RE: bahan ki chudai मेरी बहनें मेरी जिंदगी
उस शाम को जब अरुण डेट के लिए तय्यार हो रहा था तो घर मे काफ़ी दुख भरी शांति थी. सोनिया घर के बाहर जाके बैठ गयी और दूर डूबते सूरज को देखते हुए अपने लॉकेट को हाथ मे घुमाने लगी. ये वही लॉकेट था जो अरुण ने उसे गोआ मे दिया था. उसने पेंडेंट को खोला तो उसमे दो फोटो थी, एक जो अरुण ने उसकी खीची थी और एक जो उसने अरुण की खीची जब वो अपनी जेन्यूवन स्माइल के साथ उसे देख रहा था.
आरोही बिना आवाज़ के उसके पास आकर बैठ गयी. दोनो सूरज को डूबते देखती रही फिर साथ मे अंदर चल दी.
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जैसा कि प्लान था वैसे ही अरुण एश के घर गया और उसे लेकर अच्छे से रेस्टौरेंट ले गया. खाना ख़त्म करने के बाद अरुण कुछ पूछने को हुआ लेकिन पूछ नही पाया.
"व्हाट?" एश ने उससे पूछा.
"आइ वाज़ थिंकिंग वुड यू लाइक टू स्टार्ट डेटिंग अगेन?" अरुण ने पूछा. एश ने एक गहरी सास ली तो अरुण को लगा कि उसने जल्दी कर दी है.
"अरुण, मुझे नही लगता कि अब मैं डेटिंग के लायक हूँ."
अरुण उसे ऐसे देखने लगा जैसे कि वो एलीयन हो. "आइ वाज़'न्ट एक्सपेक्टिंग दट आन्सर."
"नही, आइ मीन इट. मैने तुम्हे अपने बारे मे सब कुछ बता दिया जो कुछ मैने किया जो कुछ हुआ. तब भी तुम..?"
अरुण अपना सिर हिलाने लगा. "एश, जो कुछ तुमने वहाँ किया, तुमने खुद कहा कि वो तुम्हारी चाय्स थी. मैं जानता हूँ तुम एक अच्छी इंसान हो. तुमने वो चाय्सस ली क्यूकी एक तो तुम अकेली थी उपर से इट वाज़ फन ऐज यू सेड. मेरे लिए बस इतना ही काफ़ी है आंड ट्रस्ट मी. आइ'म नोट दट गाइ. मैं कभी तुमसे ऐसा कुछ करने के लिए नही कहने वाला."
एश उसकी ओर देखती रही. "अरुण, आइ ओन्ली रिग्रेट ओन्ली वन थिंग, मैने वो सब चीज़े उस सुअर के साथ की तुम्हारे साथ नही. यू शुड हॅव बीन माइ फर्स्ट," उसने उसका हाथ पकड़ते हुए कहा.
अरुण ने मुस्कुरा कर दूसरा हाथ उसके हाथ पर रख दिया. "लेट'स जस्ट टेक इट स्लो. हम लोग ट्राइ कर के देखते हैं इफ़ वी स्टिल हॅव दट स्पार्क बिट्वीन अस."
फिर वेटर बिल ले आया तो पे करके वो लोग बाहर निकले.
"आइ हॅड आ लव्ली ईव्निंग," एश बोली अपने घर के बाहर खड़ी होकर.
"मी टू," उसने कहा और आगे बढ़कर उसके सिर के पीछे हाथ रख दिया और उसके गाल को सहलाने लगा फिर अपने होंठो को उसके गाल पर रखा और साइड मे करते हुए उसके होठों को चूम लिया. एश ने भी काँपते होठों से उसे चूम लिया.
किस तोड़ने के बाद एश मुस्कुराते हुए अलग हुई. "आइ'ल्ल टेक्स्ट यू," उसने कहा.
"बाइ," अरुण कार की तरफ जाते हुए बोला.
एश मुस्कुराते हुए हाथ हिलाती रही और अपने रूम मे जाने लगी. उसके पापा अपने रूम मे सो रहे थे वो चुपचाप अपने रूम मे चली गयी.
रात मे अजीब सी आवाज़ के कारण एश जाग उठी. उसने कमरे से बाहर निकलकर ध्यान दिया तो उसके पापा के रूम से आवाज़ आ रही थी. उसने उनके रूम का दरवाजा खोला तो वो नींद मे इधर उधर होकर "क्यूँ क्यूँ?" चिल्ला रहे थे. उसका दिल बैठ गया. वो उनके बेड के पास गयी और धीरे से उनके सिर को सहलाने लगी. जब वो शांत हो गये तो वो अपने रूम मे आकर लेट गयी लेकिन उसे नींद नही आ रही थी.
