RE: bahan ki chudai मेरी बहनें मेरी जिंदगी
आरोही ने तुरंत ही अपनी हँसी रोकने के लिए मूह पर हाथ रख लिया. वो उसके बारे मे सपना देख रहा था! वो उसके पास बढ़ी और चूत को मसल्ति रही. अगर पुराने वाले अरुण ने पकड़ लिया तो कितनी मस्त सज़ा देता, ये सोचकर उसके हाथ और तेज़ी से चलने लगे और वो झड़ने के करीब पहुचने लगी. आरोही ने देखा कि पलकों के नीचे अरुण की आँखें बार बार इधर उधर हो रही थी. वो सही मे उसके बारे मे सपना देख रहा था.
उसकी नज़रे जब फिरसे लंड पर पड़ी तो उसके मूह मे पानी आने लगा, वो बस तुरंत ही उसे मूह मे रखके उसके रस का स्वाद लेना चाहती थी. और जब उसकी चूत लंड से टकराएगी, उःम्म्म्ममम. अपनी चुदाई की बात सोचते ही वो झड़ने लगी और उसके पैर काँपने लगे, उसकी स्पीड क्लाइटॉरिस पर और तेज हो गयी. उसने अपनी आवाज़ को रोकने के लिए अपने होठ को दाँतों तले दबा लिया.
ओरगस्म ख़त्म होते ही उसने नीचे देखा तो अरुण अब भी उसी पोज़िशन मे था और उसका लंड बिल्कुल सीधा खड़ा हुआ था. वो मन मायूस करके बाहर जाने लगी और सोचने लगी कि काश अरुण की यादास्त जल्दी वापस आ जाए.
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सुप्रिया सिर नीचे करके लेटी थी, उसका पीछे का हिस्सा टवल से ढका हुआ था और एक खूबसूरत सी लड़की उसकी स्किन पर तेल मसल रही थी. लड़की के हाथ पीठ पर घूमते ही सुप्रिया आराम से सिसक पड़ी.
"फील्स सो गुड," उसने खुद से कहा.
उस लड़की ने कुछ नही कहा बस उसकी पीठ को मसाज करती रही, और सुप्रिया की सिसकी आती रही.
"मुझे इसके बदले मे आरू के लिए भी कुछ अच्छा सा करना पड़ेगा," उसने एक शातिर मुस्कान के साथ सोचा. "अरुण तो अभी मदद नही कर सकता लेकिन आरू पक्का मेरी हेल्प कर सकती है."
कुछ देर बाद वो लड़की चुपचाप रूम छोड़कर चली गयी और सुप्रिया कुछ देर बाद कपड़े पहेन कर घर को वापस चलने लगी. वापस आते टाइम वो सोचने लगी कि उसके बाकी बहने और अरुण उसके लिए क्या लेकर आए होंगे. पार्टी तो वो लोग देंगे नही क्यूकी उन्हे पता था कि आख़िर मे वही सब कुछ समेटने लगती है.
उसने गॅरेज मे कार खड़ी करी तो अरुण की कार भी वही थी. घर का गेट खोला तो अंदर से स्नेहा के खाने की महक उसे अच्छा फील करवाने लगी.
वो किचन मे पहुचि तो स्नेहा पलटी उसकी ओर और उसे गले लगा लिया.
"तो स्पा कैसा था, दी?" आरोही ने पीछे से आके पूछा.
"गॉड, इट वाज़ सो गुड." वो आँखें बंद करके आह भरके बोली. "उस लड़की को सही मे मसाज करना आता है." फिर उसने आरोही को अपने गले से लगा लिया. "थॅंक यू सो मच, आरू."
"हॅपी बर्थ'डे, दी." आरोही ने उसे कस के पकड़ते हुए कहा. "आपको पता है आप अगले साल हाफ फिफ्टी हो जाओगी?" आरोही ने वापस हटते हुए कहा और तुरंत ही उसके हाथ पर हाथ पड़ा.
