RE: bahan ki chudai मेरी बहनें मेरी जिंदगी
"हेलो, महारानियों, मेरी बात कुछ मायने रखती है कि नही?" अरुण ने थोड़ा तेज आवाज़ मे पूछा, वो इन सब बातों से थोड़ा इरिटेट हो गया था. "मैं अपनी किसी भी बहेन को किसी और के साथ नही देखना चाहता, खासकर जब वो उसे पसंद भी ना करती हो. एक तो तुम लोगो ने मुझे उस रिया के साथ ज़बरदस्ती बाय्फ्रेंड बनने पर मजबूर कर दिया, और अब तुम लोग चाहते हो कि मैं आरू को भी उस रोहन के साथ सोने दूं?"
"ओवर माइ डेड...डेड..."
"अरुण, रिलॅक्स." स्नेहा उसे शांत करवाने के लिए बोली. उधर सोनिया ने उसके हाथ को हल्के से दबा कर दिलासा दिया.
"हम मे से किसी को किसी और के साथ सोने की ज़रूरत नही पड़ेगी, मेरी बात तो सुनो पहले," स्नेहा अपनी बात समझने लगी. "हमे बस रोहन को आरोही की तरफ अट्रॅक्ट करना है. फिर किसी तरीके से रिया को आरोही की जगह कर देंगे. अंजाने मे ही सही लेकिन इस तरीके से उन दोनो को पता चल जाएगा कि इन्सेस्ट मे कितना मज़ा आता है, तो रिया फिर हम लोगो के पीछे पड़ना छोड़ देगी."
सुप्रिया उसकी बात समझते हुए सिर हिला रही थी. "आरू को ज़्यादा कुछ नही करना होगा, बस एक दो डेट तक उसे किस करना होगा बस."
अरुण एक ठंडी आह भरके अपने बाल सहलाने लगा. उसने आरोही की तरफ नज़र उठाके उसका रिक्षन देखने की कोशिश करी.
"अवव शिट, अरुण.." वो गुस्से से बोली, जब उसने देखा कि अरुण उन लोगो की बात मान रहा है. वो अपना सिर हिलाकर सोचने लगी. कुछ देर तक सब शांत बैठे रहे, लेकिन फिर आरोही बोली. "मैं रिया से पूछती हूँ डबल डेट के लिए."
"अववव यार. क्या ये सब करना ज़रूरी है?"
अरुण उस वक़्त कुछ भी सोचने के मूड मे नही था. "सब की मर्ज़ी यही है. उपर से 3 लोग राज़ी हैं तो 2 लोग क्या कर सकते हैं."
"2 कहाँ बे 3, तो टाइ हुआ ना. मेरा वोट भी तो गिन." अरुण के दिमाग़ मे आवाज़ ने अपनी अटेंडेंस लगवाते हुए कहा
"शांत रहो यार." अरुण इरिटेट होते हुए सोचने लगा.
सभी खुश होके अरुण और आरोही की ओर देखने लगे.
"तुम लोग टेन्षन मत लो, सब बढ़िया होगा. तुम देखना." सुप्रिया प्यार से बोली.
"तो आप लोग इस बार कौन्से सब्जेक्ट लेने वाले हो?" सोनिया बात को बदलते हुए बोली.
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डिन्नर के बाद अरुण हॉल मे टीवी देखने लगा और आरोही अपने रूम मे जाके रिया को कॉल करने लगी.
कुछ देर बाद सोनिया उसके पास आके रिमोट के लिए लड़ने लगी लेकिन फिर उसकी गोद मे आराम से बैठ गयी.
अरुण ने उसके गले मे हाथ डाल के उसे अपने पास खीच लिया. वो उसकी अंगूरो की खुसबू को सूंघते हुए मदहोश होता रहा. सोनिया भी ख़ुसी से उसके अंदर समाती जा रही थी.
तब तक इसका फ़ायदा उठा के सोनिया ने रिमोट से अपना शो लगा लिया था.
"वेट आ सेकेंड. दिस ईज़ चीटिंग. तुमने फिर वो स्टुपिड सा शो लगा लिया?"
सोनिया हंस पड़ी. "प्लीज़ भाई, सिर्फ़ आज. आज फाइनॅली है, प्लीज़ ना."
