकी आवाज़ आई. उसने अपनी जीभ को लकीर के अंदर अंदर चलाया और उसकी क्लाइटॉरिस को मूह मे भरकर चूस लिया.
"लगता है कल रात भूख नही मिटी..हहह.."
"नही मिट गयी. लेकिन तुमसे इच्छा नही भारी.."
"अवव, हहहह,हूंम्म."
अरुण अपनी जीभ से उसकी चूत पर प्रहार करते हुए उसे झडाने लगा. आरोही की कमर काँपते हुए नीचे होने लगी तो वो खड़ा हुआ और उसको दीवार से सटकर सीधे अपने लंड को उसकी चूत पर रख दिया.
"ओमम्म,आहह..उम्म्म." लंड अंदर बाहर होते ही आरोही सिसकने लगी. अरुण ने उसकी एक टाँग को उपर कर दिया और कस के धक्के मारने लगा. पूरा बाथरूम दोनो की आवाज़ो से भर गया. उसने अपने हाथ से अरुण के खाली हाथ को पकड़ा और सीधे अपनी गान्ड पर रख दिया. "एक उंगली डालो," उसने कहा.
अरुण ने भी देर ना करते हुए अपने अंगूठे को उसकी गान्ड पर दबाया. फिर आराम से एक उंगली धीरे धीरे गान्ड मे घुसाते हुए धक्के मारने लगा. "ओह..फक..उम्म्म," आरोही बोली. एक और धक्के के साथ ही अरुण की उंगली आधी गान्ड के अंदर घुस गयी. उसने लंड को अंदर रखे रखे ही उंगली को थोड़ा बाहर निकाला और फिर से अंदर डाला तो आरोही मस्ती मे उससे चिपक गयी. उसने उसकी जाँघो को पकड़कर अपनी कमर के चारो तरफ़ पैर कर दिए और लंड को सीधे उसकी चूत मे डालने लगा. आरोही अपने होठ काटते हुए उसे लंड पर लगातार उपर नीचे होने लगी, पानी दोनो के शरीर से होता हुआ चप छाप की आवाज़ कर रहा था. जैसे ही वो झड़ने लगी उसकी आँखें बंद होती चली गयी और उसने कस के अरुण को गले से लगा लिया. जब अरुण का गर्म रस उसके अंदर पहुचा तो वो भी साथ मे झड गयी और दोनो वही पानी के नीचे खड़े उस संगम का आनंद लेते रहे.
कुछ देर बाद दोनो अलग हुए तो आरोही ज़मीन पर बैठ गयी और उसका लंड मूह मे भर लिया.
"कितना प्यारा लंड है," उसने चाटते हुए कहा.
अच्छे तरीके से लंड सॉफ करने के बाद दोनो नहा लिए और अरुण शवर बंद करके टवल उठाने लगा और अपने सीने को पोछ रहा था उसने पलट कर देखा तो आरोही नंगी ही अपने बालो को तौलिए से पोछ रही थी. वो देख कर मुस्कुराने लगा.
"क्या हुआ?" वो बोली.
अरुण ने सिर हिला दिया और कहा,"आइ लव यू."
आरोही भी मुस्कुरा दी. "आइ लव यू टू."
अरुण फिर अपने रूम मे चला गया.
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