वो अरुण के बारे मे सोचने लगी. उसे खुद कन्फ्यूषन था कि वो अरुण के बारे मे किस तरीके से सोचती थी. उसने जो किस किया था दट वाज़ वंडरफुल लेकिन उसे अभी भी गिल्टी फीलिंग हो रही थी. उसे लग रहा था कि वो अरुण के साथ नाइंसाफी कर रही थी. वो दिल का इतना अच्छा था. और कोई होता तो शायद ही उससे ढंग से बात करता.
लेकिन उसने तो उसे फिर भी आक्सेप्ट किया. बस इन्ही ख़यालो ने उसे नींद की गहराइयों मे भेज दिया.
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उसी शाम जब अरुण एश के साथ बाहर गया हुआ था, सुप्रिया वॉशरूम मे थी तो पीछे से स्नेहा आई.
"हे," उसने वॉशिंग मशीन की ओर मुड़ते हुए कहा. "क्या हुआ?"
स्नेहा कुछ देर चुप रही. उसने गला सॉफ किया और कुछ बोलने की कोशिश करी लेकिन फिर चुप हो गयी. "आइ वाज़ थिंकिंग.."
सुप्रिया पलटकर उसकी ओर देखने लगी. "कुछ हुआ क्या?" स्नेहा ने कोई जवाब नही दिया. "स्नेहा, कुछ हुआ क्या?" सुप्रिया चिंता करते हुए बोली.
स्नेहा ने नर्वस होकर उसकी ओर देखा. "दी...आइ'म.."
"इट'स ओके, स्नेहा, बोल ना."
"आइ'म हॉर्नी," उसने तपाक से बोला तो सुप्रिया तुरंत ही बड़ी तेज हँसने लगी.
"थॅंक्स फॉर बीयिंग सो सीरीयस," स्नेहा गुस्से बोली और जाने लगी.
सुप्रिया ने हान्फते हुए उसका हाथ पकड़लिया और अपनी साँस संभालने लगी.
"आइ'म..हाहः..सॉरी, स्वीटी," उसने हंसते हुए कहा. "आइ'म सॉरी, रुक तो."
स्नेहा अपने हाथ फोल्ड करके खड़ी हो गयी.
"मैं बस..हह...पिछली बार तूने इतना स्ट्रघटफ़ोर्वर्ड होके सब कह दिया. और अब तू इतना शरमा रही है."
"ये सब मेरे लिए थोड़ा नया है ना. कभी कभी मुझे पता होता है कि मुझे क्या कहना है, क्या करना है. लेकिन कभी कभी मुझे समझ नही आता कि...और उपर से मुझे वो...करना.." उसने हिचकिचाते हुए कहा.
"क्या करना है?"
"म्त्रुयेट," स्नेहा ने बुदबुदा दिया.
"क्या?" सुप्रिया आगे आकर पूछने लगी.
"मास्टरबेट," स्नेहा थोड़ी तेज बोल पड़ी.
सुप्रिया फिरसे हँसने लगी. "आइ'म सॉरी..हाहः.."
स्नेहा फिरसे मुड़कर वापस जाने लगी.
"स्वीटी, सुन तो. मैं तुझे सिखाउन्गी, लेकिन तेरे पास दूसरे ऑप्षन्स भी हैं."
स्नेहा ने सिर हिला दिया. "आइ नो. मैने बस सोचा कि अभी जब अरुण को कुछ ध्यान नही है तो ज़्यादा कुछ करना सही नही होगा. और मुझे लगा कि आप बिज़ी होगी.."
"अववव," सुप्रिया ने स्नेहा को गले लगाते हुए कहा. "आइ'म नेवेर बिज़ी फॉर यू. और अगर मैं थी भी तो आरू तो थी ना. और उपर से वो है भी अरुण की जुड़वा,"
स्नेहा हंस दी और उसकी हिचकिचाहट ख़तम हो गयी. उसने शिद्दत भरी आँखो से उसे देखा.
"वो," सुप्रिया उसकी आँखो को देखकर बोली. "तेरे अंदर दोबारा वो दूसरी वाली स्नेहा आ गयी ना?"
स्नेहा हंसते हुए सुप्रिया को पकड़ लिया. "अब मुझे पता है कि मुझे क्या करना है." ये कहके उसे सुप्रिया को दीवार से सटा दिया.