अरुण ने भी आह भरके अपने हथियार डाल दिए. अरुण को भी वैसे ज़्यादा फ़र्क़ नही पड़ता था, उसका ध्यान तो अपनी गोद मे बैठी गुड़िया पर था. उसके हाथ पेट पर चलते हुए टीशर्ट के अंदर चले गये.
"फक हर!"
"थॅंक्स, अब सो जाओ."
वो उसके पेट पर उंगलियाँ घुमा ही रहा था कि आरोही उसके पास आके बैठ गयी, तो दोनो उसकी ओर देखने लगे.
"क्या हुआ?" सोनिया ने पूछा.
आरोही ने हां मे सिर हिला दिया और टीवी की ओर देखने लगी. "मैने कहा कि मुझे भी अपनी बाकी फ्रेंड्स से छुपाना पड़ेगा कि बाय्फ्रेंड ना होने के बावजूद मैं ऐसे बिहेव क्यूँ कर रही हूँ, जैसे मैं रिलेशन्षिप मे हूँ, आंड मुझे काफ़ी टाइम से रोहन थोड़ा अच्छा भी लगता था तो मुझे फॉल्स बाय्फ्रेंड" की ज़रूरत पड़ेगी.
अरुण थोडा कसमसाते हुए सोफे पर शिफ्ट हुआ, उसे अभी भी ये बात ठीक नही लग रही थी कि आरोही किसी और के साथ ऐज आ गर्लफ्रेंड बिहेव करेगी. इस बारे मे सोचते ही उसके मन मे जलन होने लगती थी.
सेम कंडीशन आरोही की भी थी. उसने दुखी आँखों से अरुण की ओर देखा तो उसे दिलासा देने लगी. "आइ नो अरुण, तुम क्या सोच रहे हो. मुझे किसी और की ज़रूरत नही है. मुझे बस उसको किसी तरीके से यकीन दिलाना था. अब वो ये तो एक दम से मानेगी नही कि अचानक मुझे उसके भाई पर इतना प्यार क्यूँ आने लगा, जबकि मैं खुद अपने भाई के साथ इन्सेस्ट रिलेशन्षिप मे हूँ."
अरुण को उस की बात समझ मे आ गयी लेकिन फिर भी फीलिंग पूरे तरीके से गयी नही. तब तक बाकी दोनो भी आकर दूसरे सोफे पर बैठ गयी और शो देखने लगी.
कुछ देर बाद जब कमर्षियल ब्रेक आया तो अरुण ने आरोही की तरफ देखा.
"तो तुम लोग डेट पर कब जा रहे हो, और मेरी और रिया की डेट कब है. और ये अदला बदली कब होगी?" अरुण ने पूछा.
"अभी कुछ पता नही है. पहले तो रिया को रोहन से पूछने दो, लगता तो है कि वो मेरी तरफ अट्रॅक्टेड है, लेकिन अगर नही तो फिर ये प्लान ठप्प है." आरोही ने कहा.
अरुण बिना कुछ बोले टीवी की ओर देखने लगा. उसे अच्छा नही लगा तो उसने एक हाथ आरोही के गले मे डाल दिया और उसका सिर अपने कंधे पर रख लिया. आरोही ने भी अपनी बाहें उसके गले मे डाल दी. इधर दूसरे हाथ से उसने सोनिया को कस के पकड़ लिया जैसे वो दोनो से दूर ही नही होना चाहता था.
जैसे जैसे रात बढ़ती गयी, सभी अपने अपने रूम मे जाने लगे. सिर्फ़ अरुण और सोनिया ही सोफे पर लेटे रहे. सोनिया उसकी बाहों मे हल्के हल्की सासें लेते हुए सोने लगी थी. अरुण अब भी टीवी देखते हुए सोच रहा था. वो सोनिया की पुरानी हरकते सोच कर मुस्कुराने लगा, कैसे वो उसकी इन्सल्ट करती थी, कितना लड़ते थे दोनो. उसका चीखना, एक दूसरे की बेइज़्ज़ती करना, और हाथापाई. उसने पहले भी कभी उस पर हाथ नही उठाया था चाहे उसने उसे कितना भी मारा हो.