"आरू!" सुप्रिया चौन्कते हुए चिल्लाई. "अब तू पिटेगी!" वो उसके पीछे चिल्लाते हुए भागी.
आरोही हंसते हुए पीछे हटने लगी तेज़ी से.
"रुक ज़रा!" सुप्रिया चिल्लाई.
आरोही वापस मूड कर तेज़ी से हॉल की तरफ भाग खड़ी हुई. भागते ही एक दम से वो किसी से टकराई, जो कि अरुण था. अरुण ने जल्दी से उसको दोनो हाथ को पीठ की तरफ करके पकड़ लिया और हँसने लगा.
"दी, जल्दी आओ!" अरुण हंसते हुए बोला.
"अरुण, मेरे प्यारे भाई, छोड़ ना.." आरोही छूटने की कोशिश करते हुए बोली. "हम दोनो एक साइड होते हैं यार," वो मिन्नत करते हुए बोली तब तक सुप्रिया उसके पास आके उसे गुदगुदी करने लगी.
आरोही बेतहंशा हँसने लगी सुप्रिया के हाथ अपने पेट पर पड़ते ही. "फिफ्टी," उसने आरोही की पसलियों के पास उंगली चलाते हुए कहा.
आरोही कुछ ज़्यादा ही कूदने लगी तो अरुण ने उसे ज़मीन पर कर दिया और पलटकर उसके सीने पर बैठ गया.
"ओह..." आरोही साँस भरते हुए बोली. "कितने मोटे हो गये हो तुम," उसने कहा तो अरुण ने अपने चुतड़ों को उसके सीने पर और घुमाया तो आरोही हाँफने लगी.
सुप्रिया हंसते हुए पीछे हटी तो अरुण भी आरोही के उपर से उठ गया. "थॅंक्स फॉर हेल्प, स्वीतू."
"एनिटाइम, दी." अरुण ने हाथ बढ़कर आरोही को खड़ा करते हुए कहा. आरोही ने मौके का फ़ायदा उठाकर अरुण के गुदगुदी करनी शुरू कर दी. अरुण भी हंसते हुए और दर्द से ज़मीन पर बैठ गया लेकिन आरोही उसपर बिना रहम खाए अपनी उंगलियाँ चलाती रही और उसके सीने पर बैठ गयी.
"ओके, ओके, मैं हार गया.." अरुण हान्फते हुए बोला.
"अभी नही, मेरे पास तुम्हारे लिए एक गिफ्ट है," आरोही हंसते हुए बोली.
और तभी उसे हल्की सी पादने की आवाज़ सुनाई पड़ी. अरुण नाक सिकोड़ने लगा, "आहः, आरुउउ..." वो अपने मूह पर हाथ रखते हुए बोला और बाकी सब हंस रहे थे.
"अब अगली बार मेरी साइड रहना, नही तो." आरोही हंसते हुए उठ खड़ी हुई. अरुण बेचारा नाक भौ सिकोडते हुए उठा.
आरोही ने आगे बढ़के उसके गाल पर किस कर दिया और उसे सोफे पर बिठा दिया.
फिर सब लोग डिन्नर करने लगे. सभी हँसी मज़ाक करते हुए खाने लगे. सुप्रिया ने तो बिल्कुल ऐसे खाया जैसे जिंदगी मे पहली बार स्नेहा के हाथो का खाना खा रही हो. खाने के बाद सोनिया उसके लिए गिफ्ट के रूप मे एक डीवीडी लेकर आई जिसे वो लोग बाद मे देखने वाले थे.
तब अरुण मुस्कुराते हुए खड़ा हुआ. "तो, अब मेरी बारी. लेकिन एक बात, मैने सिर्फ़ सुप्रिया दी के लिए ही गिफ्ट नही खरीदा बल्कि सबके लिए लिया है." अरुण उपर अपने रूम मे गया और वापस आया तो उसके हाथ मे बड़ा सा बॉक्स था जिसमे काफ़ी होल्स थे उपर की तरफ.
