RE: bahan ki chudai मेरी बहनें मेरी जिंदगी
अरुण उसके बारे मे सोचते हुए पलटकर लेट गया और आरोही की ओर देखने लगा तो उसकी ओर देखा तो एक दम से डर के पीछे हो गया.
आरोही मुस्कुराते हुए उसकी ओर देख रही थी.
"हे ., अभी मेरा हार्ट फैल हो जाता. हूह, सुबह कितनी डरावनी लगती है यार." अरुण अपने सीने पर हाथ रख के हान्फते हुए बोला.
आरोही उसकी बात सुनके गुस्से से उसके सीने पर मारने लगी. ".......अभी बताती हूँ..." अरुण ने हंसते हुए उसके हाथ . और एकदम से उसके होंठो को चूम लिया.
"खूबसूरत डरावनी." आँख मार के बोला.
आरोही उसकी बात सुन शरमा के हँसने लगी. और पलटकर लेट गयी और पीछे से अरुण को कडलिंग पोज़िशन मे कर लिया. अरुण धीरे धीरे उसकी गर्दन पर किस करता रहा.
"कब से जाग रही थी?" अरुण ने पूछा.
"जबसे तुमने वो सारे आइ लव यू सोनिया को दे दिए थे." आरोही थोड़ा नाराज़ आवाज़ मे बोली, लेकिन उसे हाथ को अपने सीने से लगाए रही.
"हूँ," अरुण बस इतना ही बोला और उसके बालो मे अपना चेहरा रखे रहा.
कुछ देर ही हुई थी कि उसे अपने हाथ पर पानी की बूँदो का अहसास हुआ, उसने ध्यान दिया तो आरोही की आँखो से हल्के हल्के मोती जैसे आसू गिर रहे थे. वो अपना मूह बंद करके आवाज़ को रोक रही थी. अरुण ने तुरंत ही उसे पलटकर उसकी ओर देखा और गुस्से से देखने लगा.
"आइ..आम...स..सॉरी." आरोही बस इतना ही बोली और उसके गले लग के रोने लगी.
"ष्ह्ह्ह...आरू...क्या हुआ..सॉरी क्यू...बोलो ना..श्ह्ह आइ लव यू..टू यार..इसमे रोने की क्या बात है..शांत हो जा.." अरुण उसका सिर सहलाते हुए बोलने लगा, उसे समझ मे नही आ रहा था कि वो एक दम से कैसे रोने लगी.
कुछ देर बाद जब आरोही शांत हुई तो अरुण ने उसके चेहरे को पीछे किया और अपने हाथ से उसके आसू पोछ दिए. फिर उसके दोनो गाल और सिर पर किस कर दिया.
"क्या हुआ?" अरुण ने प्यार से पूछा.
"मेरी वजह से ये रिया का झमेला हो रहा है, पहेले तुम्हे उस कमीनी के साथ बाय्फ्रेंड बनना पड़ रहा है और अब मुझे उस रोहन के साथ देखकर भी तुम्हे तक़लीफ़ होगी." आरोही अपनी सासें संभालते हुए बोली.
"पागल हो गयी हो क्या? किसी की ग़लती नही है. ग़लती है तो मेरी है. मुझे ही उसे कमरे से तुरंत ही बाहर निकाल देना चाहिए था. और इसमे रोने वाली क्या बात है. मुझे पता है तुम कुछ और छुपा रही हो. बताओ.." अरुण उसे बाहों मे कसे कसे ही बोला.
आरोही कुछ देर चुप रही फिर बोली.."वो तुमने शादी वाली बात कही. आइ डोंट वॉंट टू मॅरी एनिवन एल्स. मुझे अभी उस रोहन के साथ डेटिंग मे इतना बुरा लग रहा है तो मैं किसी और से शादी के बारे मे सोच भी नही सकती. क्या सोनिया के साथ मुझे भी थोड़ी जगह नही मिल सकती?" आरोही बड़ी बड़ी आँखो से उसे देखते हुए बोली.
अरुण उसकी बात सुन और आँखों को पढ़के समझ गया कि उसने उसकी बातो का थोड़ा अलग मतलब निकाल लिया है.
"आरू, रिलॅक्स, मैने कहा ना मैं तुम दोनो को अपने से दूर जाते हुए नही देख सकता. आइ लव यू बोथ, फ्रॉम हार्ट. और रही शादी की बात तो अभी तो काफ़ी टाइम है उस सब मे."
आरोही फिर भी ना मे सिर हिलाने लगी. "नही मुझे नही करनी शादी वाडी, आइ विल ओन्ली लिव वित यू. अगर शादी की बात की तो मैं उस लड़के की ही जान ले लूँगी." अरुण उसकी बात सुनके हंस पड़ा और उसे किस करने लगा.