सोनिया ने तो एक बार गुस्से मे उसे उसीके बॅट से मारा था, लेकिन उसने बस उसे गुस्से मे गालियाँ दी थी. उसे अब वो याद करके पछतावा होने लगा कि उसने उसे गालियाँ दी थी, उसे कितना बुरा भला कहा था. वो सोचने लगा काश वो दोनो पहले ही इतना करीब आ जाते. उसे उसके शरीर के साथ की ज़रूरत नही थी, बस अपनी छोटी बहेन के प्यार की ज़रूरत महसूस हो रही थी.
सोनिया उसके गले लगे लगे ही पलटी और उसके सीने मे मूह छुपाते हुए लेट गयी. वो धीरे से उठा और उसे गोद मे उठाए उठाए ही रूम मे ले गया और साथ लिए लेट गया और दोनो के उपर चादर डाल ली. अभी कुछ ही देर हुई थी कि दरवाजा हल्के से खुला. अंधेरे मे कुछ दिखा नही लेकिन वो साया आया और अरुण के दूसरी ओर आके पास मे लेट गया. उसकी खुसबू पास मे आते ही अरुण समझ गया कि ये आरोही है. आरोही ने भी दूसरे तरफ से उसके गले मे बाहें डाल दी और उसके गाल मे किस करके लेट गयी. अरुण ने दोनो के माथे पे किस किया और दोनो के प्यार तले सोता चला गया दिल मे एक प्यार के साथ.
रात बीतती गयी.
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"दबा गान्ड को..यअहह..अब अपना लंड घुसेड दे." आवाज़ ने अरुण को उकसाते हुए कहा
अरुण एक दम से आँखें खोल के देखने लगा. सुबह होने को थी, लेकिन सूरज अभी पूरे तरीके से नही निकला था. कमरे मे हल्की हल्की रोशनी थी. अरुण ध्यान करने लगा कि आवाज़ क्या कह रही थी जिसकी वजह से वो जाग गया था. उसके लेफ्ट साइड मे सोनिया लेटी थी और उसके गले पर मूह रखके सो रही थी. राइट साइड मे आरोही सट कर लेती थी. अरुण लेफ्ट साइड मे मूह करके लेटा था तो सोनिया की गान्ड पर उसका हाथ था और आरोही का हाथ उसके पेट पर था.
"दोनो को एक साथ चोद डाल." आवाज़ ने अरुण को फिर उकसाया
अरुण ने उसे इग्नोर कर दिया और अपने चेहरे को सोनिया के बालों मे रगड़ने लगा. उसकी खुसबू को अपने अंदर समेटते हुए.
सोनिया भी हल्के हल्के जागते हुए आँखें खोलके उसे देखने लगी. उसने कस के उसे बाहों मे भर तो उसका हाथ आरोही के सिर पर लग गया, सोनिया ने उठकर देखा तो आरोही हल्की हल्की आवाज़ करते हुए अरुण से चिपकी पड़ी थी, उसे देखकर सोनिया मुस्कुरा उठी और अरुण को एक बड़ा सा किस कर दिया.
"गुड मॉर्निंग, भाई." उसने धीरे से कहा.
"आइ लव यू."
उसने अरुण की चिन पर एक किस कर दिया. "आइ लव यू टू, हाई."
"नही, मेरा मतलब ये नही है. आइ मीन, मैं सच मे तुमसे प्यार करने लगा हूँ. मैं अभी कुछ दिन पहले तक तुम्हे सिर्फ़ ऐज आ सिस्टर प्यार करता था, लेकिन बीते दिनो मे मुझे समझ मे आया है कि इट'स नोट आ ब्रदर्ली लव. आइ लव यू, मोर दॅन आइ लव माइसेल्फ..आइ होप दट डज़न'ट स्केर यू."
सोनिया को उसकी बात सुनके बड़ा अच्छा लगा. वो उसके गाल को किस करने लगी.
"आइ नो भाई, आप क्या कह रहे हो. मैं भी आपको एक बहेन से बढ़कर प्यार करने लगी हूँ. आइ'म इन लव वित यू, जैसे कि एक लड़की दूसरे लड़के से करती है, डीप्ली पूरे तरीके से. मोर डीप्ली दॅन एनिवन आइ'वे एवर केर्ड अबाउट."
