bahan ki chudai मेरी बहनें मेरी जिंदगी
01-25-2019, 12:51 AM,
RE: bahan ki chudai मेरी बहनें मेरी जिंदगी
आरोही तुरंत ही अरुण के उपर चढ़ गयी और अपनी चूत को उसके लंड पर रखने लगी. लंड अंदर जाते ही उसकी मस्ती की आह निकल गयी.

"बाद मे ...आह.." अरुण बोला. "एक दिन वो एक पार्टी मे गयी..उःम्म,,वहाँ उसने थोड़ी ज़्यादा पी ली तो बेहोश हो गयी. जब उसे होश अयाय..यस...तो बहुत से अंजान लड़के उसके हर छेद मे लंड डाले खड़े उसे चोद रहे थे. उसने कहा कि उसे इसमे मज़ा आया और जब अगली सुबह उसकी नींद खुली तो कॅंपस से अपने रूम तक वो सिर्फ़ ब्रा पैंटी मे गयी. तब जाके उसे अहसांस हुआ कि वो कितना नीचे गिर गयी है अगले ही दिन वो वापस आ गयी."

"क्या तुम अपनी पवित्र एशू की चूत पहली बार फाड़ना चाहते थे?"

सुप्रिया अपनी चूत को कस के रगड़ रही थी और आरोही उसके लंड पर कस कस के कूद रही थी. "फक," आरोही बोली जैसे ही वो झड़ने लगी.

"हां," अरुण ने अपनी इच्छा जाहिर की. "आइ विश मैं होता पहली बार उसके साथ."

सुप्रिया ने एक हाथ से अपने निपल रगड़ लिए. "लेकिन तुम तो हम लोगो के हो," वो सिसकी लेकर बोली. "मेरे, आरू के, स्नेहा के और सोनिया के. ये बात भूलना मत. वो अपनी उंगली को चूत के अंदर बाहर करते हुए बोली और साथ मे झड़ने लगी. उसने अरुण की ओर देखा तो वो भी झड़ने के करीब था.

"आरू, उतर और मुझे तुम दोनो का रस पीने दे," उसने कहा तो आरोही साइड मे हटकर लेट गयी. जल्दी से बढ़ कर सुप्रिया ने लंड को मूह की गिरफ़्त मे ले लिया और अपनी बहेन और भाई का मिलाजुला रस ग्रहण करने लगी.

अरुण झड़ने के बाद आँखें बंद करके लेट गया और सुप्रिया लंड को अच्छे से चाटने के बाद पास मे लेट गयी.

"इट वाज़ सो गुड." आरोही बोली.

********
अरुण कुछ घंटो बाद नीचे आया तो सुप्रिया किचन मे थी. उसने पप्पीस के बारे मे पूछा और उसके रूम चला गया.

स्नेहा तब तक किचन मे आई उसके हाथ मे किचन का कुछ समान था. उसने देखा कि अरुण उसके रूम मे बिज़ी है तो सुप्रिया की चूत को रगड़ दिया.

सुप्रिया एक दम से कूद पड़ी. "क्या हुआ ये दम से तुझे?" 

"दी, आइ'म रियली हॉर्नी राइट नाउ. कुछ तो करो प्लीज़?"

सुप्रिया एक दम से बताने को हुई कि चिंता की क्या बात है अरुण तो है ही लेकिन तभी उसे ध्यान आया कि अरुण ने मना किया है तो बस हंस दी. 

"कोई नही आज रात मैं तेरा ख़याल रखूँगी."

"कॅंट वेट." स्नेहा पानी पीते हुए बोली.

सुप्रिया हंसते हुए डिटरजेंट लेकर वॉशरूम मे चली गयी. स्नेहा भी उसके पीछे पीछे वहाँ पहुचि और सुप्रिया को अपनी ओर घुमा कर अपनी टी-शर्ट को उपर कर दिया. उसने ब्रा नही पहनी थी तो निपल खड़े हुए थे, सुप्रिया ने तुरंत ही अपनी जीभ बाहर निकालकर निपल को छेड़ दिया. स्नेहा अपने होठ काटकर अपनी सिसकी को दबाने लगी. सुप्रिया भी मस्त होकर उसके पूरे दूध को चूसने लगी.

"दी, आप सोच नही सकती इस वक़्त मेरा मन कर रहा है अभी बस आपके उपर टूट पडू या फिर अरुण के उपर," स्नेहा मस्ती मे बोली

तभी पीछे आवाज़ हुई तो दोनो हट गयी. सुप्रिया डिटरजेंट को उपर रखने लगी और स्नेहा कपड़े फोल्ड करने लगी.

"वो गंदे कपड़े हैं, नॉटी गर्ल," आरोही की आवाज़ आई. "फोल्ड करने से पहले धोना है उनको."

सुप्रिया मुस्कुराते हुए पलटी. "तूने तो जान ही निकाल दी थी," 

"आप दोनो पागल हो गयी हो क्या?" आरोही आक्टिंग करते हुए बोली. "अगर मेरी जगह अरुण होता तो?"