"स्नेहा!" सुप्रिया चौंक कर बोली. स्नेहा के चेहरे पर एक सेक्सी स्माइल आ गयी. सुप्रिया ने उसके हाथ अपनी टीशर्ट के अंदर जाते महसूस किए और तुरंत ही स्नेहा ने उसकी टीशर्ट एक झटके मे निकाल दी.
"ओह माइ.." सुप्रिया बोली. तब तक स्नेहा ने हाथ बढ़ाकर ब्रा को भी खीच कर नीचे कर दिया. उसके बाद स्नेहा ने तेज़ी से उल्टा किया और उसकी गर्दन को चूमने लगी.
सुप्रिया के लोवर को नीचे करके वो जल्दी से नीचे बैठी और उपर की ओर उसकी जाँघो को चाटने लगी. जाँघो से बढ़ते हुए वो उसकी चूत की ओर बढ़ने लगी. "मुझे लगा...ओह्ह्ह...तुझे..इसकी ज़रूरत थी...ओमम्म" सुप्रिया बोली.
"आइ टोल्ड यू. अब जब आपने ऑफर दिया है तो मैं मना कैसे करू, डोंट वरी. अरुण के आने से पहले ही हमारा काम ख़तम हो जाएगा." स्नेहा ने उसके एक पैर को अपने कंधे पर रख के उंगली से उसकी पैंटी साइड मे करदी और अपनी जीभ को वहीं रगड़ने लगी. "मुझे बताना कि मैं आपकी चूत अच्छे से चाट रही हूँ कि नही,"
"ओह माइ गॉड," सुप्रिया ने नीचे देखते हुए बोला और अपने बालो को पीछे कर दिया जिससे उसे स्नेहा का सिर दिखता रहे.
"ओमम्म्ममम...स्लुरप्प्प.." स्नेहा बड़ी तेज़ी से उसकी चूत को चाट रही थी.
"फक्क्क्क..यस..." सुप्रिया खड़े होने की कोशिश करते हुए बोली. उसकी सास उखड़ रही थी. "यॅ, इट्स बेस्ट, स्वीटी..." उसने बड़ी तेज़ी से कहा. "ओह्ह्ह्ह..आह.." सुप्रिया ने अपने हाथ से उसका सिर अपनी चूत पर दबा दिया.
"ओह माइ गॉड," सुप्रिया बड़ी तेज़ी से बोली, और झड़ने लगी, झाड़ते हुए जब वो आगे गिरने लगी तो स्नेहा ने उसे सहारा देकर ज़मीन पर बिठा दिया और पैर खोलकर दोबारा उसकी चूत मे जीभ घुसा दी.
जब सुप्रिया की साँस थमी तो उसने स्नेहा का सिर पकड़कर उसे उठा लिया और किस करने लगी. सुप्रिया ने भी जल्दी से उसका टॉप उतार दिया और उसके बाद शॉर्ट्स और पैंटी भी. स्नेहा ने सुप्रिया के बालो को पकड़कर उसका सिर अपनी चूत के पास कर दिया.
"दी, चाटो इसे," उसने गुर्राते हुए कहा. तो सुप्रिया ना मे सिर हिलाने लगी. स्नेहा ने कस के उसका सिर पीछे खीच दिया तो सुप्रिया हंस दी और उसकी बात मान कर तुरंत ही उसकी चूत पर टूट पड़ी. अच्छे से उसके होठ चाटने के बाद उसने जीभ को गोल करके छेद मे डाल दिया. कुछ ही देर मे स्नेहा भी झड़ने लगी.
"फक, फक, फक, फक, फक, फक, फक, फक!" स्नेहा बोले जा रही थी और उसके पैर काँपने लगे, फिर वो काँपते हुए ज़मीन पर लेट गयी. कुछ मिनट बाद सुप्रिया उपर उठी और उसके मूह मे जीभ डालकर उसे उसके ही रस का स्वाद देने लगी.
"आइ'म सॉरी," स्नेहा बोली.
"ऑ, स्वीटी, कोई बात नही. बिसाइड दट, आइ हॅड फन."
"स्टिल," स्नेहा बोली.
"कोई बात नही," सुप्रिया बोली तब तक स्नेहा ने उसके निपल को मूह मे रख लिया था. कुछ देर तक ऐसे ही चूसने के बाद वो बोली. "दी, चलो टीवी देखते हैं."
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