RE: bahan ki chudai मेरी बहनें मेरी जिंदगी
अरुण ने अपनी दूसरी बहनो की ओर देखना चालू कर दिया खुद को शांत करने के लिए. सुप्रिया अभी भी सोनिया के पैरो पर ही थी. उसके नज़र इधर से उधर पहुचि तो आरोही का हाथ थोड़ा नीचे बढ़ा और स्नेहा की जाँघो के अंदर चला गया.
अरुण ने थूक को निगला और शुक्र मनाया कि उसने शॉर्ट्स के अंदर टाइट अंडरवेर पहना है.
"आरू ने बताया कि तुम सेकेंड ईयर होने के वाबजूद फर्स्ट ईयर की क्लासस ले रही हो?" उसने पूछा.
"******. मैं क्लासस छोड़ दी थी बीच मे. लंबी कहानी है," उसने कहा.
अरुण ने मुस्कुरा कर सिर हिला दिया. उसका ध्यान अपनी जुड़वा बहेन की ओर गया तो उसे अपनी आँखो पर विश्वास नही हुआ. आरोही के हाथ स्नेहा की अंदरूनी जाँघो को सहलाते हुए उपर बढ़े और वो वहाँ अपनी उंगली रगड़ने लगी जहाँ उसे नही लगानी चाहिए. फिर उसने पैंटी को थोड़ा साइड किया और उंगली को वही पर हल्के हल्के वही हिलाने लगी. स्नेहा तो जैसे इस बात पर ध्यान ही नही दे रही थी.
अपना हाथ वापस खीच कर उसने स्नेहा को पलटने को कहा और फिर थोड़ा और लोशन लेकर फिरसे उसके पैरो से ही शुरू हो गयी.
अरुण और एश पुरानी यादों के बारे मे बात कर रहे थे. आरोही के हाथ नीचे से होते हुए उसकी चूत पर पहुचे और आरोही ने जानबूझकर दो तीन पर अपना हाथ उसकी चूत पर रगड़ दिया. फिर उपर बढ़कर उसने उसके दूधो पर हाथ रख दिए और उन पर लोशन लगाने लगी. लोशन लगाते वक़्त उसने टॉप को थोड़ा साइड किया तो स्नेहा का निपल बाहर निकल आया. उसे रगड़ कर उसने टॉप को सही कर दिया और दूसरे दूध की तरफ बढ़ गयी.
जब आरोही का काम ख़तम हुआ तो स्नेहा ने उसके हाथ से बॉटल ले ली, उधर सोनिया ने भी उठकर सुप्रिया को लेटने के लिए कह दिया.
अरुण मन मे खुद को कंट्रोल करने को कहा और एश से बोल दिया कि वो पूल मे जा रहा है.
टीशर्ट निकाल कर वो जल्दी से पूल मे कूद पड़ा. एश ने भी अपना टॉप निकाल दिया, तो अंदर उसकी ब्लॅक बिकिनी जो उसकी बहनो के कंपॅरिज़न मे तो काफ़ी सही थी दिखने लगी. उसने भी पानी मे छलाँग लगा दी और तैरकर अरुण की ओर चलने लगी.
"सो..." अरुण बोला.
एश जाके पूल की बाउंड्री पर बैठ गयी और पानी मे पैर चलाने लगी. अरुण धीरे धीरे उसकी ओर आया और उसके पैरो को हाथ से हिलाने लगा.
"यू नो, यू कॅन टेल मी एनितिंग," उसने कहा.
एश नीचे देखने लगी. "अरुण, ये मेरे लिए इतना आसान नही होगा और ना ही तुम्हारे लिए उतना ईज़ी होगा."
अरुण ने सिर हिलाकर उसे अस्वासन दिया कि वो सुनने को तयार है.
"ये सब मेरे ******* पहुचने के बाद हुआ. वेल मोस्ट ऑफ इट. थोड़ी सी शुरुआत यही से हुई थी. यहाँ से जाने के बाद मैं बहुत अकेली हो गयी थी और वहाँ पहुच कर मैं एक लड़के से मिली जो मेरी ही क्लास मे था."
अरुण ने सिर हिला दिया, और खुद को समझाने लगा कि वो अब दूर जा चुकी है. लेकिन जेलसी का एक खंजर उसके सीने मे फिर भी धंसता चला गया.