दोनो धीरे धीरे बोल रहे थे, वो आरोही की नींद नही खराब करना चाहते थे.
"हुन्न..आइ लव यू टू.." आरोही तब भी नींद मे बोल पड़ी.
तो सोनिया अपनी हँसी छुपाने लगी. अरुण ने धीरे से सोनिया को किस कर दिया. "आइ थिंक, एक बार के लिए अगर सुप्रिया दी और स्नेहा दी मुझसे पहले कि तरह बिहेव करने लगे तो आइ कॅन हॅंडल..ऐसा सिर्फ़ मुझे लगता है लेकिन तुम और आरू अगर मुझसे दूर हो गयी तो आइ डॉन'ट ठीक मैं ये सहन कर पाउन्गा."
सोनिया उसकी बात सुनके थोड़ा चिंता मे पड़ गयी. उसे उसकी दूर जाने वाली बात से डर लगने लगा. "व्हाट डू यू मीन अगर हम लोग दूर हो गये? आइ'म हॅपी हियर वित यू और मुझे लगता है बाकी दी भी हैं. और आरोही दी तो जैसा आपका आधा पार्ट हैं. यू टू कंप्लीट ईच अदर. और मैं पहले ही बता चुकी हूँ, मुझे किसी और की ज़रूरत नही है. आइ जस्ट नीड यू आंड यू ओन्ली."
"मैं बस कह रहा था...कि.." अरुण थोड़ा हिचकिचाते हुए बोला,"मैं बस ऐसे ही सोच रहा था कि ये सब हम लोगो को कहा लेके जाएगा. मेरा मतलब है, मुझे पता है कि इस तरीके से मैं अपनी पूरी जिंदगी हंसते हुए तुम लोगो के साथ गुज़ार सकता हूँ. लेकिन कुछ सालो बाद भी मैं तुम लोगो के साथ इसी तरह से होऊँगा? कुछ सालों बाद वो लोग मुझे इसी तरीके से प्यार करेंगे, क्या मैं बाकी सब को इसी तरीके से प्यार कर पाउन्गा? और शादी, शादी का क्या? हमारी सोसाइटी मे ये अलोड नही है? हम लोगो का फ्यूचर क्या होगा." बोलते बोलते अरुण की आँखों मे हल्के से आसू आ गये. कल की बात से उसके मन मे ये सवाल दोबारा उठ गया. पहले भी उसने इस बारे मे सोचा था लेकिन इतना ध्यान नही दिया था. लेकिन जब से आरोही की डेटिंग वाली बात सामने आई थी उसे फ्यूचर के बारे मे सोचकर थोड़ा डर लगने लगा था.
लेकिन सोनिया के चेहरे पर स्माइल के अलावा कुछ नही था. उसने अरुण की आँखों को चूम कर उसके आसू चाट लिए.
"उम्म, टू स्वीट. मेरे तो नमकीन होते हैं." वो बोली तो अरुण हल्के से हंस दिया. "भाई, आप क्यू इतना परेशान हो रहे हो, आइ लव यू, ओके. मैं कभी किसी और के बारे मे नही सोच सकती. उपर से अपनी सिस्टर्स के साथ शेरिंग तो ठीक है, और किसी ने अगर आपको उस तरीके से छुआ तो उसकी जान ले लूँगी मैं. आइ लव ओन्ली उस. मैं कभी आपकी छोड़ कर नही जाने वाली. हां बाकी लोगो के बारे मे मुझे पता नही. लेकिन अभी सोचने से तो कुछ मिलेगा नही, इसका जवाब तो हमे आगे चल के ही मिलेगा. लेकिन वॉटेवर हॅपन्स, आइ विल ऑल्वेज़ बी ऑन युवर साइड होल्डिंग युवर हॅंड."
अरुण उसकी बात सुनके मुस्कुराए बिना नही रह सका.
"इतनी समझदार कब से हो गयी?" अरुण ने पूछा.
"बस आपका असर है." सोनिया ने हँसके कहा और उसे किस करने लगी. कुछ देर किस करने के बाद वो उठके दूसरी तरफ गयी और आरोही की गाल पर भी किस कर दिया फिर अपने रूम मे चली गयी.
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