RE: bahan ki chudai मेरी बहनें मेरी जिंदगी
सुबह जागने के बाद अरुण कपड़े पहने हुए ब्रेकफास्ट कर रहा था जब आरोही और सोनिया नीचे आई. आरोही ने योगा पॅंट्स और एक टी-शर्ट पहनी थी और सोनिया ऐसे ही सिंपल टी-शर्ट और शॉर्ट्स मे थी. आरोही उसके सामने मटकते हुए फ्रिड्ज के आगे झुकी तो अरुण ने थूक को जल्दी से निगला.
सिंक के पास खड़ी सुप्रिया अपनी हँसी को रोकने लगी.
"गान्ड,"
अरुण एक दम से चारो ओर देखने लगा. "ये क्या था?"
चार सिर उसकी ओर देखने लगे.
"तुम लोगो ने नही सुना?" उसने पूछा. उनके चेहरे के एक्सप्रेशन्स ने उसका जवाब दे दिया. "नेवेर माइंड," उसने प्लेट की तरफ ध्यान देते हुए कहा. "मेरा दिमाग़ खराब हो गया है," उसने सोचा. उसे पक्का लग रहा था कि उसने कुछ सुना. लेकिन जैसे कि कोई बहुत दूर से बोला हो.
"तो, आज शॉपिंग डे है?" आरोही बोली.
"हुहम?" अरुण बोला.
"कार की." आरोही ने बात समझाई.
"एप. क्लास के बाद." अरुण खाते हुए बोला.
"कॉन सी?" स्नेहा ने मिल्कशेक पीते हुए पूछा.
"वही जो पहले थी." अरुण ने नॉर्मली कहा.
"कलर?" सुप्रिया ने पूछा.
"आइ डोंट नो. सेम, आइ गेस."
"ओह कम ऑन ड्यूड, कम से कम कलर तो चेंज करो," आरोही उसके सिर पर धीरे से मारते हुए बोली.
अरुण ने उसके हाथ पर मार दिया तो दोनो हल्के से कराह दिए. "ओके, कलर चेंज कर देंगे."
"कॉन्सा?" स्नेहा ने पूछा.
"वहीं चल के देखते हैं."
उसके बाद वो आरोही की कार मे जाके बैठ गया. तब तक सेब खाते हुए आरोही भी आ गयी और आधा बचा हुआ उसे दे दिया.
"तो डेट कैसी थी?" आरोही ने कार स्टार्ट करते हुए पूछा.
"उम्म्म, फाइन, लेकिन एश..बदल गयी है."
"यॅ, मुझे भी लगा. बट यू स्टिल लाइक हर?"
अरुण ने सिर हिला दिया. "******* उसे सूट नही हुआ. इट वाज़ लाइफ चेंजिंग फॉर हर."
"कैसे?"
अरुण चुप रहा लेकिन आरोही भी शांत रही. उसे पता था कि अरुण उसे बता ही देगा, आख़िरकार उन दोनो के बीच कभी कोई बात नही छुपी थी, मोस्ट्ली. उसने सोचा.
"उसे वहाँ एक लड़का मिला," उसने कहा.
"डज़ दट बॉदर यू?" आरोही ने उसका रियेक्शन जानने के लिए पूछा.
अरुण ने सिर हिलाकर मना कर दिया. "नही, मीन्स ये तो होना ही था. और वैसे भी मैने बताया था कि वी'आर नेवेर रियली इन लव. आइ जस्ट लाइक्ड हर."
आरोही सिर हिलाकर आगे देखती रही.
"आंड ही वाज़ हर फर्स्ट, और उससे भी मुझे कोई प्राब्लम नही है. यहाँ तक जो कुछ उसने मुझे बताया मुझे उसकी किसी बात से कोई प्राब्लम नही आई. बस ये थोड़ा अजीब है.
मतलब जो कुछ उस लड़के ने उससे करवाया..उसके बारे मे सोचकर मुझे गुस्सा आती है...लेकिन मैं उसे जड्ज नही कर सकता."
आरोही उसे सवालिया नज़रो से देखने लगी तब अरुण को समझ आया कि आधी बात उसे पता ही नही थी.
"ओह सॉरी. मैं मुझे याद नही रहा कि तुम्हे पता नही है. एश ने बताया की वो लड़का थोड़ा अजीब था. शुरुआत मे तो ठीक रहा, जैसे कि शुरू मे उसकी केयर करना वग़ैरह वग़ैरह लेकिन बाद मे वो उन दोनो के साथ दूसरी लड़कियाँ शामिल करने लगा. एश ने भी सोचा कॉलेज है तो ट्राइ करने मे क्या हर्ज़ है. आंड शी लव्ड इट और वो भी साथ देती रही. लेकिन बाद मे वो अपने दोस्तो को भी साथ मे लाने लगा और थ्रीसम फोरसम होने लगे, जिससे उसके कॉलेज मे एश की रेप्युटेशन बन गयी कि वो कुछ भी कर सकती है."
