RE: bahan ki chudai मेरी बहनें मेरी जिंदगी
अरुण ने कॅमरा उठा लिया और उसके फोटो खिचने लगा. सोनिया उसके पैरो के पास झुक गयी और उसके घुटने को चूम लिया, फिर आगे बढ़ते हुए उसकी आँखो मे देखती रही और हर जगह पर चूमने लगी.
उसकी जाँघ से लेकर टाँगो के जोड़ तक उसने हर हिस्से पर अपनी छाप छोड़ दी और अपना हाथ आगे बढ़कर उसके गर्म लोहे जैसे लंड को पकड़ लिया. सोनिया अपना चेहरा लंड के उपर ले गयी और एक गर्म सास छोड़ दी, अरुण आह करके फोटो पर फोटो खिचता रहा. आँखों को बिना हटाए उसने धीरे से मूह खोला और लंड के सुपाडे को अपनी जीभ के साथ ही होठों के अंदर कर लिया.
अरुण ने आह भरके सिर पीछे किया तो सिर दीवार से "धड़" करके टकरा गया.
सोनिया अपनी हँसी रोक नही पाई और लंड को मूह मे रख रखे ही हँसने लगी. वो लंड को धीरे धीरे अपनी जीभ से सहलाती रही फिर एक दम से बाहर निकाल दिया,"कीप क्लिकिंग," ये कहकर उसने दोबारा लंड को मूह मे रख लिया और मसाज चालू कर दी.
अरुण ने कॅमरा को उठाया और उसकी नशीली आँखों का फोटो खीच लिया जो उसके मूह मे लंड होने की वजह से और नशीली हो रही थी.
"मुझे लगता है अब से ये मेरी फॅवुरेट है." आवाज़ ने अपना पुराना राग अलापते हुए कहा
अरुण ने दोबारा आह भरी जब उसकी जीभ प्यार से रगड़ती हुई और अंदर चली गयी. अरुण से मस्ती मे कॅमरा संभालना मुश्किल हो रहा था.
सोनिया ने उसे बाहर निकाला फिर सास लेकर दोबारा पूरा का पूरा मूह के अंदर भर लिया, वो पिक्चर खिचने के लिए कॅमरा को संभालने की कोशिश करता रहा.
हर सेकेंड के साथ उसका लंड होठों से बाहर आता दिखता फिर अंदर चला जाता. अरुण ने अपने आप को संभालने के लिए अपने चेहरे पर हाथ रख लिया और फोटो खिचने लगा तो काफ़ी अच्छे फोटो आए, एक तकिया का, 2 सीलिंग के, और एक बेहतरीन ज़मीन का.
सोनिया ने हंस के लंड को छोड़ दिया और उसकी ओर देखके हँसने लगा. "आइ गेस जो मैं कर रही हूँ, वो पसंद आ रहा है."
अरुण ने धीरे से आँखें खोली तो वो धीरे धीरे अपने हाथ से लंड को सहला रही थी फिर लंड को किस करके वो उपर आ गयी.
"आइ जस्ट वांटेड टू थॅंक यू फॉर बीयिंग सच गुड ब्रदर आंड लवर. मैं बस आपका ख़याल रखना चाहती हूँ."
"यू'आर अन एंजल." अरुण उसकी आँखों मे देखते हुए बोला. सोनिया ने कॅमरा उसके हाथ से लेकर उसका फोटो खीच लिया.
फिर हंसते हुए उसने दोबारा लंड को मूह मे रख लिया. अरुण ने कॅमरा को साइड मे रख दिया और सोनिया पे ध्यान देना ठीक समझा. सोनिया उठी और अपनी चूत को सीधे उसके लंड के उपर ला दिया, फिर उसके कंधे पर हाथ रख के धीरे धीरे लंड को अंदर डालने लगी. जैसे जैसे लंड चूत मे समाता जा रहा था उसके हाथ अरुण के कंधो मे धंसते जा रहे थे. एक बार पूरा लंड अंदर जाने के बाद उसने जल्दी से उछलना शुरू कर दिया. हर इंच के साथ दोनो के शरीर मे चिंगारियाँ उठ रही थी और कुछ ही देर मे दोनो मस्ती के सागर मे डूबते हुए आहें भरने लगे. सोनिया को अपने अंदर उसका रस महसूस होने लगा और वो उसके उपर गिर कर अपनी सासें संभालने लगी.
अरुण ने उसको जल्दी से किस करना शुरू कर दिया, आज उसकी इच्छाएँ उसके शरीर को मजबूर कर रही थी, यही वजह थी कि लंड फिर से जल्दी ही खड़ा हो गया. अरुण ने उसे साइड मे लिटा दिया और उसके उपर चढ़ के उसकी उपर नीचे होती चूत पर लंड रगड़ने लगा.
