RE: bahan ki chudai मेरी बहनें मेरी जिंदगी
अरुण कुछ देर अपने शरीर को देखता रहा. "पूरा शरीर दर्द कर रहा है. और भी इन लोगो ने बताया कि मेरी एक साल की मेमोरी गायब हो गयी है."
"हां, हम लोगो ऐसा कुछ होने का डर था. इस टाइप की इंजुरी मे कुछ चीज़े भूल जाना नॉर्मल है. दिक्कत ये है कि इस बारे मे हम कुछ कर भी नही सकते. वापस फेमिलियर सराउंडिंग्स मे जाने पर काफ़ी कुछ हेल्प मिलती है. तो बस वही करो."
"अंकल सब याद तो आ जाएगा ना भाई को?" सोनिया ने बहुत ही धीरे से पूछा. अरुण ने उसे देखा तो वो बिल्कुल कमजोर लग रही थी. और उसने उसको भाई बुलाया था. वो सोचने लगा कि एक साल मे काफ़ी कुछ बदल गया है उसकी लाइफ मे.
"बेटा कुछ कह नही सकते. मोस्ट्ली केसस मे तो याददाश्त वापस आ जाती है, कुछ केसस मे नही."
सोनिया ने रुआसी आखो से सुप्रिया की ओर देखा तो सुप्रिया ने उसे गले लगा लिया और कान मे कुछ कहा. सोनिया ने अपने आसू पोछते हुए सिर को हिला दिया.
"चलो बाकी चोटो का चेकप कर लेते है," डॉक्टर ने उस पर से चादर हटाते हुए कहा. "रही दर्द की बात तो उसके लिए तो दवाई है ही."
अरुण तो अपनी चोट देखकर डर ही गया. सीने से नीचे देखकर तो लग रहा था किसी ने अच्छे से हॉकी लेकर उसकी सूताई करी हो. कुछ देर तक जगह जगह छू कर डॉक्टर उसके दर्द की जाँच करता रहा फिर वहाँ से चला गया.
काफ़ी देर तक एक असहज सी खामोशी छाइ रही, क्यूकी किसी को कुछ समझ नही आ रहा था कि क्या कहा जाए. तभी पीछे दरवाजे पर नॉक हुई और एक पोलीस इन्स्पेक्टर अंदर आया.
"डॉक्टर ने बताया कि इन्हे होश आ गया है." इनस्पेक्टर बोला.
सुप्रिया ने सिर हिलाकर उन्हे हां कह दी. "लेकिन सर लगता नही मेरा भाई अभी आपकी कोई हेल्प कर सकता है. सिर पर चोट लगाने के कारण इसकी पिछले एक साल की यादास्त खो चुकी है."
"कोई बात नही, मेरा नाम इनस्पेक्टर अजय है. मैं बस स्टेट्मेंट लेने आया हूँ, ओके?"
कुछ सवालो के बाद ये बिल्कुल क्लियर हो गया कि अरुण को कुछ भी याद नही है.
"हम लोगो ने वहाँ मौजूद लोगो से पूछताछ करी है तो उन्होने बताया कि तुमने उन लोगो से जाने के लिए कहा था. और तुम्हारी बहनों ने बताया कि वो कार मे से ही गनशॉट फाइयर हुआ था. तुम्हारी कार तो अब चलने की हालत मे है नही फिर भी हम उसकी चेकिंग करेंगे. और जिसने ये हरकत करी है वो हमारी कस्टडी मे है तो तुम्हे फिकर करने की ज़रूरत नही है." अजय ये कहकर टेक केयर बोलकर चला गया.
नर्स आई और अरुण को बाकी दवाइयों के साथ नींद की दवा भी दे दी. निशा ने भी आगे बढ़कर उसे गले लगा लिया और उसके सिर को चूम लिया.
"यू स्केर्ड मी...थॅंक गॉड, तुम ठीक हो. अब जल्दी से ठीक हो जाओ, ओके." ये कहकर वो बाकी सब से बात करने लगी. रोहित ने अपना समान उठाया और निशा के साथ बाहर जाने लगा.
"जब डिसचार्ज करें तो मुझे कॉल कर देना, मैं आ जाउन्गा." रोहित बोला और सबको बाइ बोलकर चला गया.
अरुण कुछ ही देर मे नींद मे चला गया.
"वी नीड टू टॉक," सुप्रिया सभी से बोली उन लोगो को लेकर बाहर निकल आई.
वो लोग एक वेटिंग रूम मे चले गये जहाँ कोई नही था, तो उसने सभी को अंदर बुलाकर दरवाजा बंद कर दिया और साबो बैठने का इशारा कर दिया.
सोनिया जो बस रोने की कगार पर ही थी पहले बोली.
"भाई को कुछ याद नही है ना!" इसके साथ ही उसके आसू निकलने लगे और वो अपने चेहरे अपने हाथो से छुपाने लगी. सुप्रिया ने उसे अपने कंधे का सहारा दिया और उसका सिर सहलाने लगी. "देखो, मैं यह तो नही कहने वाली थी कि मुझे पता है कि इस कंडीशन मे क्या करना है, लेकिन कुछ ना कुछ तो सोचना ही पड़ेगा."
आरोही और स्नेहा बिल्कुल शांत बैठी हुई थी.