"एसा?" आरोही चौंकते हुए बोली. "वो तो गाली तक नही सुन पाती थी. कितनी बार उसने मुझे इस बात पर लेक्चर पिलाए?"
अरुण ने सिर हिला दिया. "आइ नो. तो एक बार वो एक पार्टी मे गयी और वहाँ पहली बार वोड्का ट्राइ की. तो आब्वियस्ली होश खोना ही था, जब वो जागी तो वो काफ़ी लड़को के बीच थी और सामने उसका बाय्फ्रेंड किसी और लड़की के साथ था. और उसे दुख इस बात का है कि उसे ये सब पसंद आया."
आरोही ने कॉलेज की तरफ वाली रोड पर गाड़ी मोड़ दी.
"उसी दौरान उसके पेरेंट्स का डाइवोर्स हो गया क्यूकी उसकी मम्मी उसके पापा के साथ चीट कर रही थी. उसके बाद वो वापस आ गयी, फॉर गुड आइ गेस."
"थॅंक गॉड. वैसे भी दिस ईज़ हर होम. आइ'म ग्लॅड शी'स बॅक." जब उसने ये कहा तो उसे रियलाइज़ कि वो सच मे इन शब्दो को मानती थी. उसे अब एश से डर नही लग रहा था.
"मी टू," अरुण बोला. "अगर हम दोनो ने डेटिंग स्टार्ट नही करी फिर भी मैं कम से कम उसका ध्यान तो रख ही सकता हूँ."
आरोही मुस्कुरा दी. "जब तक तुम ये नही भूलते कि घर मे चार बहनों को भी तुम्हारे ध्यान की ज़रूरत है तब तक सब ठीक है."
अरुण उसकी तरफ स्माइल करने लगा. "ऑल्वेज़. यू गर्ल्स आर ऑल्वेज़ माइ टॉप प्राइयारिटी. वैसे सोनिया ने कुछ कहा क्या?"
सोनिया का नाम सुनते ही आरोही की चूत हल्की सी गीली हो गयी, उसे उन दोनो का किस और उसके निपल का ध्यान आने लगा.
"नही. मैं हूँ ना, वो मेरे पास सो गयी थी. आइ'ल्ल टेक केर ऑफ हर." आरोही बोली.
तब तक वो लोग कॉलेज आ गये और आरोही उतरकर आगे जाने लगी तो अरुण उसकी गान्ड को ही देखता रहा.
"मेरी चबन्नी गिर गयी है, पक्का." उसने सोचा.
*******
जब दोनो घर पहुचे तो सुप्रिया तय्यार होके सोफे पर ही बैठी थी.
"चले?" उसने पूछा.
कुछ घंटे बाद उनके गराज मे नयी गाड़ी खड़ी थी सेम कलर के साथ. आरोही के लाख मनाने के बाद भी उसने गाड़ी का कलर वही रखा.
गाड़ी देखने के बाद सभी अंदर आए और वही रुटीन हुआ जो रोज होता था. खाना, टीवी फिर नींद.
अरुण ने नीचे चेक किया कि लॉक पड़ा है फिर अपने रूम का गेट खोला फिर एक दम से बंद कर दिया. अंदर सोनिया सिर्फ़ पैंटी पहने दूसरी तरफ मूह करके उसके कपबोर्ड मे कुछ ढूँढ रही थी. अरुण ने जैसी ही उसकी नंगी पीठ देखी तुरंत ही दरवाजा बंद कर दिया. फिर धीरे से नॉक किया.
"कम इन," सोनिया की मीठी सी आवाज़ आई.
अरुण अंदर आया और उसकी पीठ को देखते हुए बेड पर बैठ गया. सोनिया अभी भी उसके क्लॉज़ेट मे कुछ ढूँढ रही थी. कुछ देर बाद वो पलटी,"तुम्हारी कोई पुरानी शर्ट नही है जो मैं पहेन सकूँ?"
अरुण ने अपनी आँखो पर हाथ रख लिए. "सोनिया, कपड़े तो पहेन लेती."
"हिहीही, भाई आप इतना क्यू शर्मा रहे हो. पहले भी तो आपने मुझे ऐसे ही देखा है. और मैं वही तो ढूँढ रही हूँ. एक तो आप के पास लेटने को नही मिल रहा तो सोचा कि कम से कम आपकी शर्ट ही मिल जाएगी, प्लीज़. दे दो ना कोई." सोनिया अपनी बात समझाते हुए बोली. अंदर ही अंदर वो थोड़ा खुश भी हो रही थी.