"आपका अभी तक खड़ा कैसे है?" उसने पूछा फिर आँखें बंद करके किस का इंतजार करने लगी.
"तुम्हारी वजह से, सेक्सी," उसने कहा और किस करने लगा.
"प्लीज़ भाई, आइ वॉंट यू सो बॅड," उसने कहा. इतना ही काफ़ी था अरुण के लिए, उसने देर ना करते हुए दोबारा लंड को उस मखमली चूत के अंदर घुसा दिया.
सोनिया मस्ती मे आह भरने लगी जैसे ही वो लोहे जैसे खड़ा और गर्म लंड उसकी कुलबुलाती चूत के अंदर गया. और हर धक्के के साथ उसकी चीखे तेज़ी से निकालने लगी.
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आरोही अपनी बेड पर लेटी हुई अरुण और सोनिया की प्यार भरी मादक आवाज़ें सुन रही है, जो उसके पास के ही रूम से आ रही हैं. इस वजह से उसकी आँखों से नींद कोसो दूर है. उसे उन लोगो के लिए खुशी है लेकिन उसकी काफ़ी इच्छा हो रही है कि वो भी उन लोगो के साथ ये पल व्यतीत कर सके. जहाँ तक उसे उम्मीद थी सोनिया उसे मना नही करेगी लेकिन फिर भी.
उसने मास्टर्बेटिंग के बारे मे सोचा. क्यू ना वो रोहन का नाम ले कर तेज़ी से मास्टरबेट करे और अरुण ये बात सुन ले तो उसे अच्छा सबक मिलेगा. लेकिन तभी उसे रियलाइज़ हुआ कि कितना स्टुपिड प्लान है क्यूकी उसके मन मे अरुण के अलावा और कोई ख़याल आ ही नही रहा था. वो बस ढंग से उससे चुदना चाह रही थी.
काफ़ी देर तक वो अपने बेड पर करवटें बदलती रही, फिर उसे दोबारा सोनिया की सिसकी सुनाई पड़ी, लेकिन साथ मे धक्को की धीमी आवाज़ भी आ रही थी.
"रेकॉर्ड बनाएँगे क्या दोनो?" उसने अपने आप से कहा.
वो सोचने लगी कि क्या बाकी लोग भी इन दोनो की आवाज़ें सुन रहे होंगे और तभी उसके मन मे एक आइडिया आया. वो बेड से जल्दी से उठती हुई और ताली बजाते हुए अपने रूम से बाहर निकली. वो बिना आवाज़ के अरुण के रूम के पास से निकली तो उसे दोबारा सोनिया के एक और ऑर्गॅज़म की आवाज़ आई.
"लकी बिच," उसने गुस्से से सोचा और धीरे से सीढ़ियाँ उतरती हुई स्नेहा के दरवाजे की तरफ जाने लगी.
दरवाजा हल्का सा खुला था तो उसे खोलने मे कोई दिक्कत नही हुई. अंदर स्नेहा अरुण की शर्ट मे अपनी टेबल पर बैठी नाइट लॅंप की रोशनी मे बुक पढ़ रही थी. उसका चंश्मा नाक पर था और बाल एक बुन मे बँधे हुए थे.
"ज़्यादा ही शोर हो रहा है ना, आज रात," उसने आरोही के अंदर आते ही पूछा. "कह भी क्या सकते हैं हम लोग, काफ़ी दिन हो गये उन दोनो को."
आरोही उसे देखती रही तो स्नेहा ने उसे बेड की ओर आने का इशारा कर दिया और खुद भी बेड पर आके बैठ गयी. उसका न्योता मिलते ही आरोही हंसते हुए एग्ज़ाइट होके दरवाजा बंद करने लगी और जल्दी से स्नेहा के साथ चादर के अंदर लेट गयी.
"कम ऑन बेबी गिर," स्नेहा उसे अपने पास करते हुए बोली. "अकेले तो नींद आने से रही, आज हम दोनो साथ मे सोएंगे."
"हुउन्ह," आरोही उसकी महेक को अपने अंदर खिचते हुए बोली. "आप कितना अच्छा स्मेल करती हो, दी." कुछ देर बाद बोली.
"थॅंक्स, लेकिन आज तो मैने कोई पर्फ्यूम भी नही डाला." स्नेहा हंसते हुए बोली.
आरोही भी हंस पड़ी और दोबारा गहरी सास लेते हुए बोली. "नही, मेरा मतलब है कि आज सही मे आप बहुत ही अच्छी खुसबू दे रही हो," वो अपनी नाक को उसके क्लीवेज पर रगड़ते हुए बोली.
"ओह्ह..मैने अरुण की शर्ट पहनी है, स्वीटी." उसने कहा, फिर हंस पड़ी जब आरोही की नाक उसके निपल पर पड़ी.