स्नेहा ने उसकी बात सुन अपना गला साफ किया. "एक बार उसकी नज़र से देखो. अगर उसे कुछ भी याद नही है, कि इस साल क्या क्या हुआ, कैसे हम सबकी लाइफ चेंज हुई है, और अगर हम ने एक दम से उसे बता दिया, तो पता नही क्या होगा. पर्सनली, मुझे नही पता वो इस बात पर कैसे रिएक्ट करेगा. अगर हम लोग धीरे धीरे उसे अपनी तरफ आकर्षित करे तो शायद उसे बीती बातें याद आ जाएँ."
"दी, आप तो हम लोगो पर पहले से ही नज़र रखे हुई थी, तो बताओ कि पहले अरुण हम लोगो के आस पास कैसे बिहेव करता था? क्या पहले भी वो इतना ही हम लोगो को घूरता था?"
सुप्रिया हल्के से हंस दी, जब उसे ध्यान आया कि कैसे अरुण उसके एप्रन को निहारता था. "मुझे याद है कि जब सोनिया छोटे छोटे कपड़े पहने उछलती हुई सीढ़ियों से नीचे आती तो अरुण की नज़रे कहीं और होती ही नही थी. और सोनिया को देखकर तो लगता था कि ये जानबूझ कर वो स्पोर्ट्स ब्रा और शॉर्ट्स पहेन कर आती थी उसे परेशान करने के लिए."
सोनिया ने अपना सिर उठाकर हल्के से स्माइल कर दी. "कभी कभी."
"मुझे भी याद है कि अरुण हमेशा जॉगिंग के टाइम मेरे पीछे ही रहता था, मुझे तो लगता था कि शायद मेरी स्पीड तेज है इसलिए." आरोही बोली.
सभी हल्के से हंस दी तो सबका मन थोड़ा हल्का हुआ.
"और कितनी बार हम लोगो ने उसे स्नेहा का क्लीवेज घूरते हुए पकड़ा है?" सुप्रिया ने कहा तो स्नेहा शरमा गयी.
"और मैं ही अकेली भाई को सुबह परेशान नही करती थी, आरू भी तो वैसे ही सेक्सी कपड़े पहेन कर आती थी और तब भी भाई की नज़र इस पर से नही हटती थी. और स्नेहा दी तो जैसे सेंटर ऑफ अटेन्षन थी. बस इनको शायद इस बात की जानकारी नही थी." सोनिया बोली.
स्नेह शरमाते हुए हंस दी. "तुम लोग मुझे जितना इग्नोरेंट समझते हो मैं उतना नही थी. मुझे पता था कि वो मुझे देख रहा है बस मुझे रीज़न नही पता था. उसी ने मुझे पहली बार बताया दट आइ लुक प्रेटी." उसने एक मायूस आवाज़ मे कहा.
सभी एक साथ गले लग गये. "मुझे पक्का यकीन है, उसे जल्दी ही सब याद आ जाएगा और अगर नही आया ना तो हम लोग दोबारा उसे खूब टॉर्चर करेंगे," आरोही बोली.
स्नेहा एक दम से आरोही की ओर देखने लगी दूर हट के.
"व्हाट?" आरोही ने चिंतित स्वर मे कहा.
"यही तो है!" स्नेहा एग्ज़ाइटेड होते हुए बोली.
सभी उसकी तरफ कन्फ्यूज़ होकर देखने लगे.
"अरे यही तो सल्यूशन है. हम लोगो को उसे दोबारा टॉर्चर करना पड़ेगा लेकिन इस बार थोड़ा आराम से. और इस बार एक दूसरे के साथ थोड़ा लिमिट मे नही तो उसे पक्का बड़ा झटका लगेगा," स्नेहा आरोही की ओर देखते हुए बोली जो हँसे जा रही थी. "वैसे दट वाज़ फन," स्नेहा बोली.
"नाइस आइडिया. हां, थोड़ा लिमिट तो रखनी ही पड़ेगी इस बार." आरोही उसकी बात का समर्थन करते हुए बोली.
"और सोनिया का क्या?" सुप्रिया ने पूछा तो दोनो सोनिया की ओर देखने लगी.
"सोनिया हम लोगो के साथ सो सकती है," स्नेहा ने कहा.
सोनिया ने मना कर दिया. "कोई बात नही दी. मैं ठीक हूँ. मैं अपने रूम मे ही सोउंगी. अगर कभी ज़रूरत पड़ी तो आप लोगो के पास आ जाउन्गी."
"ओके, नेक्स्ट पार्ट. वो पूछेगा तो ज़रूर इस साल के बारे मे. ये तो उसे भी पता चल गया है कि हमारी रिलेशन्षिप काफ़ी चेंज हुई है तो उसे रीज़न क्या बताएँगे सोनिया के बर्ताव का?" आरोही ने पूछा.
"हम लोगो कुछ कुछ चीज़े तो उसे बता ही सकते हैं. जैसे कि जो कुछ सोनिया के साथ हुआ तभी से उसे अकेले नींद नही आती. ये बात उसे समझ मे आ भी जाएगी. तब उसे ये भी पता चल जाएगा कि क्यूँ उस लड़के ने टाइयर पर गोली मारी और शायद याद भी आ जाए कि वो लड़का कौन था," सुप्रिया बोली.
"सोनिया?" आरोही ने सोनिया से पूछा.
सोनिया कुछ देर सोचती रही फिर हंस दी. "भाई की मेमोरी वापस आ जाए, और क्या चाहिए?"
**********
|