RE: bahan ki chudai मेरी बहनें मेरी जिंदगी
अरुण जब सुप्रिया के कमरे से निकला तो सभी अपने अपने पप्पी के साथ खेल रही थी. सुप्रिया ने पलटकर उसे देखा तो उसने फ्लाइयिंग किस कर दी और फिर सबको गाल पर किस करके उपर चला गया.
रूम मे पहुचते ही उसने सुप्रिया को मेसेज कर दिया कि जब सब सो जाए तो उसके रूम मे आ जाए. एक और गिफ्ट देना है उसे. विंक की स्माइली लगा के उसने एसएमएस सेंड कर दिया.
काफ़ी देर बाद उसे अपने रूम के गेट की दराज से बाहर की लाइट ऑफ होते दिखी. फिर उसके 20 मिनिट बाद उसके दरवाजे पर हल्के से नॉक हुआ तो उसने दरवाजा खोल दिया. दरवाजा लॉक करके दोनो एक दूसरे के शरीर से कपड़े उतारने लगे लेकिन थोड़ी सावधानी से और फिर अरुण उसे लेकर बिस्तर पर गिर पड़ा और उसे उसका गिफ्ट देने लगा.
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अगली सुबह, अरुण उठा तो उसके मन मे एक शातिर आइडिया घूम रहा था. सुप्रिया थी नही उसके बिस्तर पर यानी कि रात मे ही चली गयी थी. वो उठा और चुपके चुपके आरोही के रूम मे पहुचा. उसने अंदर झाँक कर देखा तो अपनी अच्छी किस्मत की दाद देने लगा, सोनिया आज अपने रूम मे ही सो रही थी और आरोही अकेली थी. आरोही की पीठ नंगी थी और नीचे चादर पड़ी हुई थी.
अरुण ने चुपके से दरवाजा लॉक किया और उसके पास आके अपने शॉर्ट्स को उतार दिया, थोड़ी चहेल पहेल सुनके आरोही नींद मे ही पलटी. जैसे ही वो पीठ के बल लेटी अरुण ने पैर को दूसरी तरफ कर के सीने पर बैठ गया और अपने लंड को सीधे उसकी गर्दन पर रख दिया.
आरोही इस सब से जागी तो एक दम से उसकी आँखो मे डर आ गया. "हे भगवान, अरुण!" वो चिल्लाते हुए बोली लेकिन तभी उसकी नज़र अरुण के लंड पर पड़ी जो उसके चेहरे के इतना करीब था. उसके चेहरे पर मुस्कान आ गयी.
"आइ रिमेंबर," उसने मुस्कुराते हुए कहा.
आरोही ने तुरंत ही मूह खोलकर लंड को अंदर डाल लिया.
"बट, आइ हॅव रूल्स," अरुण ने उसके हाथ को लंड से हटाते हुए कहा, जो उसकी जीभ लगने से और ज़्यादा कठोर हो गया था.
"मैं सबको धीरे धीरे एक एक करके बताने वाला हूँ. तो यू हॅव टू रिमेन साइलेंट अबाउट दिस." वो आगे झुककर उसके कान के पास पहुच गया. "मैं जैसा कहूँगा, तुम बिल्कुल वैसा ही करोगी. बाकी सब के सामने तुम बिल्कुल कल वाली आरोही ही रहोगी. अगर तुमने कुछ गड़बड़ की तो अगले एक महीने तक कोई ऑर्गॅज़म नही." अरुण ने चेतावनी दी.
"आइ अग्री." आरोही अपना सिर हिलाकर बोली.
अरुण उसके उपर से हटा तो आरोही ने झट से उसे खुद से लगा लिया. "आइ'म सो हॅपी."
अरुण ने भी हंसते हुए अपने होठ उसके होंठो के करीब कर दिए. "ध्यान रहे, बिल्कुल शांत रहना है."
आरोही ने इसका जवाब उसके होंठो के अंदर अपनी जीभ डाल के दिया.
"मैं जब तक ना कहूँ तब तक तुम पैंटी नही पहानोगी," अरुण ने कहा.
"ओके," आरोही की चूत यही सुन के गीली होने लगी.
"गुड गर्ल," अरुण ने नीचे उसकी गर्दन चूमते हुए कहा. "अब आराम से लेटो और अपना गिफ्ट एंजाय करो," वो नीचे की ओर जाते हुए बोला. आरोही के चेहरे पर बड़ी सी स्माइल आ गयी और उसके पैर खुद ही खुलते चले गये. अरुण ने भी बिल्कुल देर ना करते हुए उसकी चूत को अपने होंठो से छू लिया और तुरंत ही अपनी जीभ को चूत के अंदर घुसेड दिया. कुछ सेकेंड्स के लिए क्लाइटॉरिस को मूह मे छेड़कर और चूस्कर उसने आरोही को मचलने पर मजबूर कर दिया. क्लाइटॉरिस को छोड़कर उसने जीभ को सीधा सीधा पट करके चूत पर रख दिया और फिर आराम से चाटने लगा, आरोही के पैर उसके सिर को दबोचने लगे.