"तो मेरे अंदर इस वक़्त वो होता," स्नेहा गुर्राते हुए अपने होठ काटने लगी.

"ओह शिट, दी, इन्हे क्या हुआ?" आरोही ने स्नेहा की हालत देखते हुए पूछा.

"मुझे बस इस वक़्त कुछ चाहिए.." स्नेहा गुर्राते हुए बोली.

"स्नेहा बड़ी हो गयी है, अब. और बदल भी गयी है. इसने बताया कि जब ये एग्ज़ाइट होती है तो कोई ताकतवर चीज़ इस पर कब्जा कर लेती है." सुप्रिया ने बताया.

"वो तो दिख रहा है," आरोही ने कहा.

तब तक स्नेहा अपने रूम की ओर जाने लगी. "स्वीटी, आज रात ओके." सुप्रिया उसके पीछे बोली.

आरोही सुप्रिया को छेड़ने लगी. फिर किचन मे पानी पीने लगी. तब तक अरुण पीछे आया. "हे, आज रात मूवी देखने चले?"

"यॅ, वी कॅन ऑल गो."

"नही, वो सोनिया अपनी फ्रेंड के घर गयी है, कल आएगी. दी से पूछो," आरोही बोली.

"मेरा टेस्ट है तो मैं नही चल पाउन्गी," पीछे से स्नेहा की आवाज़ आई. "सॉरी,"

"मेरा मूड नही है स्वीतू, तुम दोनो चले जाओ." सुप्रिया ने भी बहाना बना दिया और अरुण की ओर आँख मार दी.

अरुण बात को समझकर मुस्कुरा दिया.

"ओके," अरुण ने कह दिया और अपना फोन निकालकर मूवी की टिकेट्स बुक करने लगा.

तब तक स्नेहा बॅग्स मे से समान निकालने लगी किचन का. अरुण स्नेहा को देख कर ही समझ गया कि काफ़ी उत्तेजित है. वो अपने चेहरे पर कोई भी भाव नही लाया जिससे स्नेहा को शक हो कि उसे सब याद आ गया है. थोड़ा तड़पाने के लिए, वो उसके पीछे गया और आराम से उसके कंधे मसाज करने लगा.

आअह भरते हुए स्नेहा के हाथ से बॉटल टेबल पर छूट जाती है. "उम्म्म, दट फील्स गुड," वो बोलती है और जल्दी से कुछ पकड़ने के चक्कर मे प्लास्टिक के पाउच को दबोच लेती है.

अरुण के हाथ उसकी स्किन मे आराम से छू कर धँस रहे हैं. तभी उसे एक आइडिया आता है.

"लो, हो गया," वो उसकी गर्दन को चूमते हुए कहता है. "आइ'म गोयिंग टू वर्क आउट," फिर अपने रूम की ओर चल देता है.

"फक, क्या उसने वर्काउट के बारे मे कुछ कहा," स्नेहा बोलती है तो सुप्रिया हँसने लगती है.

अरुण वापस आता है, शॉर्ट्स और एक वाइट टी-शर्ट मे और बॅकयार्ड मे चला जाता है. "आरू थोड़ी हेल्प कर दे.." अरुण आवाज़ देता है तो आरोही उपर जाके चेंज करने चली जाती है.

स्नेहा अरुण के अलावा कहीं भी फोकस करने की कोशिश करती है और सुप्रिया उसकी उत्तेजना देख कर हँसती जा रही है. अरुण वेट बेंच के पास बढ़ा जो किचन से सॉफ सॉफ दिखती है.

वहाँ उसने थोड़ी स्ट्रेचिंग करी और आगे झुककर धीरे धीरे अपनी टी-शर्ट उतारने लगा.

"फक," स्नेहा हॉल की ओर बढ़ते हुए कहती है.

अरुण बैठकर अपने डंब्बल्स से सेट लगाने लगता है. उसके बाइसेप्स तुरंत ही फूल जाते हैं. दोनो हाथो से बदल बदल कर वो सेट्स लगाता रहता है.

"फक दिस ऑल," स्नेहा बॅकयार्ड के दरवाजे की ओर बढ़ने लगती है. "मैं अभी सब बताने वाली हूँ, मुझे बस अब वो चाहिए," उसके हाथ हॅंडल से कुछ ही इंच की दूरी पर होते हैं कि सुप्रिया और आरोही उसे पीछे खीच कर सोफे पर बिठा देते हैं.

"स्नेहा, कंट्रोल," सुप्रिया अपनी हँसी दबा के कहती है.

स्नेहा आरोही को देखती है तो उसकी आँखो मे हवस की आग निकलने लगती है. आरोही टाइट शॉर्ट्स और छोटी सी स्पोर्ट्स ब्रा मे है. "आप टेन्षन मत लो दी, मैं उसे अच्छे से तडपाउंगी," वो आँख मार कर कहती है.