"अवव, अरुण," सुप्रिया ने बॉक्स के रॅपिंग देख कर कहा.
"ये पक्का इसने ही चढ़ाया है," आरोही बोली.
सुप्रिया ने जल्दी से बॉक्स टेबल पर रखा और रॅपर छूटा कर होल्स के अंदर देखने लगी.
अंदर से हल्की सी आवाज़ आई तो सभी क्यूरियस हो गये. अरुण ने बॉक्स खोला तो सभी एक साथ उछल पड़े.
"ओह माइ गॉड," सभी चिल्ला कर बॉक्स मे से पप्पीस को निकालने लगी. "सो क्यूट!" सोनिया एक के पेट मे नाक रगड़ते हुए बोली.
"मैने इन्हे शॉप पर देखा और किस्मत देखिए ये 5 ही थे तो मैने सोचा सबके लिए हो जाएगा."
सभी ने एक एक पप्पी को उठा लिया था और उनके साथ अजीब अजीब मूह बनाकर खेल रहे थे.
"तुम्हारे लिए मैं अच्छा सा नाम ढूंढुगी," सोनिया ने अपने पप्पी को उपर उठाते हुए कहा.
आरोही ने अपने पप्पी को बिल्कुल अपने करीब करके उसे किस कर रही थी. "दिस वन ईज़ सो क्यूट," उसने धीरे से बोला. "ओह्ह्ह,,क्यूटी पिए..क्यूटी.."
बाकी सब उसकी ओर देखने लगे तो आरोही रुक गयी.
"व्हाट?" उसने पूछा.
"नही बस मुझे पता नही था आरोही लड़की की तरह हरकते भी कर सकती है," अरुण ने कहा और तुरंत ही एक हाथ उसके सीने पर पड़ा.
"थॅंक यू सो मच," सुप्रिया खड़ी होते हुए बोली.
"दी, अभी रात ख़त्म नही हुई, हॉल मे चलो." सोनिया बोली तो सुप्रिया आगे आगे चलने लगी.
अरुण सोफे के बीच मे बैठ गया और सभी पप्पीस को उसकी गोद मे रखके सभी उसके आस पास बैठ गये. सोनिया ने डीवीडी को डीवीडी प्लेयर मे लगाया और रिमोट उठाकर सुप्रिया की ओर देखने लगी.
"जबसे मोम डॅड, गुज़रे हैं, आपने हम लोगो को इतना प्यार दिया है. थॅंक यू फॉर दट. आइ होप यू एंजाय," सोनिया बोली और प्ले करके आरोही से सॅट कर बैठ गयी. अरुण के दोनो तरफ आरोही और सुप्रिया थे, सोनिया का सिर आरोही के कंधे पर और स्नेहा का सिर सुप्रिया के कंधे पर था. और सुप्रिया और आरोही अरुण से चिपक कर बैठी थी.
डीवीडी प्ले होते ही उनकी फॅमिली की फोटो थी. पिक्चर हटी तो अरुण के एक फुटबॉल गेम की फुटेज थी. सुप्रिया वीडियो मे अरुण के लिए चियर कर रही थी.
"वो रहा रोहित," अरुण ने टीवी की तरफ इशारा करते हुए कहा. वो दोनो वीडियो मे एक दूसरे को बॉल पास करते हुए आगे बढ़ रहे थे. "और वो रहा मैं," अरुण ने मुस्कुराते हुए कहा.
गोल के पास पहुचे तो रोहित ने बॉल को आगे की तरफ किक किया अरुण शूट करने के लिए आगे बढ़ा लेकिन अरुण तुरंत ही फिसला और मूह के बल फील्ड पर गिर पड़ा. आरोही और बाकी सब वीडियो मे हंस रहे थे, जब अरुण उठा और उसके पूरे चेहरे पर मिट्टी और घास लगी हुई थी.