अरुण ने आँखो पर हाथ रखे हुए ही दूसरे ड्रॉयर से शर्ट निकाली. "नही ये नही," तभी वो उसे वापस रखने लगा क्यूकी उस शर्ट मे दो तीन छेद थे.
"नही," उसने आगे बढ़कर वो शर्ट छीन ली. "दिस इस फाइन," उसने जल्दी से कहा. अरुण दूसरी तरफ पलट गया तो सोनिया ने वो टी-शर्ट पहेन ली. "डन, भाई."
अरुण ने पलटकर देखा तो बस देखता ही रहा. उसकी टी-शर्ट और सिर्फ़ पैंटी मे वो बहुत हॉट लग रही थी. एक छेद तो शर्ट मे जस्ट दूध के नीचे था तो थोड़ा सा अंदर बूब भी दिख रहा था. अरुण का लंड जो पहले से ही हल्का सा खड़ा था और कठोर होने लगा.
"पक्का तुम्हे यही पहनना है?"
"यॅ, इट्स सो सॉफ्ट." उसने शर्ट को सहलाते हुए कहा.
"फटी हुई है." अरुण ज़बान संभालते हुए बोला.
सोनिया हँसने लगी. "कुछ ही जगह तो छेद है भाई."
"हां, दूध के नीचे," उसने सोचा.
सोनिया फिर उसके पास आई और उसके गाल पर किस कर दिया. "लव यू भाई, गुड नाइट. हॅपी निन्नी."
अरुण ने भी उसके दूधो को सीने पर नज़रअंदाज करके गाल पर चूम लिया. फिर वो वहाँ से चली गयी.
उस रात उसके सपने सोनिया के बारे मे ही थे. सोनिया उसके कपड़े फाड़ रही थी और अपने नाख़ून उसकी खाल पर चला रही थी और उसके लंड पर मूह रख रही थी.
********
अगली सुबह अरुण जल्दी उठा और सीधे बाथरूम चला गया. वहाँ वो शेव कर ही रहा था कि दरवाजे पर नॉक हुआ. दरवाजा खुला और स्नेहा का चेहरा अंदर आया. उसने भी अरुण की ही पुरानी शर्ट पहनी हुई थी लेकिन आगे से खुली होने के कारण उसकी ब्रा पैंटी दिख रही थी.
अरुण शेव करते हुए कटते कटते बचा.
"दी..." अरुण अपनी नज़रे फेरते हुए बोला.
स्नेहा मासूमियत से खुद को देखने लगी. "क्या हुआ? मैं तो नहाने आई थी."
"नही,...दी..अभी नही.." अरुण जब तक उसको रोकता तब तक वो शवर के नीचे खड़ी हो गयी और पानी चालू कर दिया. उसने शर्ट को निकाल कर दूसरी तरफ मूह कर दिया और ब्रा के हुक को खोल दिया तो अरुण ने जल्दी से अपनी नज़रे फेरी और जल्दी से जैसे तैसे शेव करके अपने रूम मे चला गया. कपड़े पहनने के बाद उसने एश को एसएमएस किया कि क्या वो आज रात को बाहर चलेगी तो उधर से हां मे जवाब आ गया.
अरुण ने रिप्लाइ कर दिया कि बाद मे कॉल करेगा उसके बाद नीचे चला गया. बाकी की सुबह नॉर्मल ही थी. आज छुट्टी थी तो वो बॅकयार्ड मे चला गया. बाहर से थोड़ी मेहनत करके वो अंदर आया ही था कि आरोही रन्निंग करके आ रही थी. उसने अरुण को बाथरूम मे जाते देखा तो तुरंत ही वो भी पीछे चल दी.
अरुण दरवाजा बंद ही करने वाला था कि तब तक आरोही ने हाथ बढ़कर खोल दिया और अंदर आ गयी.
"मैं हेल्प कर दूं, शर्ट उतारने मे."
"नही,"
आरोही ने उसकी बात नही सुनी और आगे बढ़ने लगी. अरुण भी जानता था कि मना करने का कोई फ़ायदा तो था नही तो वो भी शवर के नीचे बढ़ने लगा. उसने आरोही के कोमल हाथो का स्पर्श अपनी कमर के उपर महसूस किया, जहाँ उसने शर्ट को उपर उठाया और उसके हाथो से निकालकर साइड मे बास्केट मे डाल दी. अरुण ये सोचकर पलटा कि अब वो चली जाएगी लेकिन तब तक आरोही के हाथ उसके शॉर्ट्स पर पहुच चुके थे.
अरुण ने तुरंत ही उसकी कलाई पकड़ ली. "आरू, मैं कर लूँगा."
"ईडियट, मैं कर रही हूँ ना."
अरुण जब तक मना करता तब तक आरोही ने उसके शॉर्ट्स को बॉक्सर्स के साथ ही नीचे खीच दिया तो अरुण जल्दी से मुड़कर अपना लंड छुपाने लगा.