"उसका नाम स्टीव था. वो मुझे एक अच्छा लड़का लगा और था भी. अट लीस्ट शर मी. एनीवेस, हम लोगो ने कुछ महीने तक डेटिंग की और मुझे लगा कि मैं सच मे उसे पसंद करती हूँ. आंड ही वाज़ माइ फर्स्ट."
एश ने ये बोलकर अरुण की आँखो मे झाँका उसका रियेक्शन देखने के लिए.
"डिड ही ट्रीट यू वेल?" अरुण ने चिंतित स्वर मे पूछा.
एश ने मुस्कुरा कर सिर हिला दिया. "हां पहली बार तो सही से. लेकिन टाइम के साथ वो अजीब होता चला गया. वो बार मुझे कहता कि उसके दोस्तो को भी देखने दो, और वो हम लोगो के साथ दूसरी लड़कियों को भी शामिल करने लगा. एक बार तो उसने मुझसे ये भी पूछा कि क्या उसका दोस्त मेरे साथ सेक्स कर सकता है. मुझे लगा कि वो मज़ाक कर रहा था."
अरुण को अंदर ही अंदर गुस्सा आने लगी.
"मुझे उससे रिलेशन्षिप एंड कर देनी चाहिए थी लेकिन वहाँ सिर्फ़ वही अकेला था जिसे मैं ढंग से जानती थी और अंजान जगह मैं अकेले नही रहना चाहती थी."
अरुण उसके पैरो को हल्के से दबाकर आगे बोलने के लिए इशारा करने लगा और बताने लगा कि वो समझ रहा है.
"मैने..मैने उसकी बातें माननी स्टार्ट कर दी, और हर दिन चीज़े बढ़ती ही रही. कुछ चीज़े अच्छी थी लेकिन कुछ मुझे बिल्कुल पसंद नही आई. वो क्लास से, जिम से लड़कियों को साथ मे लाने लगा और हम लोग सब साथ मे सेक्स करते. धीरे धीरे उसने मुझे अपने फ्रेंड्स के साथ शेरिंग के लिए भी मना लिया. मुझे शर्म आती है बताते हुए कि मुझे उसमे मज़ा आया." वो आँखें नीची करके बोली और अपने चेहरे को हाथो से छुपा लिया.
"एशू," अरुण ने उसके चेहरे को उपर करते हुए कहा. "तुम्हे इसकी ज़रूरत नही है."
एश ने सिर हिलाते हुए चेहरे को उपर किया और अपने हाथ से अंगूठे के नाख़ून को कुरेदने लगी. वो जब भी नर्वस होती थी यही करती थी. "तो, मुझे चिंता होने लगी कि कब ये चीज़े कम होगी लेकिन वो बस आगे बढ़ता ही रहा. उसने मुझे उस के लिए भी मना लिया...अनल. कॉलेज मे मेरे बारे मे सभी कहने लगे कि मैं कुछ भी करने को तय्यार हो सकती हूँ. मुझे खुद नही पता कि मैं क्यू उसकी बातें मानती गयी. मैने कॉलेज जाना छोड़ दिया और मेरे मन मे हर वक़्त बस सेक्स के बारे मे ही ख़याल आते रहते."
अरुण को ये सब सुनके काफ़ी तक़लीफ़ हो रही थी. कि एश जैसी मासूम सी लड़की जिसे गाली सुनना तक पसंद नही था उसके साथ ये सब हो जाएगा.
"एक दिन मैं उसके साथ एक पार्टी मे गयी, वहाँ मैने जिंदगी मे पहली बार वोड्का पी. जब मुझे थोड़ा होश आया तो काफ़ी लड़के मेरे साथ थे. स्टीव किसी और लड़की के साथ सामने था और उसके दोस्त मेरे जिस्म के साथ खेल रहे थे. आइ हॅड आ गाइ इन एवेरी होल इमॅजिनबल," उसकी आँखो से दो आसू नीचे टपकने लगे. "और वर्स्ट पार्ट ये था कि मुझे उसमे मज़ा आया और मैने उनको रोकने की कोशिश भी नही की. जब मैं अगली सुबह जागी तो मैं पूरी नंगी थी, मेरी बॉडी पर जगह जगह निशान थे और पूरा बदन दर्द कर रहा था. किसी ने मेरे कपड़े बाहर फेक दिए थे, सिर्फ़ एक ब्रा और पैंटी पड़ी थी किसी और की. मुझे कॅंपस से उसी मे बाहर निकलना पड़ा."
अरुण उसके घुटने को सहलाते हुए देखने लगा.