आरोही बाहर जाती है और अरुण बेंच प्रेस पर वेट्स अड्जस्ट करने लगता है. आरोही उसके पीछे पहुचती है और अरुण की आँखो के जस्ट उपर अपनी चूत लेकर खड़ी हो जाती है. अरुण भी अपना रोल अच्छे से निभाते हुए चेहरे पर शिकन ले आता है और धीरे से सिर हिला देता है जैसे कि तस्वीर को अपने मन से निकाल रहा हो.

"दी, जाने दो ना. दोनो मे से किसी के साथ तो होने दो, प्लीज़."

अरुण ने बार को अपने सीने तक रखा और फिर उपर करने लगा. पूरा सेट करने के बाद वो आरोही को अपनी जगह दे देता है. वो उससे कुछ कहता है जिसके जवाब मे आरोही सिर हिला देती है. दोनो तरफ से कुछ वेट्स निकालने के बाद वो उससे कुछ और कहता है. आरोही सिर हिलाकर वही लेट जाती है और अरुण उसके सिर के उपर खड़ा हो जाता है.

आरोही अपनी हँसी रोकने की भरपूर कोशिश करती है क्यूकी उसके शॉर्ट्स मे से खड़ा लंड जस्ट उसके मूह के उपर है और अंदर दो लोग उन दोनो को देख रहे हैं.

"आइ..नीड..इट..आहह" स्नेहा तड़पते हुए बोली.

सुप्रिया आक्टिंग करते हुए उसे किचन मे ले जाने लगी. "आइ होप ही गेट्स बेटर सून,"

अंदर हलचल देखकर अरुण ने जब देखा तो कोई नही था, आरोही अब खुलकर हँसी लेकिन फिर कंट्रोल कर लिया हँसी को.

स्नेहा गुस्से मे आलू काटने लगी. सुप्रिया आके पीछे से उसके कंधे पर सिर रख देती है. "वो जानबूझकर थोड़ी ना कर रहा है. और वैसे भी, आज रात तेरी दी तेरा अच्छा ख़याल रखेगी."

"अगर आपने कुछ नही किया ना, दो देख लेना रात मे ही मैं उसका रेप कर दूँगी," वो थोड़ा मज़ाक मे बोली. "तो अपने अपने पप्पी का क्या नाम रखा?"

सुप्रिया कुछ देर सोचती रही. "बाकी लोगो ने क्या रखे हैं?"

"मेरा आइनस्टाइन, अरुण का मॅक्स, सोनिया ने प्रिन्सेस, और आरू का पता नही.

कुछ देर सोचने के बाद. "उम्म, तुफफी. यॅ, तुफफी."

कुछ देर बाद अरुण और आरोही अंदर आए और दोनो किचन मे पानी पीने लगे.

"आरू, तूने क्या नाम रखा अपने पप्पी का?" सुप्रिया ने पूछा.

"बिस्कट" वो चिल्लाते हुए बोलती है जैसे कि उसे बुला रही हो.

ऐसे ही बातें करने के बाद अरुण टीवी देखने लगा जाके. शाम हुई तो वो शवर लेकर तय्यार हो गया और टेबल पर आ गया खाना खाने.

"तो, कुछ याद आया अरुण?" स्नेहा बड़ी उम्मीद से पूछती है.

अरुण कंधे उचका देता है. "ओह, नही दी." वो अपनी नज़रे एक बार भी सुप्रिया या आरोही की तरफ नही घुमाता. "मुझे एक साल पहले की ही बातें याद हैं और अभी जो कुछ हुआ, उसके बीच का कुछ नही."

"चूतिए, सच बता देता तो हम लोग उसे अभी चोद रहे होते.." आवाज़ ने गुस्से से कहा

अरुण ने उसे इग्नोर कर दिया.

खाने के बाद आरोही बाहर जाने के लिए चेंज करने चली गयी तो अरुण भी वॉलेट उठाने अपने रूम मे गया.

"दी, अब कंट्रोल नही होता," स्नेहा सुप्रिया से बोली.

"कम डाउन, स्वीटी."

अरुण और आरोही जानबूझकर इतना टाइम लगा रहे थे.

"डॅम इट!" स्नेहा पैर पटक कर बोली. उसके मन मे आ रहा था कि बस उपर जाए और या तो अपने भाई का रेप कर दे या अपनी बहेन का या फिर दोनो का. अनंत काल के इंतेज़ार के बाद वो दोनो नीचे आए और बाहर चले गये.

"बाइ," स्नेहा ने हाथ हिलाकर कहा और जैसे ही कार घर से कुछ दूर गयी. "फाइनली," उसने उछलते हुए कहा.

सुप्रिया हंसते हुए किचन की ओर जाने लगी. "मैं बस बर्तन..." उसने बोला ही था लेकिन उससे आगे नही बढ़ पाई. स्नेहा ने पीछे से उसे पकड़ लिया था.

"आप कहीं नही जा रही हो," स्नेहा ने मदहोश आवाज़ मे कहा और हाथ बढ़ाकर उसके दूध दबाने लगी.

सुप्रिया भी पलटकर उसे तेज़ी से किस करने लगी. दोनो किस करते हुए सुप्रिया के रूम मे चले गये.

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