"आरू, व्हाट दा फक?"
"कम ऑन, अरुण, रिमेंबर वी आर ट्विन्स, कितनी बार तुम्हे नंगा देखा है. रिलॅक्स. और जल्दी नहाना." ये कहकर वो शवर से बाहर चली गयी. अरुण खुद को कोस्ता हुआ पानी के नीचे खड़ा हो गया.
आरोही ने अपने शॉर्ट्स को निकाल दिया था और अब वो अपनी स्पोर्ट्स ब्रा और पैंटी मे खड़ी थी. पसीने के कारण उसका शरीर बाथरूम की रोशनी मे चमक रहा था. अरुण ने एक गहरी साँस ली और दूसरी ओर देखने लगा.
अरुण शवर बंद करके टवल उठाने लगा.
"हे भगवान, ढंग से तो नहा लो. वहीं रूको, मैं आती हूँ." आरोही चिल्लाते हुए बोली.
अरुण कुछ बोलने को हुआ लेकिन तब तक उसके शरीर मे दर्द होने लगा. "शायद अभी मेरी बॉडी काम करने लायक नही है," उसने सोचा.
तब तक आरोही शवर के नीचे आ गयी थी और उसके हाथ मे वॉशक्लॉत था.
"पलट चिकने," उसने कहा तो अरुण लंड को छुपाए हुए दूसरी तरफ मूड गया. आरोही ने लिक्विड सोप को वासक्लॉत पर लिया और उसकी पीठ पर लगाने लगी. अरुण उसे मन ही मन थॅंक यू कहने लगा कि कम से कम उसने खुद के कपड़े तो नही उतारे. आरोही के हाथ उसकी गर्दन कंधे से होते हुए उसके चूतड़ पर पहुच गये.
"लो, अब इसे तुम खुद ही सॉफ करो," उसने उसको वॉशक्लॉत देते हुए चुतड़ों की तरफ इशारा कर दिया और खुद दूसरा उठाने के लिए वापस जाने लगी.
अरुण ने जल्दी से अपने चूतड़ रगडे और कपड़े को साइड मे बास्केट मे डाल दिया. "थॅंक्स फॉर हेल्प."
"इतनी जल्दी नही, ईडियट," वो दोबारा शवर के नीचे आते हुए बोली. अरुण फिर मन ही मन खुद को गाली देने लगा. आरोही नीचे बैठी और उसके पैरो को सॉफ करने लगी.
"पलटो," उसने कहा तो अरुण लंड के उपर हाथ रखे रखे ही उसकी ओर मूड गया.
"एक सेकेंड इसे पकड़ना," उसने कपड़े को अरुण को दिया तो उसने एक हाथ से उसे पकड़ लिया और मन मे ही अपना सिर पीटने लगा. तब तक आरोही अपने टॉप को उतारने लगी.
"आरू, ये क्या...." उसने कहा.
"अरे ये भीग गया है ना तो बड़ी दिक्कत हो रही है. और तुमने मुझे पहले भी नंगे देखा है." उसने जवाब दिया.
अरुण ने आँखें बंद कर ली लेकिन जब खोली तो उसकी आँखो के सामने उसके पर्फेक्ट साइज़ के दूध थे जिनके निपल बिल्कुल खड़े हुए थे. आरोही झुककर अपनी पैंटी भी उतारने लगी.
"आह, सो गुड," आरोही बोली और उसके हाथ से कपड़ा छीन लिया.
अरुण अपनी आँखो को बंद करने की या साइड मे देखने की कोशिश करने लगा लेकिन नाकाम रहा. आरोही ने देखा भी लेकिन उसने कुछ नही कहा.
आरोही सामने से उसके सीने, हाथो पेट को सॉफ करने लगी.
"हाथ उपर करो," उसने आदेश दिया और उसकी बगल सॉफ करने के लिए. जब अरुण ने हाथ उपर नही किए तो वो थोड़ा ज़ोर से बोली. "उपर!"
अरुण ने एक गहरी साँस ली और अपने आधे खड़े लंड को छोड़कर हाथ उपर कर दिए. आरोही अपनी हँसी पर काबू करते हुए उसे सॉफ करती रही. सॉफ करते करते जितना उससे हो सकता था वो उसके उतना पास बढ़ गयी. फिर बैठकर उसने दोबारा उसके पैरो को सॉफ करना शुरू कर दिया. अरुण का लंड उसके सामने ही झूल रहा था, अरुण ने अपने लंड को छुपाने के लिए हाथ नीचे किए तो आरोही ने उसके हाथ झटक दिए और कपड़े को लंड पर रगड़ने लगी. सॉफ करने के चक्कर मे उसने 2 तीन बार उसे आगे पीछे कर दिया फिर उसके टेस्टेस सॉफ करने लगी.
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