"ठीक है मेरी फूलन देवी. अगर ऐसा कुछ हो तो मार डालना सामने वाले को. अभी तो शांत हो जाओ." फिर उसे धीरे धीरे किस करने लगा.
"आइ रियली लव यू, अरुण." आरोही उसके सीने मे सिर छुपाते हुए बोली.
"आइ लव यू टू." अरुण उसे अपने बाहों मे कसते हुए बोला. तब तक सोनिया भी कमरे मे आ गयी और दोनो को ऐसे देख कुछ पूछने को हुई लेकिन फिर बिना बोले दोनो को किस करके साथ मे लेट गयी. तीनो लेटे लेटे सूरज को उगते हुए देखते रहे.
अरुण दोनो के बीच आराम से फिरसे सो गया.
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जब वो उठा तो सूरज अपनी किराने पूरे कमरे मे बिखेर रहा था. उसने आस पास देखा तो कोई नही था. वो नीचे गया तो सुप्रिया किचन मे थी, उसने सीधा बाथरूम का रुख़ किया. फिर फ्रेश होकर, शवर लिया और अपने रूम से चेंज करके ब्रेकफास्ट करने आ गया.
पीछे पीछे सोनिया भी आ गयी, आरोही और स्नेहा वहाँ पहले से ही थी. वो लोग ऐसे ही यूषुयल लड़कियों वाली बातें करने मे मगन थी.
"कॉलेज कब्से स्टार्ट हो रहा है?" सुप्रिया ने आरोही से पूछा.
"नेक्स्ट वीक, जहाँ तक मुझे याद है," वो अपना खाना खाते हुए बोली.
आरोही ने अरुण की ओर देखा तो वो खाना हजम करने मे जुटा हुआ था. "आज से 3 दिन बाद हमारी डबल डेट है. तुम, मैं, रिया और रोहन."
अरुण ने एक आह भरी. "क्या हम लोग शहर नही बदल सकते. यहाँ से भाग चलते हैं." वो बोला तो सभी हँसने लगे.
"ये तो होने से रहा. अब इस से निकलने के लिए हम सब कुछ ना कुछ सॅक्रिफाइस तो कर ही रहे हैं ना," सुप्रिया उसकी ओर आँख मारते हुए बोली. "बाइ दा वे, कुछ है जो हम सबको तुम्हे बताना है."
अरुण वही पर जम गया.
"रिलॅक्स," स्नेहा उसकी ओर देखते हुए अपना चश्मा ठीक करने लगी. "हम लोग तुम्हे टॉर्चर नही करने वाले, दोबारा."
अरुण अपनी हँसी रोक नही सका और रिलॅक्स हो गया.
"हम लोग," सुप्रिया बाकी तीनो बहनों की तरफ इशारा करते हुए बोली,"पिल्स स्टार्ट करने वाली हैं, आज से ही."
"ओह, बस ये. मुझे लगा कोई सीरीयस बात है." अरुण को लगने लगा कि सभी उसे गुस्से से देख रहे हैं तो बात को समझने लगा. "अरे मैं ये नही कह रहा कि ये सीरीयस बात नही है, मुझे बस लगा कि कुछ बुरा हुआ है."
"हम से कोई भी प्रेग्नेंट नही होना चाहता, अगर हम लोग इसी तरह सब कुछ करते रहे तो पक्का एक ना एक तो हो ही जाएगी. . मे मज़ा नही आता (सोनिया और आरोही के मूह से पानी बाहर छूट पड़ा) तो सिर्फ़ पिल्स ही बचती हैं."
स्नेहा कितनी भी बोल्ड हो गयी हो लेकिन डाइरेक्ट मज़े की बात सुनके थोड़ा शरमा गयी. उधर आरोही और सोनिया अपना पेट पकड़कर हँसे जा रही थी.
"चुप करो तुम दोनो. तो मैने सबके लिए डॉक्टर के यहाँ अपायंटमेंट ले ली है...तो बेटर यही रहेगा कि हम लोग कुछ दिन के लिए..." स्नेहा सुप्रिया की बात को आगे बढ़ाते हुए बोली, लेकिन इतना बोल के वो चुप हो गयी. उसके मूह से शब्द नही निकल रहे थे.
"स्टॉप फुक्सिंग?" अरुण ने सीधे बोल दिया तो सोनिया और आरोही के हाथ उसके पैरो पर चट से पड़े. स्नेहा शर्म से लाल हो गयी.