"यहाँ घर मे, मम्मी पापा की खुद की प्रॉब्लम्स बढ़ गयी थी. मम्मी पापा को धोखा दे रही थी. और सबसे बेकार बात वो इस बात को छुपा भी नही रही थी. तो एवेंच्युयली उन दोनो ने डाइवोर्स ले लिया है. और तुम तो जानते ही हो मेरे पापा कैसे हैं." उसने उसकी ओर देखते हुए कहा. उसे देखकर ऐसा लग रहा था कि ये वाला पार्ट उसे उस वाले पार्ट से ज़्यादा तक़लीफ़ दे रहा था. "डाइवोर्स के बाद पापा बिल्कुल टूट गये. उन्होने डबल काम करना शुरू कर दिया लेकिन मेरी कॉलेज की फीस को बंद नही होने दिया. जब मुझे पता चला तो मैं खुद टूट गयी."
"मैने उस दिन के बाद आज तक मम्मी से बात नही की है. वो अभी भी इसी शहेर मे हैं अपने दूसरे हज़्बेंड के साथ. अगर वो मर भी जाएँ तो मुझे फ़र्क़ नही पड़ता.
एनीवेस, तो मैं वापस आ गयी सब कुछ छोड़ के. उन्होने मुझसे कभी नही पूछा कि मैं वापस क्यूँ आई शायद उन्हे लगता है कि उनकी और मम्मी की वजह से. और मुझे नही लगता कि मैं उन्हे सच बता सकती हूँ."
अरुण ने उसे पूल मे खिच कर गले लगा लिया और कस कर खुद से सटा कर रखा.
"मुझे लगा कि जब तुम ये सुनोगे तो तुरंत ही मुझ पर चीखोगे और घर से निकल जाने को कहोगे, और शायद मुझे कभी बात भी ना करो."
"ष्ह्ह, एशू. तुम जानती हो मैं ऐसा नही हूँ."
अरुण ने जब उसे छोड़ा तो वो साइड मे खड़ी हो गयी. "तुम्हे मुझ पर गुस्सा नही आ रहा जो कुछ मैने किया?"
अरुण ने कंधे उचका दिए. "मैं कभी तुमसे ये सब करने को नही कहता और मुझे नही लगता कि इसमे तुम्हारी ग़लती है. डू यू रिग्रेट इट?"
एश कुछ पल सोचती रही. "मुझे उस पार्टी और पार्टी के बाद जो कुछ हुआ उसको लेकर पछतावा है, लेकिन उससे पहले जो कुछ हुआ वो मेरा खुद का डिसिशन था. आइ हेट टू अड्मिट बट मोस्ट ऑफ इट वाज़ फन."
"देयर यू गो. वी कॅंट जड्ज एनिवन."
"अरुण, मेरी जिंदगी मे सिर्फ़ तुम ही मेरी बाय्फ्रेंड रहे हो. आंड आइ केयर अबाउट यू मोर दॅन एनिवन एक्सेप्ट माइ फादर. वहाँ भी मैं बस तुम्हारे बारे मे ही सोचती रही कि मेरी इन हर्कतो से तुम्हे कितनी डिसपायंटमेंट होगी."
"कोई बात नही एशू, वी कॅन अल्वस्त बेगिन अगेन. आज मेरे साथ डिन्नर पर चलोगि?"
एश मुस्कुरा दी. "श्योर. मैं खुद यही सोच रही थी."
अरुण ने मुस्कुराते हुए पीछे मुड़कर देखा तो तुरंत ही चार सिर एक दम से नीचे देखने लगे.
स्नेहा तभी आरोही को आँख मार खड़ी हुई और पानी मे कूद पड़ी. पानी के अंदर ही उसने अपने बिकिनी टॉप को थोड़ा साइड मे कर दिया तो दोनो दूधो के निपल फ्री हो गये.
जब वो पानी से बाहर आई और अपने बालो को पीछे करने लगी तो अरुण मूह खोले उसे देखता रहा फिर सिर हिलाकर मूड गया.
"दी," उसके मूह से निकला.
स्नेहा ने मासूम से शक्ल बनाई और नीचे देखा. "ओह्ह्ह," उसने कहा और जल्दी से टॉप ठीक कर लिया. "सॉरी."
आरोही, सुप्रिया और सोनिया अपनी हँसी दबाने की कोशिश करने लगी.
उसके बाद सब लोग पूल मे आ गये और एश के साथ बातें करते हुए मस्ती करने लगे.
बाद मे एश अपने घर चली गई शाम का इंतजार करते हुए.
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