"फक! आइ वॉंट यू सो फक्किंग बॅड. आइ प्रॉमिस....ओम्म..जो कहोगे..वही करूँगी."
अरुण ने हंसते हुए एक एक करके दो उंगली चूत मे डाली और हुक की तरह करके अंदर कुरेदने लगा और साथ मे जीभ से क्लाइटॉरिस पर हमला कर दिया.
"ओमम्म्म," आरोही ने धीरे से काँपति आवाज़ मे कहा. तभी आरोही की एक दबी सी चीख निकली, उसने अपनी चीख रोकने के लिए अपने दोनो हाथ मूह पर रख लिए, जैसी ही उसकी चूत ने सिकुड़ना सुरू किया. उसने हाथ से अरुण का सिर अपनी चूत पर कस के दबा दिया और झड़ने का मज़ा लेने लगी. अरुण ने भी उंगली निकालकर सीधे पूरी जीभ चूत मे डाल दी और उसके रस को पीने लगा.
कुछ देर बाद जब वो पैरो से बाहर निकला तो उसका चेहरा थूक और उसकी चूत के पानी से भीगा हुआ था.
"मेरा चेहरा सॉफ करो," अरुण बोला. आरोही हंसते हुए आगे आई और अपनी जीभ को उसकी गर्दन पर रख के चाटने लगी, गर्दन से बढ़ते हुए वो उसके जबड़े तक पहुच फिर उसके होंठो और जीभ फिर गाल फिर पूरे चेहरे पर उसने अपनी जीभ फिरा दी.
सॉफ होके अरुण ने उसे दूर किया. "अपने घुटनो पर," ज़मीन की ओर इशारा करते हुए अरुण बोला.
आरोही तुरंत ही किसी अग्याकारी बच्चे की तरह फर्श पर बैठकर उसकी ओर देखने लगी.
"अब क्या करूँ?"
"मेरा लंड चूसो," उसने बेड पर बैठकर कहा और पैर नीचे कर दिए. आरोही ने हंसते हुए अपना मूह खोला, और अपनी जीभ पर होठ फेरने लगी, और लगातार उसकी आँखो मे देखती रही.
"गॉड यू आर सो फक्किंग सेक्सी," अरुण ने कहा और उसका सिर आराम से पकड़कर लंड को होंठो पर रगड़ने लगा. "अब," उसने बोला तब तक आरोही उसके सुपाडे को हल्के हल्के चूस रही थी,"जितनी ताक़त से चूस सकती हो चूसो,"
आरोही के होठ उसके लंड के इर्द गिर्द कसते चले गये, और उसने अपनी पूरी ताक़त से लंड को चूसना शुरू कर दिया. अरुण के चेहरे को देखकर लग रहा था कि वो मज़े मे है, और वो मस्ती मे अपनी कमर को हिलाने लगा.
"ओह्ह," अरुण उसकी तरफ देखते हुए बोला. "आगे से जब भी तुम मेरा लंड चुसोगी तो इसी तरीके से चुसोगी,"
आरोही ने जवाब मे और कस के अंदर खीच लिया तो अरुण सिसक उठा.
"और तेज," उसने कहा. आरोही ने अपनी स्पीड बढ़ा दी और तेज़ी से अपने मूह को आगे पीछे करने लगी और अपने हाथ से उसके टट्टो को सहलाती रही.
"गुड..उःम्म्म," अरुण झड़ने के करीब आते ही बोला. उसने नीचे देखा तो वो उसकी तरफ ही देख रही थी. "आह, आइ लव यू,," अरुण बोला और तुरंत ही लंड ने गर्म गर्म वीर्य उसके गले मे उतारना शुरू कर दिया. आरोही तब तक लंड को चुस्ती रही जब तक की आख़िरी बूँद तक उसमे से गटक नही ली.
आरोही झड़ने के बाद भी लंड को उपर से नीचे तक जीभ से चाटती रही.
"और कुछ," आरोही ने आख़िरी बार लंड पे किस करके कहा.
"आरू, तुम इतनी अच्छी कैसे हो गयी इस काम मे?" अरुण ने सिर को पकड़ते हुए कहा.
"अगर तुम चाहो तो मैं जिंदगी भर तुम्हारा लंड चूस सकती हूँ," उसने उसके टट्टो को मूह से निकालकर कहा.
"साउंड्स नाइस, लेकिन आज कॉलेज भी जाना है."
आरोही वही बैठकर पाउट फेस दिखाने लगी लेकिन फिर नॉर्मल हो गयी जब अरुण पर इस का कोई असर नही हुआ. "एनीवे, आइ'म ग्लॅड यू'आर बॅक टू नॉर्मल." वो उछलते हुए बोली.
"मी टू," अरुण ने उसके माथे को चूमकर कहा.
फिर अरुण अपने रूम मे चला गया.
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