"व्हाट?! अभी यहाँ पे क्या नरक फैला है? मैं कुछ घंटो के लिए क्या गया और तूने हमारे हाथ से सभी चूते छुड़वा दी?" अरुण के दिमाग़ मे आवाज़ ने गुस्से से कहा
"कॅम डाउन," अरुण ने सोचा.
"फक यू! मुझे कुछ नही सुनना. मुझे मेरी चूते वापस चाहिए, भोसड़ी के." आवाज़ ने अरुण के दिमाग़ मे अपना गुस्सा जाहिर करते हुए कहा
"सब कुछ वापस मिलेगा. बच्चो की तरह हरकत करना बंद करो." अरुण ने अपने मन मे कहा
"सॉफ लफ़ज़ो मे, हां." स्नेहा बोली.
अरुण उसकी तरफ देखता रहा फिर अपना मूह उतार कर हां मे सिर हिला दिया. "वैसे मैं भी इस बारे मे काफ़ी दिनो से सोच रहा था बस मुझे सूझ नही रहा था कि बिना मार खाए कैसे कहूँ."
"स्वीतू, ज़्यादा दिन की बात नही है." सुप्रिया उसकी ओर स्माइल के साथ बोली.
अरुण ने हां बोलकर जल्दी से नाश्ता ख़त्म किया.
"आइ नो. मैं जा रहा हूँ एक्सर्साइज़ करने."
"एक्सर्साइज़ करनी है तो चिकनी चूत के अंदर मेहनत कर ना." आवाज़ ने अरुण के दिमाग़ में कहा
चारो उसे अपना सिर हिलाते उपर जाते हुए देखती रही और सोचती रही कि वो मुस्कुराते हुए सिर क्यू हिला रहा था, और उसके दिमाग़ मे चल क्या रहा है, लेकिन फिर जल्दी ही वापस अपनी गॉसिपिंग मे लग गयीं.
अरुण पूरे दिन अपने आप को बिज़ी रखे रहा जहाँ तक उससे हो सका. वो जिम से आकर रोहित के घर चला गया और उसके साथ फुटबॉल प्रॅक्टीस करने लगा. फिर उसके यहाँ गेम खेलता रहा.
इस पूरे दिन आवाज़ अजीब तरीके से शांत रही, जो कि काफ़ी अजीब था, क्यूकी अरुण को लग रहा था कि अब तक तो उसे हज़ार बार घर पहुच कर छोड़ने के लिए ऑर्डर मिल जाना चाहिए था. एक तरीके से वो आवाज़ को मिस भी करने लगा था, और सोचने लगा आख़िर कहाँ चली गयी है ये आवाज़.
"ओह, हीरो, इतना ज़्यादा एमोशनल होने की ज़रूरत नही है मेरे उपर. टेन्षन मत ले, मैं यही हूँ. मुझे बस तुझसे बात करने मे कोई फ़ायदा नही दिख रहा. पहले तो खुद की हालत देख, यहाँ एक लड़का है जिसकी 4 4 खूबसूरत सेक्सी बहनें हैं जो उसे चोदने के लिए हरदम तय्यार हैं, और वो करता क्या है, वो जाके लड़को के साथ एक फुटबॉल के पीछे दौड़ता है! वाउ.."
"आइ मिस्ड यू, बडी," अरुण ने सोचा.
"फक ऑफ." आवाज़ ने कहा
"स्टॉप वरीयिंग, वो लोग बस प्रेग्नेंट नही होना चाहते. सही भी है, बच्चा हमारी सिचुयेशन को काफ़ी खराब कर देगा. और सोचो अगर कोई प्रेग्नेंट हो गया तो हम उसके साथ सेक्स भी नही कर पाएँगे."
कुछ देर तक शांति रही.
"वेल...एयाह. यू'आर राइट..बट.." आवाज़ ने धीमे से कहा
"मुझे पता था तुम समझोगे." अरुण ने कहा
इसके बाद आवाज़ शांत हो गयी. अगले दिन वो, आरोही और सोनिया कॉलेज की फीस भर आए और अपने लिए बुक्स वग़ैरह ले आए.
जब वो लोग कॉलेज से वापस आए तो श्रुति हॉल मे सुप्रिया से बातें कर रही थी.
"मैं नही बताने वाली!"
"कम ऑन!" श्रुति विनती करते हुए बोली. "काफ़ी बड़ा है क्या उसका?"
"श्रुति!"
"प्लीज़, ना, प्रॉमिस मैं क्वेस्चनिंग बंद कर दूँगी बस तू मुझे थोड़ी डीटेल्स दे दे."
"पक्का कुछ चीज़ो के बाद तू पूछना बंद कर देगी?"
"एसयसयसयसयएस!" श्रुति बार बार खुश होते हुए बोली.
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