उसके बाद वीडियो चेंज हुआ तो उसमे सुप्रिया थी, काफ़ी छोटी और स्कूल मे ड्रेस कंपेटीशन के लिए परी बनी हुई थी लेकिन उसका चेहरा उतरा हुआ था. "मुझे ये ध्यान है, मैं..." सुप्रिया बोली.
स्क्रीन पर छोटी सी सुप्रिया ने चिल्ला कर कहा रोते हुए, "मुझे प्रिन्सेस बनना है, परी नही." सभी हँसने लगे. वीडियो इस बार चेंज हुआ तो स्नेहा चश्मा पहने डॅन्स कर रही थी, छोटी सी स्नेहा बहुत ही क्यूट लग रही थी. स्नेहा ने रिमोट उठाने के लिए हाथ बढ़ाया तो सभी ने उसका हाथ पीछे कर दिया.
इस बार वीडियो चेंज हुआ तो अरुण के चेहरे पर बड़ी मुस्कान आ गयी. अरुण, आरोही और सोनिया के बीच चेयर पर बैठा हुआ था, वो मुश्किल से 6 साल का होगा और आरोही और सोनिया उसे हॅंडसम बनाने की कोशिश कर रही थी.
"सच्ची? ये भी दिन थे." आवाज़ ने पूछा.
"मोम कितनी नाराज़ हो गयी थी तुम दोनो पर," अरुण मुस्कुराते हुए बोला. आगे के सीन थोड़े छोटे छोटे थे, सोनिया का पहला मेकप, सुप्रिया श्रुति और एक लड़की के साथ अपने रूम मे डॅन्स कर रही थी, आरोही का रेस करते समय गिरना और आगे वाली लड़की को पीटना.
अगला सीन आया तो सभी ज़ोर से हंस पड़े. उनके डॅड रेकॉर्ड कर रहे थे और वीडियो मे उनकी मोम की आवाज़ सुनी जा सकती थी जब वो आरोही को समझा रही थी कि वो कितनी अच्छी लग रही है. कॅमरा का फोकस बाथरूम की ओर हुआ तो 8 साल की आरोही गुस्से से वहाँ खड़ी थी. वो गुस्से से अपनी मोम के देखे जा रही थी, उसकी थयोरी चढ़ि हुई थी और उसने सुप्रिया की परी वाली ड्रेस पहेन रखी थी.
सीन मे अरुण आया और आरोही की तरफ उंगली करके बड़ी तेज़ी से हँसने लगा.
"आरू, तू कितनी क्यूट लग रही है," उनकी मोम ने कहा.
"लेकिन मुझे निंजा बनना है!" आरोही गुस्से से चीखती हुई अरुण के पीछे भागी जो तुरंत ही हंसते हुए आगे आगे भागने लगा.
20 25 मिनिट तक सब एक दूसरे के एम्बररासिंग वीडियो देखकर हंसते रहे. जब डीवीडी रुकी तो सभी की आँखो मे थोड़े आसू थे. सुप्रिया ने सभी को गले लगा लिया.
"थॅंक यू."
सोनिया ने मुस्कुराते हुए कहा और अपने आसू पोछ लिए. "दी, यू'आर दा बेस्ट मोम वी कुड हॅव होप्ड फॉर. मैने सोचा किसी बेकार सी फिल्म से अच्छा यही है कि हम अपने बचपन के दिनो को याद कर ले."
"इट'स पर्फेक्ट," सुप्रिया ने उसका गाल चूमते हुए कहा.
फिर वो लोग ऐसे ही बातें करते हुए पप्पीस के साथ खेलने लगे तो अरुण उठा और एक बॉक्स को लेकर आया. उसे काटकर उसने बास्केट की तरह कर दिया और उसके अंदर एक टवल रख दी. फिर सबको दिखाने के लिए ले आया.
"ये तब तक तो काम चला ही देगा जब तक तुम लोग कुछ ढूँढ नही लेते."
सुप्रिया ने हंसते हुए सिर हिला दिया. "मेरे रूम मे रख दो, मैं आज रात इनका ख़याल रख लूँगी."
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