"ओह," आरोही बोली,"तभी मैं इतनी एग्ज़ाइट हो रही हूँ. मेरे मन मे इस टाइम बहुत गंदे गंदे ख़याल आ रहे हैं, दी. यू कॅन'ट इमॅजिन." आरोही उसके दूधो को सूंघते हुए बोली.
स्नेहा भी अपनी छोटी बहेन के बालों को धीरे धीरे सहलाते हुए उसकी नाक का मज़ा लेती रही.
"तुम्हे पता है, जब तुम लोग अरुण को अपनी ज़िद छोड़ने पर मजबूर कर रहे थे तब हम दोनो ने इस बारे मे काफ़ी बात करी थी?" स्नेहा बोली.
"रियली?" आरोही उसके गाल को सहलाते हुए बोली. "क्या बातें हुई?"
आरोही का हाथ शर्ट के नीचे तक गया और अंदर घुस गया. निपल पर आरोही का हाथ पड़ते ही स्नेहा ने अपने होठ को दाँतों तले दबा लिया. आरोही की हरकत से स्नेहा की साँस तेज होने लगी. "वाह बस, इधर उधर..आ."
आरोही हंस पड़ी और अपना सिर उठाकर उसके होठों को धीरे से चूम लिया. "फोकस, दी" उसने निपल को दो उंगलियों के बीच दबाते हुए बोला. "युवर बूब्स आर सो नाइस."
"थॅंक्स, स्वीटी," स्नेहा दोबारा सिसकते हुए बोली. "ओह..यॅ...हम ने..बस..उःम्म..तुम्हारे बारे मे बात करी..ओह्ह..तुमने जो मेरे साथ किया..किचन मे..आह.."
आरोही ने स्नेहा की गर्दन पर हल्के हल्के चुंबन देना शुरू कर दिए थे.
"ओह, जब मैने आपके टेस्टी क्लीवेज को लिक्क किया था उस डफर को परेशान करने के लिए. अगर मेरी यादश्त ठीक है तो पिछली बार अपने मुझे बताया था कि आपको वो अच्छा लगा था और आप और ज़्यादा करना चाहती थी," आरोही उसके कंधे को शर्ट उठाकर चूमते हुए बोली.
"उःम्म्म, येअह..वही." स्नेहा बोली, उधर आरोही का हाथ उसकी कमर पर पहुच कर उसे उसकी तरफ खिच्ने लगा, फिर वहाँ से हटकर चूतड़ पर पहुचा और उसे मसल्ने लगा.
जैसे ही आरोही की उंगलियाँ उसकी चूत पर पड़ी स्नेहा ने कस के साँस भरी. उसे खुद भी पता नही चला तब तक उसके हाथ खुद ही शर्ट को उतार चुके थे. आरोही ने भी अपने हाथो से अपने टीशर्ट को उतार दिया. उसके हाथ बस टीशर्ट से निकलने ही वाले थे कि स्नेहा ने दोनो हाथो से उसे पकड़ लिया और अपने नीचे दबाते हुए नीचे कर दिया.
"माइ टर्न," स्न्हा उसके होठों पर किस करते हुए बोली, आरोही हंसते हुए अपने हाथ टीशर्ट से निकालने की कोशिश करने लगी. वो आसानी से स्नेहा पर हावी हो सकती थी लेकिन उसने इसके उलट स्नेहा को अपनी मनमानी करने दी. वो देखना चाहती थी कि स्नेहा किस हद तक जा सकती थी. वो स्नेहा की अरुण और सुप्रिया के साथ वाली हरकत से बिल्कुल अंजान थी.
तबसे तो स्नेहा बिल्कुल ही बदल गयी थी. वो उस मासूम, शांत पढ़ाकू स्नेहा से बहुत आगे निकल चुकी थी.
उसने आरोही की गर्दन को चूमा जिससे आरोही हल्की हल्की आह निकलने लगी फिर नीचे बढ़कर दोनो दूधो को चूसने लगी. कुछ देर बाद ही उसके होठ आरोही की जांघों को चाटते हुए उसकी चूत के पास पहुच गये. स्नेहा ने अपनी गर्म साँस उसकी चूत पर छोड़ी तो आरोही कसमसाने लगी, उसे पता चल गया कि उसकी स्नेहा दी बिल्कुल ही बदल चुकी हैं. आरोही अपने हाथ छूटाने की बहुतेरी कोशिश कर रही थी कि तभी स्नेहा ने पलटकर अपना घुटना उसकी शर्ट पर रख दिया तो उसकी चूत आरोही के होंठो तक आ गयी, आरोही ने अपनी जीभ बाहर निकालकर उसकी चूत का स्वाद लेना चाहा लेकिन नाकाम रही.
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